Thursday, September 19, 2024
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महिला की बहादुरी ने बचाई 4 बच्चों की जान

दिल्ली के शालीमार गांव में एक ज्योति सैनी नाम की महिला ने अपनी समझ व बहादुरी से 4 स्कूली छात्रों की जान बचाई। ये महिला शाम के करीब  6 बजे कहीं जा रही थी। जैसे ही ये घर से बहार निकली तभी वहां एक लड़का आया और उनकी छत पर चला गया उन्होंने उस बच्चे को रोकने की कोशिश भी की पर वह उनकी बात को अनसुना करके ऊपर की और बड़ गया। इसके तुरंत बाद उन्हें अपनी गली में शोर सुनाई दिया उन्होंने जब देखा तो लगभग 70 – 80 स्कूली बच्चे उनके घर के सामने खड़े होकर 4 -5 बच्चों को मारने की कोशिश कर रहे थे। ये देखकर ज्योति उनके बच्चे तथा उनके घर में रहने वाली किरायेदार के होश उड़ गए। 

 
अंदाज़ा लगाया जा रहा है की इन बच्चों की आपस में रंजिश चल रही थी। इसलिए कम से कम 70 – 80 बच्चे मात्र 4 -5 बच्चों को मारने के लिए आ रहे थे इनके हाथों में हथियार भी थे किसी के हाथ में डंडा तो किसी के हाथ में लाठी थी। जब ज्योति ने ये सारा मंज़र देखा तो उन्होंने परिस्थिति को सँभालने की काफी कोशिश की उन्होंने उन चारों बच्चों को अपने घर में बंद कर दिया और बाकि के लड़कों को जो की संख्या में ज़्यादा थे समझाने की कोशिश की पर उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी, उल्टा उनसे ही हाथा पाई करने लगे ज्योति ने स्तिथि सुधारने चाही परन्तु बच्चे इतने गुस्से में थे की किसी की बात सुनने की जगह अपना आवेश खोकर बार बार घर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बार बार बच्चों को पकड़ कर घर से बाहर निकला पर वो किसी तरह घर के अंदर घुसकर उन 4 बच्चों के साथ मार पीट करना चाहते थे। इस आपा धापी में ज्योति को भी कुछ अंदरुनी छोटें आई हैं। पर वो उन शैतान बच्चों को भागने में समर्थ रहीं। 
 
हैरत की बात तो ये है की ज्योति उन बच्चों से अकेले ही भीड़ गई पर उनकी गली का कोई भी शख्स उनका साथ देने नही आया इसके विपरीत सभी अपने घरों में छुप गए। और जो बहार थे भी वो इस मंज़र को तमाशे की तरह देखते रहे। क्या हम इस समाज को सभ्य समाज कह सकते है की जहाँ एक महिला इतने सारे बच्चों से इतनी बहादुरी से लड़ रही है वहां इस महिला की सहायता करने के लिए एक भी हाथ आगे नही बड़ा। और इससे भी बड़ी हैरानी की बात तो ये है की इस दौरान पुलिस को भी फोन किये गए पर पुलिस का आज तक कोई पता नही है। ज्योति के अनुसार पुलिस को 6 बार फोन किया गए  है पर पुलिस ने अभी तक कोई खबर नहीं ली है। क्या हम अभी भी सच सकते हैं की हम पुलिस को ज़िम्मेदार कह सकते है जो नागरिक को आश्वस्त करा सके की वो हमेशा हर स्तिथि में उनकी सहायता करेगी। 
 
इस सब विषय पर ज्योति का कहना है की वो ऐसी स्थिति से डरतीं नही है क्योंकि वो उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और वहाँ ऐसी घटनाये होना आम बात है। ज्योति कहती है की मैं हर समय मुश्किलों का सामना करने तथा दूसरों की सहायता करने के लिए आगे रहती हूँ पर यदि इस तरह का जंगल राज हो रहा हो और उनकी सहायता करने के लिए आम जनता तो क्या पुलिस तक नहीं ए तो उन्हें बहुत दुःख होता है। एक चश्मदीद कमल जहाँ का कहना है की ज्योति उन बच्चों से अकेली लड़ रही थी उनकी सहयता के लिए न आम जनता आगे आई और नहीं फोन करने पर पुलिस ही आई ऐसी स्तिथि में हम कैसे मान ले की हम देश की राजधानी दिल्ली में सुरक्षित हैं। 
 
