Diwali का पर्व आने वाला है और चारो तरफ इस त्यौहार की धूम देखने को मिल रही है. Dhanteras से ही Diwali शुरू हो जाती है. हिन्दू धर्म में Dhanteras का बहुत महत्व होता है. हर साल Dhanteras का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्णा पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवन धन्वंतरि के साथ साथ धन की देवी Lakshmi और धन के देवता Kuber की पूजा की जाती है. इस दिन लोग सोना , चांदी या बर्तन खरीदते है. वहीँ इस साल Dhanteras की दो तिथि होने के कारण लोग बहुत कंफ्यूज है कि वो कब धनतेरस की पूजा करे और सोना- चाँदी ख़रीदे. तो चलिए जानते है कि आखिर Dhanteras किस दिन है, शुभ मुहूर्त कौन सा है और क्या है इस दिन की पूजा के विधि विधान क्या है ?
Dhanteras की तिथि और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार 29 October, 2024 की सुबह 10 बजकर 31 मिनट से होगी. जो कि बुधवार 30 October, 2024 को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट रहेगी. चूंकि Dhanteras की पूजा शाम को ही होती है ऐसे में 29 October को ही ये त्योहार मनाया जाएगा.
वैदिक पंचांग के अनुसार, Dhanteras के लिए पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त मंगलवार 29 October की शाम 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
पूजा की विधि
Dhanteras के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के पश्चात साफ़ वस्त्र धारण करने चाहिए.इसके बाद अपने पूजा घर को साफ़ करने के बाद एक चौकी पर माता Lakshmi और Kuber देवता की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए. और फल, मिठाई और मखाने की खीर का भोग लगाना चाहिए. इसके पश्चात भगवन की आरती करनी चाहिए.
Dhanteras पर क्या खरीदना होता है शुभ ?
Dhanteras पर खरीदारी का बहुत ज़्यादा प्रचलन है. तो ऐसी कोनसी चीज़े है जो Dhanteras के दिन खरीदनी चाहिए जिससे लाभ हो . तो आइये जानते है
सोना – इस दिन सोने के आभूषण खरीदने की परंपरा है. सोना लक्समी जी का प्रतिक है इसलिए इस दिन सोना खरीदना चाहिए.
चांदी – इस दिन चांदी खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है. लोग इस दिन चांदी के सिक्के खरीदते है जिस पर माता लक्ष्मी और कुबेर की आकृति होती है.
बर्तन – इस दिन लोग पुराने बर्तन बदलकर यथाशक्ति ताम्बे, चांदी, पीतल के नए बर्तन खरीदते है. पीतल के बर्तन लक्ष्मी और बृहस्पति के प्रतिक है. और अगर आप इस दिन सोने के बर्तन नहीं खरीद पा रहे है तो पीतल के बर्तन ज़रूर ख़रीदे.
धनिया – इस दिन सबूत धनिया खरीदना चाहिए. धनतेरस के दिन सबूत धनिया खरीदना बहुत शुभ माना जाता है.
नए वस्त्र – इस दिन दिवाली पर पहनने के लिए नए वस्त्र खरीदने की भी परंपरा है.
लक्ष्मी – गणेश जी की मूर्ति – इस दिन दिवाली की पूजा के लिए माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की भी मूर्ति खरीदी जाती है और धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरी की भी मूर्ति खरीदी जाती है.
खिलोने – इस दिन बच्चो के लिए नए खिलोने भी ख़रीदे जाते है. कहते है कि अगर बच्चे खुश होते है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा बानी रहती है.
खील– बताशे – इस दिन खील बताशे खरीदने कि भी परंपरा है. कहा जाता है कि खील बताशे खरीदने से घर में खुशियों का आगमन होता है.
गोमती चक्र और कोड़िया– इस दिन बच्चो कि सुरक्षा के लिए गोमती चक्र और धन समृद्धि बढ़ाने के लिए कोड़िया भी खरीदी जाती है.
झाड़ू – इस दिन झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. कहा जाता है ऐसा करने से साल भर नकारात्मक ऊर्जा घर के बहार रहती है.
