Friday, June 28, 2024
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ठंड के लक्षण और बचाव के तरीके

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ठंड का मौसम नज़दीक आ रहा है सर्द हवाएँ चलने लगी है। सुबह- सुबह उठते समय ठण्ड का सामना करना पड़ता है।  रात में तो कोई शायद ही अपने घर से निकलने की सोचे। चारों और कोहरे की चादर दिखाई देगी। जहाँ भी नज़रें जायें सभी लोग अपने आप को गरम कपडे मैं लपेट कर जा रहे होंगें और बार बार चाय कोफ़ी पीने का मन करेगा। ऐसे ही कुछ नज़ारा होता है जब सर्दियाँ शुरू हो जातीं है। वैसे तो इस वर्ष ठण्ड थोड़ी देर से ही आ रही है लेकिन फिर भी इससे बचने के लिए अभी से सतर्क हो जाना ज़रूरी है। ताकि इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स से बचा जा सके। क्योंकि कुछ लोग अंदरुनी तौर पर बहुत कमज़ोर होते हैं और इसके लक्षण उनमें दिखने लगते हैं। आइए इस पर थोड़ा विचार करें की सर्दी  से होने वाली बीमारियां क्यों होती हैं और उसका समाधान कैसे किया जा सकता है। 

 

मुख्य कारण 

1.अधिक ठन्डे भोज्य पदार्थों का सेवन – ठंड में यदि अधिक ठंडा खाना देर तक बहार रखा हुआ या फिर फ्रिज से तुरंत निकालकर खाना खाने से बीमारी जल्दी पकड़ सकती है इसलिए ज़रूरी है की ठंडे खाने और बहार के खाने से परहेज करें और मुमकिन हो तो घर का बना हुआ ताज़ा खाने का ही सेवन करें।  

2.पैरों में बिना जूते पहन के घूमना – मोजे या जूतों के बिना घर से न निकलें अगर घर पर भी पैरों में चप्पल पहन कर रहें तो ज़्यादा अच्छा रहेगा। ध्यान दे की बच्चों को नंगे पैर बिलकुल न घूमने दे।  

3.गरम खाने के तुरंत बाद ही ठंडा खा लेना – गर्म खाने के बाद ठंडे खाने का सेवन कतई  न करे , कुछ लोग ज़्यादा मौज – मस्ती के चलते सर्दियों में आइसक्रीम का सेवन करते हैं ये जानबूझकर बीमारी को न्योता देना का काम करते हैं।  

4.वायरल इन्फेक्शन – सर्दियों में खांसी – ज़ुकाम होना आम बात है इसलिए ऐसे व्यक्ति से ज़्यादा नज़दीकी न बनाये जिस को इस तरह की  कोई परेशानी हो यदि आप को ऐसे खांसी ज़ुकाम हो तो आप भी किसी से ज़्यादा नज़दीकियां न बनायें। 

5.सर्दी से ग्रसित अन्य व्यक्तियों के संपर्क में रहना – ऐसा करने से आपको भी कई परेशानियों का सामना करना पद सकता है। 

6.आसपास की किसी वस्तु से ऐलर्जी हो जाना – यदि आपको किसी वास्तु से एलर्जी है तो उस वास्तु से दुरी बनाये रखें। 

7.आहार विहार में लापरवाही – खाने पीने में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अपना व अपने परिवार का पूरा ध्यान बड़ी ही कुशलता से कर सकते हैं। 

8.बहुत अधिक थकान – अधिक थकान से भी बीमारियां आपके नज़दीक आ सकती है इसलिए बेवजहा काम करके अपने शरीर को न थकायें।  

 

लक्षण-

1.गले में घरघराहट

2.नाक बंद हो जाना

3.सर दर्द होना

4.चिडचिड़ाहट होना

5.हल्का हल्का बुखार होना  

6.आवाज़ में घरघराहट

7.छींकना

8.स्वाद और सुगंध की अनुभूति कम होना

9 . खांसी होना 

बचाव –

1.सामान्य रूप से लोग सर्दी होने पर ऐंटीबायॉटिक्स का प्रयोग करते हैं; लेकिन बिना डॉ कि सलाह के इसे लेना जानलेवा भी साबित हो सकता है।

