नई दिल्ली, 19 नवंबर, 2015: दिल्ली में एक नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करना अब ज्यादा मुश्किल नहीं रहा । अब विश्व बैंक डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में बिजली पाना और भी आसान होगा। यह बात स्वयं विश्व बैंक के द्वारा स्वीकार की गई है। वास्तव में, दिल्ली में बिजली के कारण व्यापार में होने वाली सुविधा में बढ़ोतरी हुई है। अब भारत कारोबार करने की सुगमता सूचि में 142 के स्थान पर 130 पायदान पर आ गया है। मतलब सीधा 12 डिग्री की कूद बनाने में सबसे बड़ा योगदान बिजली का रहा है।
टीपीडीडीएल की कामयाबी , दिल्ली में बिजली पाना आसान
मुख -बधिर बनी रही पुलिस , बेगुनाह ने गंवाई जान
दिल्ली के समय पुर बादली के इलाके में जहाँ गाँव के ही कुछ लड़को ने सड़क किनारे सब्जी लगाने वालों को जम कर पीटा जिसमे एक बेगुनाह की मौत हो गयी और झगडे में ३ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए ज पास के अम्बेडकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है । महज सब्जी की रेहड़ी लगाने को लेकर दो गुटो में जबरदस्त झगड़ा हुआ जहाँ सब्जी की रेहड़ी लगाने वालो की गाँव के ही कुछ लोगो ने पिटाई कर दी जिसमे अनिल को अपनी जान गवानी पड़ गयी जबकि उसका इस झगडे से कोई लेना देना भी नहीं था।
दिल्ली के इस क्षेत्र में गाँव वालो ने पुलिस या एम.सी. डी की मदद के बिना ही सड़क के किनारे सब्ज़ी की रेहड़ी लगाने वालो को जबरदस्ती हटाने की कोशिश की एव उनके साथ मार पीट भी की इस मार पीट में गाँव के ही रहने वाले अनिल (40) को इतनी गंभीर चोटे आई की उसे रोहिणी के डॉ आंबेडकर हॉस्पिटल ले जाया गया जहा डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया मृतक के परिजनों ने मौत के बाद रोड पर जम कर हंगामा किया और विरोध प्रदर्शन किया|
वही मृतक का परिवार इस घटना से सदमे में है और परिजनों का कहना न तो वह वंहा सब्ज़ी की रेहड़ी लगता था और न ही उसका इस झगडे से कोई लेना देना था तो क्यों जनता ने उसको अपने गुस्से का शिकार बनाया उनका यह आरोप भी है की जिस समय यह झगड़ा हुआ उस वक़्त पुलिस कर्मी भी वहा मौजूद था पर हमलावरों ने उसे भी धमका दिया जिसके बाद पुलिस कर्मी मुखदर्शन बन सब देखता रहा। और उसने न तो कोई मदद की और न ही किसी को उसकी मदद करने के लिए बुलया क्या हमारी दिल्ली पुलिस ऐसे ही सोती रहेग़ी और दिल्ली में ये वारदाते कभी काम नहीं होंगी। और पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही भी नहीं की है|
इस गांव में यह पहली घटना नहीं है जिसमे लोगो का ये रूप सामने आया है लेकिन इस घटना के बाद ये तो साफ़ हो गया है की डेल्ही के हालत बद से बतर होते जा रहे है फिलहाल पुलिस इस मामले की तफ्तीश कर रही है|
विजेंदर गुप्ता का केजरीवाल सरकार पर हमला
दिल्ली विधान सभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार द्वारा प्रस्तावित बिल को टीचर , छात्र और अभिभावकों का विरोधी बताया है। उन्होंने इस बिल के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया है। दिल्ली विधान सभा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी ने इस संशोधित बिल को शिक्षा व्यवस्था के विरूद्ध बताते हुए कहा है की ऐसा लगता है जैसे यह बिल दिल्ली सरकार ने नहीं बल्कि निजी स्कूलों की मैनेजमेंट ने तैयार किया है। इस बिल से दिल्ली में एक लाख से ज्यादा टीचर है और इतने ही कर्मचारी है जो निजी स्कूलों में काम करते है। ये इस बिल से सीधे प्रभावित होगे। विजेंद्र गुप्ता ने स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर भी कहा की अभी तक निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए सरकार से अनुमति लेने पड़ती थी। लेकिन अब सरकार ने इसके लिए कमेटी बना दी जो गलत है। इसके अलावा 7 वां वेतन आयोग को निजी स्कूलों के टीचरों को बहार रखा गया है। बीजेपी नेता ने कहा की दिल्ली सरकार ने फैसले बदल लिए है। विजेंद्र गुप्ता ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ जो बातें कहीं जो वेतन को लेकर थी और जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पकड़ा गया अपनी पत्नी का कातिल
अशोक विहार के वज़ीरपुर गांव इलाके में पुलिस ने एक खुनी को हिरासत में ले लिया। आज से तक़रीबन 2 महिने पहले अपनी पत्नी का मर्डर करके ये खुनी पति फरार हो गया था और कल पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। इस शख्स का नाम आशीष कुमार है जो 27 साल का है इसने अपनी पत्नी ज्योति के साथ 6 – 7 साल पहले प्रेम विवाह किया था इनकी शादी के खिलाफ इन दोनों का ही परिवार था। पर फिर भी इन दोनों ने परिवार व समाज की परवाह न करते हुए शादी के बंधन में बंधने का फैसला कर लिया और एक हो गए। इस शादी से उन्हें 3 बच्चे भी हुए जिनमे सबसे बड़ा 5 साल का और उससे छोटा 3 साल का तथा एक बेटी भी है जो एक साल की है। इस सब का चश्मदीद गवाह उसका अपना 5 साल का बेटा है।
नर्सों ने की हड़ताल , मरीज़ हुए बेहाल
दिल्ली में 16 तारीख से कुछ मांगों को लेकर सरकार व एम सी डी के खिलाफ नर्सों की हड़ताल जारी है। इस हड़ताल की जानकारी 3 अक्टूबर को दे दी गई थी और 5 नवम्बर को रिमाइंडर भी भेजा था पर अभी तक सरकार या एम सी डी का कोई भी कर्मचारी इनसे मिलने नहीं आया है। इस हड़ताल की वजह से मरीज़ों को काफी परेशानी हो रही है पर कोई भी इनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में ये अपनी गुहार कहा जाकर सुनाये।