” दिल्ली विधासभा चुनाव को बेहद करीब आते देख चुनाव लड़ने का सपना देख रहे नेताओं ने टिकट की दौड़ में पुरे दम – ख़म के साथ लग गए है। वज़ीर पुर बीजेपी में टिकट की दौड़ में कौन बाजी मार सकता है इस पर राजनैतिक गलियारों और पोलिटिकल पंडितों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। पक्ष और विपक्ष में तथ्यों और तर्कों के साथ दावे हो रहे है। इन दावों में किस नेता में कितना दम है इस पर प्रस्तुत है हमारी विश्लेषणात्मक रिपोर्ट : –
-राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण
वज़ीर पुर | अगले साल फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में वज़ीर पुर विधान सभा क्षेत्र से टिकट की दौड़ में कौन किससे क्यों आगे है ? इस बार टिकट हथियाने में कौन कामयाब होगा ? इस सवाल पर दिल्ली की बेहद अहम् विधान सभा में शुमार वज़ीर पुर में चटकारे लेकर चर्चाएं हो रही है। सभी नेता टिकट हथियाने के लिए हर हथकंडा अपना रहे है। बात चाहे पोस्टरबाजी को हो , होर्डिंग लगाने की होड़ हो या क्षेत्र में होने वाले सामाजिक धार्मिक आयोजनों की , जनता के बीच जाने और अपना चेहरा चमकाने के लिए कोई नेता कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। क्षेत्र की दीवारें पोस्टर और पेंटिंग से भरी पडी है। इस प्रचंड प्रचार पर प्रशासन की नजर बेशक ना हो लेकर स्थानीय लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म है। यूँ तो पोस्टरबाजी और होर्डिंग की होड़ में कोई भी पार्टी और नेता पीछे नहीं है लेकिन हम यहाँ बात अभी केवल बीजेपी की करेंगे। बाकी पार्टियों के नेताओं का जिक्र अपनी दूसरी खबर पर करेंगे।
वज़ीर पुर में बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ने का सपना पाले नेताओं की कतार कम नहीं है। बल्कि सबसे ज्यादा दावेदार बीजेपी में ही है। बीजेपी में इस बार जिन नेताओं को विधानसभा चुनाव की टिकट की दौड़ में शामिल बताए जा रहा है उनमें लगभग आधा दर्ज़न नेताओं के नाम शुमार है। जिन नामों की चर्चा है उनमें दिल्ली बीजेपी कोषाध्यक्ष सतीश गर्ग , अशोक विहार से पार्षद पूनम भारद्वाज , वज़ीर पुर से पार्षद और जोन चेयरमैन योगेश वर्मा , दिल्ली कैट अध्यक्ष और सुप्रभात क्लब के संस्थापक विपिन आहूजा के नाम चर्चा में है। कुछ ऐसे नेता भी है जो प्रत्यक्ष दावा पेश नहीं कर रहे है लेकिन अपने रसूक और राजनैतिक पहुंच से प्रत्याशी बनाने की संभावनाएं तलाश रहे है।
सबसे पहले हम बात करते है डॉ महेंद्र नागपाल की। डॉ महेंद्र नागपाल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए थे। उसके बाद से लगातार चुनाव लड़ भी रहे है और हार भी रहे है। इसके बावजूद क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता अभी कम नहीं हुयी है। वजह डॉ नागपाल इस विधानसभा के हर क्षेत्र से पार्षद रह चुके है। लगातार 35 – 40 साल से राजनीती और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े है। वज़ीर पुर विधानसभा के हर कोने और हर समाज के लोग उन्हें जानते भी है और मानते भी है। इस सबके बावजूद यह सवाल बना हुआ है कि क्या इस बार फिर पार्टी उन्हें टिकट देगी ? कोई उनकी बढ़ती उम्र का हवाला दे रहा है तो किसी का मानना है कि बीजेपी में अभी डॉ नागपाल से बेहतर उम्मीदवार अभी भी कोई नहीं है। लेकिन सवाल है कि क्या लगातार चुनाव हारने के बाद भी उन्हें टिकट दिया जा सकता है ? पार्टी में भी चर्चा है कि जो नेता लगातार दो बार विधानसभा चुनाव हार चुकें है उन्हें पार्टी तीसरी बार चुनाव नहीं लाडवा रही है। यदि ऐसा है तो क्या पार्टी किसी अन्य नेता पर दांव खेलेगी ? यदि हाँ तो वह नया चेहरा कौन होगा ? बाकी अन्य चेहरों पर भी क्षेत्र में राजनीति में जानकारी और रुचने रखने वाले लोग तथ्य और तर्कों के साथ चर्चा कर रहे है।