2.यहाँ यह भी जान लेना आवश्यक है कि ऐंटीबायॉटिक्स बैक्टीरिया के विरुद्ध कार्य करते हैं न कि वायरस और अलर्जी के विरुद्ध।इसलिए, सामान्य सर्दी ज़ुखाम जो कि वायरस या अलर्जी के कारण हो रहे हैं, उनमें ये दवाएं लेने का कोई लाभ नहीं होता है।

4.सामान्य रूप में इस रोग से बचाव के उपाय ही इसका उचित इलाज है।

5.जिन लोगों को सर्दी है, उनसे उचित दूरी बनाकर रखें; ख़ास तौर पर तब जब वे खांसें या छींके।

6.सही समय पर संतुलित भोजन करें।

7.ठंडा व बासा भोजन न करें।

8.भोजन व पेय पदार्थों में सोंठ और काली मिर्च का प्रयोग अवश्य करें।

9.छींकते व खांसते समय मुंह व नाक को ढककर रखें।

10.भोज्य पदार्थों को ढककर रखें।

11.पर्याप्त मात्रा में यदि मन न हो तब भी पानी अवश्य पियें।

12.आराम अवश्य करें क्योंकि इससे ऊर्जा का संग्रहण होता है।

13.भोजन में विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे नींबू का प्रयोग करें।

14.यदि सर्दी के लक्षण 3 दिन से ज्यादा रहे तो चिकित्सक से परामर्श करें।

15 .यदि छाती में दर्द हो, लगातार खांसी आए, कान में दर्द हो या बलगम भूरा या लाल रंग का आता हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

16.अगर आप अस्थमा  से पीड़ित हैं तो कुछ भी उपाय करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

17.अगर कोई छोटा बच्चा सर्दी से पीड़ित है तो भी डॉ की सलाह अवश्य लें ,

एक करोड़ के रंगदारी की मांग, नीरज बावनिया गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार 

–मुकेश राणा ( दिल्ली दर्पण ब्यूरो )
बाहरी दिल्ली।  बाहरी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने नीरज बावनिया गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफत किया है। विकास फौजी , रवि दरियापुर और सुनील नाम के ये तीनो बदमाश सन्नोट के प्रसिद्ध दाल कारोबारी से एdcp outer delhi vikramjeet singhक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग कर रहे थे।  इन्होने कारोबारी गिरिधर आनंद को फिरौती के लिए फोन किया और फिर इन्होने  5 -6 नवम्बर की रात को उसे डराने के लिए मिल के बहार उस पर गोली चलाई।  कारोबारी की शिकायत पर पुलिस ने इन्हे गिरफ्तार कर लिया है। विकास फौजी , रवि दरियापुर , और सुनील नाम के ये तीनो आरोपी बाहरी दिल्ली के घेवरा , दरियापुर , और सुल्तान पूरी इलाके के रहने वाले है। पुलिस ने इनके कब्जे से एक सेंट्रो कार और तीन देश रिवाल्वर व पांच जिन्दा कारतूस बरामद किये है।
इन  कई मुकदमें चल रहे है।  इन आरोपियों में विकास को बाहरी जिला पुलिस नीरज के विरोधी गिरोह के सदस्य प्रदीप भोला पर रोहिणी कोर्ट में ही गोली चलने के प्रयास में पकड़ा है।  बाहरी जिला पुलिस उपयुक्त विक्रमजीत सिंह ने बताया की विकास उस समय कोर्ट में फाइल में रिवाल्वर दबाकर लिए गया था।  बाद में प्रदीप भोला की नीरज और उसके साथियों ने जेल वैन में ही हत्या कर दी थी।  बाहरी जिला पुलिस  इन गिरफ्तार के रंगदारी वसूलने की कोशिस को बेशक रोक लिया है लेकिन छोटी उम्र की इन लड़कों को देख कर यह अंदाजा लगना मुश्किल नहीं है की बाहरी दिल्ली में नीरज बावनिया गिरोह से नए नए लोग जुड़ते जा रहे है।

महिला की बहादुरी ने बचाई 4 बच्चों की जान

दिल्ली के शालीमार गांव में एक ज्योति सैनी नाम की महिला ने अपनी समझ व बहादुरी से 4 स्कूली छात्रों की जान बचाई। ये महिला शाम के करीब  6 बजे कहीं जा रही थी। जैसे ही ये घर से बहार निकली तभी वहां एक लड़का आया और उनकी छत पर चला गया उन्होंने उस बच्चे को रोकने की कोशिश भी की पर वह उनकी बात को अनसुना करके ऊपर की और बड़ गया। इसके तुरंत बाद उन्हें अपनी गली में शोर सुनाई दिया उन्होंने जब देखा तो लगभग 70 – 80 स्कूली बच्चे उनके घर के सामने खड़े होकर 4 -5 बच्चों को मारने की कोशिश कर रहे थे। ये देखकर ज्योति उनके बच्चे तथा उनके घर में रहने वाली किरायेदार के होश उड़ गए। 