रही बच्चों की बात तो बच्चों का यह रवैया सचमुच हैरान करने वाला है क्योंकि जिस शिक्षा के मंदिर में वो पड़ने जाते है वहां लड़ाई झगड़ा सीख रहे हैं इसके लिए उनके अभिभावकों तथा शिक्षकों को चाहिए की उन्हें अच्छी तालीम दे व सही मार्ग पर चलने को कहें उन्हें शुरू से ही प्यार व भाई चहरे का पाठ पड़ना ज़रूरी है तभी देश के बच्चे देश का सुनहरा भविष्य बन पायेंगें।  

 

चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारम्भ हुआ

अशोक विहार के गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट के द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया  | अशोक विहार एफ ब्लॉक, फेस 1 स्थित ये आर्ट ट्रस्ट के सहयोग से “विब्ग्योर” विषय पर सतरंगी छठा बिखेरती हुई चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया गया। 
हिमान्शु की यह पहली एकल चित्रकला प्रदर्शनी है जोकि अपनी कला की शिक्षा लेने के दौरान इन्होने नेशनल गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट के सहयोग से चित्रकला प्रेमीयों के समक्ष रखी। ये ट्रस्ट उन प्रतिभाशाली और जुझारू कलाकारों को निःशुल्क गैलरी स्पेस देती है जिससे इन कलाकारों की प्रतिभा को सबके सामने लाया जा सके|
 
इस क्षेत्र में अपना नाम बना रहे हिमान्शु मान के 16 चित्रों की प्रदर्शनी की गयी | ये प्रदर्शनी 30 नवम्बर 2015 तक देखी जा सकती है इस प्रदर्शनी में कई महान चित्रकारों ने शिरकत की चित्रकार आहुति नारायण, नमीष अरोड़ा के साथ कई कला प्रेमी मौजूद थे।यह हिमान्शु की पहली एकल चित्रकला प्रदर्शनी है हिमांशु की सभी पेंटिंगस एक्रीलिक माध्यम से कैनवास पर बनाई गई हैं| आर्ट ट्रस्ट के निदेशक रूपचंद ने बताया की हिमांशु की पेंटिंग्स में इतनी प्रतिभा झलक रही थी की प्रदर्शनी में आये सभी दर्शक उनकी  पेंटिंग्स  की ओर आकर्षित होते नज़र आये उन्हें ये चित्र काफी प्रभावी लगे| हिमांशु की चित्रकला का मुख्य विषय प्रमुख हस्तियाँ रही जैसे – कलाम साहब, भगत सिंह, मंगल पाण्डे,  बॉक्सर मेरी कॉम, राज कपूर, दिलीप कुमार व अमिताभ बच्चन |
 
हिमांशु ने इस चित्रकला प्रदर्शनी की सफलता का श्रेय अपने स्कूल के अध्यापक अनूप श्रीवास्तव व प्रिंसिपल हरीन्द्र कुमार को दिया है। जहाँ उनकी चित्रकला की ओर प्रेम और प्रतिभा को समझा गया और कला अध्यापक के कहने पर रूपचंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ फाइन आर्ट ज्वाइन करने की सलाह दी गई और मात्र 4 महीने में 16 चित्रों कला का निर्माण किया। हिमांशु की प्रतिभा और लगन को देखते हुए गैलक्सी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट ट्रस्ट  के निदेशक ने इनकी एकल प्रदर्शनी का निर्णय लिया। ये प्रदर्शनी 30 नवम्बर 2015 तक देखि जा सकती है इस प्रदर्शनी में कई महान चित्रकारों ने शिरकत की चित्रकार आहुति नारायण, नमीष अरोड़ा के साथ कई कला प्रेमी मौजूद थे।
himanshu

 