वज़ीर पुर विधानसभा चुनाव की टिकट में दूसरा सबसे बड़ा दावेदार दिल्ली बीजेपी में कोषाध्यक्ष सतीश गर्ग को बताया जा रहा है। सतीश गर्ग पूर्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और वज़ीर पुर के पूर्व विधायक स्व. मांगेराम गर्ग के पुत्र है। वज़ीर पुर बीजेपी की राजनीति लगभग कई तीन दशक तक स्व. मांगेराम गर्ग और महेंद्र महेंद्र नागपाल के इर्द गिर्द घूमती रही है। दोनों एक दूसरे के कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंदी भी रहे है। सतीश गर्ग लगातार दो दशक से वज़ीर पुर विधानसभा से टिकट की दावेदारी करते आ रहे है। लेकिन हर बार टिकट उनके लिए दूर की कोड़ी ही साबित रही है। विगत विधानसभा चुनाव में माना जा रहा था की इस बार पार्टी उन्हें जरूर टिकट देगी , लेकिन हर बार की तरह उनका यह सपना फिर चकनाचूर हो गया। इस बार भी पक्का दावा किया जा रहा है की पार्टी इस बार उन्हें निराश नहीं करेगी। बार बार नकार दिए जाने के बावजूद सतीश गर्ग में कभी विद्रोह के स्वर सुनाई नहीं दिए। पार्टी के लिए हमेशा समर्पित भाव से काम किया। यही वजह है की पार्टी में उन्हें कई बड़ी बड़ी जिम्मेदारियां भी दी , उन्हें कोषध्यक्ष भी बनाया गया। उनकी वफादारी और पार्टी में उनकी सक्रियता को देखते हुए कहा जा रहा है कि पार्टी इतनी निष्ठुर नहीं हो सकती कि लगातार उनके सब्र का इम्तिहान ही लेती रहे। इस बार टिकट उनके राजनीतिक करियर का ही सवाल नहीं है बल्कि उनकी प्रतिष्ठा का भी सवाल है। इस सबके बावजूद उनकी टिकट को लेकर कयास जारी है। यह चुनाव बीजेपी की भी प्रतिष्ठा का सवाल है। विगत 28 साल से राजनीति वनवास झेल रही बीजेपी को इस बार तो हर हाल में जिताऊ उम्मीदवार ही चाहिए। ऐसे में यदि सर्वे हुआ तो क्या उसमें सतीश गर्ग का रिपोर्ट कार्ड बेहतर होगा इसे लेकर चर्चाएं उनके हक़ में नहीं है। सतीश गर्ग बहुत काबिल और कुशल वक्ता है, लेकिन उनकी व्यवहार कुशलता को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे है। यही वजह है की वज़ीर पुर की राजनीति में वे योग्यता होने की बावजूद उतने लोकप्रिय नेता कभी बन नहीं पाए। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता भी भगवान् से दुआ कर रहे है कि यदि वे चुनाव लड़ें तो उनके सामने बीजेपी से सतीश गर्ग ही उम्मीदवार बने तो उनकी जितने की उम्मीदें बहुत बढ़ जाएंगी।
उपरोक्त तथ्यों और तर्कों कहा जा रहा है की बीजेपी इन दोनों से अलग किसी तीसरे नेता पर भी नजर जमा सकती है। वह तीसरा नेता कौन हो सकता है इस पर तीन नेताओं के नाम चर्चा में है। ये तीन नेता है पूर्व पार्षद और वज़ीर पुर का लालू कहे जाने वाले नेता सुरेश भारद्वाज की पुत्रवधु पूनम भारद्वाज। दिल्ली की स्लम और दलित वोट बैंक हमेशा बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती और चिंता बना रहा है। वज़ीर पुर में के बड़ा वोट बैंक इसी वर्ग का है। जिस इलाके से चुनाव लड़ने में बीजेपी नेताओं को पसीने आ जाते है उसी इलाके से सुरेश भारद्वाज परिवार चार बार चुनाव लड़ चुका है। इसमें तीन बार चुनाव जीतें है और के बार उन्हें मामूली अंतराल से हार का सामना करना पड़ा है। इस बार भी सुरेश भारद्वाज