Saturday, July 27, 2024
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बवाना इंफ़्रा ने शुरू किया वृक्षारोपण का अभियान, एक दिन में लगाए 5 हज़ार पौधे

राजेंद्र स्वामी
नई दिल्ली, 20 जुलाई 2024। हरित बवाना-स्वच्छ बवाना के संकल्प के साथ दिल्ली के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल एरिया बवाना में इस इस वर्ष भी वृक्षा रोपण अभियान की शुरुआत हुयी है। बवाना इंफ़्रा द्वारा आयोजित इस वृक्षा रोपण के इस महा अभियान के मुख्य अतिथि संजीव मित्तल, प्रबंध निदेशक डी एस आई डी सी थे जिन्होंने पेड़ लगाकर इस अभियान की शुरुआत की। अभियान के पहले ही दिन बवाना औद्योगिक क्षेत्र के अलग अलग सेक्टर में 5000 पौधे लगाए गए। बवाना बड़े गोल चक्कर पर आयोजित इस वृक्षा रोपण अभियान में बवाना उद्योगिक क्षेत्र के कारोबारी, उधमी सहित कई प्रशासनिक विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।
इस मौके पर एसीपी बवाना विवेक भगत, सीआईएसएफ के कमांडेंट विजय कुमार, फायर डिपार्टमेंट बवाना के एडिशनल डिवीजन ऑफिसर आर के सिन्हा और टाटा पावर के जिला प्रबंधक नवीन कुमार ने भी विशेष आमंत्रण पर इस पौधरोपण अभियान में हिस्सा लिया। 15 अगस्त 2024 तक चलने वाले इस अभियान में गुलमोहर, जामुन, पिलखन, अमरुद, नीम पापड़ी जैसे 30 हज़ार पौधे लगाए जायेंगे। बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के प्रमुख एसोसिएशंस ने बवाना इंफ्रा की इस पहल को सराहनीय बताया। क्षेत्र के कारोबारी भी मानते है कि वृक्षा रोपण ही काफी नहीं है बल्कि इन पौधों को सम्भालना और पालना भी जरूरी है।
दिल्ली में पर्यावरण एक बड़ी चुनौती और चिंता का विषय बना हुआ है, कभी गर्मी तो कभी जहरीली गैस तो कभी रिकॉर्ड तोड़ सर्दी ये सब पर्यावरण की हानि के साइड इफेक्ट है जो बेहद गंभीर है। इस गंभीर समस्या का सबसे कारगर समाधान यही है की हम ज्यादा से ज्यादा पड़े लगाए, धरती को हराभरा बनायें, बवाना में भी यह प्रयास हो रहा है।

दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन, जानें दिल्ली और भारत पर पड़ने वाला प्रभाव

दिल्ली दर्पण, बिजनेस
नई दिल्ली, 19 जुलाई 2024। दुनिया भर में माइक्रोसॉफ्ट के सर्वन डाउन हो गए हैं। इससे विमान सेवाओं से लेकर रेलवे और अन्य सेवाएं भी बाधित हुई हैं। भारत में इस आउटेज का कई चीजों पर प्रभाव पड़ा है।
दिल्ली एयरपोर्ट से जाने वाली फ्लाइट्स का मैन्युअल चेक-इन हो रहा है। मैनुअल चेक-इन की वजह से एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतार लग गई है। वहीं अंतर्देशीय कुछ फ्लाइट कैंसिल कर दी गई है।दरअसल, माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन होने के बाद भारत में कई एयरलाइंस को अपने परिचालन में व्यवधान का सामना करना पड़ा है। ऐसे में कई उड़ानों को रोक दिया गया है। उड़ानों के चेक-इन से लेकर टिकट बुकिंग तक में समस्या हो रही है। इसके अलावा भारत में बैंकिंग सेवाओं पर भी असर देखने को मिला है।
दिल्ली एयरपोर्ट ने एक्स पर पोस्ट किया, वैश्विक आईटी मुद्दे के कारण, दिल्ली हवाई अड्डे पर कुछ सेवाएं अस्थायी रूप से प्रभावित हुईं। हम अपने यात्रियों को असुविधा कम करने के लिए अपने सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे एयरलाइन के संपर्क में रहें।
इसके अलावा सरकारी और प्राइवेट कई अस्पताल में भी माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर में टेक्निकल इशू आने के कारण सेवाएं बाधित हुई हैं। भारत और दिल्ली के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पताल में मरीज को मैन्युअल पर्ची देकर इलाज किया जा रहा है। भारत इकाई प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में पर्ची से लेकर मेडिकल टेस्ट माइक्रोसॉफ्ट सॉफ्टवेयर के जरिए क्या जाता है, जिसके कारण यह सेवाएं बाधित हुई हैं।

