आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि कुछ बातें कट्टरपंथियों को समझने की जरूरत है. नफरत की बुनियाद पर दुनिया का कोई मुल्क आगे नहीं बढ़ सकता. हिंसा से विनाश मिलेगा, अहिंसा से विकास
DELHI DARPAN TV : दिल्ली में दो दिनों से जारी जी20 सम्मेलन (G20 Summit in Delhi) के बीच आज आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा से निलंबित सांसद संजय सिंह (Sanjay singh) ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए बगैर बड़ा हमला बोला है. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि लिखा है कि दुनिया के दिग्गज नेता आज राजघाट पहुंचकर गांधी को नमन कर रहे हैं. इससे आगे वो लिखते हैं, भारत की पहचान गांधी (Mahatma Gandhi) से है न कि गोडसे ( Nathuram Godse) से.
कुछ देर पहले उन्होंने एक अन्य ट्वीट में जी20 के नेताओं का राजघाट पहुंचने के बाद लिखा था कि पूरी दुनिया राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आगे श्रद्धा से अपना सिर झुका लेती है. पूरी दुनिया में भारत की पहचान “अहिंसा है, हिंसा नहीं”. ये बात कट्टरपंथियों को समझने की जरूरत है. नफरत की बुनियाद पर दुनिया का कोई मुल्क आगे नहीं बढ़ सकता. हिंसा से विनाश मिलेगा, अहिंसा से विकास. जी20 के राष्ट्राध्यक्षों ने दी गांधी को श्रद्धांजलि.
G20 Summit 2023: प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को G20 शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करते हुए नवंबर के अंत में वर्चुअल माध्यम से जी20 का एक सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की भी मांग की और कहा, “यह प्रकृति का नियम है कि जो वक्त के साथ नहीं बदलते, वे अप्रासंगिक हो जाते हैं।”
देश की राजधानी में चल रहे G20 समिट का आज दूसरा और आखिरी दिन है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी20 की अध्यक्षता ट्रांसफर करते हुए पारंपरिक ‘गैवल’ सौंपा।
इससे पहले दिल्ली में बारिश के बीच दुनिया भर के नेताओं ने आज सुबह सबसे पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अवैध निर्माण पर करवाई को लेकर दिल्ली नगर निगम अधिकारियों और स्थानीय निगम पार्षद आमने सामने है
राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण ब्यूरो दिल्ली। दिल्ली के नांगलोई वार्ड में अवैध निर्माण पर करवाई को लेकर दिल्ली नगर निगम अधिकारियों और स्थानीय निगम पार्षद आमने सामने है। यहाँ से आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद हेमलता राजेंद्र लाडला का आरोप है कि निगम अधिकारी ,जेई आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों की दुकानों और मकानों को चुन चुनकर निशाना बना रहे है। लेकिन ऐसी ही एक करवाई पर निगम अधिकारीयों को अपने बुलडोज़र के साथ बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। अभी कुछ दिन पूर्व नांगलोई के राजधानी पार्क में दिल्ली नगर निगम का डेमोलेशन दस्ता एक प्रॉपर्टी पर करवाई करने पहुंचा, जैसे ही वह वहां पहुंचा स्थानीय निगम पार्षद हेमलता लाडला मकान मालिक सहित कई महिलाओं के साथ वहां पहुंच गयी। मौके पर पुलिस थी ,
दूकान से कुछ दूरी पर नगर निगम डेमोलेशन दस्ता जेबीसी के साथ तैयार खड़ा था। लेकिन महिलाओं की संख्या और उनके तेवर देखकर उन्हें बिना करवाई के ही वापस जाना पड़ा। बड़ा सवाल है की दिल्ली नगर निगम का यह दस्ता क्या सचमुच अवैध निर्माण पर करवाई के लिए आया था या फिर यह केवल अवध उगाही की कोशिस थी ? यदि अवैध निर्माण पर करवाई के लिए आया था तो फिर वह पुलिस फ़ोर्स होते हुए भी बैरंग क्यों लौट गया ? जिस निर्माण पर दिल्ली नगर निगम करवाई करने पहुंचा था वह पिछले आठ महीनों से बन रही थी। अब जब वह पूरी तरह बनकर तैयार है तो नगर निगम का दस्ता उसे ढहने निकल कर सामने आ गया। सवाल है की नगर निगम अधिकारी की आँखे पिछले आठ महीने से बंद क्यों थी ? नगर निगम के अधिकारी क्या इसी पल के इन्तजार में थे की इसी वक्त इस पर करवाई करने का डर दिखाकर ज्यादा वसूली कर सकेंगे ? ऐसे ही आरोप नांगलोई की निगम पार्षद और मकान मालिक लगा रहे है। बहरहाल सच्चाई तो जांच की विषय है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में दिल्ली नगर निगम नरेला की यह करवाई और सवालों की घेरे में जरूर है। इस साड़ी करवाई को दिल्ली नगर निगम के अधिकारीयों और आम आदमी पार्टी के पार्षदों नेताओं के बीच की जंग की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है। नरेला में भी बिल्डिंग विभाग की ऐसी ही करवाई सामने आयी थी। नांगलोई में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक खुलेआम एलजी की इशारे पर करवाई मान रहे है। मुंडका विधायक धर्मपाल लकड़ा भी खुलेआम यह आरोप लगाते नजर आतें है की अधिकारी एलजी के इशारे पर उनके कार्यों में रुकवाट डालते नजर आते है। वे विपक्ष के इशारे पर मुंडका को बदहाल करना चाहते है ताकि आम आदमी पार्टी सरकार को बदनाम किया जा सके।
ऐसा नहीं है कि नांगलोई से निगम पार्षद और सके पति दूध के धुले है। पार्षद हेमलता लाडला के पति राजेंद्र लाडला तो अपने दबंगई और नगर निगम अधिकारी से अवैध वसूली के लिए मारपीट करने और झूठे मुकदमों में फ़साने के आरोप में गिरफ्तार तक हो चुकें है। इस विषय पर न तो आम आदमी पार्टी कोई बयान देती नजर आ रही है और ना ही स्थानीय विधायक धर्मपाल लकड़ा ही अपने पार्षद और उनके पति के पक्ष में कोई बयान ही देते नजर आ रहे है। यानी राजेंद्र लाडला पूरी तरह पाक साफ़ है इस पर आम आदमी पार्टी यह स्वीकार करने में संकोच करती नजर आ रही है। क्या बीजेपी ऑपरेशन लोटस की तैयारी में है ? या फिर नगर निगम के नए निजाम को नाकाम और घोर भ्रष्ट और बदमाश के रूप में पेश करने की तैयारी में है। या फिर बीजेपी दोनों दिशाओं पर काम कर रही है। ताकि दिल्ली नगर निगम में स्टेंडिंग कमेटी के जुगाड़ के लिए ऑपरेशन लोटस चलाया जा सकें। यानी उन्हें बीजेपी में शामिल कर पाक साफ़ कर दिया जाए ,जैसा की आम आदमी पार्टी आरोप भी लगाती आ रही है। राजेंद्र लाडला की गिरफ्तारी को इसी रूप में भी देखा जा सकता है। राजेंद्र लाडला पर आरोप किसी फ़िल्मी कहने जैसे ही नजर आतें है। जहाँ नेताजी किसी अधिकारी को सरेराह उसे गाडी समेत किडनेप कर अपने कार्यालय ले जाते है और उसकी जमकर धुलाई कर उससे झूठे मुकदमें में फ़साने की धमकी देकर 5 लाख रुपये महीना रंगदारी मांगते है। अगर ऐसा है तो या भी बेहद चौकाने वाला है और यदि यह आरोप झूठे है तो यह और भी गभीर मामला है। जो यह साबित करता है देश की राजधानी दिल्ली में किसका और कैसा जंगलराज चल रहा है। जरूरत इसकी गहन जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करने की है। लेकिन बड़ा सवाल यह है की ऐसी जांच की जरूरत एलजी साहब ,पुलिस आयुक्त और अमित शाह और प्रधान मंत्री समझते भी है क्या ?
अपनी कॉमेडी और चुटकुलों से सभी के दिलों में जगह बनाने वाले गजोधर भइया उर्फ राजू श्रीवास्तव अब इस दुनिया में नहीं है। 42 दिन तक मौत से जंग लड़ रहे राजू श्रीवास्तव को आज निगम बोध घाट पर मुखाग्नि दी गई।
सड़को पर जलती डीटीसी बस बता रही DTC में भ्रष्टाचार की कहानी – BJP
भाजपा ने ट्विटर पर डीटीसी बस की जलती हुई तस्वीर शेयर की और आप पर तंज कसते हुए कहा कि सड़को पर जलती हुई डीटी बस साफ तौर पर DTC में हुए भ्रष्टाचार की कहानी बता रही है। जिसके साथ – साथ आप की नाकामी भी जनता के सामने आ रही है।
दिल्ली में शहरी वन विकसित करगा वन्यजीव विभाग
दिल्ली सरकार का वन्यजीव विभाग उत्तर पश्चिम दिल्ली में एक शहरी वन विकसित करने जा रहा है। सरकार के इस प्रस्ताव को अधिकारियों और एजेंसियों की मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें कि 20 एकड़ की भूमि को शहरी वन के लिए चयनित किया गया है। इस वन को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि यहां सुबह-शाम की सैर के साथ साथ लोगों को सुंदर और आकर्षक प्राकृतिक माहौल का अहसास हो सके। इसके लिए वन की सुंदरता पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में बसों का सफर होगा आसान
दिल्ली-एनसीआर में अब बसों का सफर आसान होने जा रहा है। रूटों की संख्या बढ़ने के साथ अब इन पर बसों की आवाजाही भी ज्यादा होगी। इससे लोगों को लंबे समय तक बस स्टॉप पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। तयशुदा समय में बस मिल जाने से वह अपनी मंजिल तक जल्द ही पहुंच सकेंगे।
सीमापुरी इलाके में 6 लोगों को कुचलने वाला आरोपी ड्राइवर गिरफ्तार
मंगलवार देर रात एक ट्रक ड्राइवर ने सीमापुरी इलाके में डिवाइडर पर सो रहे 6 लोगों को कुचल दिया था जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 2 गंभीर रूप से घायल थे पुलिस ने लापरवाही से हुई मौत का मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगाली जिसमें ट्रक की पहचान कर आरोपी ड्राइवर सुधीर कुमार को मुजफ्फरनगर के शामली से गिरफ्तार किया गया है।
नई दिल्ली।। दिल्ली सरकार अंग्रेजी में कमजोर बच्चों को एक तोहफा देने जा रही है। हालही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि वह अंग्रेजी में कमजोर बच्चों के लिए खास कार्यक्रम लेकर आ रही है। जिसमें वह गरीब और मिडल क्लास बच्चों को अंग्रेजी बोलना सिखाएंगे।
उनका कहना है कि राजधानी और देश में कई बच्चे ऐसे हैं जो अंग्रेजी ठीक से नहीं बोल पाते जिसकी वजह से उनकी कम्यूनिकेशन स्किल कमजोर हो जाती है और इसी वजह से आगे बढ़ने के कई मौके उनके हाथ से निकल जाते हैं। लेकिन दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि दिल्ली का कोई भी बच्चा कमजोर हो जिसकी वजह से दिल्ली स्किल एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी स्पोकन इंग्लिश कोर्स लेकर आई है।
दिल्ली में अब ग़रीब और मिडिल क्लास के बच्चे भी बोलेंगे फ़र्राटेदार इंग्लिश। दिल्ली सरकार शुरू कर रही “Spoken English Course” | Press Conference | LIVE https://t.co/SaInQo3Qln
आपको बता दें कि इस कोर्स के जरिए एक साल में एक लाख बच्चों को ट्रेनिंग देगी जिसके लिए राजधानी में करीब 50 सेंटर खोले जाएंगे। इसमें दिल्ली सरकार मैकमिलन और वर्ड्सवर्थ के साथ टाइअप कर रही है और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी इसका असेसमेंट करेगी।
जानकारी के अनुसार 18 से 35 साल की उम्र के लोग इस कोर्स की मदद से ट्रेनिंग ले सकते है। 3 से 4 महीने के इस कोर्स में 950 रुपए सिक्योरिटी फीस ली जाएगी जो कोर्स के पूरा होने के बाद वापस कर दी जाएगी।
