Friday, June 28, 2024
spot_img
Home Blog Page 1780

दिल्ली में पकडे गए , शातिर ठग

नार्थ वेस्ट जिला पुलिस ऑपरेशन सेल ने एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। यह शख्स एक कॉल सेंटर चलता था जिसमें देश के अलग – अलग राज्यों में अख़बारों में विज्ञापन देकर मोबाइल टावर लगाने का झांसा देकर ठगी किया करता था। इसके साथ इसकी एक महिला सहयोगी भी थी जो इस काम में उसकी सहायता करती थी। इन दोनों के पास फ़र्ज़ी आईडी पर लिये गए सिम और नकली नाम के कई बैंक खाते भी बरामद हुए है। ये अब तक 60 से ज्यादा लोगों को ठग चुके हैं और उनको लाखों रूपये का चुना लगा चुके हैं। 

 

ये ठग देश के सभी राज्यों के अख़बारों में मोबाइल टावर लगवाने वाले विज्ञापन दे कर लोगों को प्रतिमाह मोटी कमाई का झांसा देते थे लोग विज्ञापन पढ़कर इन ठगों से संपर्क साधते व बाद में कुछ लड़के उनके पास जाते तथा फ़र्ज़ी एग्रीमेंट और चेक पर हस्ताक्षर करा कर उन्हें अपने जाल में इस तरह फंसाते थे की वह आँखे मूंदकर उनपर भरोसा कर लेते थे। इस तरह से ये ठग उनसे हज़ारों रूपये अपने फ़र्ज़ी बैंक अकाउंट में जमा करवा कर उस सिम को बंद कर देते थे जिनसे उन्होंने अपने ग्राहकों से संपर्क साधा था।

 
इस गिरोह की असलियत कोई पहली बार सामने नहीं आई है एक बार पहले भी इस मामले में नरेला पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है।
इनके निशाने पर उत्तर भारत के दूरदराज के राज्यों के भोले भाले लोग ज्यादा होते हैं ताकि वह उन्हें आसानी से लूट कर रफूचक्कर हो जाएँ और कोई उन्हें पकड़ न सके। इस स्थिति में दिल्ली पुलिस की यही सलाह है की लोग अखबारों में दिए गए ऐसे विज्ञापनों के झांसे में न आएं और सतर्क रहें तभी ऐसी ठगी से लोगों को राहत मिलेगी। नार्थ वेस्ट जिला पुलिस ने अब इनके बैंक खतों को जब्त कर लिया है और इनके मोबाइल व लेपटोप से इसकी भी जांच कर रही है की अब तक इस गैंग की जडें कितनी गहरी है .

सोशल साइट्स कितनी सही कितनी गलत ?

0

आज सोशल नेट्वर्किंग पूरी दुनिया को जिस तरह एक दूसरे के नज़दीक ला दिया है। यह  की तरह प्रतीत  हम भारत में बैठकर  अमेरिकी से  तरह बात कर रहे है जैसे वो हमारे सामने मौजूद हो। पर इस सोशल साइड्स ने जितना एक – दूसरे को करीब लाया है उतना ही ज़्यादा परेशानी का कारण भी बनाया है। 

वॉट्सएप्प , फेसबुक एवं अन्य कोई सोशल साइड्स इसने हर वर्ग के व्यक्ति को इतना पागल बना दिया है की दिन रात सभी गर्दन झुकाये टकटकी बांधकर अपने मोबाइल में घुसे रहते है न खाने की चिंता न और किसी काम का होश  मोबाइल या लैपटॉप पास होना चाहिए। पर इस आदत के चलते कई बीमारी बीमारी और परेशानी भविष्य में बहुत नुक्सान देती है। 
 
अमेरिका में स्थित इंटेल सेक्योरिटी ग्रुप ने अभी हाल ही में टीन्स ,ट्विन्स एवं टेक्नोलॉजी नाम से सर्वे करवाये है। जिसके अंतर्गत 50 %  बच्चे  बिना कुछ समझे अनजान व्यक्तियों से करना व उनपर भरोसा  हैं। गौरतलब है की यह सर्वे राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्ये राज्यों से लिए गए है। इस सर्वे में सोशल नेटवर्किंग साइड्स पर 8 से 16 साल के बच्चों के व्यवहारों का अध्ययन किया गया इस दौरान बच्चों के माता पिता के भी चिंताओं के बारे मैं अधिययन किया गया। इस अध्ययन से जुड़े 44 % बच्चों ने कहा की वह जिन लोगों से पहली बार  हैं।  उनसे वे व्यक्तिगत रूप से मिल चुके हैं या मिल सकते हैं। 
 
