Saturday, October 5, 2024
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इस कारण हर जगह होता ‘मोदी राज’

राजनीति –  मोदी क्या चीज़ इसका अंदाजा लगाया जाए तो पिछले 22 सालों से गुजरात में नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प तैयार नहीं हुआ है. पिछले चार साल से मोदी केंद्र में हैं. इसके बावजूद राजनीति की नब्ज को मोदी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता, इस बात की तस्दीक इस चुनाव ने भी कर दिया है.

पिछले दो दशक से गुजरात में पीएम मोदी के सामने कोई दूसरा चेहरा उभर कर सामने नहीं आया. इस दौरान पीएम मोदी ने गुजरात में अकेले दम पर गोवर्धन पर्वत संभाल रखा है। और अब पूरे देश का भी.. एक के बाद मोदी ने देश में कई बड़े राजनैतिक दलों की लंकाये जला कर यह साबित किया है कि मोदि से बेहतर कुछ नहीं।

वर्तमान में चल रहें नार्थ-ईस्ट के चुनावो में एक ओर जहां त्रिपुरा में अभी तक आए रुझानों में बीजेपी गठबंधन का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बीजेपी गठबंधन- 37, लेफ्ट- 22 सीटों पर आगे चल रही है. अगर नतीजे रुझानों के अनुसार ही आते हैं तो राज्य में पहली बार बीजेपी की सरकार बनेगी। 2013 में यहां हुऐ  विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी वहीं दुसरी नगालैंड में 59 सीटों में तरफ आए रुझानों में बीजेपी गठबंधन अपने दम पर सरकार बनाती दिख रही है पर मेघालय के चुनावी रण में पार्टी पिछे नज़र आ रही है। पुर्वोतर राज्यो में कड़ी सुरक्षा के बीच मत गणना हो रही है व 3 में से 2 में बी.जो.पी सरकार बनाती नज़र आ रही है। यहां पर पार्टी ने भारतीय बनाम बांग्लादेशी के मुद्द को अपनी हथीयार बनाया और बाजी मार ली इसे पता चलता है बांग्लादेशी प्रवाशीयो का मुद्दा कितना गरमा गया है।

मोदी फेक्टर की जो शुरूआत 2014 से हुई थी।  आज आलम यह है कि 21राज्यो में BJP की सरकार बन चुकी है और किसी भी राजनैतिक दल के बसके बात नहीं इन्हें रोक पाना। लेकिन वोट BJP को है या मोदी को यह बात भी देखनें वाली है। कही न कही भारत मेंBJP एक नयें प्रकार की राजनीति ले कर आई है जो कि है, हिंदुत्व की राजनीति व यह वह वोट बैंक है जो BJP को भी पता है उसके खाते से हिलने वाला नही है। जिसे हिलाने के लिए राहुल गांधी मंदिर मंदिर घूम रहे है लेकिन असर कुछ खास नज़र नहीं आ रहा।

BJP  के लिए सबसे बड़े प्रचारक वह जो हर सेशल साईट पर BJP फ्री में प्रचार करनो में लगो रहते है। और उनकी कही हर बात पर लोगों के मनाने का प्रयास करते है। यह कह लो की मोदी के पास इस समय विश्व की सबसे बड़ी वेब आर्मी है जो उसके लिए प्रचार में लगी हुई है। और इंटरनेट का सबसे बड़ा युज़र युवा वर्ग है। साथ ही देश का सबसे बड़ वर्ग भी, जिसके दम पर बी.जो.पी चुनावी रण में कई अभेद्य किलो को भोदने में कामयब रही है। मोदी फेक्टर में ऐसा क्या है कि विजय रथ पर ही सवार रहता है। इसमें एक काम तो प्रधानमंत्री की प्रभाव शाली छवी का है। जो यह पुछनें पर मजबुर करती है कि क्या लोगों को अभी भी बी.जो.पी में विश्वास है,? क्या वह लोगों को वह दें पा रही है जिसके लिए उनहें लाया गया था.? जवाब का पता नही।

