Monday, September 23, 2024
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RSS से 5 सवाल पूछने के पीछे क्या है Arvind Kejriwal की मंशा

Aam Admi Party के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद BJP से हिसाब-किताब बराबर करने के मूड में नजर आ रहे हैं। Arvind Kejriwal एक तीर से कई निशाने लगाना चाहते हैं। लगता तो यही है।
कल उन्होंने जंतर-मंतर पर पहुंच कर जनता की अदालत में खुद को पाक साफ बताया और BJP को कठघरे में खडा करने के मकसद से RSS से 5 सवाल पूछे।
Arvind Kejriwal RSS से सवाल पूछ कर क्या चाहते हैं? उनकी मंशा क्या है? इस पर हम आगे बात करेंगे, पहले जानते हैं Arvind Kejriwal ने जंतर मंतर पर क्या कहा।
उन्होंने जनता की अदालत में खुद को ईमानदार बताया और भाजपा द्वारा उन्हें भ्रष्टाचार मामले में फंसाने को झूठ करार दिया। Arvind Kejriwal ने कहा कि अगर जनता को लगता है कि वह ईमानदार हैं तभी उन्हें वोट दें।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से वे Delhi में ईमानदारी से काम कर रहे थे जब BJP को लगा वह हमसे चुनाव नहीं जीत सकती तो हमारे खिलाफ साजिश रची और एक-एक नेता को जेल भेज दिया। हमारे उपर झूठे मुकदमे लगाए गए।
मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार का दाग लेकर कुर्सी पर नहीं बैठ सकता। इस्तीफा देकर मुझे सरकारी आवास छोडना हैं। मेरे पास रहने के लिए घर नहीं हैं। मुझे लोग कहते हैं कि तू कैसा आदमी है 10 साल सीएम रहकर भी घर नहीं बनवा पाया। मेरे पास लोगों के फोन आ रहे हैं कि आ जाओ हमारे घर में रहो।
अब हम मुद्दे की बात पर आते हैं। Arvind Kejriwal ने RSS से जो 5 सवाल पूछे हैं उनमें पहला सवाल है,
जिस तरह पीएम मोदी देश भर में लालच देकर या ED, .CBI का डर दिखाकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं, सरकारें गिरा रहे हैं. क्या ये देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते ये भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है?
दूसरा सवाल, देश भर में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी नेताओं को पीएम मोदी ने अपनी पार्टी में शामिल करवाया। जिन नेताओं को कुछ दिन पहले उन्होंने खुद सबसे भ्रष्टाचारी बोला, जिन नेताओं को अमित शाह ने भ्रष्टाचारी बोला, कुछ दिन बाद उन्हें भाजपा में शामिल करवा लिया। क्या आपने ऐसी भाजपा की कल्पना की थी? क्या इस प्रकार की राजनीति पर आपकी सहमति है?

अब सवाल नंबर 3, भाजपा RSS की कोख से पैदा हुई है। कहा जाता है कि ये देखना RSS की जिम्मेदारी है कि भाजपा पथभ्रष्ट न हो। क्या आप आज की BJP के कदमों से सहमत हैं? क्या आपने कभी पीएम मोदी से ये सब न करने के लिए कहा?
सवाल नंबर 4, जेपी नड्डा ने चुनाव के दौरान कहा कि BJP को RSS की जरूरत नहीं है। RSS भाजपा की मां समान है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि मां को आंखें दिखाने लगा है। जिस बेटे को पाल-पोस कर बड़ा किया, प्रधानमंत्री बनाया, आज वो अपनी मातातुल्य संस्था को आंखें दिखा रहा है। जब जेपी नड्डा ने ये कहा तो आपको दुख नहीं हुआ? क्या RSS के हर कार्यकर्ता को दुख नहीं हुआ?

अब आखरी सवाल,Arvind Kejriwal

RSS-BJP ने मिलकर ये कानून बनाया था कि 75 वर्ष का होने पर किसी भी व्यक्ति को रिटायर होना पड़ेगा। इस कानून के तहत लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेताओं को भी रिटायर कर दिया गया। अब अमित शाह कह रहे हैं कि वो नियम पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा। क्या आप इससे सहमत हैं कि जो नियम आडवाणी पर लागू हुआ वो पीएम मोदी पर लागू नहीं होगा?
आइए,अब जानते हैं कि Arvind Kejriwal ने RSS से ये सवाल क्यों पूछे। वह क्या चाहते हैं?
असल में RSS इस देश का वो संगठन है जो सरकार, शासन और समाज में ईमानदारी, शुचिता, नैतिकता और धर्म की वकालत करता आया है। लेकिन RSS के इन उच्च सिद्धांतों को उसके सहयोग से चुनकर आई सरकार और नेताओं ने पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोडी।
पिछले लोकसभा के चुनावों में तो RSS ने भाजपा को पूरी तरह से समर्थन देने में हाथ पीछे खींच लिए। वह आधे-अधूरे मन से BJP के साथ रहा। यह सभी ने देखा, महसूस किया। लोकसभा चुनावों के नतीजों ने भी यह बता दिया।
आपको मालूम होगा, चुनावों के दौरान जे पी नड्डा ने कहा था कि BJP को RSS की जरूरत नहीं है। इसका मतलब पार्टी की संघ से अंदरूनी नाराजगी चल रही थी। इसीलिए नड्डा को इतनी बडी बात कहनी पडी। नड्डा को लगा कि अब चारों ओर मोदी का चमत्कार चल रहा है..मोदी का डंका बज रहा है…मोदी जी तो अब अवतारी पुरूष बन गए हैं…उन्होंने भारत को विश्व गुरू बना दिया..इसलिए उन्हें कौन हरा सकता है।
आपने देखा, जब लोकसभा चुनावों के नतीजे आए तो भाजपा अर्श से फर्श पर आ गई। उसे पूरा बहुमत भी नहीं मिला……..सहयोगी दलों की सीटें मिला कर वह बहुमत पूर्ण कर पायी।
जे पी नड्डा ने RSS को चुनावों के वक्त जो आंखें दिखाई थी…….Arvind Kejriwal अब RSS को वही याद दिला कर BJP से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं और खुद उसका समर्थन पाना चाहते है।
आपको याद होगा……अन्ना आंदोलन के दौरान RSS का उसे पूरा समर्थन हासिल था। Arvind Kejriwal खुद संध की उपज है। विपक्षी Congress तो उन्हें गाहेबगाहे संघी और BJP की बी पार्टी कहती आई है।
ऐसे मेे सवाल यह है कि क्या Arvind Kejriwal द्वारा BJP को संध के सिद्धांतों के खिलाफ चलने वाली………उसे आंखें दिखाने वाली…….पापी……बेईमान……..भ्रष्टों को पार्टी में शामिल करने वाली……पार्टी साबित कर क्या खुद आगामी चुनावों में उसका समर्थन हासिल करने की मंशा रखते हैं……। इतना पक्का है……वह संघ को BJP के समर्थन से दूर जरूर रखना चाहते है।

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