Wednesday, January 22, 2025
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जलमग्न दिल्ली के लिए जिम्मेदार केजरीवाल सरकार, सौरभ भारद्वाज बयानबाजी न करें नही इस्तीफा दें- देवेन्द्र यादव, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

नई दिल्ली, 30 जून, 2024। केजरीवाल सरकार के मंत्री कांग्रेस को गठबंधन पर सीख देने की बजाय जल संकट और जल भराव जैसी विकराल विपदाओं से दिल्लीवालों को राहत दिलाने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। यह कहना है दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव का। देवेंद्र यादव का मानना है कि केजरीवाल सरकार किसी भी समस्या का सामना करने की बजाय सिर्फ बहाना बनाने में अपनी सारी एनर्जी लगाती है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह हमारे नेता, जन नायक श्री राहुल गांधी जी की हिम्मत है कि वो भाजपा की तानाशाह सरकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले 10 वर्षों से लगातार देशहित में लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई सड़क से संसद से लड़ रहे है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सौरभ भारद्वाज शायद भूल गए है कि गठबंधन में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से अलग होने की घोषणा लोकसभा चुनाव के परिणाम के दूसरे दिन ही कर दी थी।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी में व्याप्त भ्रष्टाचार का नतीजा है कि केजरीवाल, सिसोदिया और सत्येन्द्र जैन जेल में है तथा आतिशी, सौरभ भारद्वाज सहित दर्जन भर विधायक जांच एजेंसियों की सूची में है। उन्होने कहा कि कांग्रेस एक राजनीतिक पार्टी है और हम जनता से जुड़े सभी मुद्दों पर विपक्षी दल होने के नाते दिल्लीवालों के हितों की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभा रहे है, अगर दिल्ली के मंत्रियों को कांग्रेस के बयान पर आपत्ति है तो वह केजरीवाल की रिहाई की लड़ाई की जगह दिल्ली वालां के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाए। उन्होंने कहा कि जल संकट और जल भराव से बर्बाद और ध्वस्त स्वास्थ सेवाओं की जिम्मेदारी लेते के सौरभ भारद्वाज को बयान नही इस्तीफा देना चाहिए।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि भाजपा सांसदो के साथ माननीय उपराज्यपाल का डूबी दिल्ली में कुछ चिन्हित क्षेत्रों तैमूर नगर, बारापूला ड्रेन, आईटीओ, मिंटो ब्रिज, कुशक नाला और गोल्फ लिंक के नालों का दौरा करने के बाद संबधित एजेंसियों को युद्ध स्तर पर नालों से गाद निकालने, नालों के किनारे से कचरा, मलबा, कीचड़ व गाद को जल्द हटाने के निर्देश देना का बयान विरोधाभास है क्योंकि 20 जून को दिल्ली सरकार, डीडीए, पीडब्लूडी, बाढ़ एवं सिचाईं विभाग ने 82 प्रतिशत गाद निकलाने और दिल्ली नगर निगम ने 92 प्रतिशत गाद निकालने का दावा किया था। उन्होंने कहा कि जल जमाव से तहस नहस हुई दिल्ली का मुख्य कारण भ्रष्टाचार है, अगर वास्तविकता में भी 50 प्रतिशत गाद निकालने का काम दिल्ली सरकार, डीडीए, दिल्ली नगर निगम करती तो ऐसी बर्बादी का मंजर दिल्ली नही देखती।
श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि उप राज्यपाल ने भाजपा सांसदों के साथ डूबी दिल्ली का दौरा करने के बाद पाया कि दिल्ली और नई दिल्ली एनडीएमसी क्षेत्र में नालों की सफाई काम हुआ ही नहीं है तो अभी तक ठेकेदारों और अधिकारियों पर अभी तक एक्शन क्यों नहीं लिया गया। उन्होंने कही कि एनडीएमसी क्षेत्र जहां प्रधानमंत्री सहित सभी वीआईपी रहते है, इनके घरों में पानी भरने के लिए लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को तलब किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलभराव से मुक्ति दिलाने की योजना बनाने की बजाय दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार एक दूसरे की कमियां गिना के आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है। उन्होंने मांग की कि उप राज्यपाल संबंधित विभागों के मंत्रियों से जवाब तलब करें।

New Criminal Law | नॉर्थ वेस्ट जिला दिल्ली पुलिस अधिकारियों से जाने क्यों है ऐतिहासिक नए कानून

राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण 

दिल्ली। देश में आज यानी एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए। दिल्ली पुलिस ने भी इन तीन नए कानूनों का पुरे उत्साह और उम्मीद के साथ स्वागत किया है। IPC  की जगह पर बने तीन कानून के नाम अब 

भारतीय दंड संहिता , भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हो गए है। दिल्ली पुलिस ने अपने सभी थानों में इन कानूनों पर जागरूकता अभियान चलाया है। ऐसा ही जागरूकता कार्यक्रम नॉर्थ वेस्ट जिले के भारत नगर थाना में आयोजित किया गया। 

इस कार्यक्रम में नॉर्थ वेस्ट जिला डीसीपी जितेंद्र सिंह मीणा ,एसीपी संजीव कुमार सहित भारत नगर थाना के क्षेत्र के प्रमुख गणमान्य लोगों के साथ साथ भारत नगर थाना के अधिकारी भी शामिल थे। पुलिस ने प्रमुख लोगों के साथ संवाद तो किया और उन्हें इन कानूनों के लागू होने के बाद होने वाले बदलावों पर जानकारी दी। साथ ही उन्हें यह भी समझाया कि इन नए आपराधिक कानूनों के बाद जनता को क्या क्या लाभ होगा। 

नॉर्थ वेस्ट जिला डीसीपी जितेंद्र मीणा ने इस मौके पर नए कानूनों पर जारी एक पुस्तक का भी विमोचन किया। श्री मीणा ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पुराने कानून अंग्रेजों के ज़माने के है , नए  कानून भारत के लोगों द्वारा भारत के लोगों के लिए बनाये गए है। नए आपराधिक कानून दंड दिलवाने के लिए नहीं बल्कि न्याय दिलाने की बात करते है। इन नए कानूनों में जांच प्रक्रिया में बदली तकनीक को भी शामिल किया गया है। जांच में टेक्नोलॉजी , और  वैज्ञानिक तकनीक के इस्तेमाल को अब आवश्यक बना दिया गया है। जांच में पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। श्री मीणा ने कहा कि नए कानून न्यायपूर्ण समाज बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे। 

इससे पूर्व लोगों को नए कानूनों की जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष राजेश विजयवर्गीय ने कहा कि पुराने प्रावधानों में कुछ मामलों में जनता को परेशानी थी तो कुछ मामलों में पुलिस का काम भी अनावश्यक रूप से बढ़ रहा था। अब नए कानून नए भारत की नींव रखने जा रहे है। एसीपी संजीव कुमार ने कहा कि पुराने कानून अंग्रेजों ने अपने शासन को ध्यान में रखते हुए बनाया था, अब नए कानून नए भारत को ध्यान में रखकर बनाये गए है। अब 90 दिन में आपराधिक मामले की जांच पूरी करनी होगी। अब सरकारी वकील के साथ साथ पीड़ित अपना वकील भी नियुक्त कर सकता है। 

इससे पूर्व सब -इंस्पेक्टर विश्वा और सब -इंस्पेक्टर सोनिया ने महिलाओं और बच्चों से जुड़े मामलों पर नए कानूनों में आये बदलावों की जानकारी दी। सब-इंस्पेक्टर विश्वा ने नए कानून पीड़ित केंद्रित दृष्टिकोण रखकर बनाये गए है। इसमें विक्टिम को भी कई अधिकार दिए गए है। महिलाओं और बच्चों पर हुए  यौन शोषण मामलों में बयान अब महिला जज ही ले सकेगी। सब -इंस्पेक्टर सोनिया ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों लिए कानून काफी आसान कर दिए गए है। रेप और स्नेचिंग में सख्त सजा के प्रावधान किये गए है। अब 18 साल से कम उम्र को बच्चों की श्रेणी में  रखा गया है। न्याय को समयबद्ध कर दिया गया है। जो जो आरोपी अपराध करके भाग जाते थे ,अब उनकी गैरमौजूदगी में भी सुनवाई जारी रहेगी। स्थानीय लोगों ने इन जानकारियों को सुनाने के बाद काफी ख़ुशी जाहिर की। 

गौरतलब है कि भारतीय दंड संहित ( IPC ) 1860 और  आपराधिक दंड संहिता ( CrPC ) 1898 और 1973 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह नए कानूनों ने ली है। इन कानूनों को बीते वर्ष संसद के दोनों सदनों लोक सभा और राज्यसभा से पास कराया गया था। 

तीन नए कानून के साथ होंगे कई बड़े बदलाव, महिलाओं और बच्चों के अपराध लिए और सख्त होंगी सजा, पहला एफआईआर दिल्ली में हुई दर्ज

नई दिल्ली, 1 जुलाई 2024। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम नामक तीन नए आपराधिक कानून आज यानी 1 जुलाई, 2024 से लागू हो गए।
भारतीय न्याय संहिता कानून अब आईपीसी (इंडियन पीनल कोड) की जगह लेगा। ये तोनों बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किए गए थे। इसके तहत पहली फिर दिल्ली के गुटखा विक्रेता के खिलाफ हुई है।
नए कानून में धारा 375 और 376 की जगह बलात्कार की धारा 63 होगी। सामूहिक बलात्कार की धारा 70 होगी, हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी। भारतीय न्याय संहिता में 21 नए अपराधों को जोड़ा गया है, जिसमें एक नया अपराध मॉब लिंचिंग है। इसमें मॉब लिंचिंग पर भी कानून बनाया गया है। 41 अपराधों में सजा को बढ़ाया गया है। साथ ही 82 अपराधों में जुर्माना बढ़ाया गया है।
नए कानून के मुताबिक, आपराधिक मामलों में सुनवाई समाप्त होने के 45 दिनों के भीतर फैसला आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे। सभी राज्य सरकारों को गवाहों की सुरक्षा और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए गवाह सुरक्षा योजनाएं लागू करना होगा।

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध में और होगी सख्त सजा
बलात्कार पीड़िताओं के बयान महिला पुलिस अधिकारी की ओर से पीड़िता के अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज किए जाएंगे। मेडिकल रिपोर्ट सात दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए। कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है। इसमें बच्चे को खरीदना या बेचना एक जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। नए कानून में अब उन मामलों के लिए सजा का प्रावधान शामिल है, जिसके तहत महिलाओं को शादी का झूठा वादा करके या गुमराह करके छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा नए कानून में महिलाओं के खिलाफ अपराध के पीड़ितों को 90 दिनों के भीतर अपने मामलों पर नियमित अपडेट प्राप्त करने का अधिकार होगा। सभी अस्पतालों को महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के मामले में मुफ्त इलाज करना जरूरी होगा।
-आरोपी और पीड़ित दोनों को 14 दिनों के भीतर एफआईआर, पुलिस रिपोर्ट, चार्जशीट, बयान, इकबालिया बयान और अन्य दस्तावेजों की कॉपी प्राप्त करने का अधिकार है।
-इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट की जा सकेगी, जिससे पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत समाप्त हो सकेगी। साथ ही व्यक्ति FIR को अपने अधिकार क्षेत्र वाले थाने के बजाए भी दर्ज करा सकता है।
-गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों का घटनास्थल पर जाना और साक्ष्य एकत्र करना अनिवार्य होगा।
-लिंग की परिभाषा में अब ट्रांसजेंडर लोग भी शामिल होंगे, जो समानता को बढ़ावा देता है। महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराधों के लिए जब भी संभव हो, पीड़ित के बयान महिला मजिस्ट्रेट की ओर से ही दर्ज किए जाने का प्रावधान है।

कौन है पं. प्रदीप मिश्रा जिन्होंने राधारानी से नाक रगड़कर मांगी माफ़ी?

नई दिल्ली, 29 जून 2024।राधा रानी वाले बयान पर विवाद के 20 दिन बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंचकर माफी मांग ली। माफी भी ऐसी वैसी नहीं बल्कि नाक रगड़कर। पंडित मिश्रा का बरसाना पहुंचने का पहले से कोई कार्यक्रम तय नहीं था।
अब सवाल यह है कि कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा? पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों सुर्खियों में हैं। इसका कारण है राधा जी को लेकर उनका दिया गया बयान। कथावाचक प्रदीप मिश्रा को आखिर बरसाना आकर नाक रगड़कर माफी क्यों मांगनी पड़ी, क्यों राधा रानी विवाद की पूरे देश में चर्चा?
राधा रानी पर दिए बयान को लेकर माफी मांगने प्रदीप मिश्रा बरसाना पहुंचे। राधा रानी पर दिए गए बयान के बाद विवादों में घिरे कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शनिवार दोपहर बरसाना पहुंचे। यहां उन्होंने राधा-रानी को दंडवत प्रणाम किया और नाक रगड़कर माफी मांगी। इस दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। राधा-रानी से माफी मांगने के बाद वो मंदिर से बाहर निकले। हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन किया।
राधा रानी के दरबार में उन्होंने नाक रगड़ कर माफी मांगी। इसके अलावा उन्होंने ब्रजवासियों से भी माफी मांगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में राधा रानी पर दिए बयान के बाद प्रेमानंद महराज ने नाराजगी जताई थी। दरअसल, प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में कहा था कि राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थी।