नई दिल्ली।। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें थमने की बजाय और ज्यादा बढ़ती ही जा रही है। एक ओर आम आदमी पार्टी सत्येंद्र जैन की ईमानदारी के दावे कर रही है तो दूसरी सत्येंद्र जैन का केस रोज़ नए मोड़ ले रहा है। आज ED ने सत्येंद्र जैन, पूनम जैन और उनके सहयोगियों और कई व्यक्तियों के घरों में छापेमारी की है, जहाँ से ED ने 2.82 करोड़ कैश और 133 सोने के सिक्के बरामद किए हैं।
तो वहीं इस मामले में भाजपा नेता हरीश खुराना का एक ट्वीट भी सामने रहा है। जिसमें उन्होंने सत्येंद्र जैन को हवाला कारोबारी तक कह डाला और साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके ऑफिस को भी जाँच के घेरे में लेना चाहिए।
तो वही दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास सभी एजेंसियों की ताकत है, जिसके बल पर वह आम आदमी पार्टी के पीछे पड़े हैं।
दिल्ली में बढ़ती भीषण गर्मी के कारण लोगों का जीना दुष्वार होता जा रहा है। पहले के मुकाबले दिल्लीवालों को अधिक गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। बात करें बीते वर्षों की तो दिल्ली का तापमान 48 डिग्री के पार हो गया है, जिसके कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में अगर आपने धूप के थपेड़ों से बचने के लिए अभी तक कोई इमतज़ाम नहीं किए है तो यह खबर आपके लिए है। आज हम आपको गर्मी से बचने के लिए कुछ उपाय बताने जा रहे है जिससे आप इस चिलचिल्लाती गर्मी से बच सकेंगे-
ठंड एवं गर्मी से बचना
अगर आप किसी ऐसी जगह में है जहा पर एसी चलता है या बहुत ठंड महसुस हो रही है तो अचानक से गर्मी में जाने से बचे। इससे शरीर का तापमान सामान्य रहेगा और गर्मी से होने वाली परेशानी से भी बचा जा सकेगा।
ज़्यादा के ज़्यादा लिक्विड का सेवन
गर्मी से बचने के लिए अपने आहार में ज़्यादा से ज़्यादा लिक्विड का सेवन करें। ऐसा करने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ेगी जिससे गर्मी से होने वाली समस्या से बचा जा सकेगा।
पीक टाईम में धुप में ना जाए
गर्मी से बचने के लिए पीक टाईम यानी धुप में निकलने से जितना हो सके खुद को बचाए। एसा करने से ने केवल गर्मी से बचा जाएगा बल्कि सूरज से निकलने वाले किरणों से आपकी त्वचा का भी बचाव होगा।
छाते का करें इस्तेमाल
यदि किसी कारण से आपको बाहार जाने पड़ रहा है तो छाते का इस्तेमाल करना ना भूले जिससे सूरज से निकलने वाली डायरेक्ट धुप से आपका बचाव होगा।
ढ़िले कपड़ें पहने
मौसम चाहे कोई भी हो काम के लिए बाहार जाना तो आम बात है। ऐसे में टाईट कपड़ें पहनने से भी हिट स्ट्रोक यानी लूं लगने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में कॉटन यानी सूती कपड़े पहनना ही सही माना जाता है। साथ ही आंखों को भी धुप से बचाने के उपाय अपनाए और सनस्क्रिन लोशन का इस्तेमाल करना ना भुले।
हल्कि डाइट ही उत्तम
गर्मी से बचने के लिए डाइट पर भी खास ख्याल देना ज़रूरी है। अपको बता दें कि हिट स्ट्रोक से बचने के लिए अपनी डाइट में हल्का भोजन और प्रोटिन युक्त चीज़ो का ही सेवन करें जिससे शरीर को ठंडक का एससास होगा और मौसम से होने वाली परेशानी से भी बचा जा सकेगा।
चाय, कॉफि, चीनी का कम इस्तेमाल
ग्रमी के मौसम में चाय, कॉफि या चीनी का अधिक इस्तेमाल करने से भी हिट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इनमें कैफिन की अधिक मात्रा पाई जाती है जिससे शरीर को काफी नुकसान हो सकता है। ऐसे में अपनी डाइट में हेल्दी चीज़ों को शामिल करें।
नई दिल्ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमाना ने शनिवार को कहा कि कार्यपालिका के विभिन्न अंगों का काम ना करना और कानूनों में अस्पष्टता न्यायपालिका पर मुकदमों का बोझ बहुत बढ़ा रही है। सीजेआई ने कहा कि यदि अधिकारी कानून के अनुसार अपना कार्य करें तो लोग अदालतों का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे। उनका कहना है कि गवर्नेंस में कई बार कानून और संविधान की अनदेखी की जाती है और कार्यकारी निर्णयों को लागू करने की हड़बड़ी में लीगल डिपार्टमेंट की राय नहीं मांगी जाती है। उल्लेखनीय है कि सीजेआई रमना नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के 11वें संयुक्त सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे। कानून के मुताबिक काम करने पर न्यायपालिका गवर्नेंस के रास्ते में नहीं आएगी, सीजेआई ने कहा कि अगर कानून के मुताबिक काम किया जाए तो न्यायपालिका गवर्नेंस के रास्ते में नहीं आएगी। फिर उन्होंने मिस गर्वनेंस के कुछ उदाहरण दिए, जिससे मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिलता है। सीजेआई ने कहा कि सरकारों के लिए विशेष अभियोजकों और स्टैंडिंग काउंसिल की कमी एक और प्रमुख मुद्दा है, जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है। अवमानना के मामलों में सरकार की अवहेलना सीजेआई ने सरकार द्वारा न्यायिक निर्देशों का पालन नहीं करने पर भी चिंता व्यक्त की, जिसके कारण अवमानना याचिकाओं में उछाल आया। “अदालतों के फैसले सरकारें कई वर्षों तक लागू नहीं करती हैं, जिसका नतीजा यह रहता है कि अवमानना याचिकाओं के रूप में न्यायालयों पर बोझ की एक नई श्रेणी तैयार हो रही है। जो सरकारों द्वारा अवज्ञा का प्रत्यक्ष परिणाम है। न्यायिक घोषणाओं के बावजूद सरकारों की जानबूझकर निष्क्रियता लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।” पर्याप्त चर्चा के बिना कानून पारित किए जा रहे, कानून में अस्पष्टता मुकदमेबाजी को बढ़ावा दे रही इसके बाद, सीजेआई ने पर्याप्त बहस और चर्चा के बिना विधायिका द्वारा कानून पारित करने की समस्या का उल्लेख किया। “कभी-कभी, कानूनों में अस्पष्टता मौजूदा कानूनी मुद्दों को भी जोड़ती है। यदि विधायिका विचार की स्पष्टता, दूरदर्शिता और लोगों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए कानून पारित करती है तो मुकदमेबाजी की गुंजाइश कम से कम हो जाती है। विधायिका से यह अपेक्षा की जाती है कि वह कानून बनाने से पहले जनता के विचारों को स्वीकार करे और विधेयकों पर क्लॉज दर क्लॉज, एक-एक बिंदु पर बहस करे।” डॉकेट एक्सप्लोज़न के दो प्रमुख कारण “इन उदाहरणों के आधार पर कोई भी सुरक्षित रूप से संक्षेप में कह सकता है कि अक्सर दो प्रमुख कारणों से मुकदमेबाजी शुरू होती है। एक, कार्यपालिका के विभिन्न अंगों द्वारा काम न करना। दूसरा, विधायिका अपनी पूरी क्षमता का एहसास नहीं कर रही है”, पेंडेंसी के लिए अक्सर न्यायपालिका पर दोष दिया जाता है, जबकि रिक्त पदों की समस्या का समाधान जरूरी है सीजेआई ने कहा कि लंबित मामलों के लिए न्यायपालिका को जिम्मेदार ठहराया जाता है लेकिन रिक्त पदों को भरने और जजों की स्वीकृत संख्या बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की जरूरत है। सीजेआई ने कहा, “स्वीकृत संख्या के अनुसार, हमारे पास प्रति 10 लाख की आबादी पर लगभग 20 जज हैं, जो चिंताजनक है।” 2016 में देश में न्यायिक अधिकारियों की स्वीकृत संख्या 20,811 थी। अब यह 24,112 है, 6 वर्षों में 16% की वृद्धि हुई है। वहीं इसी अवधि में जिला न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या 2 करोड़ 65 लाख से बढ़कर 4 करोड़ 11 लाख हो गई है, जो कि 54.64 प्रतिशत की वृद्धि है। यह डेटा दर्शाता है कि स्वीकृत संख्या में वृद्धि कितनी अपर्याप्त है। सीजेआई ने कहा, “मैं माननीय मुख्यमंत्रियों से मुख्य न्यायाधीशों को जिला न्यायपालिका को मजबूत करने के उनके प्रयास में पूरे दिल से सहयोग करने का आग्रह करना चाहता हूं … जब तक नींव मजबूत नहीं होगी संरचना को कायम नहीं रखा जा सकता है। कृपया उदार रहें अधिक पद सृजित करें और उन्हें भरें, ताकि हमारे न्यायाधीश-जनसंख्या अनुपात की तुलना उन्नत लोकतंत्रों से की जा सके।” फर्जी मुकदमे चिंता का विषय “फर्जी मुकदमों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। उदाहरण के लिए, जनहित याचिका की अच्छी अवधारणा कभी-कभी व्यक्तिगत हितों की मुकदमेबाजी में बदल जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि जनहित याचिका ने जनहित की सेवा की है। हालांकि, कभी-कभी परियोजनाओं को रोकने या सार्वजनिक प्राधिकरणों पर दबाव बनाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जाता है। इन दिनों, जनहित याचिका उन लोगों के लिए एक उपकरण बन गई है जो पॉलिटिकल स्कोर या कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्विता को निपटाना चाहते हैं। दुरुपयोग की संभावना को समझते हुए, अदालतें अब इन पर सुनवाई करने में अत्यधिक सतर्क हो गई हैं”। न्यायिक अवसंरचना “मौजूदा बुनियादी ढांचे और लोगों की अनुमानित न्याय आवश्यकताओं के बीच एक गंभीर अंतर है। कुछ जिला न्यायालयों का माहौल ऐसा है, महिला अधिवक्ताओं को तो अदालत कक्षों में प्रवेश करने में भी डर लगता है, महिला मुवक्किलों की तो बात ही छोड़िए। न्यायालयों को न्याय का मंदिर होने के नाते अपेक्षित गरिमा और आभा लेकर चलना चाहिए।” उन्होंने न्यायिक बुनियादी ढांचे से निपटने के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की तर्ज पर एक राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना निगम आवश्यकता को दोहराया। हाईकोर्ट में स्थानीय भाषाओं का प्रयोग “मुझे हाईकोर्ट के समक्ष कार्यवाही में स्थानीय भाषाओं को पेश करने के लिए कई प्रेजेंटेशन प्राप्त हो रहे हैं। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है, मांग पर फिर से विचार करें और इसे तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचे। संवैधानिक न्यायालयों के समक्ष कानून का अभ्यास किसी की बुद्धि पर आधारित होना चाहिए और कानून की समझ, न कि केवल भाषा की प्रवीणता पर।” CJI ने “न्यायपालिका के भारतीयकरण” के लिए अपने आह्वान को भी दोहराया। “मैं “न्याय वितरण प्रणाली के भारतीयकरण” का एक मजबूत समर्थक रहा हूं। भारतीयकरण से मेरा मतलब है कि भारतीय आबादी की जरूरतों और संवेदनाओं के अनुरूप प्रणाली को ढालकर पहुंच बढ़ाना। यह एक बहुआयामी अवधारणा है। यह समावेशिता, न्याय तक पहुंच प्रदान करने, भाषा की बाधाओं को दूर करने, व्यवहार और प्रक्रिया में सुधार, बुनियादी ढांचे के विकास, रिक्तियों को भरने, न्यायपालिका की ताकत बढ़ाने आदि की मांग करता है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा-अरविंद केजरीवाल सरकार शराब पर छूट दे सकती है, लेकिन जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों को कम नहीं कर सकती है।
दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली | बीजेपी ने केजीरवाल सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कम नहीं करने को लेकर दिल्ली भाजपा ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा के नेताओं ने आरोप लगाया कि ‘आप’ सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती नहीं की, जिसके चलते दिल्ली में ईंधन महंगा हो गया। यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री के उस बयान के बाद किया गया है, जिसमें उन्होंने विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित राज्यों में ईंधन की उच्च कीमतों पर चिंता जताई थी। उन्होंने उन राज्यों की सरकारों से राष्ट्र हित में वैट कम करने की अपील की थी ताकि आम जनता को इसका फायदा मिले। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि वैट की ऊंची दरों के कारण दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि से आम आदमी की दुर्दशा के प्रति अरविंद केजरीवाल सरकार असंवेदनशील है। उन्होंने कहा कि पहले एक समय था, जब लोग दिल्ली में अपने गाड़ियों के फ्यूल टैंक भरवाते थे क्योंकि एनसीआर के अन्य शहरों की तुलना में यहां पेट्रोल और डीजल सस्ता होता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। गुप्ता ने कहा कि गोवा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश आदि जैसे कई-भाजपा शासित राज्यों ने नागरिकों को राहत देने के लिए डीजल और पेट्रोल पर वैट दरों में कमी की है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने यहां दरों में कटौती नहीं की है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार शराब पर छूट दे सकती है, लेकिन जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों को कम नहीं कर सकती है। यहां बाहरी मुद्रिका मार्ग पर चांदगी राम अखाड़े के पास विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि वे इसके खिलाफ लड़ते रहेंगे।
पूछताछ में पता चला कि होटल मैनेजर ग्राहकों के लालच में देह व्यापार कराता था, नहीं तो उसके होटल के कमरे बुक नहीं होते थे। वहीं एजेंट महावीर सिंह लड़कियों को ड्राइवर के साथ होटल में लाता था। दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली | एक ओर आप विधायक आतिशी यूएन में दिल्ली मॉडल पेश कर रही हैं, वहीं दिल्ली सेक्स रैकेट चल रहे हैं। पुलिस ने शनिवार को राजधानी के महिपालपुर स्थित एक होटल में छापा मारकर वहां चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए रैकेट के सरगना समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 7 लड़कियां, 3 ग्राहक और होटल मैनेजर भी शामिल है। पुलिस ने इन कॉल गर्ल्स को लाने-ले जाने में इस्तेमाल होने वाली एक कार को भी जब्त किया है। इसके साथ ही वेश्यावृत्ति के लिए इस्तेमाल होने वाले होटल को सील कर दिया गया है। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की टीम ने महिपालपुर के एक होटल में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए थाना वसंत कुंज नॉर्थ में धारा 3/4/5/8 आईटीपी अधिनियम (अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस को शुक्रवार को थाना वसंत कुंज नॉर्थ अंतर्गत आने वाले महिपालपुर के एक होटल स्वीट पैलेस में सेक्स रैकेट चलाए जाने के संबंध में एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी। पुलिस ने सूचना की पुष्टि कराने के लिए एक टीम बनाई। पुलिस द्वारा होटल में एक नकली ग्राहक भेजा गया था, जहां इस सेक्स रैकेट के सरगना महावीर सिंह और मैनजर सुरेंद्र ने नकली ग्राहक को सात लड़कियां दिखाई थीं, सौदा तय होने के बाद नकली ग्राहक का इशारा मिलते ही पुलिस टीम ने होटल पर छापेमारी कर दी। पुलिस ने इस धंधे में लिप्त सरगना, होटल मैनेजर, और लड़िकयों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस द्वारा होटल के रजिस्टर को कब्जे में लेने के साथ ही होटल को सील कर दिया गया है। पुलिस ने इन कॉल गर्ल्स को लाने-ले जाने में इस्तेमाल होने वाली एक कार नंबर DL6CP 5131 बरामद कर लिया है। पूछताछ करने पर पता चला कि होटल स्वीट पैलेस का मैनेजर सुरेंद्र ग्राहकों के लालच में देह व्यापार की इजाजत देता था, नहीं तो उसके होटल के कमरे बुक नहीं होते। वहीं एजेंट महावीर सिंह लड़कियों को ड्राइवर के साथ होटल में लाता था। सेक्स रैकेट में शामिल लड़कियां और महिलाएं गरीब परिवारों से आती हैं, जिसके कारण वे इस कृत्य में शामिल हो गई थीं। मैनेजर की डिमांड पर सरगना होटल में लड़कियों को मुहैया कराता था और उससे कमीशन लेता था। ग्राहकों को अपनी पसंद की लड़कियां चुनने का विकल्प दिया गया था।
दिल्ली दर्पण टीवी नई दिल्ली। दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में गर्मी अपने चरम पर है। 43 से 45 डिग्री तक अधिकतम तापमान दर्ज किया जा रहा है। लोग गर्मी से हाल बेहाल हैं। अगर आप भी दिल्ली में रह रहे हैं और गर्मी से कुछ दिनों के लिए राहत चाहते हैं तो दिल्ली और इसके आसपास ही ऐसी कई जगहें हैं जहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ जा सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसी जगहों के बारे में… फन एंड फूड विलेज : यह वाटर पार्क पुरानी दिल्ली गुड़गांव रोड (कापशेरा) पर स्थित है। यह सबसे लंबा वाटर चैनल (400 फीट) है। इसे “आलसी नदी” के रूप में जाना जाता है। इसमें पूरे दिन आपका मनोरंजन करने के लिए एडवेंचर राइड, पवाटर स्लाइड, सांस्कृतिक प्रदर्शन आदि हैं। शहर की तुलना में यहां का तापमान काफी ठंडा रहता है। यह आपके और आपके परिवार के आनंद के लिए एक आदर्श स्थान है।
वर्ल्ड्स ऑफ वंडर : एंटरटेनमेंट सिटी में स्थित इस थीम पार्क में एम्यूजमेंट पार्क, वाटर पार्क और गो-कार्टिंग ट्रैक है। इसके अलावा यह शॉपिंग मॉल से घिरा हुआ। यहां आप तरह-तरह के व्यंजनों का लुफ्त उठा सकते हैं। यहां आप घास पर लेट सकते हैं और पिकनिक मना सकते हैं। यहां के वाटर पार्क आपको गर्मी में राहत देते हैं। यह स्थान परिवारों, स्कूल/कॉर्पोरेट कार्यक्रमों और दोस्तों के साथ एक दिन के लिए उपयुक्त है। आइस बार : एक ऐसी जगह की कल्पना करें जहां सब कुछ बर्फ से बना हो। चाहे वह इंटीरियर हो, फर्नीचर हो या गिलास जिसमें पेय परोसा जाता है। रोमांचक लगता है। है ना? सिटी स्क्वायर मॉल (राजौरी गार्डन) की पहली मंजिल पर स्थित इस जगह की एक अनूठी थीम है। गर्मी के गर्म दिनों को बिताने के लिए इससे बेहतर जगह आपको शायद नहीं मिल सकती। यह स्थान आपके द्वारा प्रदान किए जाने वाले अलग और अनूठे अनुभव के लिए आपकी सूची में होना चाहिए। बर्फीले वातावरण में एक असाधारण अनुभव के लिए अपना दिन यहां बिताएं और एक और गर्म सप्ताह में जीवित रहने के लिए ऊर्जा से भरपूर महसूस करें।
एडवेंचर आइसलैंड : रोहिणी स्थित इस जगह में सबके लिए कुछ न कुछ है। वॉटर स्लाइड्स आपको गर्म गर्मी से राहत प्रदान करती हैं, जिसमें वाटर बंप, बोटिंग, वाटर कोस्टर, हिंडोला आदि गतिविधियां शामिल हैं। वयस्कों, बच्चों और परिवारों के लिए रोमांचक सवारी हैं। वह भी बड़ी संख्या में। आपके पास चुनने के लिए बहुत कुछ है या शायद उन सभी को आजमाएं। दिल्ली में रहते हुए आपको एक यादगार अनुभव के लिए इस जगह की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। आइस स्केटिंग : एंबिएंस मॉल में 15,000 वर्ग फुट का स्केटिंग रिंग है। बड़े स्केटिंग क्षेत्र के अलावा यहां आप पेटू आइसक्रीम पार्लर, कराओके रूम, पार्ट रूम आदि का भी लुफ्त उठा सकते हैं। आप या तो यहां एक दिन की योजना बना सकते हैं या स्केटिंग सीखने के लिए सदस्यता ले सकते हैं। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क : क्या आप पशु प्रेमी हैं? क्या पक्षी-देखने की शौक है? क्या आप जंगल में खो जाना पसंद करते हैं? क्या आप अपना वीकेंड बिताने के लिए ठंडी जगह की तलाश में हैं? दिल्ली से 243 किमी की दूरी स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क आपके लिए उपयुक्त जगह है। यह राष्ट्रीय उद्यान नैनीताल जिले में स्थित है। यह स्थान आपको सूर्य के प्रकोप से बचने के लिए बहुत सारी गतिविधियां प्रदान करता है, जैसे कि जंगल सफारी, कॉर्बेट झरना, रिवर राफ्टिंग, हाथी की सवारी इत्यादि।
ऋषिकेश : दिल्ली से से 242 किमी दूर स्थित यह पवित्र शहर उत्तराखंड में स्थित है। यह शहर हर यात्री की बकेट लिस्ट में होना चाहिए। इसमें एक अडवेंचर, आध्यात्मिक अनुभव और उस तरह की सुंदरता है जो आपकी यादों में हमेशा के लिए बस जाएगी। ऋषिकेश अपनी रिवर राफ्टिंग के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इसके अलावा भी कई अन्य मजेदार गतिविधियां भी हैं जिन्हें आप यहां आज़मा सकते हैं। रिवर राफ्टिंग, क्लिफ जंपिंग, बॉडी सर्फिंग, कयाकिंग और आयुर्वेदिक मसाज सबसे अच्छे हैं जो आपको गर्मी से बचाएंगे। वहां रहते हुए गंगा के किनारे बंजी जंपिंग, कैंपिंग, माउंटेन बाइकिंग, फ्लाइंग फॉक्स, ट्रेकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, पैरासेलिंग और पैराग्लाइडिंग का भी प्रयास कर सकते हैं। इसके अलावा, गंगा आरती को देखने से न चूकें जहां आप हिंदू रीति-रिवाजों को देख सकते हैं।
पशु चिकित्सकों को, अपने रोगियों की तरह, अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने के लिए उचित उपकरण और सहायता की आवश्यकता होती है। स्वस्थ जानवरों को स्वस्थ पशु चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। पशु चिकित्सक दैनिक चुनौतियों और संकटों को संभालने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होना जरूरी हैं