बजट आने से पहले दिल्ली सरकार की डिमांड, केंद्रीय बजट से मांगे 10 हजार करोड़

दिल्ली दर्पण, राजनीति
नई दिल्ली, 19 जुलाई 2024। दिल्लीवालों की केंद्र सरकार से मांग है कि वह जो इन्कम टैक्स के रूप में 2 लाख करोड़ रुपए देते हैं, उसमें से 10 हजार करोड़ रुपए मिलने चाहिए। यह रकम केंद्र के बजट का मात्र 0.25% है। वहीं यह रकम दिल्लीवालों के इनकम टेक्स का मात्र 5% है। केंद्र दिल्ली द्वारा दिए गए पैसे का बाकी हिस्सा देश में सड़कें और अस्पताल जैसे कामों पर खर्च करे लेकिन दिल्ली को भी उनके हक का पैसा दिया जाये।
केंद्रीय बजट से पहले केजरीवाल सरकार केंद्र के सामने रखी डिमांड रखी है। दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी के विकास के लिए केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को चालू वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं। इस बजट पर पूरे देश की निगाह है। आम आदमी हो या उद्योगपति हर कोई इस उम्मीद में है कि उसकी झोली में क्या आ रहा है।
दिल्ली से केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का टैक्स मिलता है लेकिन उसके बदले में दिल्ली को कुछ नहीं मिलता है। आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि दिल्ली से 25,000 रुपये करोड़ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स l कलेक्शन होता है।
आप नेता ने कहा कि दिल्लीवालों की केंद्र सरकार से मांग है कि दो लाख करोड़ दिए हुए टैक्स में से 10 हजार करोड़ रुपये दिल्ली को मिलने चाहिए। यह केंद्र सरकार के पूरे बजट का मात्र 0.25 प्रतिशत है। दिल्ली के लोगों ने पिछले वर्ष टैक्स के रूप में 35 हजार करोड़ रुपए दिए। इस पैसे को अरविंद केजरीवाल जी की सरकार ने दिल्लीवालों पर खर्च किया।

मॉनसून में बचिए पेट के संक्रमण के, खानपान में बरतें सावधानी

दिल्ली दर्पण हेल्थ डेस्क
नई दिल्ली, 19 जुलाई 2024। मानसून में पेट से जुड़ी कई बीमारियों सामना करना पड़ता है। इस मौसम में बहुत जल्दी पेट की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। इसमें पेट दर्द, कब्ज या दस्त बहुत ही कॉमन है जो वायरल डायरिया, बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेरिटिस और फूड पॉयजनिंग के कारण हो सकता है। इसलिए मानसून में आपको इंफेक्शन वाली चीज़ों से दूर रहना जरुरी हैं। मानसून में क्या हों एहतियात ताकि न हो पेट की कोई भी समस्या।
एम्स के डॉ अमित मिश्र कहते हैं कि इस मौसम में एक तो पानी संक्रमित होता है.साथ ही बैक्टीरिया और वायरस भी आसानी से पनपते हैं. ऐसे में अगर लोग खाने और पीने के मामले में लापरवाही बरतते हैं और बाहर का कुछ भी उल्टा-पुल्टा खा लेते हैं उन्हें पेट का आसानी से संक्रमण हो सकता है। पेट का संक्रमण दूषित पानी पीने की वज़ह से, खाने को ठीक से ना पकाने की वजह से, संक्रमित या बासी मीट का सेवन करने से या फिर खाने को ठीक से ना ढककर रखने से हो सकता है क्योंकि ऐसे में बैक्टीरिया आसानी से पेट में चला जाता है और पेट के संक्रमण का कारण बनता है। पेट के संक्रमण के कुछ आम लक्षण होते हैं जैसे पेट दर्द, दस्त, मिचली, सिरदर्द, शरीर में दर्द, पेट में ऐंठन, बुखार, थकान और उल्टी। अगर सही समय पर इस समस्या का निजात नहीं निकाला जाएगा तो आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है।

बैक्टीरिया के साथ वायरस ज़िम्मेदार
बारिश का मौसम आते ही चारों ओर का वातावरण भी प्रदूषित सा होने लगता है जिससे संक्रमण काफी तेजी से फैलता है। इस दौरान अनेक बीमारियां भी फैलती है। इसका कारण बैक्टीरिया होता है जो पानी या दूषित खाने से पेट में चला जाता और संक्रमण पैदा होता है जिससे कई प्रकार की समस्याएं होने लगती है। पेट संबंधी समस्या के बढ़ने के कारण अलग-अलग तरह के वायरस भी होते है। ऐसे समय में हमारा बिगड़ा खानपान के कारण भी पेट का संक्रमण काफी तीव्र गति से फैलता है। संक्रमण के फैलने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

