Thursday, January 16, 2025
spot_img
Home Blog Page 1795

चोरी के आरोप में युवक की पीट पीट कर हत्या

नार्थ-वेस्ट दिल्ली के भलस्वा थाना इलाके में दिन दहाड़े युवक की बिजली के पोल से बांधकर पीट पीट कर हत्या …. युवक की चोरी के आरोप में पिटाई … परिजनों का कहना बेवजह की पिटाई .. ट्रक चालको और गोदाम मालिको पर पिटाई का आरोप .शख्स की पिटाई से खून बहता रहा पर लोग पीटते रहे पर जब तक दम नही तोडा तब तक पिटाई करते रहे . आज सुबह करीब नौ बजे की वारदात … भलस्वा थाना पुलिस जांच में जुटी .

पुलिस की कार्यशैली में बदलाव की जरुरत – सतेंद्र जैन

दिल्ली में आप सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच बेशक छत्तीस का आंकड़ा रहता हो पर दिल्ली सरकार पुलिस कॉलोनियों में भी विकास को प्राथमिकता दे रही है –साथ ही चिंता जता रही है की दिल्ली पुलिस के साथ सरकार इंसानो जैसा व्यवहार नहीं कर रही है –इसका असर उनके परिवार और समाज पर पड़ रहा है –दिल्ली के मॉडल टाउन इलाके की न्यू पुलिस लाइन में सड़क निर्माण का शिलान्यास करने आये PWD मंत्री सतेंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली को सुधरने की जरूरत पर बल दिया –

अशोक विहार में दो दिवसीय मैडिटेशन शिविर का आयोजन

रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में बढ़ते तनाव और मानसिक बीमारियों को दूर करने के लक्ष्य के साथ दिल्ली के अशोक विहार में एक मैडिटेशन और न्यूरोडाइनेमिक्स शिविर का आयोजन किया 
गया । 23 और 24 जनवरी को रखे गए इस दो दिवसीय शिविर की मुख्य वक्ता राजयोगिनी बीके पूजा हैं। सी-3 ब्लॉक के सनातन धर्म मंदिर में आयोजित किये गए इस शिविर का समय है दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे । इस शिविर का ख़ास मक़सद है लोगों को आध्यात्म से जोड़ना और उनके जीवन को सहज और सरल बनाना। 

बागवानी का ऐसा शौक की घर की छत पर ही उगाई सब्ज़िया

संसाधन कभी शौक के आड़े नहीं आते –पेशे से टीचर अशोक विहार निवासी ममता शर्मा इसका एक बड़ा उदहारण है –ममता जी  को बागवानी का शौक हुआ तो उन्होंने अपने घर की छत पर ही सब्जियां उगानी शुरू कर दी –ममता जी  हर सीजन में अपने हाथ से उगाए हुयी सब्जियां ही इस्तेमाल नहीं करती बल्कि उन्हें अपने नियर और डीयर को गिफ्ट भी करती है –

जन सहयोग मच द्वारा गरम कपड़ो का वितरण जरुरतमंदो की उमड़ी भीड़

अशोक विहार फेज 2 के इस गुरुद्वारे में उमड़ी यह भीड़ यह समझने के लिए काफी है की इस कड़ाके की सर्दी में गरीब लोगों के लिए कपडे की क्या कीमत होती है –क्या बच्चे क्या बड़े बूढ़े और महिलाएं –हर चहरे पर उम्मीद है –जिसे मनपसंद कपडा मिल गया  उसके चहरे पर ख़ुशी है –जिसे नहीं मिला वो अपनी बारी के इन्तजार में है –वज़ीर pur जन सहयोग मंच ने भी नहीं सोचा होगा की उसके आह्वान पर लोग जितनी बड़ी तादाद में कपडे, जूते, कंबल देने कैंप में आएंगे उससे कहीं ज्यादा लोग ये कपडे लेने पहुंच जायेगे –