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो नई दिल्ली।चंडीगढ़। देश के किसी भी क्षेत्र के अन्य डॉक्टरों की तरह पशु चिकित्सक भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। जानवर, चाहे पालतू जानवर हों या आवारा, प्यार और देखभाल की जरूरत होती है। और यहीं से पशु चिकित्सक बचाव के लिए आते हैं। हर साल अप्रैल के आखिरी शनिवार को, दुनिया भर के लोग पशु चिकित्सकों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साथ आते हैं। विश्व संगठन इस दिन को पशु स्वास्थ्य और विश्व पशु चिकित्सा संघ के लिए बनाता है। विश्व पशु चिकित्सा दिवस हर साल अप्रैल के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है। इस वर्ष, विश्व पशु चिकित्सा दिवस 30 अप्रैल है। पशु स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ने के साथ, लोग धीरे-धीरे पशु चिकित्सकों के महत्व और उनके प्रभाव के बारे में सीख रहे हैं, जिससे हमारी दुनिया एक बेहतर जगह बन रही है। दुनिया भर में सभी पशु चिकित्सकों को मनाने के लिए, हम विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाते हैं। विश्व पशु चिकित्सा दिवस 2022 की घोषणा के अनुसार, पशु चिकित्सकों को अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने के लिए उपकरणों और समर्थन की आवश्यकता होती है। विश्व पशु चिकित्सा संघ ने 2000 में पशु चिकित्सा पेशे के वार्षिक उत्सव के रूप में विश्व पशु चिकित्सा दिवस बनाया, जो अप्रैल के अंतिम शनिवार को था। 2019 के बाद से, विश्व पशु चिकित्सा संघने वर्ल्ड वेटरनरी डे अवार्ड पर हेल्थ फॉर एनिमल्स, ग्लोबल एनिमल हीथ इंडस्ट्री एसोसिएशन के साथ भागीदारी की है, जो थीम से संबंधित विश्व पशु चिकित्सा संघ सदस्य की गतिविधियों का सम्मान करता है।
2022 विश्व पशु चिकित्सा दिवस पशु चिकित्सकों, पशु चिकित्सा संघों और अन्य लोगों के प्रयासों का जश्न मनाएगा ताकि पशु चिकित्सा लचीलापन को मजबूत किया जा सके और इस महत्वपूर्ण कारण पर ध्यान दिया जा सके। हालांकि पशु चिकित्सक जानते हैं कि यह बोझ शारीरिक और मानसिक रूप से भारी पड़ सकता है। खासकर महामारी के दौरानतनाव, बर्नआउट और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हाल के वर्षों में बढ़ी हैं। पशु चिकित्सकों को, अपने रोगियों की तरह, अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने के लिए उचित उपकरण और सहायता की आवश्यकता होती है। स्वस्थ जानवरों को स्वस्थ पशु चिकित्सकों की आवश्यकता होती है। पशु चिकित्सक दैनिक चुनौतियों और संकटों को संभालने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होना जरूरी हैं। बात 1863 की है जब प्रो. जे गमगी ने पूरे यूरोप के प्रसिद्ध पशु चिकित्सकों को पशु स्वास्थ्य, विशेष रूप से एपिज़ूटिक रोगों और उनकी रोकथाम पर पहले सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। यह बैठक पहली अंतर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा कांग्रेस थी। 1959 में, स्पेन में 15 वीं अंतर्राष्ट्रीय पशु चिकित्सा कांग्रेस की बैठक में, विश्व पशु चिकित्सा संघ की स्थापना की गई थी। एसोसिएशन का उद्देश्य पशु चिकित्सा विज्ञान के महत्व को सामने लाना और पशु स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जिसमें जानवरों की सुरक्षा, संगरोध के नियम आदि शामिल हैं। राष्ट्रीय पशु चिकित्सा संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले 72 देशों के सदस्य हैं। पशु स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा विज्ञान की वकालत करने के अलावा, विश्व पशु चिकित्सा संघ ने 2001 में हर साल अप्रैल के अंतिम शनिवार को विश्व पशु चिकित्सा दिवस के रूप में घोषित किया। 2001 में, विश्व पशु चिकित्सा संघ की थीम रेबीज थी। इसलिए, पशु चिकित्सकों ने पालतू जानवरों के मालिकों और गैर सरकारी संगठनों को रेबीज के बारे में शिक्षित किया, साथ ही, जानवरों और मनुष्यों दोनों के लिए एक स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने के लिए जानवरों के लिए मुफ्त टीकाकरण अभियान, जिसमें पालतू जानवरों और सड़क पर रहने वाले जानवरों को शामिल करना शामिल है। 2020 में, थीम ने जानवरों के मानसिक स्वास्थ्य को लक्षित किया। यहां, पशु चिकित्सकों ने जानवरों के मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई और कैसे लॉकडाउन अनुक्रमों ने पालतू जानवरों और सड़क जानवरों दोनों को प्रभावित किया। इस वर्ष लोगों ने पशु चिकित्सा विज्ञान की कई अन्य शाखाओं जैसे पशु मनश्चिकित्सा, आंतरिक चिकित्सा आदि के बारे में जाना। एसोसिएशन विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और अधिकारियों के बारे में जागरूकता लाता है जो पशु कल्याण के लिए अथक प्रयास करते हैं। यह दान और सक्रिय भागीदारी के लिए चैरिटी चलाने में मदद करता है।
विश्व पशु चिकित्सा संघ और ग्लोबल एनिमल मेडिसिन एसोसिएशन वार्षिक पुरस्कार भी वितरण करता है। केवल वे लोग जिनका कार्य / योगदान विश्व पशु चिकित्सा संघ की थीम के अनुरूप होना निर्धारित है, इस पुरस्कार के लिए पात्र हैं। उदाहरण के लिए, 2020 में, केरल के भारतीय पशु चिकित्सा संघ ने 2500 अमरीकी डालर के साथ सर्वश्रेष्ठ पशु चिकित्सा संघ का खिताब हासिल किया। यह कोविद -19 महामारी के बीच भोजन और दवाएं उपलब्ध कराते हुए जानवरों, विशेष रूप से सड़क पर रहने वाले जानवरों के कल्याण के लिए उनके उत्कृष्ट कार्य के कारण था। डब्ल्यूवीए ने बड़ी विपत्ति में जानवरों के साथ प्यार, देखभाल, स्नेह और सही उपचार के साथ एक निशान बनाया। इस दिन, डब्ल्यूवीए एक सम्मेलन आयोजित करता है जहां वे डब्ल्यूवीए सदस्यों को पशु कल्याण और नई पशु चिकित्सा विज्ञान प्रौद्योगिकियों से संबंधित विषयों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करते हैं, जबकि जानवरों के लिए गुणवत्ता स्वास्थ्य देखभाल के बार को बढ़ाते हैं। वे मानव-पशु सह-अस्तित्व को सुनिश्चित करते हुए भविष्य की पीढ़ियों के लिए हमारे पर्यावरण की रक्षा के बारे में नए ज्ञान का पता लगाने और साझा करने के लिए विभिन्न सेमिनार आयोजित करते हैं। किसी भी क्षेत्र के अन्य डॉक्टरों की तरह पशु चिकित्सक भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। जानवर, चाहे पालतू जानवर हों या आवारा, प्यार और देखभाल की जरूरत होती है। और यहीं से पशु चिकित्सक बचाव के लिए आते हैं। उचित टीकाकरण देने से लेकर पशुधन सहित पालतू जानवरों के स्वास्थ्य की जांच करने तक, पशु चिकित्सा का काम पशु स्वास्थ्य के सभी पहलुओं को शामिल करता है, जिसमें पशु दुर्व्यवहार की रोकथाम, दर्द प्रबंधन, ऑन्कोलॉजी आदि शामिल हैं। कुल मिलाकर, पशु चिकित्सा का संबंध घरेलू और जंगली जानवरों के स्वास्थ्य को खराब करने वाली बीमारियों की रोकथाम, नियंत्रण, निदान और उपचार से है। पशु चिकित्सक विभिन्न विभागों में काम करते हैं। जंगलों, राष्ट्रीय उद्यानों, चिड़ियाघरों, अभयारण्यों में जंगली जानवरों की देखभाल से लेकर पशु चिकित्सालय, गैर सरकारी संगठन, पशु चिकित्सक जानवरों के भरण-पोषण की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ पशु चिकित्सक गैर-सरकारी संगठनों के साथ काम करते हैं ताकि जानवरों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए मुफ्त पशु टीकाकरण सहित सड़क पर रहने वाले जानवरों की नसबंदी की जा सके। गुणवत्ता वाले पशु चिकित्सकों का महत्व बहुत बढ़ गया है। लेकिन आवश्यकता की तुलना में पशु चिकित्सकों की संख्या अभी भी कम है, जो सभी क्षेत्रों में पशुओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला एक बड़ा अंतर पैदा करता है। इस तरह के आयोजन का उद्देश्य छात्रों में पशु चिकित्सा विज्ञान को करियर की संभावना के रूप में लेने के लिए उत्साह पैदा करना और देश में पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने में मदद करना है। विश्व पशु चिकित्सा दिवस पशु चिकित्सा और पशु चिकित्सा विज्ञान में अनुसंधान को बेहतर बनाने के लिए भी तत्पर है।
अन्ना आंदोलन से ही जनाधार वाले पंजाब में हीसरकार बना पाई आम आदमी पार्टी
आप विधायक आतिशी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के कार्यक्रम में समस्याओं के समाधान के लिए केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को बताया दृष्टिकोण पेश करने वाला
यूएन के सामने दिल्ली मॉडल के गुणगान पर केजरीवाल ने आतिशी को दी है बधाई
चरण सिंह राजपूत/ दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल पर इतनी गौरवान्वित हो रही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के दूसरे नेता न केवल देश बल्कि विदेश में भी इसका ढिंढोरा पीट रहे हैं। अब आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सम्मेलन में दिल्ली मॉडल ऑफ गवर्नेंस को दुनिया के सामने रखा। बाकायदा केजरीवाल ने ट्वीट कर आतिशी के इस भाषण की तारीफ कर उन्हें बधाई दी है। दरअसल आम आदमी पार्टी दिल्ली मॉडल के बलबूते अपने को भाजपा का विकल्प पेश करने में लगी है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि केजरीवाल का दिल्ली मॉडल इतना अच्छा है तो फिर गत दिनों पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी कुछ खास करिश्मा क्यों नहीं कर पाई ? जिस राज्य पंजाब में उसका अन्ना आंदोलन से ही जनाधार है उस तक ही क्यों सिमट कर रह गई ? दरअसल अन्ना आंदोलन के बल पर दिल्ली की सत्ता को कब्जाने वाली आम आदमी पार्टी भ्र्ष्टाचार और राजनीतिक नैतिकता के मुद्दे पर देश में राजनीति करने आई थी। वह बात दूसरी है कि जिन मुद्दों को आम आदमी पार्टी के संयोजक सबसे अधिक उठाते थे, अब वह उन मुद्दों से कहीं दूसर भटक गए हैं। आम आदमी के नाम पर पार्टी का नाम रखने वाले केजरीवाल अब पार्टी में किसी आम आदमी को देखना ही चाहते। फ्री बिजली और पानी की नीति अपनाकर दिल्ली पर राज कर रही आम आम आदमी पार्टी ने इतना और कर दिया है कि जहां केंद्र सरकार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में लगी है वहीं केजरीवाल सरकार फ्री की नीति अपनाकर लोगों को निठल्ला बनाने में लगी है। डीटीसी में महिलाओं को फ्री सेवा देने वाली केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में न केवल शराब पर रेट में कटौती की बल्कि एक बोतल पर एक फ्री वाली स्कीम भी चला दी। जिस लोकपाल के पद का दम्भ केजरीवाल हर आंदोलन में भरते थे, उस लोकपाल उन्होंने खूंटी पर टांग दिया। जब राज्यसभा में प्रश्न उठाने के लिए प्रख्यात कवि कुमार विश्वास और वरिष्ठ पत्रकार कुमार आशुतोष को भेजने का समय आया तो केजरीवाल ने अपने स्वजातीय बंधुओं को राज्य सभा भेज दिया। वह बात दूसरी है कि वे दोनों कभी किसी ने प्रश्न उठाते हुए नहीं देखे होंगे। वैसे भी दिल्ली की समस्या को वह केंद्र सरकार पर टाल कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या यही दिल्ली मॉडल है ? दरअसल संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से आयोजित शिखर सम्मेलन ‘वर्ल्ड असेंबली’ में आम आदमी की विधायक आतिशी ने ‘दिल्ली मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस’ को दुनिया के सामने रखा है । न्यूयॉर्क में हुए इस सम्मेलन में आतिशी ने बताया कि कैसे पिछले 7 साल में अरविंद केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल ने दिल्ली की सूरत बदली है। आतिशी का कहना था कि दिल्ली सरकार तमाम चुनौतियों का सामना करने के बावजूद बेहतरीन सार्वजनिक सेवाएं उपलब्ध करवा रही है और दिल्ली का बजट भी घाटे में नहीं गया है। इस मॉडल से दुनिया भर के देशों के सामने आने वाली कई चुनौतियों का समाधान मिल सकता है।अपने विधायक के यूएन के सामने दिल्ली मॉडल के गुणगान करने पर प्रफुल्लित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को बधाई देते हुए कहा कि भारत के लिए यह गौरव का क्षण है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिल्ली और देश के लोगों की भावनाओं समेत देश के सामर्थ्य से पूरे विश्व को अवगत कराने पर आतिशी को बधाई दी है। केजरीवाल ने कहा है कि दुनिया अब शासन के कई क्षेत्रों में समाधान के लिए दिल्ली की ओर देख रही है। बेहतर दुनिया बनाने के लिए हम सभी एक-दूसरे से सीखेंगे। मामले को लेकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल है। यूएन में विधायक आतिशी ने कहा कि 90 के दशक के अंतिम वर्षों में पूरे विश्व में सरकारों के लिए शिक्षा-स्वास्थ्य और बिजली उपलब्ध करवाना बहुत महंगा हो गया। ऐसे में सरकारों ने खासतौर पर विकासशील देशों ने इन सेवाओं को प्राइवेट हाथों को सौंप दिया। इससे टैरिफ बढ़ा। सरकारों ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी बजट में कटौती की। इससे समाज के अंदर आर्थिक असामनता बढ़ी।