इस अध्ययन से ये पता चला है की बच्चों तथा अभिभावकों के बीच बेहतर संवाद होना ज़रूरी है इसके आलावा बच्चों को इंटरनेट सम्बन्धी  सुरक्षा के बारे मैं में जागरूक बनाया जाना भी ज़रूरी है। सर्वे के दौरान ये बात भी सामने आई है की 17 % माता पिता ये पता लगाने मैं दिलचस्पी रखते हैं की उनके बच्चे इंटरनेट पर किसी अनजान व्यक्ति से तो बात नहीं कर रहे। माता – पिता हमेशा अपने बच्चों के लिए चिंतित  पर बच्चे सतर्कता नहीं बरतते और किसी बड़ी मुसीबत में उलझ जाते है।  
 
जाने – माने मनोचिकित्सक  का कहना है की “सोशल  साइडस अनजान लोगों के संपर्क में आने से बच्चे साजिश का शिकार हो जाते है या किसी और आपराधिक कार्यों में लिप्त हो जाते है। ऐसी ख़बरें आय दिन सुनने में आती  रहती हैं “
 
ये पूरी तरह बच्चों की जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। बच्चों का इन साइड्स को इस्तेमाल करने के कारण वह पढ़ाई  पर ध्यान नहीं दे पाते फलस्वरूप उनके परीक्षा का परिणाम संतोषजनक पाता। बच्चों की रचनात्मक कौशल लेखन की समाप्ति हो जाती है। क्योंकि इसमें शब्दों को विस्तृत रूप में  न लिखकर संक्षिप्त रूप में लिखा जाता है। ये बच्चों को पश्चिम संस्कृति की और अग्रसर कर भारतीय मूल्यों का ह्रास कर रहा है ऐसे मैं ज़रूरी है की माता – पिता अपने बच्चों को अभी से ही सही मार्गदर्शन दें।   
 
    social nat 2

दिल्ली मेट्रो का दीवाली तोहफा

0

दीवाली के शुभ अवसर पर दिल्ली वालों को दीपावली के मौके पर दिल्ली मेट्रो ने एक  तोहफा दिया। अब से दिल्ली के समयपुर बादली से सीधे गुडगाँव के हुड्डा सिटी सेंटर तक चलेगी मेट्रो। इससे लोगों को आने जाने की सुविधा तो होगी ही साथ ही उन्हें बसों और गाड़ियों में धक्के खाते हुए नहीं जाना होगा। बादली इलाके के लोगों को इस तोहफे से काफी ख़ुशी मिली है। पहले ये लाइन सिर्फ जहाँगीरपूरी तक थी अब इसे हैदरपुर बादली , रोहिणी सेक्टर 18 और समयपुर बादली तीन स्टेशन में बड़ोहतरी कर दी गई है     समयपुर बादली पहले से उत्तर रेलवे का स्टेशन था और इसके पास ही अब समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन भी बन गया है मेट्रो रेल दिल्ली के परिवहन की एक महत्वपूर्ण कड़ी है इससे पहले परिवहन का सारा बोझ सड़क पर ही था।

 
यहाँ के लोग उतर रेलवे और मेट्रो दोनों में आवाजाहि का लुत्फ़ उठा पाएंगे। यह एक इंडसस्ट्रीयल एरिया भी है यहाँ रहने वाले सभी को इससे फायदा होगा एक तो उनके समय की बचत हो जाएगी दूसरा उनको सड़क परिवहन ढूंढने के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। यहाँ के लोगो को कई सालो से इस मेट्रो लाइन का इंतज़ार था और आज इनका इन्तजार खत्म हो गया है।  
 
 अब ये तीन  मेट्रो स्टेशन बढने से लाखो लोगो को फायदा होगा।  रोहिणी के कई सेक्टर और बादली लिबासपुर गाँवों के अलावा दर्जनों कालोनियो के लोग कुछ ही मिनट में यहाँ पहुंच सकेंगे। पहले लोगो को भारी जाम पार कर जहाँगीरपूरी जाना पड़ता था जिससे अब उनको निजात मिल सकेगी।
 

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। अब जहांगीरपुरी-समयपुर बादली लाइन कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी की तरफ से भी हरी झंडी मिल गई और मेट्रो की आवाजाही शुरू हो गई। इस लाइन के शुरू होने के बाद यात्री समयपुर बादली से हुड्डा सिटी सेंटर तक बिना ट्रेन बदले यात्रा कर सकेंगे। लोगो ने दिल्ली मेट्रो के इस तोहफे की सहराना की तथा यहां के लोग ख़ुशी से झूम उठे। 

 
दिल्ली मेट्रो की प्राम्भिक अवस्था में इसकी योजना 6  मार्गों पर चलने की थी  जो दिल्ली के ज़्यादातर हिस्से जोड़ते थे इसके प्रारंभिक चरण को 2006 में पूरा किया गया और बाद में इसका विस्तार राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र से सटे शहरों से कर दिया गया जिसमें गाज़ियाबाद , फरीदाबाद , गुड़गांव ,और नोएडा शामिल है। मेट्रो परिवहन का भारत के दूसरे राज्यों में भी निर्माण किया जा रहा है इसमें कुछ राज्य है उत्तर प्रदेश , राजस्थान, महाराष्ट्र , आंध्र प्रदेश और कर्नाटक। 
 
