Friday, December 27, 2024
spot_img
Homeअन्यSahara Protest : सहारा निवेशकों ने सोसायटी रिफंड पोर्टल के पर्यवेक्षक को...

Sahara Protest : सहारा निवेशकों ने सोसायटी रिफंड पोर्टल के पर्यवेक्षक को भेजा पत्र 

सहारा की धोखाधड़ी और निवेशकों की परेशानियों से कराया गया है अवगत 

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

नई दिल्ली। सहारा निवेशकों ने सोसायटी रिफंड पोर्टल पर्यवेक्षक एवम न्याय मित्र को पत्र लिखकर सहारा सोसायटियों के सदस्यों को प्रमाणित करने के लिए अनुरोध पत्र भेजा है।  इस अनुरोध पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि  मेसर्स सहारा इंडिया (पार्टनरशिप) के कर्मचारियों द्वारा वर्ष 2010 में सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी ,वर्ष 2012 में हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी और वर्ष 2014 में सहारियन यूनिवर्शल मल्टीपर्पज सोसायटी  एवम स्टार्स मल्टीपर्पज सोसायटी का निर्माण किया गया, जिसका पंजीकरण कृषि कार्य मंत्रालय के सहकारिता विभाग से कराया गया, इसके बाद पूरे देश में इन चारों सोसायटियों के माध्यम से नॉन बैंकिंग के रूप में कार्य कर आम जनता से धन इक्कठा किया गया और सहारा ग्रुप के अन्य कंपनियों में आम जनता से लिये गए धनराशि को पुनः सोसायटियों में समायोजित किया गया। 

इस पत्र में कहा गया है कि पिछले 12 वर्षों से सहकारिता विभाग के उदासीन रवैये व कार्यप्रणाली की वजह से सोसायटी का प्रबंधन और सोसायटी में आम जनता द्वारा निवेशित धनराशि मेसर्स सहारा इंडिया(पार्टनरशिप) के पास ही रहा और निवेशकों के धनराशि का उपयोग मनमर्जी ढंग से अन्य जगह इस्तेमाल किया गया और अपने कर्मचारियों को भी भोग विलास में इस्तेमाल करने की छूट दी गई। 

सहारा सोसायटियों के प्रबंधन के चालाकी पूर्ण कार्य करने,अल्प ज्ञान वाले को प्रबन्ध बनाकर तथा सोसायटी अधिनियम 2002 के प्रभाव को कम करने के लिए ज्यादातर आम जनता को एक से ज्यादा(अधिकतम 10 तक) सदस्यता क्रमांक जारी किया गया। जिसको भोले भाले निवेशकों द्वारा नही समझा गया और लगातार निवेश करते गए।  सहारा ग्रुप की दो सोसायटियों (सहारियन यूनिवर्शल मल्टीपर्पज और स्टार्स मल्टीपर्पज सोसायटी ) में वर्ष 2017 से आजतक सहारा ग्रुप के अन्य कंपनियों(सहारा Q शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेंज लिमिटेड, सहारा Q गोल्ड मार्ट लिमिटेड ,सहारा इंडिया और सहारा इंडिया कमर्सियल कारपोरेशन लिमिटेड) के निवेशकों का निवेश को पुनः निवेशित कर उसमें प्राप्त ब्याज की रकम को इन दो सोसायटियों में जवाइनिंग प्वाइंट के रूप में दिखाया गया है जिसमे एक जवाइनिंग प्वाइंट के बदले में 100 रुपये बताया गया है। और कई जगह निवेशकों के निवेश फार्म पर किये  हस्ताक्षर भी सोसायटी के प्रबंधक या एजेंट द्वारा ही किया गया है जिससे हस्ताक्षर मिलान में भी दिक्कतें आ सकती हैं।

इस पत्र में अनुरोध किया गया है कि इन तथ्यों को समझने के बाद सदस्यों का भुगतान मिलने की  प्रक्रिया जटिल लगती है जिसका निराकरण सिर्फ आप के द्वारा सुझाये गए उपायों एवम प्रयासों से ही पूर्ण हो सकता है। इन तथ्यों को देखने के बाद निवेशकों को अपनी निवेश राशि प्राप्त करने का मार्गदर्शन प्रदान करें।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments