भले ही दिल्ली पुलिस और केजरीवाल सरकार के बीच रिश्ते अच्छे न हो लेकिन आज फिर से दिल्ली पुलिस के एक स्वर्गवासी कांस्टेबल आनंद कुमार को शहिद का दर्जा दे कर दिल्ली सरकार ने एक नई कहानी लिख दी है । पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए का चेक भी दिया गया इतना ही नहीं नजफगढ़ के एक रोड का नाम भी शहिद आनंद कुमार के नाम से रखा गया। सरकार की इस दरियादिली ने लोगों के मन को जीत लिया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने अपनी FIR में कहा था की जवान आनंद की मौत खुद की गोली लगने से हुई हैं
तीन दोस्त ही निकले दोस्त के हत्यारे
बाहरी दिल्ली के अलीपुर थाना एरिया के मुखमेलपुर के बड़े गंदे नाले में हत्या कर फेंके गए शख्स की हत्या की गुत्थी पुलिस ने कुछ ही घंटो में सुलझाई .. शव की शिनाखत तक नहीं थी पर फिर भी पुलिस ने कुछ ही घंटो में तीन हत्यारों को गिरफ्तार किया ..शुक्रवार को पुलिस को मुखमेलपुर नाले में शव मिला जिसपर निशाँन थे .. साफ़ था की हत्या कर यहां फेंका गया है ।
पुलिस को शव के पास से एक बाइक की चाबी के अलावा और कोई साबुत नहीं मिला जिससे पहचान हो सके ..चाबी पर बाइक के नंबर था जिससे पता चला की बाइक किस कम्पनी की थी पुलिस की टीम ने तुरंत उस नंबर से बाइक ओनर पता किया जो एक ट्रान्सोर्ट कम्पनी मिली और कम्पनी से सम्पर्क किया कम्पनी के मालिक ने बताया उनकी नंगली ब्रांच में ये बाइक है वहां से पता चला की इस बाइक को ले जाने वाला ड्राइवर सूर्य थापा गायब है जाँच के डुरान पुलिस को पता चला की सूर्या को अंतिम बार जिनके साथ शराब पीते देखा गया था उनसे पूछताछ हुई तो मामला खुल गया की शराब के नशे में गाली देने पर उसके दोस्त भड़क गए और सूर्य थापा की हत्या कर दी