कौन है पंडित प्रदीप मिश्रा
निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण पंडित प्रदीप मिश्रा का बचपन अभावों में बीता लेकिन जब बड़े हुए तो उन्होंने स्कूल टीचिंग में अपने हाथ आजमाएं साथ ही पंडिताई भी करने लगे। पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1980 में सीहोर में हुआ था। उनका उपनाम रघु राम है. उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। वहीं, उनके पिता का नाम पंडित श्री रामेश्वर दयाल जी मिश्रा है, जिनका बीते साल 2 जून को ह्रदय गति रुकने से निधन हो गया था। पंडित प्रदीप मिश्रा के दो भाई हैं, जिनका नाम दीपक और विनय मिश्रा है। प्रदीप मिश्रा अपने पिता के काम में उनकी मदद करते थे। उन्होंने बड़ी मुश्किल हालत में अपनी बहन की शादी की थी। पंडित मिश्रा को बचपन से ही भक्ति भजन में काफी रुचि थी, जिसके चलते वे अपने स्कूल के दिनों में ही भजन कीर्तन किया करते थे। जब वे बड़े हुए तो सीहोर में ही एक ब्राह्मण परिवार की गीता बाई पराशर नाम की महिला ने उन्हें कथा वाचक बनने के लिए प्रेरित किया। गीता बाई पराशर ने उन्हें गुरुदीक्षा के लिए इंदौर भेजा. इसके बाद श्री विठलेश राय काका जी उन्होंने दीक्षा लेकर पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया। पंडित प्रदीप मिश्रा ने शुरू में शिव मंदिर से कथा वाचन शुरू किया था। वे शिव मंदिर की सफाई करते थे। इसके बाद वे सीहोर में पहली बार कथावाचक के रूप में मंच संभाला। पंडित प्रदीप मिश्रा अपने कथा कार्यक्रम में कहते हैं- ‘एक लोटा जल समस्या का हल’. यही बात लोगों के मन में बैठ गई। इसके बाद लोगों ने पंडित प्रदीप मिश्रा को सुनना शुरू कर दिया। पंडित प्रदीप मिश्रा को ‘सीहोर वाले बाबा’ के नाम से भी जाना जाता हैं। वे अपने प्रवचन में शिवपुराण की कथा सबसे ज्यादा करते हैं और उसके उपाय भी बताते हैं जिसके चलते वे प्रसिद्ध हुए। पंडित मिश्रा के यूट्यूब और फेसबुक पर लाखों फॉलोअर हैं।

दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की खुली पोल, पहली बारिश में ही खोखले साबित हुए सरकार के दावे

नई दिल्ली, 29 जून 2024। मानसून की पहली बारिश में राजधानी दिल्ली की ड्रेनेज सिस्टम का सच सबके सामने आ गया। हर जगह जलभराव और जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। दिल्ली सरकार अपनी कमी न मानते हुए इसका कारण ज्यादा बारिश को बताया है क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में पिछले 24 घंटे में हुई बारिश ने 88 साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। 1936 के बाद पहली बार राजधानी में इतनी बारिश दर्ज की गई।
बारिश की वजह से दिल्ली की सड़कों पर पानी भर गया और लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है।Bराजधानी के अलग-अलग इलाकों में बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। सड़कों से लेकर घरों तक पानी भर गया। कई रास्तों पर ट्रैफिक प्रभावित रहा। दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या भी जारी है। बारिश के चलते कई जगहों पर बिजली कटौती हुई, कई पेड़ टूट गए और फ्लाइट्स को भी रद्द करना पड़ा।
कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार एक्शन मोड में काम कर रही है। इसको लेकर दिल्ली सरकार ने आज कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों के साथ आपात बैठक बुलाई। इसमें दिल्ली में बारिश के कारण उत्पन्न समस्याओं पर गंभीरता से चर्चा की गई। इस दौरान जल मंत्री आतिशी ने कई जानकारियां साझा की। आतिशी ने आपात बैठक के बाद कहा कि दिल्लीवासियों से निवेदन है कि यदि जलजमाव की कोई शिकायत हो तो 1800110093 पर कॉल करें या 8130188222 पर वॉट्सऐप कर कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दें। ट्रैफिक पुलिस एमएलए पार्षदों से पानी भरने वालों जगह की लिस्ट मांगी गई है। मुख्य सचिव सभी शिकायतों का निवारण करेंगे।