मेट्रो पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती  जिसके चलते सितंबर 2011 में संयुक्त राष्ट्र ने ‘ स्वच्छ विकास तंत्र ‘योजना के तहत हरित ग्रह गैसों में कमी लेन के लिए दिल्ली मेट्रो को दुनिया का पहला ‘ कार्बन क्रेडिट ‘ दिया गया। जिसके अंतर्गत उसे सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर मिलेंगे। 

  metro                                                  

5 दिन का विकलांग बच्चा मौत के इन्तजार में

दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली। चार दिन पहले पैदा हुए उस बच्चे का एक हाथ और मॉल त्याग के लिए आउट लेट नहीं है। उसे इलाज की सख्त जरूरत है लेकिन परिवार वाले इसकी मौत का इन्तजार कर रहे है। वह अपनी भूख प्यास बता नहीं सकता , लेकिन एक ऑपरेशन से उसका जीवन बच सकता है –परिवार वाले इलाज करा नहीं रहे , डॉक्टर इलाज कर नहीं सकते और पुलिस कहती है की वह किसी को इलाज के लिए फोर्स नहीं कर सकती। लिहाज़ा इस पांच दिन के मासूम को फीडिंग तक नहीं दी जा रही है –फीडिंग की जगह गंगा जल दे रहे है। ऐसे में सवाल यह नहीं है की यह मासूम इस हालत में पैदा तो तो इसका क्या कसूर है ? सवाल यह भी है की इलाज और भूख से उसकी मौत हुए तो इसका जिम्मेदार कोण होगा –इसकी चिंता किसी को नहीं है। मामला बाहरी दिल्ली के कंझावला थानाक्षेत्र के कराला इलाके का है।
 कराला के हरीन्द्र की पत्नी ने 5 नवम्बर को सुबह एक बच्चे को जन्म दिया तो पता चला की वह विकलांग पैदा हुआ है।  वह एक हाथ से विकलांग है और मल त्याग  की जगह ( आउटलेट ) नहीं है।  डॉक्टर ने समझाया की इसका इलाज ऑपरेशन है।   बच्चे के परिजन ने इलाज कहीं और करने का नाम लेकर अस्पताल से ले गए। लेकिन दो दिन बाद 7 तारीख को वे बच्चे को लेकर फिर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर पर आरोप लगाया की उन्होंने तमाम जांच के बाद भी यह नहीं बताया की बच्चा ठीक नहीं है। इस आरोप के बाद परिजनों और इलाके के लोगों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया रोड जाम किया और अस्पताल में तोड़फोड़ की।  अस्पताल के मालिक नवीन राणा का आरोप है की उसके साथ मारपीट भी की। नवीन राणा का कहना है की उन्हें सब बता दिया  गया था।  इस घटना के बाद बाहरी दिल्ली के तमाम डॉक्टर्स भी नवीन राणा के पक्ष में लामबंध हो गए।  उन्होंने बाहरी जिला पुलिस को लिखित शिकायत दी है की हरिचंद के खिलाफ करवाई की जाये और उन्हें सुरक्षा दे जाये।
बहरहाल दोनों के बीच चल रहे झगड़े में बच्चे की जीवन की परवाह किसी को नहीं है।  वह मौत के नजदीक जा रहा है।  पुलिस भी मूक दर्शक बनी हुयी है। बिना इस बात की परवाह किये की यदि बच्चे को कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी किस पर होगी।

 

शराबी पति से परेसान महिला ने दो बच्चों सहित खुदखुशी की 

दिल्ली दर्पण सवांददाता

दिल्ली। नार्थ-वेस्ट दिल्ली भलस्वा डेरी थाना इलाके में एक  महिला ने दो मासूम बच्चियो के साथ की ख़ुदकुशी कर ली। प्रीति नाम की यह महिला अपने शराबी पति से परेसान थी।  पति हीरा लाल आये दिन झगड़ा करता था।  आज फिर झगड़ा हुआ तो पति हीरा लाल ने प्रीति को घर से निकले की धमकी दी और घर के बहार बैठ गया। महिला प्रीति ने गुस्से में घर का दरवाजा बंद कर लिया।  कुछ देर देर बाद हीरा7 Nov. Bhalswa Dairy Tripple Suicide को शक हुआ तो उसने गेट का दरवाजा तोड़कर देखा तो वह अंदर फंदे से लटक रही थी।  उसके साथ उसके दोनों बच्चे तीन साल तन्नू और 6 साल की अन्नू भी पंखे से लटक रही थी।
हीरा लाल ई रिक्शा चलता है और शराब का आदि है।  शराब पीकर वह आये दिन पत्नी से मारपीट करता है।  शनिवार दोपहर भी ऐसा हुआ।  उसकी इस  आदत ने पूरा घर बर्बाद कर दिया।
प्रीति  खुद हीरा से तंग थी  उसे लगा की उसके बाद उसके बच्चों का क्या होगा।  यह सोच उसने दोनों बच्चों को भी फंदे से लटका दिया।  भलस्वा थाना पुलिस ने तीनो के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है।