Sunday, November 24, 2024
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Azam family Punished : यादव परिवार को बचाने के लिए आजम परिवार को सूली पर चढ़वा दिया समाजवादी पार्टी ने !

मुलायम सिंह यादव की अपील पर भी आजम खान के पक्ष में कार्यकर्ताओं को सड़कों पर नहीं उतारे थे अखिलेश यादव ने 

रामगोपाल यादव की अमित शाह से डील की बात आती रही है सामने 

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

UP News: फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में रामपुर (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई है। इस मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आजम का धर्म दूसरा है। इसलिए उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनके खिलाफ साजिश और षड्यंत्र रचा गया है। आजम खान मुसलमान हैं, इसलिए उन्हें इस तरह की सजा का सामना करना पड़ा है। अखिलेश यादव क्या वास्तव में ही आजम खान की पैरवी करते रहे हैं ? क्या समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने आजम खान के खिलाफ षड्यंत्र नहीं रचा है ? यदि ऐसा नहीं है तो फिर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कहने पर आजम खान के दमन के खिलाफ अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सड़क पर क्यों नहीं उतारा था ? कहा तो यहां तक जाता है कि कार्यकर्ता इसलिये भी आजम खान के पक्ष में आंदोलन नहीं करते क्योंकि उन्हें पार्टी नेतृत्व के नाराज होने का डर रहता है। 

राजनीतिक हलके यह चर्चा लम्बे समय से रही है कि सपा के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव की गृह मंत्री अमित शाह से कोई डील हुई है, जिसमें यादव परिवार पर हाथ नहीं डालने की एवज में आजम खान के पक्ष में कोई आंदोलन नहीं करना था। वैसे भी समाजवादी पार्टी ने आजम खान के पक्ष में कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया। बीजेपी ने आजम खान को बड़बोले पन की सजा दिलवाई है। दरअसल आजम खान बेबाक रूप से बोलते रहे हैं। उनको इसी बात की सजा मिली है। 

दरअसल बुधवार  को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के 2019  के मामले में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराया और अधिकतम सात साल की सजा सुनाई.  पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) अरुण प्रकाश सक्सेना ने कहा, ‘तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया जाएगा.’

तीन जनवरी,  2019  को रामपुर के गंज पुलिस थाने में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक आकाश सक्सेना द्वारा दर्ज करायी गई। एक प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे के दो फर्जी जन्मतिथि प्रमाण पत्र प्राप्त किए।  प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने इसमें से एक जन्म प्रमाणपत्र लखनऊ से और दूसरा रामपुर से प्राप्त किया गया था। 

आरोप पत्र के अनुसार, रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में, अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 बताई गई थी। इसके अनुसार दूसरे प्रमाणपत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर, 1990 को लखनऊ में हुआ था। साल 2022  के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर स्वार निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले अब्दुल्ला आजम को 2008  के एक मामले में दोषी ठहराते हुए गत फरवरी में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी. दोषसिद्धि और सजा के दो दिन बाद, अब्दुल्ला आजम को उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अब्दुल्ला आज़म ने सजा पर रोक के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया जहां उनकी याचिका अस्वीकार कर दी गई। 

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