Friday, November 22, 2024
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Deadly Winter : नसों में खून जमने से लोगों को आ रहे हार्ट अटैक, कानपुर के एक अस्‍पताल में 22 मौतें 

डॉक्टरों का कहना है कि सर्दी के मौसम में बीपी और ब्लड शुगर बाकी के मौसम की तुलना में अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में इसके मरीजों को काफी ख्याल रखना होता है।
 

 दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

 
द‍िल्‍ली-एनसीआर (Delhi-NCR) समेत पूरे उत्‍तर भारत में मौसम की भारी मार पड़ रही है। अभी इससे राहत के आसार भी नहीं हैं। ठंड जानलेवा भी साब‍ित हो रही है। उत्‍तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में एक द‍िन में और एक अस्‍पताल में ही 22 लोगों की मौत हो गई। कानपुर के एलपीएस ह्दय संस्‍थान में 5 जनवरी को आंकड़ा जारी क‍िया है। इसके मुताब‍िक सात लोगों की अस्‍पताल में मौत हुई और 15 लोग अस्‍पताल में जब लाए गए तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्‍टर्स का कहना है क‍ि ठंड की वजह से हार्ट अटैक (Heart Attack) की घटनाएं बढ़ रही हैं।

बता दें कि कड़ाके की ठंड में ब्रेन अटैक के जो मरीज अस्पताल में एडमिट हो रहे हैं, उनमें बहुत से रोगियों की मस्तिष्क की नसें फटने और खून के थक्के जमने की शिकायत सामने आ रही हैं। इसमें मरीजों के शरीर को लकवा मार रहा है।

क्‍यों हो रहीं मौतें ?

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अविनाश सिंह ने जी न्यूज से बात करते हुए ऐसे मामलों पर बताया कि ठंड के चलते लोगों में ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने संबंधी शिकायतें आ रही हैं। ब्लडप्रेशर बढ़ने से ठंड में मरीजों के नसों में खून के थक्के जम जा रहे हैं, जिसकी वजह से हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक पड़ रहा है और लोगों की मौत हो रही है। जिन लोगों को हार्ट की सर्जरी हुई हो, उनमें भी यह समस्याएं तेजी से आ रही हैं। ऐसे लोगों को अपना काफी ख्याल रखना होगा।
 
 
कार्डियोलॉजिस्ट अमित कुमार ने बताया सर्दियों में दिल के मरीजों में अपना काफी ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में बीपी और ब्लड शुगर बाकी के मौसम की तुलना में बढ़ जाता है। ऐसे में इसके मरीजों को काफी ख्याल रखना होता है।

क्‍या रखें सावधानी

डॉ अमित कुमार ने बताया कि लोगों में शीतलहरी में जानें से बचना चाहिए और घर में हल्की एक्सरसाइज कर लें। अगर बाहर धूप है तो ही बाहर जाएं, नहीं तो अधिक ठंड में बाहर जाने से बचें। डॉ अमित कुमार ने कहा कि ऐसे मौसम में खानपान भी असंतुलित हो जाता है, ऐसे में लोगों को समस्या हो सकती है। इस तरह के मौसम में लोगों को अधिक तली-भुनी चीजें खाने से परहेज करना चाहिए।

वहीं डॉ अविनाश सिंह का कहना है कि हार्ट अटैक, हार्ट फेल होना, ब्रेन अटैक की समस्या इस मौसम में बढ़ जाती है। इसके बचाव के लिए लोगों को खराब हवा में जाने से बचना चाहिए। लोगों को अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है। जो लोग पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें समय-समय पर अपना चेकअप कराना चाहिए।

बाहर निकलने से पहले लोगों को अपना कान ढककर निकलना चाहिए और तला-भुना, गरिष्ठ भोजन से परहेज करें। इसके अलावा शराब, धूम्रपान और दूसरे नशीले पदार्थों का भी इस मौसम में सेवन करने से बचे। इसके अलावा लोगों को रात में ब्लोअर चलाकर नहीं सोना चाहिए और कमरा बंद करने के साथ ही ब्लोअर बंद कर लें।

आगे कैसा रहेगा मौसम

दिल्ली एनसीआर में मौसम की बात करें तो शुक्रवार को शीतलहर की स्थिति बनी हुई है तो वहीं घना कोहरा कम हो गया है। बता दें कि 7, 8 जनवरी और 10-11 जनवरी के आसपास बारिश या फिर बूंदा बांदी होने की उम्मीद है। वहीं आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरके जेनामणि के मुताबिक इन दिनों में न्यूनतम तापमान भी बढ़ने की उम्मीद है।
 
उत्तर भारत में ठंड को लेकर मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में आने वाले कुछ दिनों तक भारी शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल सकता है। आईएमडी के अनुसार अगले 24 घंटों तक शीतलहर और कोल्ड डे की स्थिति जारी रहने की उम्मीद है। वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो झारखंड में बढ़ती ठंड को देखते हुए कक्षा एक से 5 तक अवकाश घोषित किया गया है। यूपी में भी शीतलहर का प्रकोप तेज है। इसके अलावा राजस्थान के चुरू में सबसे कम तापमान 1.0 डिग्री दर्ज किया गया।

वहीं छत्तीसगढ़ को लेकर मौसम विभाग ने कहा है कि हवा की दिशा बदलने से आगे के दिनों में मौसम बदल सकता है और तापमान में 2 से 5 डिग्री तक गिरावट देखने को मिल सकता है।

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