Wednesday, October 2, 2024
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दिल्ली में प्रदुषण रोकथाम के लिए पेश की गई कार्ययोजना से एनजीटी नाखुश आज फिर होगी सुनवाई …

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नई दिल्ली—दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए पेश की गई कार्ययोजना से एनजीटी खुश नजर नहीं आया। इसके बाद अब गुरुवार को भी इस पर सुनवाई होगी जिसमें हिरयाणा और पंजाब सरकार अपना एक्शन प्लान पेश करेगी। इससे पहले दिल्ली सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से कहा कि राजधानी में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए वह बिना शर्त ऑड-ईवन स्कीम लागू करने को तैयार है।

यानी इसे लागू किया गया तो दुपहियों को कोई छूट नहीं मिलेगी। दिल्ली सरकार ने एनजीटी के सामने वायु प्रदूषण पर रोकथाम लगाने के लिए कार्ययोजना पेश करते हुए यह बात कही। कार्ययोजना में निर्माण गतिविधियों के साथ राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने तथा ऑड-ईवन स्कीम लागू करने की सिफारिश की गई है। लेकिन एनजीटी इससे संतुष्ट नहीं हुआ है और दिल्ली सरकार को गुरुवार तक विस्तृत कार्ययोजना पेश करने को कहा है।

एनजीटी ने दिल्ली के अलावा हरियाणा और पंजाब की सरकारों को भी विस्तृत कार्ययोजना के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है। एनजीटी प्रमुख जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “आप सभी (राज्य) यह बताएं कि प्रदूषण के किस स्तर पर आप कौन सा कदम कब उठाएंगे? प्रदूषण रोकने के लिए आपके सामान्य कदम क्या होंगे?” पीठ ने दिल्ली सरकार के वकील से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के साथ यह भी बताने के लिए कहा कि ऑड-ईवन स्कीम में किन-किन वाहनों को किस तरह की छूट दी जाएगी।

इससे पहले 28 नवंबर को एनजीटी ने दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान की सरकारों से प्रदूषण रोकथाम के लिए कार्ययोजना पेश करने को कहा था। उससे भी पहले ट्रिब्यूनल ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति तथा प्रत्येक राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से अपने-अपने यहां वायु प्रदूषण के स्तर का मासिक विश्लेषण प्रस्तुत करने को कहा था। ट्रिब्यूनल ने इस ब्योरे को अपनी-अपनी वेबसाइटों पर डालने का निर्देश भी दिया था ताकि उसके आधार पर संबंधित अधिकारी प्रदूषण की रोकथाम के लिए उपयुक्त कदम उठा सकें।

सीबीआई की विशेष अदालत ने मोनिंदर सिंह और कोली को दोषी करार दिया…

नई दिल्ली:– सीबीआई की विशेष अदालत ने नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड मामले में मोनिंदर सिंह और सुरेंद्र कोहली को दोषी ठहराया है. अदालत इस मामले में शुक्रवार को सजा सुनाएगी. सीबीआई कोर्ट ने दोनों को धारा 302 और धारा 364 के तहत दोषी ठहराया है. मामले में आखिरी सुनवाई बुधवार को हुई थी.

गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहा सुरेंद्र कोली बुधवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की अदालत में पेश हुआ. अंतिम बहस में उसने पांच मिनट तक सीबीआई जांच पर अंगुली उठाई. इसके साथ ही अदालत में कोली की बहस पूरी हो गई. इस दौरान सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने कोली के पक्ष का विरोध किया.निठारी कांड में मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली पर 16 मुकदमे चल रहे हैं. 8 मामलों में विशेष अदालत से फैसला सुनाया जा चुका है. यह 9वां मामला है जिसमें दोनों को दोषी ठहराया गया है.

पुरा मामला क्या है?

नोएडा का निठारी कांड देश के सबसे ज्यादा जघन्यतम हत्याकांडों में से एक है. 2005-2006 में सामने आए इस हत्याकांड के खुलासे ने सबको हैरान कर दिया था. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नोएडा सेक्टर 31 के पास निठारी गांव में एक के बाद एक बच्चे गायब होने लगे. एक साल तक यह सिलसिला चलता रहा.7 मई 2006 को 21 साल की एक और लड़की पायल जब गायब हुई तो पुलिस को अहम सुराग उसके मोबाइल से मिला. मामले में पहली बार मोनिंदर सिंह पंढेर का नाम सामने आया. लेकिन वो अपने को इस मामले में बेकसूर बताता रहा. जब मोबाइल रिकॉर्ड्स की जांच की गई तो सुरेंद्र कोली से तार जुड़ा. उसे अलमोड़ा से पुलिस ने गिरफ्तार किया. कोली के गिरफ्तारी के बाद इस मामले की एक के बाद एक परते खुलती गई. निठारी कांड के 6 मामलों में कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा भी सुना चुकी है.

सुलझ गई वो मर्डर मिस्ट्री जिसमें एक घर की 4 महिला और सिक्योरिटी गार्ड की हुई थी हत्या!

दिल्ली– 7 अक्टूबर को शाहदरा जिले के मानसरोवर पार्क में जिंदल परिवार की चार महिलाओं और सिक्योरिटी गार्ड की हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस करीब दो महीने से इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए माथापच्ची कर रही थी। पुलिस के मुताबिक इस हत्याकांड की पूरी साजिश मारे गए गार्ड राकेश ने रची थी। लेकिन उसके साथियों ने उसे भी मौत के घाट उतार दिया गया। जिंदल परिवार में 15 साल तक गार्ड रहे राकेश ने अपने बेटे अनुज और दामाद विकास को जिंदल परिवार के कैश और गहनों के बारे में बताया था।इसके बाद विकास और अनुज ने अपने दोस्तों को रुपयों का लालच देकर वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार किया। अनुज ने उनके साथ मिलकर सारी योजना तैयार की। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उनका मकसद लूटपाट था। लेकिन 6 अक्टूबर की रात जब वो जिंदल परिवार के घर पहुंचे तो कमरे के सभी दरवाजे बंद थे। राकेश ने कमरे का दरवाजा खुलवाया।  विकास ने दरवाजा खुलते ही नुपुर जिंदल की गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने कमरे में मौजूद चारों महिलाओं का कत्ल कर दिया।इसके बाद हत्यारे कैश और गहने लेकर भागने लगे। इस दौरान विकास ने अपने ससुर राकेश (सिक्योरिटी गार्ड) की भी गला रेत कर हत्या कर दी। इसके बाद वो पार्क में पैसों का बंटवारा करके फरार हो गए। सभी के हिस्से में दो-दो लाख रुपए आए। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू, लूटी गई ज्वेलरी और 50 हज़ार रुपए कैश बरामद कर लिया है। ज्वाइंट सीपी क्राइम अलोक कुमार ने बताया की हत्या के तरीका ने इस केस को सुलझाने में काफी मदद की। उन्होंने बताया कि गला रेतने के तरीके से साफ हो गया था कि इसके पीछे मेडिकल लाइन से जुड़ा कोई शख्स शामिल है। जिसके बाद जांच में पता चला कि मृतक गार्ड का दामाद विकास जीटीबी अस्पताल में स्वीपर के तौर पर काम करता है। इसके बाद पुलिस पूछताछ में विकास ने पूरी कहानी बयां की।

