Tuesday, April 30, 2024
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लोकसभा चुनाव 2024 – दिल्ली में कांग्रेस के कार्यकर्ता और स्थानीय नेताओं में गज़ब की मायूसी क्यों ?

राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण 

दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है। दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने अपने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच 4 -3 सीट फार्मूले के साथ आपस में समझौता हो गया है। आम आदमी पार्टी ने अपने हिस्से की चार सीटों नई दिल्ली , पूर्वी दिल्ली , पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली पर अपने चारों प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है जबकि कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर सकी है। समझौते के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में उत्साह का संचार हुआ , लेकिन प्रत्याशियों की घोषणा अभी तक नहीं होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह ठंडा होता जा रहा है। कांग्रेस को जो तीन सीटें मिली है उनमें चांदनी चौक , उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी दिल्ली वाली सीटें है।

इन सीटों पर भले ही कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की हो ,लेकिन राजनीतिक हलकों और मीडिया रिपोर्ट में जिन जामों पर मोहर लगाई जा रही है उससे भी कांग्रेस कार्यकर्ता और दिल्ली के नेता मायूस है। खासकर चांदनी चौक और उत्तर पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीटों पर जो नाम है वह कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को निराश कर रहे है। इनमें उत्तर पश्चिम दिल्ली लोकसभा के स्थानीय नेता , पूर्व विधायक और कार्यकर्ता बेहद निराश है। यहाँ से राजकुमार चौहान , सुरेंद्र कुमार और पूर्व सांसद डॉ उदित राज का नाम चर्चा में था। लेकिन कांग्रेस के बड़े नेताओं तक यह बताया जा रहा है की यहाँ से उदित राज का टिकट लगभग कन्फर्म है। डॉ उदित राज यहाँ से बीजेपी के सांसद रहे है। विगत चुनाव से ठीक पहले वे बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। लिहाज़ा इसे कमिटमेंट कहें उनके पूर्व सांसद होने का लाभ की इस बार उनकी यहाँ से टिकट कन्फर्म मानी जा रही है। इससे स्थानीय बीजेपी नेता और कार्यकर्ता बेहद मायूस है। 

उत्तर पश्चिम दिल्ली के कई पूर्व विधायक और नेता यह मानते है की डॉ उदित राज सबसे कमजोर उम्मीदवार साबित होंगे। इतनी कमजोर की शायद वे अपना प्रचार तक ठीक से शुरू नहीं कर सकेंगे। वजह जब वे सांसद थे तो वे ना बीजेपी कार्यकर्ताओं में पैठ बना पाए और दिल्ली देहात के लोगों में अपनी पकड़ बना पाए। खुद दलित वोट बैंक में भी उनका प्रभाव ना के बराबर है। डॉ उदित राज को टिकट देना बीजेपी को वॉक ओवर देना जैसा बताया जा रहा है। इनसे अच्छा सुरेंद्र कुमार और राजकुमार चौहान ज्यादा अच्छे उम्मीदवार होते। खबर है की कांग्रेस को भी इसका अहसास है और वह राष्ट्रिय स्तर पर किसी ऐसे उम्मीदवार को सामने रख सकती है जो न केवल सबदे लिए स्वीकार्य हो बल्कि उसके साथ सभी जुड़ भी सकें।  चांदनी चौक में पहले अलका लांबा ,  जय प्रकाश अग्रवाल , हरिशंकर गुप्ता का नाम लिया जा रहा था। लेकिन अब अचानक संदीप दीक्षित का नाम चर्चा में है। संदीप दीक्षित पहले पूर्वी दिल्ली से टिकट से दावेदारी करते नजर आ रहे थे। लेकिन अब अचानक अब मीडिया रिपोर्ट में कांग्रेस के फायर ब्रांड नेता कन्हैया कुमार का नाम सामने आ गया है। और संदीप दीक्षित का नाम अब चांदनी चौक सीट पर लिया जा रहा है। इस सीट पर कांग्रेस के नेता भी मानते है कि यहाँ वैश्य समाज का प्रत्याशी ही बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकता है। यदि संदीप दीक्षित यहाँ से चुनाव लड़ते है तो बीजेपी के लिए जीत की राह आसान हो जाएगी। लोकसभा चुनावों के उम्मीदवारों की घोषणा में हो रही देरी के साथ साथ मीडिया रिपोर्ट में जो नाम सामने आ रहें है उनका आंकलन कर कार्यकर्ता निराश  है। उन्हें लग रहा है की दिल्ली में इस बार उनका सांसद बन सकता है लेकिन यह देरी और उम्मीदवारों का गलत चयन उनकी उम्मीदों पर पानी फेर सकता है। 

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