आतिशी ने दिल्ली का उदाहरण देते हुए बताया कि 2015 तक दिल्ली में बिजली की दरें बहुत ज्यादा थी और लगातार कई घंटों के पावर कट लगते थे। बिजली कंपनियां भी घाटे में चलती थीं। सरकारी स्कूल जर्जर हालत में थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। दिल्ली सरकार ने अपनी नीतियों से यह कर दिखाया कि सभी को बेहतर सार्वजानिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती है। आज बिजली की मांग बढ़ने के बावजूद दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है। दिल्ली में बिजली की कीमतें पूरे देश में सबसे कम है। 40 लाख घरों का बिजली बिल जीरो आता है। दिल्ली के 80 फीसदी से ज्यादा इलाकों में पानी की पाइप लाइन और सीवर लाइन है। सरकारी स्कूलों का रिजल्ट भी प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आने लगा है और पिछले साल दो लाख से ज्यादा बच्चों ने प्राइवेट से नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है। मोहल्ला क्लीनिक से घर के पास स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है।
नई दिल्ली। दिल्ली दर्पण टीवी में अब्दुल जाकिर का मामला उठने के बाद, दूसरे सात दुकानदारों के बिजली कनेक्शन तो काट दिए गए पर 200 अवैध फैक्ट्रियों और अशोक विहार में चल रहे ब्रांडों पर नहीं हुई कोई कार्रवाई दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो नई दिल्ली। दिल्ली दर्पण टीवी के वजीरपुर गांव के अब्दुल जाकिर का बिजली कनेक्शन काटने का मामला उठाने के बाद भले ही दूसरी सात दुकानों के बिजली कनेक्शन काट दिए गए हों पर क्षेत्र में चल रही 200 अवैध फैक्ट्रियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ये सात दुकानदार तो छोटा मोटा काम कर रहे थे। दिल्ली दर्पण में प्रकाशित खबर में तो धड़ल्ले से चल रही 200 अवैध फैक्ट्रियों का भी हवाला दिया था। साथ ही अशोक विहार की मुख्य रोड पर बड़े-बड़े ब्रांड के बेसमेंट में चलने की बात भी प्रमुखता से लिखी गई थी। मतलब नगर निगम का जोर बस आम लोगों पर ही चलता है मगरमच्छों पर हाथ डालने की हिम्मत संबंधित अधिकारी नहीं कर पाते हैं।
दरअसल दिल्ली दर्पण टीवी ने नगर निगम में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए वजीरपुर गांव के एक 2019 के मामले को उठाते हुए आठ लोगों में से एक अब्दुल जाकिर के बिजली कनेक्शन कटने की बात प्रकाशित की थी। इस खबर में अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत के चलते क्षेत्र में लगभग 200 अवैध फैक्ट्रियों से लाखोँ रुपए के वारे न्यारे होने के बात कही गई थी। इस खबर में 2019 में वजीरपुर गांव के अब्दुल बर्ल, अब्दुल ज़ाकिर, नारायण पाल, धर्मबीर, जयपाल खर्ल, गोपाल, पवन और निजामुद्दीन के लाईसेन्स के लिए नगर निगम में आवेदन देने का हवाला दिया गया था। नगर निगम के इन सभी आवेदनों को रद्द कर इन सभी दुकानों को अवैध बताते की बात कही गई थी। निगम निगम के एनडीपीएल को इनके बिजली कनेक्शन काटने के आदेश की बात प्रमुखता से उठाई गई थी।दिल्ली दर्पण ने एनडीपीएल के मात्र अब्दुल जाकिर का ही बिजली कनेक्शन काटने पर सवाल खड़ा किया था। उत्तरी नगर निगम पर संस्थागत भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। क्षेत्र में चल रही 200 अवैध फैक्ट्रियों का हवाला देते हुए अधिकारियों और स्थानीय के इन फैक्ट्रियों से लाखों रूपए कमाने की बात कही गई थी। अशोक विहार की मुख्य रोड पर बड़े-बड़े ब्रांड बेसमेंट में चलने का मुद्दा उठाया था। इस खबर के प्रकाशित होने पर सात आम दुकानदारों को तो नाप दिया गया पर 200 अवैध फैक्ट्रियों के साथ ही अशोक विहार में बेसमेंट में चल रहे ब्रांडों का कुछ नहीं बिगड़ा।
अधिकतर बूथों पर पुलिसकर्मी न होने और ताले लगे होने की वजह से दिया जा रहा है अतिक्रमण करने का रूप
दिल्ली दर्पण ब्यूरो, नई दिल्ली।
दिल्ली पुलिस विभिन्न मामलों को लेकर चर्चा में रहती है यदि यह चर्चा बड़ी संख्या में जगह जगह बने पुलिस बूथों की वजह से अतिक्रमण होने को लेकर हो रही हो तो अजीब लगेगा न। जी हां नार्थ वेस्ट जिला पुलिस कार्यालय के आसपास बड़ी तादाद में बने पुलिस बूथों पर पुलिसकर्मी न होने तथा अधिकतर समय पर बूथों पर ताले लगे होने को लेकर हो रही है। दरअसल कहीं पर ट्रैफिक के नाम पर तो कहीं पर थाना पुलिस के नाम पर और कहीं पर पिंक बूथ के नाम पर क्षेत्र में जगह जगह पुलिस बूथ बना दिए गए हैं।
यह दिलचस्प है कि चर्चा इन पुलिस बूथों से जनता को होने वाले लाभ को लेकर नहीं हो रही है बल्कि इस बात लेकर हो रही कि क्या कहीं पर भी बना देने वाले पुलिस बूथों के लिए क्या पुलिस को किसी की अनुमति नहीं लेनी होती है क्या ? क्या पुलिस बूथ के नाम पर जगह जगह अवैध निर्माण नहीं किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि पहले से ही पुलिस बूथ होने के बावजूद कुछ दुरी पर ही दूसरे बूथ बना दिए जा रहे हैं। देखने की बात यह है हाल ही में नार्थ वेस्ट जिला पुलिस ने जब महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि के तहत हर थाना स्तर पर पिंक बूथ बनाये तो इस काम की खूब सराहना भी हुई थी पर तादात में ज्यादा वृद्धि करने से अब आलोचना भी हो रही है।
लोगों के सवाल है कि क्या ये पुलिस बूथ पुलिसकर्मियों के आराम स्थल के रूप में बनाये जा रहे हैं ? दरअसल शालीमार बाग़, नेताजी सुभास पुलिस थाना, मौर्य एन्क्लेव, आदर्श नगर और मॉडल आदि क्षेत्रों में जगह-जगह नए पुलिस बूथ बन रहे है। यह पुलिस बूथ कितने पास-पास बन रहे हैं, इसका अंदाजा इस बात ले लगाया जा सकता है कि भारत नगर थाना क्षेत्र में एक ओर जहां वज़ीर पुर पानी की टंकी पर पुलिस बूथ बन रहा है वहीँ केशव पुरम थाना क्षेत्र के प्रेरणा चौक पर भी एक पुलिस बूथ बन रहा है। अशोक विहार फेज-1 एच ब्लॉक मार्किट में अलग से बड़ा पुलिस बूथ बन रहा है। यह हाल तब है जब पहले से ही यहां पर पुलिस बूथ बने हुए है। इतना ही नहीं इनसे अलग भी बड़े पैमाने पर जगह-जगह पुलिस बूथ बन रहे हैं। चूंकि मामला पुलिस से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। हां सवाल जरूर उठा रहे हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि जब इन बूथों पर तैनात करने के लिए पुलिसकर्मी पर्याप्त नहीं हैं तो फिर इतने बड़े स्तर पर पुलिस बूथ बनाने की जरुरत क्या है ? उधर पुलिस का कहना है कि अशोक विहार एच ब्लॉक मार्केट के सामने दो-दो स्कूल हैं। इसलिए यहां पर छात्रों और महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही ट्रैफिक की समस्या आदि पर अंकुश लगाने के लिए यहां पर पुलिस का रहना आवश्यक है।
मामले को लेकर स्थानीय निवासी अतुल अग्रवाल का कहना है कि इन बूथों का लाभ तभी है जब यहाँ हर समय पुलिस कर्मी तैनात रहें। हर थाना स्तर पर पुलिस कमेटी से जुड़े लोग कहतें हैं कि जिले के लगभग हर थाने में स्टाफ की भारी कमी के चलते बूथ पर हर वक्त पुलिस कर्मी तैनात नहीं हो सकता है। यही वजह है की पुलिस बूथ होते हुए भी किसी घटना पर पुलिस तुरंत नहीं पहुंच पाती है। तमाम बूथों के बावजूद पुलिस स्नेचिंग, लूट की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पाती है। हां इन पुलिस बूथों पर पर्याप्त स्टाफ हो ये आम लोगों की सुरक्षा के लिए उपयोगी हो साबित हो सकते हैं।
हरी घास की जगह दिखाई देती है बंजर जमीन, सिंचाई न होने से सूखे पड़े हैं पेड़-पौधे, जगह जगह से टूटे पड़े हैं पानी के पाइप और फुटपाथ अधिकारी और ठेकेदार डकार जाते हैं पार्क पर लगने वाला पैसा अशोक विहार फेडरेशन के अध्यक्ष एच.सी. गुप्ता ने डीडीए पर लगाया पार्क की अनदेखी करने का आरोप, सूखे पत्तों के जलाने से पेड़ों के झुलसने की बताई बात दिल्ली दर्पण टीवी उत्तरी दिल्ली। अशोक विहार में पार्कों पर खर्च होने वाला पैसा डीडीए के अधिकारियों और ठेकेदारों के डकार जाने से पार्क बदहाल स्थिति में हैं।
दिल्ली दर्पण टीवी की टीम ने जब शनिवार की सुबह ग्रीन बेल्ट में बने आई ब्लाक पार्क का जायजा लिया तो पार्कों में साफ़ सफाई की जगह गंदगी की भरमार दिखाई दी। स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला कि पेड़ों से गिरने वाले सूखे पत्तों को जलाने से पार्क में पेड़ पौधे झुलस गए हैं। अशोक विहार फेडरेशन के अध्यक्ष एच.सी. गुप्ता ने दिल्ली दर्पण टीवी को बताया सूखे पत्तों के जलने से न केवल प्रदूषण फैलता है बल्कि जहरीली गंध भी लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। उनका कहना था कि छुट्टी होने की वजह से सूखे पत्ते शनिवार की रात या फिर रविवार की सुबह को जलाते हैं। उनका कहना था कि पौधों की सिंचाई के लिए पानी की दुरुस्त व्यवस्था नहीं है।
