-डिम्पल भारद्वाज, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली में लागू नहीं होगा एनपीआर,सीएए और एनआरसी जी हां सही सुना आपने.हम दरअसल ऐसा इस लिए कह रहे हैं क्योंकि दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को एक विशेष सत्र बुलाया गया था। जिसमें चर्चा के बाद नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया। दिल्ली विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनपीआर और एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा और कहा की बीजेपी कह रही है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी अलग है. लेकिन असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि जिस किसी के पास दस्तावेज है वो हिन्दुस्तानी है. जो-जो हिन्दू इस गलतफहमी में है कि आपके पास दस्तावेज नहीं है तो आपको एफिडेविट में लिखना होगा कि आप पाकिस्तान से हो. एनपीआर के आधार पर एनआरसी होगा। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि डॉक्यूमेंट्स कौन से माने जाएंगे… केवल और केवल किसी सरकारी एजेंसी द्वारा जारी किया गया बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र). स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट होता था वो नहीं चलेगा. नगर निगम का चलेगा या पंचायत का चलेगा. मेरे पास भी नहीं है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है साबित करने के लिए, मेरी बीवी के पास भी नहीं है, मेरे माता-पिता के पास भी नहीं है. बच्चों के पास है. 6 लोगों में से 4 लोगों के पास नहीं है तो क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री के पूरे परिवार को डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के तेवर देख कर तो यही लगता है की दिल्ली में सीएए,एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं हो पाएगा। लेकिन इस फैसले के लिए कैंद्र सरकार क्या कदम उठाती हो अब ये देखने वाली बात ज़रुर होगी। क्योंकि दिल्ली से पहले बिहार, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश विधानसभा में भी एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पास हो चुका है। ऐसे में समूचे भारत में सीएए,एनआरसी और एनपीआर करने केंद्र सरकार के लिए किसी जंग से कम नहीं होगा।
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