ने अपनी पुत्र वधु को चुनाव लड़वाया और जीत हासिल की। सुरेश भारद्वाज रोहिणी जोन के चेयरमैन रहे है तो उनकी पुत्रवधु पूनम भारद्वाज सिविल लाइन जोन की चेयरपर्सन रही है। पूनम भारद्वाज ने अपन योग्यता भी साबित की है और इलाके में उनकी कितनी पकड़ा है ,कितना प्रभाव है यह भी साबित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को राजनीती में आरक्षण देने का ऐलान भी किया है। ऐसे में पूनम भारद्वाज को महिला होने का लाभ भी मिल सकता है। एक तरफ महिला कोटे से उनकी टिकट मजबूत दिखाई देती है वहीँ बीजेपी के लिए झुग्गी वोट बैंक को साधना भी आसान हो सकता है। स्लम बस्ती की राजनीती के हर हथकंडे से सुरेश भारद्वाज परिचित है। वज़ीर पुर जहाँ से चुनाव लड़ने में बीजेपी नेताओं को पसीना आ जाता है वहां से यह परिवार चुनाव लड़ने को हमेशा तैयार रहता है। ऐसे में बीजेपी के लिए पूनम भारद्वाज के जिताऊ उम्मीदवार साबित हो सकती है। लेकिन चर्चा यह भी है कि क्या बीजेपी पार्षदों पर दाव खेलेगी ? दिल्ली नगर निगम में अभी उसके पार्षद भी कम है ऐसे इस आधार और आंकलन की कैसोटी पर उनकी टिकट खटाई में दिखाई दे रही है। सुरेश भारद्वाज के पुत्र और पूनम भारद्वाज के पति अशोक भारद्वाज पार्टी में बेहद सक्रीय है। वे युवा है , जिला में वे महामंत्री भी है। इस सबके बावजूद टिकट के दावेदारी पूनम के लिए ही हो रही है।
वज़ीर पुर बीजेपी में टिकट की दावेदारी में एक नाम योगेश वर्मा का भी मजबूती से लिया जा रहा है। योगेश वर्मा दो बार से निगम पार्षद है ,विगत नगर निगम में वे हर साल निगम की किसी न किसी महत्वपूर्ण पद पर रहे। अपनी योग्तया को उन्होंने साबित भी क्या है और अब भी पार्टी ने उन्हें दिल्ली नगर निगम केशव पुरम जोन में चेयरमैन की जिम्मेदारी दी है। पेशे से अच्छे वकील योगेश वर्मा जितनी तेज़ी से पार्टी में लोकप्रिय हो रहे है उसने लोगों के बीच उन्हें विधानसभा टिकट का दावेदार बना दिया है। अपने वार्ड में विकास और रचनात्मक कार्यों को लेकर वे हमेशा से चर्चा में रहते है। पूर्व विधायक डॉ महेंद्र नागपाल के सबसे निकट सहयोगी रहे है। अशोक विहार में पंजाबी वोट बैंक पर नागपाल की पकड़ रही है लेकिन अब पूरा प्रभाव योगेश वर्मा का भी बना हुआ है। अगर नागपल और योगेश वर्मा के बीच कोई आपसे सहमति और समझौता होता है तो विधानसभा टिकट हासिल करना इनके लिए कुछ आसान हो सकता है।
इन सबके बीच दिल्ली कैट अध्यक्ष और सांसद प्रवीण खंडेलवाल की सहयोगी विपिन आहूजा का भी लिया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में विपिन आहूजा प्रवीण खंडेलवाल के साथ साये की तरह रहे। इसी निकता और उनकी सक्रियता को देखते हुए कहा जा रहा है की विपिन आहूजा भी विधानसभा जाने का सपना देख रहे है। कैट अध्यक्ष होने के अलावा विपिन आहूजा जाने माने सोसाइल क्लब सुप्रभात के भी संस्थापक अध्यक्ष है , अशोक विहार विहार व्यापार मंडल के भी अध्यक्ष रहे है। लेकिन उन्हें की करीबी रहे कई साथियों ने अलग से सद्भावना सोसाइटी बनाकर उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से चुनौती दे दी है। इस सोसाइटी में विपिन आहूजा के कई करीबी लोग है जिनमें लगभग पंजाबी समाज की बहुलता है। यानी न एव पंजाब समाज के सर्वमान्य नेता है और व्यापारियों के और ना ही स्थानीय बीजेपी में कोई बड़ा कद ही है। उनकी टिकट का आधार केवल प्रवीन खंडेलवाल है बताया जा रहा है।