पार्क के माली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि शनिवार की रात या फिर रविवार की सुबह सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है, जिससे न केवल प्रदूषण फैलता है बल्कि जहरीली गंध भी लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। पत्तों में आग लगने से पेड़ पौधे झुलस गए हैं। उन्होंने बताया कि पत्तों के जलने का तर्क भी बड़ा बेहूदा दिया जाता है। जब इस मामले की बात माली से की गई तो उसने पार्क में घुमने वाले लोगों के फेंकी गई बीड़ी से आग लगना बताया। उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे में कहा कि क्या बीड़ी से एक दिन में पांच जगह सूखे पत्तों में आग लग सकती है ? गुस्से में दिखाई दे रहे अध्यक्ष ने डीडीए को चेतावनी दी है कि यदि समय रहते पार्क की बदहाल हालत में सुधार न हुआ तो वे आगे भी शिकायत करने नहीं हिचकेंगे।
दरअसल पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिए डीडीए से मोटा पैसा मिलता है पर यह पैसा पार्कों पर न लगकर अधिकारी और ठेकेदारों की जेबों को गरम करता है। वैसे पार्कों में ठेके पर निजी गार्ड, माली स्वीपर सब रखे हैं पर काम करने के नाम पर कोई दिखाई नहीं देता है। पार्कों को देखने से पता चलता है कि इन पर काम न के बराबर ही होता है। फुटपाथ न केवल जगह जगह से टूटी पड़ी है बल्कि बल्कि उस पर गंदगी का आलम या यह है कि इस चलना मुश्किल है। सूखे पत्तों में आग लगाने की वजह से सूखे पेड़ भी झुलसे पड़े हैं। जगह स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद कई जगह से सूखे पत्तों को तो ढक दिया गया है पार्क की बदहाली में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। दरअसल दिल्ली दर्पण टीवी ने अशोक विहार में स्थित पार्कों का जायजा लेने का एक अभियान छेड़ा है। इस अभियान के तहत दिल्ली दर्पण टीवी की टीम विभिन्न पार्कों में जा रही है और लोगों से पार्क की स्थिति पर बात कर रही है।
नई दिल्ली।। दिल्ली नगर निगम में कर्मचारी अपने वेतन के लिए पिछले 7 जनवरी से हड़ताल कर रहे हैं। इस हड़ताल में निगम के सभी महकमें के कर्मी शामिल हैं फिर चाहे वह सफाई कर्मचारी हो, टीचर्स या फिर मलेरिया विभाग के सीएफडब्यू कर्मचारी हो, इतना नहीं हड़ताल का समर्थन करने के लिये नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर्स और पेशन धारक भी शामिल हैं। सभी का आक्रोश है की नगर निगम राजनीति करने लिए हमारी तनख्वाह के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
बता दें कि यह कर्मचारी ना केवल अपने वेतन के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं बल्कि इनकी लड़ाई अपने अस्तित्व के लिए भी है। कर्मचारियों ने ये भी बताया की हम सभी सीएफडब्यू वालों ने कोरोना काल में घरों के साथ ही गली माहौल्लों को भी सैनिटाइजर किया।
जिसका नतीजा ये निकला की हम सभी सीएफडब्यू वालो को सेलरी के लिए तो गुहार लगानी ही पड़ रही है। और साथ ही अपने अस्तिव को बचाने के लिए भी गुहार लगानी पड़ रही है।
काव्या बजाज नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने डीटीसी के बेड़े में 1000 नई बसें लाने की घोषणा की है। अभी दिल्ली में कुल 3760 लो फ्लोर बसें हैं। जिनका लाभ दिल्ली की जनता उठा रही है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि काफी समय जद्दोजहद करने के बाद अब बसों की संख्या बढाने का आदेश दिया गया है।
केजरीवाल का मानना है कि इससे वह दिल्ली को प्रदूषण मुक्त दिल्ली बनाना चाहते हैं। वहीं, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि कुछ समय से डीटीसी को बंद करने की अफवाहों ने जोर पकड़ा रखा था लेकिन आम आदमी पार्टी के इस फैसले के बाद इन अफवाहों पर भी रोक लग गई है।डीटीसी को परिवहन की रीड़ की हड्डी बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से इसे और ज्यादा कामयाब बनाने की कोशिश करती आई है।
आपको बता दें कि 1000 में से 700 बसें जेबीएम कंपनी से खरीदी जाएंगी जबकि बाकी 300 बसें टाटा कंपनी द्वारा बनाई जाएंगी।आदेश जारी करने के बाद ऐसा बताया गया कि मात्र 16 सप्ताह के भीतर 80 बसें शामिल होंगी जबकि बाकी बसें 20 सितंबर 2021 तक शामिल हो पाएंगी। जिसके बाद 4760 बसों के साथ डीटीसी पहले से भी ज्यादा मजबूत हो जाएगी।
फरीदाबाद। एनआईटी फरीदाबाद की संजय कलोनी में चोरों ने एक दुकान को निशाना बनाते हुए उसका शटर तोड़ कर उसके अंदर रखे कैश पर हाँथ साफ कर दिया। पीड़ित दुकानदार के मुताबिक घटना चार पाँच दिन पहले की है घटना को अंजाम देने वालो चोरों की तस्वीरें वहाँ लगे सीसीटीवी कैमरे कैद हुई है। जिसके बाद दुकानदार ने घटना की सूचना संजय कलोनी पुलिस चौकी में जाकर दी लेकिन चार पाँच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की है।
सीसीटीवी मैं कैद हुई तस्वीरें एनआईटी फरीदाबाद की संजय कॉलोनी की है बता दें की संजय कॉलोनी में स्थित एक दुकान में बीते चार-पांच दिन पहले चोरों ने दुकान का शटर तोड़कर उसमें रखे कुछ कैश पर हाथ साफ कर दिया था। जिनकी तस्वीरें वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पीड़ित दुकानदार के मुताबिक उसे सुबह उनके सामने रहने वाले एक शख्स ने फोन कर उसे सूचना दी कि उसकी दुकान में चोरी हो गई है। जिसके बाद में मौके पर पहुंचा तो दुकान का शटर टूटा हुआ था और दुकान के अंदर रखा कुछ कैश गायब था। जिसकी सूचना उसने संजय कॉलोनी पुलिस चौकी में जाकर की थी लेकिन चार-पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
दुकानदार के आरोप के बाद पुलिस का कहना है कि उन्होंने इस मामले में पीड़ित के बयान पर मामला दर्ज कर लिया है। जिसके साथ – साथ आरोपियों को खोजने के लिए जांच की शुरूआत कर दी गई है।
सेना दिवस, भारतीय सेना के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है। आज ही के दिन लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 में भारत के अंतिम भारतीय सेना के जनरल फ्रांसिस बुचर से सेना के पहले कमांडर.इन.चीफ के रूप में कार्य भार संभाला था। वह फील्ड मार्शल के पांच सितारा रखने वाले दो अधिकारियों में से एक थे और दूसरे अधिकारी सैम मानेकशॉ थे। करियप्पा ने उस दौरान जय हिंद का नारा अपनाया था, जिसका मतलब था भारत की जीत। इस दिन को भारत में हर साल सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के साथ साथ सभी मुख्यालयों में परेड और अन्य सैन्य कार्यक्रमों के रूप में मनाया जाता है । 2021 को 73वां भारतीय सेना दिवस नई दिल्ली में मनाया जाएगा। यह दिन उन सभी बहादुर सैनिकों को देश की तरफ से एक सलाम है जो देश और इसके नागरिकों की रक्षा के लिए अपनी जान का बलिदान देने से एक बार भी नहीं कतराए।
सेना दिवस पर बदलाव का सिलसिला इस दिन देश भर में समारोह होते है और उन्हीं समारोह के दौरान दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड मैदान में मुख्य सेना दिवस परेड का आयोजन किया जाता है। इन समारोह में सैनिकों को वीरता पुरस्कार और सेना पदक से भी सम्मानित किया जाता है। इन परेड में परमवीर चक्र और अशोक चक्र पुरस्कार विजेता हर साल हिस्सा लेते हैं। इस समारोह में सैन्य हार्डवेयर, कई टुकड़ी और एक लड़ाकू प्रदर्शनी भी परेड का एक अहम भाग है। समय के साथ साथ भारतीय सेना में भी कई बदलाव देखने को मिले हैं। पहले महिलाओं को परेड की कमान संभालने का अवसर नहीं दिया जाता था लेकिन 2020 में पहली बार एक महिला तानिया शेरगिल ने आर्मी डे पर परेड की कमान संभाली थी। हर साल इस दिन को अलग अलग विषयों और विचारों के साथ मनाया जाता है। जैसे 2020 में भारतीय सेना दिवस की थीम डिफेंस का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन थी। लेकिन इस साल कुछ अलग और नई थीम को लिया गया है इस साल भारतीय सेना ने 1971 में पाकिस्तान पर भारत की शानदार जीत के लिए स्वर्णिम विजय वर्ष समारोह मनाने के लिए एक मैराथन यानी विजय रन का आयोजन किया गया है।
शिवानी मोरवाल, संवाददाता नई दिल्ली। काफी जद्दोजहद के बाद दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को छह-सात माह से लंबित वेतन मिलने की उम्मीद जागी है। यह उम्मीद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा 14 जनवरी को एमसीडी कर्मचारियों की सैलरी के लिए 938 करोड़ रुपये देने के ऐलान से बनी है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पीड़ा को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अन्य योजनाओं से पैसा निकालकर 938 करोड़ रुपया जमा किया है। इस बावत सिसोदिया द्वारा ने बताया कि ये पैसा दिल्ली सरकार ने दूसरी योजनाओं में से निकालकर इकट्ठा किया है ताकि कर्मचारियों की सैलरी दी जा सके। इसी के साथ उन्होंने एमसीडी की कार्यप्रणाली को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि एमसीडी पर दिल्ली सरकार का 6,276 करोड़ रुपया बकाया है। एमसीडी को बीजेपी ने दिवालिया करके इतनी बड़ी राशि का कर्जदार बना दिया। उन्होंने ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण मार्केट का भी बुरा हाल है। दिल्ली सरकार ही अपना काम मुश्किल से चला रही है। इसके बावजूद नगर निगम के कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए हमने अन्य योजनाओं को रोककर तथा अन्य विभागों की राशि काटकर किसी तरह 938 करोड़ रुपयों का इंतजाम किया हैं। यह राशि सैलरी के लिए दी जा रही है। उन्होंने बीजेपी को चेतावनी भी दी कि वे इन पैसों की भी चोरी नहीं करें। इनसे कर्मचारियों की तनख्वाह ही दें।
सिसोदिया बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से भी नहीं चुके। उन्होंने बताया कि करीब 14 साल पहले एमसीडी की सत्ता में आई बीजेपी ने तीनों नगर निगमों को पूरी तरह दिवालिया बना दिया। निगम को उसने बुरी तरह चूस लिया कि अब गुठली भी नहीं छोड़ी है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बैंक खाते में मात्र 12 करोड़ रुपये बचे हैं, जबकि पूर्वी नगर निगम के पास मात्र 99 लाख रुपये हैं। एमसीडी पर दिल्ली सरकार का 6,276 करोड़ रुपया बकाया है। एमसीडी को बीजेपी ने दिवालिया करके इतनी बड़ी राशि का कर्जदार बना दिया. अब नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं. इस वक्त एमसीडी साफ-सफाई, बिल्डिंग नक्शे संबंधी काम के लायक भी नहीं रह गई है. सफाई कर्मियों, शिक्षकों, मेडिकल स्टाफ इत्यादि को तनख्वाह नहीं मिल रही है।
इसी क्रम में सिसोदिया ने देश के निगमों को केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक मदद के बारे में बताते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम को केंद्र से कोई राशि नहीं मिलती। इस संबंध में उन्होने सवाला उठाया कि आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, लेफ्ट या अन्य दलों के नेतृत्व वाले नगर निकायों को केंद्र से सहायता मिलती है, लेकिन बीजेपी शासित दिल्ली नगर निगम को केंद्र से एक भी पैसा नहीं मिलता?