होली के दिन सरेआम एक युवक की मौत ,चाकु गोदकर की हत्या

दिल्ली- होली का ये त्यौहार लोगो के लिए बाड़ा ही उल्लास का त्यौहार था । होली के इस त्यौहार पर भी राजधानी दिल्ली में आपराधिक घटनाएं नहीं रुकीं । साउथ दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके में 22 वर्षीय एक शख्स की आधा दर्जन बदमाशों ने बाजार के बीचोबीच चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गयी । पुलिस ने युवक पर हमला करने के आरोप में दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि मृतक के शरीर पर चाकू से किए गए हमले के 24 निशान मिले । बदमाशों के हमले में मृतक का भाई भी घायल हुआ है । पुलिस का कहना है कि इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की मदद से अन्य हमलावरों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। यह सनसनीखेज घटना साउथ दिल्ली के अम्बेडकर नगर इलाके में घटी । पुलिस के मुताबिक, मृतक सोनू देवली इलाके का रहने वाला था और अम्बेडकर नगर में अपनी नानी के घर होली पर आया हुआ था । होली वाले दिन शुक्रवार को सोनू अपने भाई के साथ बाजार से कुछ सामान लेने के लिए निकला था । बाजार में उसकी कुछ युवकों से कहासुनी हो गई और मामूली कहासुनी में करीब आधा दर्जन लड़कों ने सोनू को घेर लिया और उस पर ताबड़तोड़ चाकुओं से हमला बोल दिया । बदमाश सोनू को चाकुओं से तब तक गोदते रहे, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई । इस दौरान साथ में मौजूद सोनू के भाई ने उसे बचाने की कोशिश की तो उन बदमाशों ने उस पर भी चाकू से हमला कर दिया । सोनू की शादी करीब डेढ़ साल पहले हुई थी और वह ग्रेटर कैलाश में एक सैलून में ब्यूटीशियन का काम करता था । उसका एक 6 महीने का बेटा भी है । सोनू की मौत की खबर के बाद घरवालों का रो रोकर बुरा हाल है । फिलहाल पुलिस इस मामले को पुरानी रंजिश से भी जोड़कर देख रही है और पूरे मामले की जांच में जुट गई है ।

परी रिव्यु, इस वजह से लोगों को पसंद आएगी फिल्म

सिनेमा – बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘परी’ रिलीज हो गयी है। फिल्म का नाम सुनकर आप लोग कंफ्यूज न हों क्योंकी यह कोई फेरीटेल स्टोरी नहीं है। अनुष्का की ये फिल्म ‘परी’ एक हॉरर फिल्म है। इस फिल्म के लिए अनुष्का ने बेहद डरावना गेट-अप ले रखा है। वहीं फिल्म के हर सीन में अनुष्का बहुत खतरनाक लग रही हैं। अभी तक दर्शकों ने अनुष्का को पर्दे पर हर किरदार में खूबसूरत अंदाज में देखा था। वहीं इस फिल्म में अनुष्का साइलेंट लुक में डराती हुईं  नजर आ रही हैं। फिल्म में अनुष्का के अलावा परमभ्रता चैटर्जी, रजत कपूर और रिताभारी चक्रवर्ती हैं। फिल्म की कहानी अर्नब (परंब्रता चटर्जी) और पियाली( रिताभरी चक्रवर्ती) के मिलन से शुरू होती है। जब यह दोनों एक-दूसरे को शादी के लिए पहली मुलाकात में मिलते हैं। इस मुलाकात के बाद जब अर्नब अपने माता-पिता के साथ कार से घर की तरफ वापस आता है तो उसी दौरान सड़क हादसे में एक अजीब सी घटना घटती है, जिसकी वजह से इनकी मुलाकात रुखसाना खातून (अनुष्का शर्मा)  से होती है। रुखसाना के पैर में बेड़ियां होती हैं और कुछ ऐसी बातें घटती हैं जिसकी वजह से रुखसाना को अर्नब के साथ उसके घर जाना पड़ता है। अर्नब एक अकेले घर में रहता है और उसके माता-पिता किसी और घर में रहा करते हैं, कहानी में अलग मोड़ तब आता है, जब हासिम अली (रजत कपूर) की एंट्री होती है। कई सारे राज के ऊपर से पर्दा उठता है और अंततः इस परी कथा को अंजाम मिलता है जिसे जानने के लिए आपको नजदीकी सिनेमाघर तक जाना पड़ेगा । फिल्म की कमजोर कड़ी वैसे तो कोई नहीं है, बस यह फिल्म एडल्ट फिल्म है और एडल्ट होने के नाते शायद एक खास तबका इस फिल्म को नहीं देख सकेगा । वहीं कुछ ऐसे दृश्य भी हैं जो कमजोर हृदय वालों के लिए नहीं है तो बहुत ही सोच समझकर दिल को मजबूत करके एडल्ट लोगों के साथ यह फिल्म जरूर देखें । अनुष्का की फीस निकाल दें तो फिल्म का बजट लगभग 18  करोड़ बताया जा रहा है। अनुष्का की फिल्लौरी फिल्म ने पहले दिन लगभग 4 करोड़ और एनएच 10 ने पहले दिन लगभग साढ़े तीन करोड़ का बिजनेस किया।  फिल्म को 1500 से ज्यादा स्क्रीन्स में रिलीज किया जा रहा है।अब देखना ये होगा जनता को अनुष्का का ये रोल कितना पसंद आता है।