हो सकती है आंत में सूजन
पेट में इंफैक्शन होने पर सूजन, पेट फूलना, कब्ज और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती है जिससे आंत में सूजन आ जाती है. इसके कारण आपको पेट में दर्द, मरोडें उठना, उल्टी, सर्दी लगना, कमजोरी और भूख ना लगना जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मितली और उल्टियां आना, शौच में रक्त आना, खट्टी डकारें आना और एसिडिटी होना भी इसके आम लक्षण हैं जो कई बार दवाओं से भी ठीक नहीं होता है।

इनसे बचकर रहें
पेट की सूजन ज्यादातर फूड एलर्जी के कारण होती है। अधिक तला-भुना, फास्टल फूड, डिब्बा बंद आहार खाने से बचें, क्यों कि ये फूड एलर्जी का कारण बन सकते हैं। खाने को अच्छी तरह चबाकर न खाने से भी पेट में इंफैक्शन और सूजन की समस्या हो सकती है। इसलिए हमेशा भोजन आराम से और अच्छी तरह चबाकर करें। इससे खाना अच्छे से पचेगा। पेट की सूजन होने पर कार्बानेटेड ड्रिंक्स का सेवन खतरनाक हो सकता है। इसकी बजाए आप नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा ग्रीन टी, पिपरमिंट टी भी पेट की सूजन को कम करती है। शुगरयुक्त आहार का अधिक सेवन करने से बचें। डॉक्टरों के अनुसार दिन में 2-3 बार ही मीठा आहार ले सकते है।
घर का खाना ही खाएं
इस मौसम में सबसे जल्दी संक्रमण खाने से होता है इसलिए कोशिश करें कि घर का बना खाना खाएं। घर में बने हुए खाने में कई पौष्टिक तत्व होते हैं जो पेट को संक्रमण से बचाते हैं और साथ ही शरीर को भी स्वस्थ रखते हैं। पर ध्यान रहे कि घर पर भी खाना साफ सुथरा हो। घर में आप फलों को अच्छी तरह धो कर ही खाइए। जिससे उन पर जमे हुए जर्म्स मर जाये और आप इंफेक्शन से बचे रहें। हमेशा हल्का खाना खाने की कोशिश करें, इससे आपकी एनर्जी बनी रहेगी और आप थका हुआ महसूस नहीं करेंगे। खासतौर पर अपना डिनर काफी हल्का रखें। बासा खाना खाने से बचें। हमेशा भूख लगने पर ही खाएं और ताजा खाना बनाएं। अगर आप बाजार से पैक्ड फूड खरीद रहे हैं तो उसकी एक्सापायरी डेट याद से चैक कर लें।
पानी उबालकर पिएं
मानसून में उबला हुए पानी ही पिएं ताकि उसमें पाए जाने वाले किटाणु, बैक्टीरिया और पैरासॉइट्स मर जाएं। ऐसा करके आप पेट के इंफेक्शन से बचकर स्वस्थ रहेंगे। पानी उबालना ही काफी नहीं पानी को साफ बरतन में स्टोर करना भी जरुरी है। अगर आप फ़िल्टर वाटर पीते हैं फ़िल्टर का पानी हर एक दो दिन में ताज़ा हो जाये यह कोशिश करें।
पिए चावल का पानी
चावल के पानी में एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटी-फंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो पेट को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व पेट के किटाणु का नष्ट करते हैं और पेट से जुड़ी कई समस्याओं से निजात दिलाता है। मानसून में चावल का पानी पीना फायदेमंद होता है
स्ट्रीट फूड से दूर रहें
मानसून में स्ट्रीट फूड के सेवन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे कई पेट से जुड़ी समस्याएं हो जाती है। अकसर जंक फूड या स्ट्रीट फ़ूड खाने से हमें स्टमक इंफेक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है। स्ट्रीट फूड में कई तरह के बैक्टीरिया और जर्म्स पेट में इंफेक्शन का कारण बनते हैं जिसकी वजह से पेट दर्द, कब्ज और दस्त की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए स्ट्रीट फूड के सेवन से बचना आवश्यक होता है।

दिल्ली के पेट्रोल पम्प पर बंद हुए पीयूसी सर्टिफिकेशन, पीयूसी केंद्रों पर भटकते रहे हजारों वाहन चालक