उन्होंने कहा कि कायदे से दिल्ली नगर निगम को केंद्र से 11,500 करोड़ रुपये मिलने चाहिए। जबकि केंद्र का मानना है कि वह इसे नहीं दे सकती, क्योंकि बीजेपी वाले इन पैसों को खा जाएंगे। भले ही ऐसी मदद करना कानून में लिखा हो, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण केंद्र सरकार दिल्ली नगर निगम को पैसे नहीं दे रही। सीएम केजरीवाल कई बार केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एमसीडी का सारा पैसा देने का अनुरोध कर चुकी है।
नई दिल्ली। शुक्रवार (15 जनवरी) से मोबाइल में अमिताभ बच्चन की आवाज में कोरोना से बचाव और सावधानियों से जुड़ी कॉलर ट्यून की जगह नई आवाज सुनाई देने लगी है। वह आवाज जानीमानी वाॅयस ओवर आर्टिस्ट जसलीन भल्ला की है। न कवल आवज बदली है, बल्कि हिदायतें भी बदल गई हैं। अब मास्क पहनने और कोरोना को लेकर बरती जाने वाली ढिलाई की जगह वैक्सीन की भी बात की गई है। नई कॉलर ट्यून भी हिंदी और अंग्रेजी दोनों में है।
आखिर कौन है जसलीन भल्ला
जसलीन भल्ला एक जानी-मानी वॉइस ओवर आर्टिस्ट हैं। वह पहले भी कोरोना से जुड़ी कॉलर ट्यून (कोरोना वायरस या कोविड-19 से आज पूरा देश लड़ रहा है। मगर, याद रहे हमें बीमारी से लड़ना है, बीमार से नहीं) को आवाज दे चुकी हैं। वह स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रह चुकी हैं। वह पिछले करीब एक दशक से वॉइस ओवर आर्टिस्ट के तौर पर काम कर रही हैं भल्ला की आवाज हम दिल्ली मेट्रो, स्पाइस जेट और इंडिगो की फ्लाइट में भी सुनते आए हैं।
आवाज बदलने का कारण पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि अब सरकार कोरोना वैक्सीन के प्रति जागरूकता फैलाना चाहती है इसलिए आवाज को बदला गया है। इस नई कॉलर ट्यून में लोगों को टीके के प्रति जागरूक किया जाएगा और संदेश दिया जाएगा कि वो किसी भी तरह की अफवाहों में ना आए। इस कॉलर ट्यून में बताया जाने वाला मैसेज 30 सेकेंड का होगा।
बता दें कि बिग बी की आवाज वाली कॉलर ट्यून हटाने को लेकर कुछ दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि कॉलर ट्यून में अमिताभ बच्चन की बजाय असली कोरोना वॉरियर की आवाज होनी चाहिए।
दिल्ली एनसीआर।। पृथला विधानसभा क्षेत्र के विधायक और हरियाणा सरकार में चेयरमैन विधायक नैनपाल रावत ने आज मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर प्राचीन परंपरा को निभाते हुए बुजुर्ग महिलाओं और बच्चों को सम्मानित किया इनमें वे लोग मुख्य रूप से शामिल रहे। जिन्होंने चुनाव के समय में पर्दे के पीछे रहकर विधायक नैनपाल रावत को जीत दिलवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
इस मौके पर विधायक नैनपाल रावत से सम्मान पाकर बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे फूले नहीं समाए विधायक द्वारा माला व शाल पहनाकर नकद सम्मान लोगों को दिया गया। इस मौके पर विधायक नैनपाल रावत ने कहा कि वह अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें अपने उन कार्यकर्ताओं का सम्मान करने का मौका मिला है। जिन्होंने चुनाव के समय में पर्दे के पीछे काम कर उनका उत्साह बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि अपने ऐसे हजारों कार्यकर्ताओं का ऋण वे जीवन भर नहीं उतार सकते लेकिन उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का भी पूरा प्रयास करेंगे। विधायक नैनपाल रावत ने कहा कि उनके चुनावों में जहां एक 12 साल के बच्चे ने 170 फीट ऊंचे टावर पर चढ़कर उनके नाम का झंडा बुलंद किया तो वही 80 साल के बुजुर्ग उनका उत्साह बढ़ाते नजर आए वहीं महिलाओं के आंसुओं ने उनके जज्बे को और मजबूत कर दिया। और जिसकी बदौलत वे आज विधायक बने हैं वही किसान आंदोलन को लेकर भी विधायक नैनपाल रावत ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
दिल्ली के शालीमार बाग के AD ब्लॉक में एक अजगर मिलने से हड़कंप मच गया। अजगर की लंबाई करीब 8 फीट बताई जा रही है। अजगर रविवार की सुबह 9 बजे पकड़ा गया । लेकिन रिहायशी इलाके में अजगर देखे जाने के बाद से ही लोगों में डर और खौफ का माहौल है । स्थानीय लोगों को सबसे ज्यादा डर बच्चों की सुरक्षा को लेकर बना हुआ है। अजगर को काबू करने के लिए वन विभाग के एक नहीं बल्कि दो लोग मौजूद रहे। दोनों ने मिलकर अजगर को बोरे में बंद कर दिया। लेकिन जब से इलाके से अजगर सांप मिला है लोगों को घर से निकलने में भी डर लग रहा है। आप भी देखिये वीडियो
दिल्ली के राजपार्क थाना इलाके में बनी मशहूर कतरन मार्किट में बम ब्लास्ट की खबर से इलाके में मचा अफरा तफरी का माहौल, स्थानीय लोगो और मार्किट में आये दूसरे लोगो मे मची भगदड़, पुलिस, कैट्स एम्बुलेंस, दमकल समेत बम स्क्वाड की टीमें पहुँची मौके पर, हादसे में घायल हुए लोगो अस्पताल में कराया गया भर्ती, बम ब्लास्ट के हादसे को लेकर की गई थी मॉक ड्रिल।
शुक्रवार को दिल्ली के मंगोलपूरी में कई दशकों से बनी कतरन मार्किट में बम ब्लास्ट की खबर जंगल मे आग की तरह फैल गयी जिसके बाद कतरन मार्केट में बम ब्लास्ट की कॉल के बाद हड़कंप ओर अफरातफरी मच गई ,,हालात ऐसे जिसने भी देखा होश उड़ गए। सड़क पर घायल पड़े लोगों को जिसने भी देखा उसके होश फाख्ता हो गए,। आपको बता दे की ये कोई बॉम्ब ब्लास्ट नहीं दरसल ये एक मोक ड्रिल थी ,,,यानी आपदा के समय होने वाले परेशानियों से निबटने का अभ्यास,,,ताकि वास्तव में यदि कभी भविष्य में ऐसी कोई ऐसी दुर्घटना या हादसा हो तो पुलिस, दमकल, एम्बुलेंस समेत तमाम आपदा विभाग किस तरह से स्थिति को हैंडल करेगे,,इसी का जायजा लेने के लिए राजपर्क थाना क्षेत्र के मंगोल पूरी स्थित कतरन मार्केट में के मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी।
हालांकि इस वजह से कतरन मार्किट के दुकानदारों ओर वहाँ आये लोगो को थोड़ी परेशानी तो हुई लेकिन इस ड्रिल की वहाँ लोगो ने वीडियो बनाकर व्हाट्सएप पर वायरल कर दी और लोगो के अफवाह भी फेल गयी कि मंगोलपूरी कतरन मार्किट में बम ब्लास्ट हो गया है। और लोगो मे ने भी दे देना दन मॉक ड्रिल की वीडियो को आगे जस की तस फॉरवर्ड कर दिया लेकिन देर से ही सही लोगो को आखिरकार इस ड्रिल की सच्चाई पता चल ही गयी कि ये महज एक मॉक ड्रिल थी।
बरहाल बम ब्लास्ट की कॉल चलते ही पुलिस और राजपार्क थाना अध्य्क्ष समेत अन्य आलाधिकारी भी मौके पर पहुँचे। ओर दमकल, कैट्स एम्बुलेंस भी मौके पर आई। अब इस तरह की ड्रिल का समय समय पर हों बहुत जरूरी है ताकि प्रशासन को आणि ख़ामियों का पता चल सके और फिर उसमें सुधार किया जा सके।
दल्ली। नार्थ जिला पुलिस ने अपनी मुस्तैदी से कार लूट कर भाग रहे तीन बाउंसरों को पकड़ा है.ये तीनों बाउंसर एक आई -10 गाड़ी में सिक्योरिटी कम्पनी में काम लेने के बहाने आये और बुराड़ी के शालीमार प्लेस बैंक्वेट के सामने से ड्राइवर के साथ मारपीट कर उसकी XUV -500 लेकर कश्मीरी गेट बस अड्डे के तरफ भाग गए। इसकी सूचना पुलिस को दे गई तो पुलिस ने बिना देरी किये उसके नंबर फ़्लैश कर दिए और कश्मीरी गेट थाना क्षेत्र में उन्हें गाड़ी समेत पकड़ लिया गया। इन तीनों लूटेरे बाउंसरों की इतनी जल्दी गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है कि यदि पुलिस आपसी तालमेल के साथ काम करें तो अपराधियों को पकड़ा कितना आसान है। घटना 20 जुलाई को दोपहर करीब डेढ़ बजे की है। पुलिस को XUV-500 कार जैकिंग सूचना मिली थी। पुलिस बिना देरी किये घटना स्थल शालीमार प्लेस बैंक्वेट पहुंचे। कार के ड्राइवर ने बताया की आई 10 रंग के सफ़ेद गाडी में आये तीन लोगों ने उसके साथ मारपीट कर उसे कार की कंडेक्टर साइड में बैठाया और कुछ दूरी पर निरंकारी मंडल गेट के पास धक्का देकर उतार दिया। बुराड़ी थाना पुलिस ने बिना देरी किये गाडी को चेस किया। नार्थ जिला पुलिस ने इस मामले में पुरे तालमेल के साथ काम किया। नतीजा तीनों को गाड़ी समेत दबोच लिया गया। गिरफ्तार लूटेरों में 24 साल का दीपक दलाल बहादुर हरियाणा का रहने वाला है जबकि ब्रिज बिहारी उर्फ़ आनंद और निराला कुमार दोनों किराड़ी के रहने वाले है। ये तीनों लेडी हार्डिंग में बाउंसर थे। अब वे बुराड़ी में ही एक सिक्योरिटी कम्पनी में काम मांगने के लिए आये थे, लेकिन के गाडी गाडी लेकर फरार हो गए।
दिल्ली में लागू नहीं होगा एनपीआर,सीएए और एनआरसी जी हां सही सुना आपने.हम दरअसल ऐसा इस लिए कह रहे हैं क्योंकि दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को एक विशेष सत्र बुलाया गया था। जिसमें चर्चा के बाद नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया। दिल्ली विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा और कहा की बीजेपी कह रही है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी अलग है. लेकिन असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि जिस किसी के पास दस्तावेज है वो हिन्दुस्तानी है. जो-जो हिन्दू इस गलतफहमी में है कि आपके पास दस्तावेज नहीं है तो आपको एफिडेविट में लिखना होगा कि आप पाकिस्तान से हो. एनपीआर के आधार पर एनआरसी होगा। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि डॉक्यूमेंट्स कौन से माने जाएंगे… केवल और केवल किसी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र). स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट होता था वो नहीं चलेगा. नगर निगम का चलेगा या पंचायत का चलेगा. मेरे पास भी नहीं है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है साबित करने के लिए, मेरी बीवी के पास भी नहीं है, मेरे माता-पिता के पास भी नहीं है. बच्चों के पास है. 6 लोगों में से 4 लोगों के पास नहीं है तो क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री के पूरे परिवार को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के तेवर देख कर तो यही लगता है की दिल्ली में सीएए,एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं हो पाएगा। लेकिन इस फैसले के लिए कैंद्र सरकार क्या कदम उठाती हो अब ये देखने वाली बात ज़रुर होगी। क्योंकि दिल्ली से पहले बिहार, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश विधानसभा में भी एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है। ऐसे में समूचे भारत में सीएए,एनआरसी और एनपीआर करने केंद्र सरकार के लिए किसी जंग से कम नहीं होगा।
दुनिया में कब किसकी किस्मत चमक जाए और वो मशहूर हो जाए, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं होता. कुछ ऐसा ही हुआ गुजरात पुलिस की अर्पिता चौधरी के साथ. पिछले साल गुजरात पुलिस में कॉन्सटेबल पद पर तैनात अर्पिता को महिला थाने में टिकटॉक वीडियो बनाने को लेकर सस्पेंड कर दिया गया था. लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस वीडियो के कारण वो सस्पेंड हुईं थीं, उसी से उनकी ज़िंदगी बदल जाएगी. दरअसल टिकटॉक वीडियो सामने आने के बाद महिला कॉन्सटेबल अर्पिता ने गुजरात में काफी पॉप्युलैरिटी बटोरी है. यही नहीं, उनकी गुजराती एल्बम टिकटॉक नी दीवानी हाल ही में लॉन्च हुई है. अर्पिता के इस वीडियो ने रिलीज़ होने के बाद 3 दिनों के अंदर लगभग दो मिलियन व्यूज़ बटोर लिए हैं. इसके अलावा अर्पिता के और भी वीडियोज़ लॉन्च हुए हैं. बॉलीवुड में काम करने को लेकर अर्पिता ने कहा कि उनके पास बहुत सारे प्रस्ताव हैं, पर उन्हें अपने अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी, जिसके बाद ही वो अभिनय कर पाएंगी.