नहीं रहे सईद ज़ाफ़री

फ़िल्मो के जाने माने अभिनेता सईद ज़ाफ़री का रविवार शाम लंदन में निधन हो गया है। वह अपनी ज़िंदगी के 86 साल पुरे कर चुके थे।जाफरी अपने दौर के बेहतरीन कलाकारों में से एक थे। उन्होंने न सिर्फ थियेटर ,बॉलीवुड मैं काम किया है बल्कि अपने अभिनय की छाप हॉलीवुड तक बिखेरी है। सईद जाफरी का जन्म पंजाब में हुआ था और उन्होंने लंदन के RADA अकादमी में एक्टिंग की शिक्षा प्राप्त की ।वो पिछले काफी  समय से लंदन में ही रह रहे थे| सईद जाफरी का विवाह मेहरूनिमा (मधुर जाफरी) के साथ हुआ था। लेकिन 1985 में दोनों अलग हो गए थे। सईद जाफरी की तीन बेटियां मीरा, ज़िया और अकीन है।
सईद जाफरी एक बहुत अच्छे और बेहतरीन अभिनेता थे। ऐसा कोई किरदार नही था जिसे वह अपने अभिनय व संजीदगी के साथ किरदार में जान डाल देते थे। उनकी कुछ बेहतरीन फ़िल्में हैं – गांधी, मासूम, शतरंज के खिलाड़ी, हिना, राम तेरी गंगा मैली, चश्मे बद्दूर, जुदाई अजूबा, दिल, किशन कन्हैया, घर हो तो ऐसा, राजा की आएगी बारात, मोहब्बत और आंटी नंबर वन।उन्होने द मैन हू वुडबी किंग, ए पैसेज टू इंडिया, द फ़ार पवेलियंस जैसी अंग्रेजी फ़िल्मों में भी अपने अभिनय का जादू बिखेरा है। बॉलीवुड के महान कलाकारों के साथ हॉलीवुड की महान हस्तियां जिसमें पियर्स ब्रोसनन, शॉन कोनरी और माइकल केन जैसे अंतरराष्ट्रीय नाम सईद जाफरी के सह कलाकार रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त तंदुरी नाइट्स और ज्वेल इन द क्राउन जैसे टीवी शोके लिए भी सईद जाफरी जाने जाते रहे हैं| सईद जाफरी का अभिनय इतना जानदार था। उन्होंने खुद कहा था  “मैं हॉलीवुड नहीं गया, हॉलीवुड मेरे पास आया। “
सईद जाफ़री ने महात्मा गांधी के जीवन पर बनी रिचर्ड एडिनबरा की ऑस्कर विजेता फ़िल्म ‘गांधी’ में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका निभाई थी। जाफरी को साल 1978 में आई सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ में मीर रोशन अली के किरदार के लिए फिल्मफेयर की ओर से सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया था। सईद पहले भारतीय थे जिन्हें ‘आर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर’ से नवाज़ा गया था।सईद जाफ़री को याद करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट किया है, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा है, ”सईद जाफ़री बहुमुखी अभिनेता थे। उनके स्वभाव को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि|”
प्रधानमंत्री के साथ कई और बॉलीवुड की हस्तियों ने सईद जाफरी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके अभिनय की तारीफ की  है। निर्देशक गोविंद नेहलानी ने कहा, ”सईद जाफ़री एक बेहतरीन अभिनेता थे और उनके जैसे वरिष्ठ अभिनेता को खोना फ़िल्म जगत के लिए बड़ा नुकसान है.”निर्देशक श्याम बेनेगल ने कहा कि वे “सईद जाफ़री के निधन से काफ़ी दुखी हैं और सईद जाफ़री के साथ उनकी कई यादें जुड़ी हैं। जाफ़री के करीब रहे अभिनेता जैकी श्रौफ़ ने कहा कि ” वे बहुत कल्चर्ड और खूबसूरत इंसान थे।उन्होंने कहा कि सईद जाफ़री के साथ उन्होंने काफ़ी वक्त बिताया और वो उनकी बहुत इज्ज़त करते थे। सईद जाफ़री बहुत नफ़ासत के साथ बात करते थे और जब भी मिलते थे बहुत प्यार से मिला करते थे। जैकी को अफ़सोस है कि वो उनके साथ ज़्यादा काम नहीं कर सके “सचमुच ही सईद जाफरी एक महान कलाकर थे।
सचमुच ही सईद जाफरी एक महान कलाकर थे उन्होंने अपने अभिनय से देश विदेश के सभी लोगों का दिल जीत लिया। हालाँकि उनकी ज़िंदगी में में उत्तर चढ़ाव भी कम नही आए ऊपर से रिश्तों का टूटना पर फिर भी उन्होंने अपने आप को बखूबी संभाला ये कबीले तारीफ है उनका अभिनय इतना संजीदगी भरा था की उन्होंने ऑस्कर विजेता फ़िल्म गांधी और सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया और फिल्म में जान  डाल दी।
अभिनेत्री गुड्डी मारुति ने सईद जाफ़री के साथ एक पंजाबी फ़िल्म में काम किया था, उन्होंने कहा, ” हम दोनों शूटिंग के लिए लुधियाना गए थे, अमृतसर में भी हमने साथ में स्वर्ण मंदिर और जलियांवाला बाग देखा था,” वो बताती हैं, “सईद जाफ़री बहुत ही बेहतरीन कलाकार थे इसमें तो कोई शक नहीं, लेकिन जिस तरह बात करते थे, लगता था कि कोई लोर्ड हों, किसी नवाब की तरह नफ़ासत से बात किया करते थे.”सईद जाफ़री का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने ऑस्कर विजेता फ़िल्म गांधी और सत्यजीत रे की शतरंज के खिलाड़ी जैसी फ़िल्मों में अभिनय किया.