 
अंदाज़ा लगाया जा रहा है की इन बच्चों की आपस में रंजिश चल रही थी। इसलिए कम से कम 70 – 80 बच्चे मात्र 4 -5 बच्चों को मारने के लिए आ रहे थे इनके हाथों में हथियार भी थे किसी के हाथ में डंडा तो किसी के हाथ में लाठी थी। जब ज्योति ने ये सारा मंज़र देखा तो उन्होंने परिस्थिति को सँभालने की काफी कोशिश की उन्होंने उन चारों बच्चों को अपने घर में बंद कर दिया और बाकि के लड़कों को जो की संख्या में ज़्यादा थे समझाने की कोशिश की पर उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी, उल्टा उनसे ही हाथा पाई करने लगे ज्योति ने स्तिथि सुधारने चाही परन्तु बच्चे इतने गुस्से में थे की किसी की बात सुनने की जगह अपना आवेश खोकर बार बार घर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बार बार बच्चों को पकड़ कर घर से बाहर निकला पर वो किसी तरह घर के अंदर घुसकर उन 4 बच्चों के साथ मार पीट करना चाहते थे। इस आपा धापी में ज्योति को भी कुछ अंदरुनी छोटें आई हैं। पर वो उन शैतान बच्चों को भागने में समर्थ रहीं। 
 
हैरत की बात तो ये है की ज्योति उन बच्चों से अकेले ही भीड़ गई पर उनकी गली का कोई भी शख्स उनका साथ देने नही आया इसके विपरीत सभी अपने घरों में छुप गए। और जो बहार थे भी वो इस मंज़र को तमाशे की तरह देखते रहे। क्या हम इस समाज को सभ्य समाज कह सकते है की जहाँ एक महिला इतने सारे बच्चों से इतनी बहादुरी से लड़ रही है वहां इस महिला की सहायता करने के लिए एक भी हाथ आगे नही बड़ा। और इससे भी बड़ी हैरानी की बात तो ये है की इस दौरान पुलिस को भी फोन किये गए पर पुलिस का आज तक कोई पता नही है। ज्योति के अनुसार पुलिस को 6 बार फोन किया गए  है पर पुलिस ने अभी तक कोई खबर नहीं ली है। क्या हम अभी भी सच सकते हैं की हम पुलिस को ज़िम्मेदार कह सकते है जो नागरिक को आश्वस्त करा सके की वो हमेशा हर स्तिथि में उनकी सहायता करेगी। 
 
इस सब विषय पर ज्योति का कहना है की वो ऐसी स्थिति से डरतीं नही है क्योंकि वो उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और वहाँ ऐसी घटनाये होना आम बात है। ज्योति कहती है की मैं हर समय मुश्किलों का सामना करने तथा दूसरों की सहायता करने के लिए आगे रहती हूँ पर यदि इस तरह का जंगल राज हो रहा हो और उनकी सहायता करने के लिए आम जनता तो क्या पुलिस तक नहीं ए तो उन्हें बहुत दुःख होता है। एक चश्मदीद कमल जहाँ का कहना है की ज्योति उन बच्चों से अकेली लड़ रही थी उनकी सहयता के लिए न आम जनता आगे आई और नहीं फोन करने पर पुलिस ही आई ऐसी स्तिथि में हम कैसे मान ले की हम देश की राजधानी दिल्ली में सुरक्षित हैं। 
 
रही बच्चों की बात तो बच्चों का यह रवैया सचमुच हैरान करने वाला है क्योंकि जिस शिक्षा के मंदिर में वो पड़ने जाते है वहां लड़ाई झगड़ा सीख रहे हैं इसके लिए उनके अभिभावकों तथा शिक्षकों को चाहिए की उन्हें अच्छी तालीम दे व सही मार्ग पर चलने को कहें उन्हें शुरू से ही प्यार व भाई चहरे का पाठ पड़ना ज़रूरी है तभी देश के बच्चे देश का सुनहरा भविष्य बन पायेंगें।  

 

चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारम्भ हुआ

अशोक विहार के गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट के द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया  | अशोक विहार एफ ब्लॉक, फेस 1 स्थित ये आर्ट ट्रस्ट के सहयोग से “विब्ग्योर” विषय पर सतरंगी छठा बिखेरती हुई चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया गया। 
हिमान्शु की यह पहली एकल चित्रकला प्रदर्शनी है जोकि अपनी कला की शिक्षा लेने के दौरान इन्होने नेशनल गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट के सहयोग से चित्रकला प्रेमीयों के समक्ष रखी। ये ट्रस्ट उन प्रतिभाशाली और जुझारू कलाकारों को निःशुल्क गैलरी स्पेस देती है जिससे इन कलाकारों की प्रतिभा को सबके सामने लाया जा सके|
 
इस क्षेत्र में अपना नाम बना रहे हिमान्शु मान के 16 चित्रों की प्रदर्शनी की गयी | ये प्रदर्शनी 30 नवम्बर 2015 तक देखी जा सकती है इस प्रदर्शनी में कई महान चित्रकारों ने शिरकत की चित्रकार आहुति नारायण, नमीष अरोड़ा के साथ कई कला प्रेमी मौजूद थे।यह हिमान्शु की पहली एकल चित्रकला प्रदर्शनी है हिमांशु की सभी पेंटिंगस एक्रीलिक माध्यम से कैनवास पर बनाई गई हैं| आर्ट ट्रस्ट के निदेशक रूपचंद ने बताया की हिमांशु की पेंटिंग्स में इतनी प्रतिभा झलक रही थी की प्रदर्शनी में आये सभी दर्शक उनकी  पेंटिंग्स  की ओर आकर्षित होते नज़र आये उन्हें ये चित्र काफी प्रभावी लगे| हिमांशु की चित्रकला का मुख्य विषय प्रमुख हस्तियाँ रही जैसे – कलाम साहब, भगत सिंह, मंगल पाण्डे,  बॉक्सर मेरी कॉम, राज कपूर, दिलीप कुमार व अमिताभ बच्चन |
 
हिमांशु ने इस चित्रकला प्रदर्शनी की सफलता का श्रेय अपने स्कूल के अध्यापक अनूप श्रीवास्तव व प्रिंसिपल हरीन्द्र कुमार को दिया है। जहाँ उनकी चित्रकला की ओर प्रेम और प्रतिभा को समझा गया और कला अध्यापक के कहने पर रूपचंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ फाइन आर्ट ज्वाइन करने की सलाह दी गई और मात्र 4 महीने में 16 चित्रों कला का निर्माण किया। हिमांशु की प्रतिभा और लगन को देखते हुए गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट  के निदेशक ने इनकी एकल प्रदर्शनी का निर्णय लिया। ये प्रदर्शनी 30 नवम्बर 2015 तक देखि जा सकती है इस प्रदर्शनी में कई महान चित्रकारों ने शिरकत की चित्रकार आहुति नारायण, नमीष अरोड़ा के साथ कई कला प्रेमी मौजूद थे।
himanshu

 