पीतम पूरा के सीडी ब्लॉक के निवासी और निजी स्कूल आधारशिला स्टाफ के बीच रस्ते को लेकर यूँ तो आये दिन कहा सुनी होती है लेकिन सोमवार को बात मारपीट तक पहुंच गयी |आरोप है एक महिला के साथ स्कूल स्टाफ ने स्कूल परिसर में ही मारपीट की, उसके बाद स्थानीय लोग और महिला के जानकार देर शाम तक स्कूल गेट पर जमा रहे |मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया है –मौर्य एन्क्लेव थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है | दिल्ली के पीतम पूरा सीडी ब्लॉक स्थित आधारशिला स्कूल के गेट के बहार देर रात तक कई लोग जमा रहे| मामला इसी ब्लॉक की एक महिला के साथ हुयी हाथापाई का है |
देर शाम तक आधार शिला स्कूल के बहार खड़े स्थानीय लोग और तान्या के परिजन।
आरोप है की स्कूल परिसर में ही स्कूल स्टाफ ने तान्या पसीजा नाम की इस महिला के साथ मारपीट की और गालीगलोच की |यह महिला रिक्शे से अपने घर आ रही थी ,लेकिन स्कूल स्टाफ ने रिक्शे को उनके घर की और आने वाले रस्ते से अंदर आने नहीं दिया –रिक्शा चालक से बदतमीजी की , इसकी शिकायत लेकर जब वह स्कूल पहुंची तो वहां तान्या के साथ दुर्व्यवहार हुआ ,उसे मेल स्टाफ ने थप्पड़ मारा — दरअसल आधार शिला स्कूल के गेट के सामने एक सड़क है जो पीतम पूरा मुख्य मार्ग को सीडी ब्लॉक इलाके से जोड़ती है |स्कूल दो बजे के बाद इस रस्ते को बैरीगेट लगाकर बंद कर देता है |इससे स्थानीय लोगों को परिसानी हो जाती है |तान्या भी इसी सड़क से आ रही थी जिसे सड़क पर तैनात स्कूल स्टाफ ने रोक दिया |लोगों का कहना है की स्कूल को स्थानीय लोगों के साथ इस तरह से पेश नहीं आना चाहिए |तान्या और स्थानीय लोग देर शाम तक स्कूल प्रिंसिपल या किसी जिम्मेदार शख्स के बात करने के लिए गेट के बार खड़े रहे |इस शख्स नशे में बहार निकला तो उससे भी कुछ कहा सुनी हुयी |बहरहाल मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया है |मौर्य एन्क्लेव थाना पुलिस महिला की शिकायत पर स्कूल के सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर मामले की जांच कर रही है |इस मामले में दिल्ली दर्पण टीवी ने स्कूल प्रशासन से भी उनका पक्ष जानना चाहा लेकिन वे बात करने को तैयार नहीं हुए |आधार शिला स्कूल के इस व्यव्हार और घटना से स्थानीय लोग आतंकित है |साथ ही हैरान भी है की आधारशिला स्कूल इतनी मनमानी भला कैसे कर सकता है |
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। अब उनके घर के बाहर का एक नया वीडियो सामने आया है। उनके आवास के पास जला हुआ मलबा देखा गया। जिसमें जला हुआ 500 का नोट भी मिला है।
वहीँ, जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इनकार किया है और दावा किया है कि स्टोररूम में उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य के द्वारा कोई नकदी नहीं रखी गई। जस्टिस वर्मा ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश ने नकदी मिलने के मामले की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा से उनके ऊपर लगे आरोपों पर जवाब मांगा था।
जस्टिस डीके उपाध्याय को लिखा पत्र
जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजे पत्र में जस्टिस वर्मा ने लिखा कि ‘मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य को स्टोर रूम में मिली नकदी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही मेरे या मेरे परिवार को ये नकदी दिखाई गई।’ जस्टिस वर्मा ने आगे बताया कि ’14-15 मार्च की रात उनके सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी। यह स्टोर रूम उनके स्टाफ क्वार्टर के पास स्थित है। स्टोर रूम को आम तौर पर इस्तेमाल न होने वाले फर्नीचर, बोतल, क्रॉकरी, इस्तेमाल किए हुए कारपेट आदि रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही उस स्टोर रूम में सीपीडब्लूडी का सामान भी रखा रहता है। स्टोर रूम में कोई ताला नहीं है और वहां कई अधिकारी आते जाते रहते हैं। इस स्टोर रूम में सामने के दरवाजे से और पीछे के दरवाजे से भी आया जा सकता है। यह मेरे आवास से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ नहीं है और यह मेरे घर का हिस्सा नहीं है।’
जस्टिस वर्मा ने बताया कि ‘जिस दिन आग लगने की घटना हुई, उस दिन वे अपनी पत्नी के साथ मध्य प्रदेश में थे। उस वक्त घर पर सिर्फ मेरी बेटी और मेरी बुजुर्ग मां ही घर पर थीं। मैं 15 मार्च की शाम को भोपाल से दिल्ली लौटा। जब आग लगी तो मेरी बेटी और मेरे निजी सचिव ने फायर ब्रिगेड को फोन किया। आग बुझाने के दौरान मेरे सारे स्टाफ और मेरे घर के सदस्यों को आग वाली जगह से हटा दिया गया था। जब आग बुझ गई और जब ये लोग वहां पहुंचे तो मौके पर कोई नकदी नहीं थी। मैं फिर एक बार साफ कर दूं कि न तो मेरे द्वारा या मेरे परिवार के द्वारा कोई नकदी स्टोर रूम में रखी गई थी और न ही कथित तौर पर मिली नकदी से हमारा कोई संबंध है। ये पैसा हमारे द्वारा रखे जाने का दावा पूरी तरह से हास्यास्पद है।’ उन्होंने कहा कि एक ऐसी जगह पर नकदी रखने का विचार ही बेतुका है, जहां सब लोग आ जा सकते हैं। जस्टिस वर्मा नकदी मिलने की बात से ही इनकार कर रहे हैं, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार की शाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक वीडियो जारी की, जिसमें जस्टिस वर्मा के आवास से मिले जले हुए नोटों की गड्डियां दिख रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की आंतरिक जांच शुरू करने का दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच तक जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई भी न्यायिक जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपलोड वीडियो पर जस्टिस वर्मा ने कहा कि ‘मैं वीडियो की सामग्री को देखकर हैरान हूं क्योंकि उसमें कुछ ऐसा दिखाया गया है, जो मौके पर मिला ही नहीं।’
दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली के पहाड़गंज में एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस दौरान पुलिस ने कई विदेशियों और 23 महिलाओं को भी पकड़ा है. आपको बता दे कि गिरोह रैपिडो बाइक बुक करने के बाद लड़कियों को ग्राहकों के पास भेजता था। पिछले करीब तीन दिन से चल रही छापेमारी के दौरा पुलिस ने इस संबंध में अब तक 22 लड़कियों और सात दलालों को पकड़ा है। इसमें कुछ विदेशी लड़कियां भी शामिल हैं।
पकडे गए मुख्य आरोपियों में नाजिम और रिहान शामिल हैं। मामले पर जिला पुलिस उपायुक्त एम. हर्षवर्धन का कहना है कि अभी गिरोह की जानकारी देना जल्दबाजी होगा। पुलिस लगातार बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। बाकी लोगों के पकड़े जाने के बाद पूरे रैकेट का खुलासा हो पाएगा।
दिल्ली पुलिस की जांच
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहाड़गंज एरिया में इस तरह के सक्रिय गैंग के बारे में जानकारी मिली थी। जांच में पता चला कि ऑनलाइन सेक्स रैकेट सर्च करने पर कुछ मोबाइल नंबर सामने आते हैं। इन नंबरों पर संपर्क करने पर कुछ युवतियों की फोटो भेजी जाती है। बाद में पैसे भी तय किए जाते हैं।
इसके बाद जिले की अलग-अलग टीमों ने छापेमारी करना शुरू किया। पहाड़गंज के चूना मंडी स्थित दो होटल से छह विदेशी लड़कियां मिलीं। बाद में 16 और लड़कियों को बरामद किया गया। सेक्स रैकेट चलाने वाले सात दलालों को भी पकड़ा गया। सूत्रों का कहना है कि इनमें नाजिम और रिहान भी शामिल हैं, जो इस रैकेट को चला रहे थे।
बाइक बुक कर ग्राहकों के भेजी जाती थी लड़कियां
जांच में पता चला है कि रैकेट पहले ऑनलाइन ग्राहकों के पास लड़कियों के फोटो भेजते थे फिर लड़की पसंद आने के बाद उसे रैपिडो बाइक बुक कर ग्राहक के पास भेजते थे। फिलहाल पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मामले पर कुछ भी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं हैं।
दिल्ली के हौज खास के डियर पार्क में लड़का लड़की का शव पेड़ से लटका हुआ मिला, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. पुलिस के मुताबिक, सुबह 6:31 पर एक पीसीआर कॉल मिली थी. पीसीआर कॉल बलजीत सिंह ने की थी जो डिस्ट्रिक्ट पार्क डियर पार्क में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पद पर तैनात हैं. बलजीत सिंह ने बताया कि एक लड़का और लड़की की लाश एक पेड़ की शाखा से लटके हुए हैं. घटना की खबर मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई.
पुलिस ने बताया कि लड़का और लड़की के शव एक नायलॉन की रस्सी से पेड़ से लटके हुए थे. दोनों की उम्र 17 साल के करीब है और दोनों एक ही रस्सी से पेड पर लटके हुए थे. मौके पर तुरंत क्राइम ब्रांच को बुलाया गया और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पुलिस तफ्तीश कर रही है कि आखिर यह दोनों लड़का लड़की कौन है? इनकी पहचान क्या है और क्या यह खुदकुशी है या फिर हत्या कर किसी ने लाश यहां पर टांग दी है. पुलिस हर एक एंगल से जांच कर रही है.
घटनास्थल से एफएसएल टीम ने साक्ष्य जुटाए और पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. पुलिस ने बताया कि लड़के ने काली टी-शर्ट और नीली जींस पहनी हुई थी और लड़की ने हरे रंग के कपड़े पहने हुए थे. शवों को शवगृह में रखवा दिया गया है. आगे की जांच की जा रही है. इसके अलावा इलाके में दोनों की तस्वीर दिखा कर उनके परिवार वालों के बारे में जानकारी पता लगाने की कोशिश की जा रही है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता आत्ममंथन कर रहे हैं. दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेता गोपाल राय दो बार पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुके हैं, तो वहीं पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल विपश्यना के लिए पंजाब में हैं. पार्टी के दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया राजस्थान स्थित विपश्यना ध्यान शिविर से लौट आए हैं. ऐसे में पार्टी की आगे की रणनीति पर सबकी नजरें टिकी हुई है.
दरअसल, इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है तो पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पार्टी दूर रहेगी. जबकि पार्टी की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने पहले की तरह गुजरात और गोवा में संगठन को मजबूत करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब के बाद पार्टी को गुजरात और गोवा में सफलता मिली है. आतिशी बीते 10 मार्च को गोवा के दौरे पर थीं, वहां कार्यकर्ताओं से हुई बातचीत के बाद जब दिल्ली लौटी तो उन्होंने स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से दूर रहेगी, मगर पार्टी पहले की तरह वर्ष 2027 में होने वाले गोवा और गुजरात चुनाव अपने दम पर लड़ेंगी.
आतिशी ने यह भी स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस या अन्य किसी भी विपक्षी दलों से पार्टी गठबंधन नहीं करेगी. आम आदमी पार्टी का कहना है कि वर्ष 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के दो विधायक चुनाव जीते थे और वह आज तक पार्टी के साथ बने हुए हैं. जबकि कांग्रेस ने 11 सीटें जीती, लेकिन उसके बाद 8 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गोवा और गुजरात विधानसभा चुनाव में वो अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस समेत अन्य किसी भी दल से आम आदमी पार्टी गठबंधन नहीं करेगी.
दिल्ली में लगातार 10 वर्षों तक सत्ता में रही आम आदमी पार्टी अब विपक्ष की भूमिका में है, वहीं पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार है. इन दोनों राज्यों के बाद अभी तक आम आदमी पार्टी का गुजरात में प्रदर्शन बेहतर रहा है. दिसंबर 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 14 फीसद वोट मिला था, तब से आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग द्वारा प्रमाणित राष्ट्रीय पार्टी बन गई है. आम आदमी पार्टी के 5 विधायक गुजरात और 2 विधायक गोवा में हैं. इसके बाद अब पार्टी अभी से ही पूरे दम-खम से इन दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुट गई है.
शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाए जाने पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि एक साल से पंजाब की जनता को आने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. इस पर भी तो किसान भाइयों को सोचना चाहिए. हम लोगों के मन में उनके प्रति जरा भी गलत भाव नहीं है.
इसके साथ ही आप सांसद संजय सिंह ने कहा, “मैं सकारात्मक बात कर रहा हूं. हम किसान भाइयों का सम्मान करते हैं. हम किसानों के साथ थे, हैं और रहेंगे.” आपको बता दें कि 19 मार्च को पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया था और शंभू बॉर्डर पर बने उनके टेंट को बुलडोजर के जरिए हटा दिया था. गुरुवार को शंभू-अंबाला हाईवे पर यातायात शुरू कर दिया गया. करीब एक साल बाद यहां पर ट्रैफिक शुरू हुई. पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई पर आप की सरकार निशाने पर आ गई.
इस बीच पंजाब सरकार ने शुक्रवार शाम चार बजे किसानों के साथ बातचीत के लिए बैठक बुलाई है. ये बैठक चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में होनी है. शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद ये बैठक बुलाई गई है.
गौरतलब है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर पिछले साल 13 फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा था. पंजाब पुलिस की कार्रवाई पर विपक्षी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य की सरकार ने किसानों के साथ ‘धोखा’ किया.