दिल्ली दर्पण राजनीति डेस्क
नई दिल्ली, 18 जुलाई 2024। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल-डीलरों ने हड़ताल कर दी है। पेट्रोल डीलर दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण यानी पीयूसी प्रमाण-पत्र शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि से नाखुश हैं।पेट्रोल डीलरों की हड़ताल के चलते दिल्ली में पेट्रोल पंपों पर पीयूसी केंद्र भी बंद हो गए हैं। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने इस अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।
अनुमान है कि 400 पेट्रोल पम्प पर कुल 650 पीयूसी केंद्र इसकेहड़ताल में शामिल हैं। इन केंद्रों से रोज़ाना लगभग बीस हज़ार वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफ़िकेट जारी होता है। दिल्ली सरकार ने करीब 13 साल के अंतराल के बाद पीयूसी शुल्क में मामूली बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 20 रुपये से 40 रुपये के बीच है। 13 साल बाद मामूली बढ़ोतरी की घोषणा से पेट्रोल पम्प मालिक खुश नहीं हैं। दिल्ली पेट्रोल पम्प डीलर्स एसोसिएशन का मानना है कि पीयूसी केंद्र घाटे का सौदा साबित हो रहा है। इससे सिर्फ एक चौथाई आमदनी होती है।
दिल्ली में पेट्रोल पंप्स पर पीयूसी सर्टिफ़िकेशन सेंटर्स के बंद हो जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पेट्रोल पम्प मालिकों ने दिल्ली के सभी 400 पेट्रोल पम्प पर पीयूसी केंद्र को बंद कर दिया है क्योंकि 13 साल बाद भी दरों में केवल मामूली बढ़ोतरी की घोषणा सरकार द्वारा की गई। अब दिल्ली पेट्रोल पम्प डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि लगातार घाटे में वो पीयूसी केंद्र नहीं चला सकते, वहीं दूसरी तरफ ये हजारों लोगों के लिये नया संकट खड़ा हो गया है।
यदि आप दिल्ली में वाहन चलाते हैं और आपके वाहन का पीयूसी एक्सपायर हो रहा है तो सावधान हो जाएँ क्योंकि दिल्ली के सभी पेट्रोल पम्प पर प्रदूषण जाँच का काम ठप्प हो गया है। अब ऐसे में बिना सर्टोफ़िकेट यदि सड़क पर वाहन ले कर निकले तो 10 हज़ार तक के चालान और तीन महीने के लिये ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड होने का खतरा है।
ऐसा हुआ है सरकार के उस निर्णय के बाद जिसमें उन्होंने पीयूसी सर्टिफ़िकेशन के दर में 20 से 40 रुपये की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया।
आपको बता दें कि बतौर पम्प संचालक एक पेट्रोल पम्प पर औसतन 30-35 गाड़ियाँ रोज़ाना प्रदूषण जाँच के लिये आती हैं। ऐसे में दो दिनों में ही दिल्ली में हजारों गाड़ियाँ ऐसी हैं जिनके पास प्रदूषण जाँच सर्टिफिकेट नहीं है लेकिन उनके पास कोई उपाय नहीं दिख रहा। पेट्रोल पम्प पर सर्टिफ़िकेट के लिये पहुँच रहे लेकिन निराश वापस लौट रहे। दिल्ली पेट्रोल पम्प डीलर्स एसोसिएशन के कॉल पर इन के केंद्रों को सरकार के निर्णय के विरोध में बंद किया गया है। डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि लंबे समय से वो बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उन्हें 75% तक बढ़ोतरी और किराया माफ़ी का आश्वासन परिवहन विभाग की ओर से दिया गया था। परिवहन मंत्री के साथ भी उनकी कई बैठक हुई, उन्होंने कई पत्र भी लिखे लेकिन निर्णय केवल 35% बढ़ोतरी का लिया गया जो उनके लिये घाटे का सौदा है। 13 साल बाद महँगाई कई गुना बढ़ी लेकिन उसके सामने 20-40 रुपये की बढ़ोतरी बहुत कम है। इसपर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि इस समस्या को जल्द सुलझा लिया जाएगा लेकिन फिलहाल यह समस्या सुलझती नहीं दिख रही। गहलोत का कहना है कि हमने डीलर्स की मांग पर पीयूसी चार्जेज बढ़ाए हैं। 13 साल बाद बढ़ोतरी की गई। हम डिलर्स से बात कर रहे हैं। क‌ई राज्य ऐसे हैं जिनमें पीयूसी चार्ज दिल्ली से कम हैं।
दिल्ली में बिना पीयूसी सर्टिफ़िकेट वाहन चलाना मतलब दस हज़ार का चालान और तीन महीने के लिये ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड होने का खतरा। अब सवाल है कि जब हजारों वाहन बिना पीयूसी सर्टिफ़िकेट के चल रहे हैं ऐसे में चालान की संख्या भी बढ़ेगी? या सरकार हड़ताल खत्म होने तक रियायत देगी? पेट्रोल पम्प पर पीयूसी बंदी एक बड़ी समस्या है जिसके बाद लोगों के लिये ये मुश्किल काम हो जाएगा कि वो दिल्ली सरकार के प्रदूषण जाँच केंद्र या डीटीसी डिपो पर स्थित केंद्रों पर पहुँचे।