नहीं रहे सईद ज़ाफ़री

फ़िल्मो के जाने माने अभिनेता सईद ज़ाफ़री का रविवार शाम लंदन में निधन हो गया है। वह अपनी ज़िंदगी के 86 साल पुरे कर चुके थे।जाफरी अपने दौर के बेहतरीन कलाकारों में से एक थे। उन्होंने न सिर्फ थियेटर ,बॉलीवुड मैं काम किया है बल्कि अपने अभिनय की छाप हॉलीवुड तक बिखेरी है। सईद जाफरी का जन्म पंजाब में हुआ था और उन्होंने लंदन के RADA अकादमी में एक्टिंग की शिक्षा प्राप्त की ।वो पिछले काफी  समय से लंदन में ही रह रहे थे| सईद जाफरी का विवाह मेहरूनिमा (मधुर जाफरी) के साथ हुआ था। लेकिन 1985 में दोनों अलग हो गए थे। सईद जाफरी की तीन बेटियां मीरा, ज़िया और अकीन है।
सईद जाफरी एक बहुत अच्छे और बेहतरीन अभिनेता थे। ऐसा कोई किरदार नही था जिसे वह अपने अभिनय व संजीदगी के साथ किरदार में जान डाल देते थे। उनकी कुछ बेहतरीन फ़िल्में हैं – गांधी, मासूम, शतरंज के खिलाड़ी, हिना, राम तेरी गंगा मैली, चश्मे बद्दूर, जुदाई अजूबा, दिल, किशन कन्हैया, घर हो तो ऐसा, राजा की आएगी बारात, मोहब्बत और आंटी नंबर वन।उन्होने द मैन हू वुडबी किंग, ए पैसेज टू इंडिया, द फ़ार पवेलियंस जैसी अंग्रेजी फ़िल्मों में भी अपने अभिनय का जादू बिखेरा है। बॉलीवुड के महान कलाकारों के साथ हॉलीवुड की महान हस्तियां जिसमें पियर्स ब्रोसनन, शॉन कोनरी और माइकल केन जैसे अंतरराष्ट्रीय नाम सईद जाफरी के सह कलाकार रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त तंदुरी नाइट्स और ज्वेल इन द क्राउन जैसे टीवी शोके लिए भी सईद जाफरी जाने जाते रहे हैं| सईद जाफरी का अभिनय इतना जानदार था। उन्होंने खुद कहा था  “मैं हॉलीवुड नहीं गया, हॉलीवुड मेरे पास आया। “
सईद जाफ़री ने महात्मा गांधी के जीवन पर बनी रिचर्ड एडिनबरा की ऑस्कर विजेता फ़िल्म ‘गांधी’ में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका निभाई थी। जाफरी को साल 1978 में आई सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में मीर रोशन अली के किरदार के लिए फिल्मफेयर की ओर से सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया था। सईद पहले भारतीय थे जिन्हें ‘आर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर’ से नवाज़ा गया था।सईद जाफ़री को याद करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट किया है, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा है, ”सईद जाफ़री बहुमुखी अभिनेता थे। उनके स्वभाव को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि|”
प्रधानमंत्री के साथ कई और बॉलीवुड की हस्तियों ने सईद जाफरी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके अभिनय की तारीफ की  है। निर्देशक गोविंद नेहलानी ने कहा, ”सईद जाफ़री एक बेहतरीन अभिनेता थे और उनके जैसे वरिष्ठ अभिनेता को खोना फ़िल्म जगत के लिए बड़ा नुकसान है.”निर्देशक श्याम बेनेगल ने कहा कि वे “सईद जाफ़री के निधन से काफ़ी दुखी हैं और सईद जाफ़री के साथ उनकी कई यादें जुड़ी हैं। जाफ़री के करीब रहे अभिनेता जैकी श्रौफ़ ने कहा कि ” वे बहुत कल्चर्ड और खूबसूरत इंसान थे।उन्होंने कहा कि सईद जाफ़री के साथ उन्होंने काफ़ी वक्त बिताया और वो उनकी बहुत इज्ज़त करते थे। सईद जाफ़री बहुत नफ़ासत के साथ बात करते थे और जब भी मिलते थे बहुत प्यार से मिला करते थे। जैकी को अफ़सोस है कि वो उनके साथ ज़्यादा काम नहीं कर सके “सचमुच ही सईद जाफरी एक महान कलाकर थे।
सचमुच ही सईद जाफरी एक महान कलाकर थे उन्होंने अपने अभिनय से देश विदेश के सभी लोगों का दिल जीत लिया। हालाँकि उनकी ज़िंदगी में में उत्तर चढ़ाव भी कम नही आए ऊपर से रिश्तों का टूटना पर फिर भी उन्होंने अपने आप को बखूबी संभाला ये कबीले तारीफ है उनका अभिनय इतना संजीदगी भरा था की उन्होंने ऑस्कर विजेता फ़िल्म गांधी और सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया और फिल्म में जान  डाल दी।
अभिनेत्री गुड्डी मारुति ने सईद जाफ़री के साथ एक पंजाबी फ़िल्म में काम किया था, उन्होंने कहा, ” हम दोनों शूटिंग के लिए लुधियाना गए थे, अमृतसर में भी हमने साथ में स्वर्ण मंदिर और जलियांवाला बाग देखा था,” वो बताती हैं, “सईद जाफ़री बहुत ही बेहतरीन कलाकार थे इसमें तो कोई शक नहीं, लेकिन जिस तरह बात करते थे, लगता था कि कोई लोर्ड हों, किसी नवाब की तरह नफ़ासत से बात किया करते थे.”सईद जाफ़री का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने ऑस्कर विजेता फ़िल्म गांधी और सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया.