Saturday, November 23, 2024
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Capital Delhi : मैं LG बोल रहा हूं… बहन की Job के लिए प्रोफेसर ने उपराज्यपाल बनकर किया फोन!

बहन की सरकारी नौकरी के लिए एक असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा एलजी बनकर फर्जी कॉल करने का मामला आया है, दिल्ली पुलिस मामला दर्ज करके जांच कर रही है
 

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

‘मैं दिल्ली का उपराज्यपाल बोल रहा हूं…’ देश की राजधानी की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी एक एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने कुछ इसी तरह अपना परिचय दिया. वो भी उसी यूनिवर्सिटी के कुलपति को जहां वो पढ़ाता है. मसला था उसकी बहन की सरकारी नौकरी का. Assistant Professor अपनी बहन को अपने ही विश्वविद्यालय में टीचर की जॉब दिलाने की सिफारिश कर रहा था. इसके लिए उसने ऐसा हथकंडा अपनाया. लेकिन एक गलती से वो पकड़ा गया. अब Delhi Police ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. जानिए वो कैसे पकड़ा गया?

दिल्ली पुलिस ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIU) के एक सहायक प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उसने खुद को उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना के तौर पर पेश करते हुए शिक्षक के तौर पर बहन की नियुक्त के लिए उसके नाम की कथित सिफारिश की. एलजी सचिवालय न शुक्रवार को यह जानकारी दी.

कैसे पकड़ा गया आरोपी?

दिल्ली एलजी सचिवालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 30 सितंबर को IP University के वीसी महेश वर्मा को एक अज्ञात व्यक्ति ने कॉल किया. उसने खुद को दिल्ली का उपराज्यपाल बताया और एक विशेष अभ्यर्थी को IP University के अंग्रेजी विभाग में टीचर नियुक्त करने की सिफारिश की.

लेकिन कुलपति को शक हुआ और उन्होंने फोन कॉल की वास्तविकता का पता लगाने के लिए एलजी सचिवालय से संपर्क किया. पता चला कि Delhi LG की ओर से कोई कॉल नहीं की गई थी.

जांच से पता चला कि यह कॉल ब्रिटेन के नंबर से की गई थी. यह भी पता चला कि सहायक प्रोफेसर की बहन और उसके पिता को भी कॉल करने में इसी नंबर का इस्तेमाल किया गया था. दोनों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने सहायक प्रोफेसर का नाम लिया जो 27 अगस्त को ब्रिटेन गया था. आरोपी सहायक प्रोफेसर के खिलाफ लुक ऑउट सर्कुलर (LOC) जारी कराने की कवायद शुरू की गई है.

इसके बाद पुलिस में मामला दर्ज किया गया. 2 अक्टूबर को द्वारका पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उसके बाद नियुक्ति की कवायद रद्द कर दी गई. बयान में कहा गया कि जांच के दौरान कॉल करने वाले आरोपी की पहचान आईपी यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के एक सहायक प्रोफेसर के रूप में हुई.

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