India vs Sri lanka – ऐसे जीती भारत ने टेस्ट सीरीज, विराट का जलवा

नई दिल्ली: फिरोशाह कोटला मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ होने के साथ ही भारतीय टीम ने अपना नया इतिहास रचते हुए वह कारनामा कर दिखाया, जो पहले न तो सौरव गांगुली की टीम कर सकी थी और न ही महेंद्र सिंह धोनी एंड कंपनी. लेकिन इस युवा टीम ने वह कर दिखाया है, जो बहुतों को चौंका सकता है. सीरीज 1-0 से जीतने के साथ ही किए गए इस कारनामे से अब विराट कोहली  की टीम उस मुहाने पर खड़ी हैं, जहां से वह खुद को सबसे ऊपर खड़ा कर सकती है. पहले बात ऑस्ट्रेलियाई टीम की करते हैं, जिसने कारनामे की शुरुआत साल 2005-06 में अपने पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग की कप्तानी में आईसीसी सुपर सीरीज टेस्ट मैच जीतने के साथ की. वहीं, कारनामे का समापन कंगारुओं ने साल 2008 में विंडीज की धरती पर 2-0 से प्रैंक वॉरेल ट्रॉफी जीतने के साथ खत्म हुआ. इन नौ लगातार सीरीज जीतों में ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी जीत साल 2006-7 में आई, जब उसने इंग्लैंड को 5-0 से धो डाला था.भारत की बात करें, तो विराट कोहली की टीम ने इस बाबत अपना सफर साल 2015 में श्रीलंका को उसकी धरती पर 2-1 से मात देने के साथ शुरू किया. और अब इस कारनामे को भी भारत ने जारी सीरीज में श्रीलंका को ही 1-0 से मात देकर कंगारुओं के बराबर पहुंचने का गौरव हासिल किया है. बता दें कि यह रिकॉर्ड एक दो नहीं बल्कि लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीतने का है. लगातार आठ सीरीज जीतने का रिकॉर्ड इंग्लैंड के नाम पर है. भारत की सबसे बड़ी जीत 2016-17 में आई, जब उसने मेहमान इंग्लैंड को 5 मैचों की सीरीज में 4-0 से मात दी. बहरहाल अब करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों की निगाहें कुछ दिन बाद ही दक्षिण अफ्रीका दौरे पर आकर टिक गई हैं. अगर कोहली की टीम यह सीरीज भी जीत लेती है, तो वह लगातार 10वीं सीरीज जीतने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया के रिकॉर्ड पर पानी फेर देगी

रुस, प्योंगयांग में खेले जाने वाले विंटर ओलंपिक से बाहर

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दुनिया– दक्षिण कोरिया के प्योंगयांग में अगले साल विंटर ओलंपिक आयोजित होगा जिसमें रूस शामिल नहीं होगा. आपको जान कर हैरानी होगी की अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ (IOC) ने डोपिंग मामले में रूस पर पाबंदी लगाई है, हालांकि खबर है की  रूस के एथलीट स्वतंत्र रुप से ओलंपिक में हिस्सा ले सकते है जिसका मतलब होगा की ये एथलीट बिना झंडे और राष्ट्रगान का इस्तेमाल किए आयोजन में हिस्सा लेगेंओलंपिक में हिस्सा लेने वाले रूसी खिलाड़ियों को यह साबित करने होगा कि वो डोपिंग में शामिल नहीं हैं. 2014 के सोची ओलंपिक में रूस ने मेजबानी की थी और उस दौरान ही एथलीट्स के प्रयोजित डोपिंग में शामिल होने की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद IOC ने यह फैसला किया है.अब रूस इस फैसले का बहिष्कार कर सकता है क्योंकि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही कह चुके हैं कि खिलाड़ियों के लिए बिना झंडे के ओलंपिक में हिस्सा लेना शर्मसार करने वाला है. हालांकि IOC प्रमुख का कहना है कि बहिष्कार जैसे कोई बात नहीं आने चाहिए क्योंकि हमने डोपिंग में शामिल न रहने वाले खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का मौका दिया है. दक्षिण कोरिया में अगले साल 9 फ़रवरी को विंटर ओलंपिक का आयोजन होना है, ऐसे में प्रतिस्पर्धा का एक प्रमुख देश इसमें बाहर रहेगा.रूस की सरकार अपने पर लगे आरोपों का लगातार खंडन करती आई है बावजूद जांच में पाया गया था कि रूस के डोपिंग विरोधी क़ानूनों के साथ जानबूझ कर खिलवाड़ करने के सबूत मिले हैं. इससे यह बात और भी पुख्ता हो जाती है कि सोची विंटर ओलंपिक के रन-अप में हुई धोखाधड़ी में सरकार शामिल थी.