आतिफ असलम नहीं करना चाहते अपना गाना प्रमोट

देश – पाकिस्तान और इंडिया कें बीच आयें दिन चल रहें तनाव के चलते पाकिस्तानी सिंगर आतिफ असलम ने अपनी अपकमिंग फिल्म दास देव में गया हुआ गीत ‘सहमी है धड़कन ‘  को प्रमोट करने से हिचकिचा रहें हैं। अनुमान लगाया जा रहा है। वो ऐसा इसलिए कर रहे है क्युकि कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री और सिंगर बाबुल सुप्रियो ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाने की बात कहते हुए फिल्म वेलकम टू न्यूयॉर्क के गाने से राहत फ़तेह अली खान की आवाज़ को हटाने की मांग की थी। वो गाना फेमस पाकिस्तानी कलाकार राहत फ़तेह अली ने गाया था। यही नहीं उन्होंने आतिफ़ असलम कें फेमस गीत ‘दिल दियां गल्ला’  का भी विरोध किया था। आतिफ असलम का गीत   ‘सहमी है धड़कन ‘ २२ फैब कों रिलीज़ हों चूका हैं और फिल्म २३ मार्च को रिलीज़ होनी हैं।

श्रीदेवी पर मीडिया ने हद कर दी।

मनोरंजन – मेनस्ट्रीम मीडीया की कवरेज़ को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर ही लोग सवाल उठाते हैं। लेकिन कई बार ऐसे मामलों में सवालों का सिलसिला नज़र आता है, श्रीदेवी की मौत के बाद टेलीविजन मीडिया द्वारा मौत की खबर पर की गई ख़राब रिपोर्टिग पर सोशल मीडिया द्वारा मेनस्ट्रीम मीजिया का मज़ाक उड़ाया जा रहा है।ठीक है देश ने एक अहम अदाकार को खो दिया पर इस जिस तरह मीडिया न्युज के पैमानो का मज़ाक बनाया है एक बेहद ही दुख की बात है, सभी एथिक्स को तार तार कर रिपोर्टींग की गई मानो लूट मची हो जैसे भी हो T.R.P लूट लो तस्वीरो आपनो देखा ही होगा कि हर प्रकार का हथकंडा अपना हरे पत्रकार कुछ भी करने को तैयार हो गये उन्होने खुद बाथ टब में लेटने से भी परहेज नही किया । आर सवाल यह है की उन्हे किसने करने दिया जवाब है जनाब हमनें और किसने।