सरकार और mcd के खिलाफ नर्सों ने किया हंगामा

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राजन बाबू फेफड़े एवं श्रेय रोग संस्थान के बहार नर्सों की हड़ताल। आज से एम सी डी हॉस्पिटल की नर्सें अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चली गई है।तक़रीबन 2000 नर्सें हड़ताल पर है एम सी डी के ज़ोन ईस्ट ,साउथ ,नार्थ के सभी अस्पतालों में ये हड़ताल जारी है। ये हड़तालें प्रमोशन को लेकर है नर्सों के अनुसार उन्होंने एम सी डी और सरकार के सामने कई बार अपनी बात रखनी चाही पर किसी ने भी उनकी मांगों पर विचार नही किया। जिसके लिए उन्हें यह रास्ता अपनाना पड़ा। 
 
 नर्सों का कहना है की उनकी सिनियरटी 30 साल की हो गई है पर फिर भी उन्हें प्रमोशन नही मिला। और कोई  उच्च अधिकारी इनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं। इनके अनुसार डॉक्टर्स व हॉस्पिटल के अन्य स्टाफ को आसानी से प्रमोशन मिल जाती है उन्हें कुछ कहना नही पड़ता पर हम कई कई सालों से जी जान लगाकर  काम कर रहे है पर किसी ने भी हमारे अधिकारों के बारे में नही सोचा। जिस कारण वश हमें ये कदम उठाना पड़ा। 
 
एम सी डी के तक़रीबन सभी हॉस्पिटल में ये हड़ताल जारी है जिनमें महत्वपूर्ण हैं कस्तूरबा हॉस्पिटल , इन्द्रो , आर बी टी , आई डी और स्वामी दयानंद हॉस्पिटल आदि। नर्सों का कहना है की उन्होंने एम सी डी को पहले ही सुचना दे दी थी की 16 नवंबर को नर्सों की  हड़ताल होगी। 3 अक्टूबर को ये सुचना दे दी गई थी तथा 5 नवम्बर को रिमाइंडर भी भेजा गया था और आज हड़ताल शुरू भी हो गई है पर एम सी डी , सरकार या एडिशनल कमिश्नर कोई भी इनसे मिलने तक नही आया। अब ऐसे में देखना यह है की इनकी हड़ताल कब तक चलती है और क्या रुख अपनाती है
 
नर्स हॉस्पिटल के लिए बहुत ज़रूरी स्टाफ है। इससे डॉक्टर्स को तो  परेशानी होगी ही साथ ही मरीज़ों को कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में एम सी डी और सरकार का फ़र्ज़ बनता है की हड़ताल को जल्द से जल्द ख़त्म करने का कोई रास्ता ढूंढें। 

 

लॉकअप मेंआरोपी ने पेट और गले की नसें काटीं , अस्पताल में भर्ती

-दिल्ली दर्पण टीवी
बाहरी दिल्ली।  अमन विहार थाने में हवालात में बंद ह्त्या के आरोपी गले और पेट पर किसी धारधार चीज से वार कर आत्हत्या की कोशिस की –अनिल नाम के इस आरोपी को आज रोहिणी कोर्ट में पेश किया जाना था लेकिन  पुलिस ने देखा की उसके गले और पेट से खून बह रहा है –यह देख थाना  पुलिस में हड़कम्प मच गया और आनन फानन में ह्त्या के आरोपी अनिल को संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया –अनिल का अभी इलाज चल रहा है लेकिन खून काफी बह चुका है –अनिल रेप के मामले में जेल में बंद था और जमानत पर बाहर आया था –बाहर आने के बाद दिवाली से एक दिन पहले इसने अमन विहार में ही घनशाम नाम के एक शख्स को गोली मार दी।  इसी आरोप में अनिल हवालात में बंद था।  इसे आज कोर्ट में ले जाया जा रहा था –उसके गले में चद्दर लिपटी हुयी थी और वह कुछ लाल से थी –शक होने पर चद्दर को हटाया गया और वहां  खून बह रहा था –पुलिस भी हैरत में ही की लॉक  अप अनिल ने खुद को कैसे घायल किया –अनुमान लगाया जा रहा है की उसने टाइल की धार से खुद को घायल किया होगा –अनिल के गले और पेट की नसें कटी है और उसका इलाज चल रहा है —