Friday, November 8, 2024
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Farmers’ Politics : रालोद से राजनीति करेंगे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक? जयंत चौधरी के साथ करने वाले हैं मंच साझा

Farmers’ Politics : आरएलडी के नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी किसानों की पार्टी है और सत्यपाल मलिक एक पुराने किसान नेता हैं। सत्यपाल मलिक के उनकी पार्टी के साथ आने पर उन्हे और किसानों को फायदा होगा।

सी.एस. राजपूत 

सत्यपाल मलिक का अचानक किसानों से प्रेम क्यों हो गया था। समझ में आ रहा है न। उन्हें राजनीति में आना था। वह रालोद से जुड़कर राजनीति करने जा रहे हैं। रालोद किसानों और जाटों की पार्टी मानी जाती है। 30 सितंबर को मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक सेवानिवृत हो रहे हैं। रिटायरमेंट से पहले ही सत्यपाल मलिक ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। वो किसी न किसी तरह के आरोप और हमले पीएम मोदी पर करते आ रहे हैं। एक चैनल के मुताबिक मलिक ने रिटायरमेंट से पहले ही सक्रिय राजनीति में आने के संकेत दे दिए हैं। 3 अक्टूबर को शामली में होने वाले किसान सम्मेलन में वो राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ मंच साझा करेंगे।

राष्ट्रीय लोकदल के सूत्रों की मानें तो सत्यपाल मलिक राज्यपाल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वो राष्ट्रीय लोकदल पार्टी में शामिल हो सकते हैं। सतपाल मलिक 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा रखते हैं। उनकी निगाहें जाटलैंड के शामली जिले की कैराना लोकसभा सीट पर है जो कि मौजूदा समय भारतीय जनता पार्टी के पास है। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन अलीगढ़ में सत्यपाल मलिक एक किसान सम्मेलन में शिरकत करेंगे। राज्यपाल बनने से पहले तक सत्यपाल मलिक बीजेपी में रहे लेकिन चुनाव नहीं लड़ाए जाने की वजह से वो लगातार बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहते हुए उन्होंने बयान दिया था कि उन्हें कुछ गोपनीय फाइलों के लिए 300 करोड़ रुपयों तक का ऑफर आया था। इसके अलावा वो आए दिन सामाजिक मंचों पर देश को बिकने से रोकना होगा जैसे बयान देते हुए दिखाई दिए हैं। सत्यपाल मलिक ने बीजेपी सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया और गवर्नर पद छोड़ने की बात कह दी। इसके अलावा वो कई बार इस बात को भी दोहरा चुके हैं कि वो अपना इस्तीफा जेब में लेकर चलते हैं।


किसानों और जाट समुदाय पर पकड़ रखते हैं मलिक : आरएलडी के नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी किसानों की पार्टी है और सत्यपाल मलिक एक पुराने किसान नेता हैं। आरएलडी का कहना है कि सत्यपाल मलिक के उनकी पार्टी के साथ आने पर उन्हे और किसानों को फायदा होगा। चूंकि सत्यपाल मलिक एनडीए के नेता हैं और कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं इसलिए लोग उनकी बातों को सुनते हैं। इसके अलावा वो किसानों और जाटों को एकजुट रखने की क्षमता भी रखते हैं लेकिन उनके आरएलडी में आने पर पहले से बैठे जाट नेताओं का क्या रिएक्शन होता है ये देखना बड़ी बात होगी।

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