यहाँ यह भी जानना जरूरी है कि बीजेपी में टिकट वितरण में स्थानीय सांसदों को कितनी अहमियत दी जाएगी। यदि सांसद की पसंद को तरजीह दी तो उनकी पसंद कौन होगा इस पर भी प्रश्न है। प्रवीण खंडेलवाल के संसदीय क्षेत्र में कितने ही स्थानीय नेता ऐसे है जिन्हे वे बेहद पसदं करते है। ऐसे में वे खुलकर किसी का पक्ष लेंगे यह कहना मुश्किल है। ऐसे में विधान सभा चुनाव के लिए बीजेपी खेमे में कौन टिकट की दौड़ जीतता है यह देखना दिलचस्प होगा |
मोती नगर। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मोती नगर विधानसभा के कर्मपुरा क्षेत्र में एक पदयात्रा का आयोजन कर लोगों के साथ संवाद स्थापित किया। इस जनसंवाद के दौरान, भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश के 22 राज्यों में भाजपा की सत्ता होने के बावजूद किसी भी राज्य में दिल्ली जैसी 24 घंटे की सस्ती बिजली नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को जो मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त दवाइयाँ और बेहतर शिक्षा सेवाएँ मिल रही हैं, वे भाजपा शासित राज्यों में उपलब्ध नहीं हैं।
केजरीवाल ने बताया कि उनके जेल में होने का कारण यह था कि भाजपा नहीं चाहती थी कि दिल्लीवासियों को बेहतर सुविधाएं मिलें। “मेरे पीछे से इन्होंने दिल्ली का बुरा हाल कर दिया है। जगह-जगह सड़कों की मरम्मत और सीवर सफाई का काम युद्धस्तर पर जारी है,” उन्होंने कहा। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि दिल्लीवासियों के पानी के अनाप-शनाप बिल जल्द माफ कर दिए जाएंगे, और जनता के सहयोग से वे दिल्ली में एक बार फिर बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करेंगे।
पदयात्रा के दौरान, केजरीवाल ने घोषणा की कि उनकी सरकार ने दिल्ली की हर महिला को हर महीने उनके खाते में एक हजार रुपये जमा कराने की योजना तैयार की है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता ने उन्हें एक और मौका दिया तो वह दिल्लीवासियों को फिर से अच्छे स्कूल, मुफ्त बिजली और बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस आयोजन में क्षेत्रीय विधायक शिवचरण गोयल ने भी केजरीवाल का जोरदार स्वागत किया। विधायक के साथ कदम मिलाते हुए केजरीवाल ने कर्मपुरा की गलियों में पैदल चलकर लोगों से अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान कई लोग केजरीवाल के साथ सेल्फी लेने के लिए उत्सुक दिखे, और जनसभा में जनता का भारी उत्साह देखने को मिला।
जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का वादा करते हुए केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है और मैं हर संभव प्रयास करूंगा कि यहां के लोगों को बेहतरीन सेवाएँ मिलें।”
चुनावों की तारीख जैसे जैसे नज़दीक आ रही है सियासी हलचल भी काफी तेज़ होती दिखाई दे रही है. बीते दिन Bhartiya Janta Party ने बुजुर्गों की पेंशन ना देने का आरोप लगते हुए दिल्ली सरकार के खिलाफ Rajghat पर प्रदर्शन किया. BJP का कहना है कि पिछले 7 वर्षो से करीब पांच लाख बुजुर्गों के पेंशन आवेदन लंबित है. इन सभी को पेंशन देने और इसकी राशि बढ़ने कि मांग को लेकर BJP विधायकों ने Rajghat के बाहर धरना प्रदर्शन किया.
Virendra Sachdeva का आप पर पलटवार
प्रदेश अध्यक्ष Virendra Sachdeva ने कहा कि, दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री आवास पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है परन्तु बुजुर्गों को पेंशन नहीं दे रही है. पेंशन बुजुर्गो का अधिकार है और Aam Adami Party के नेता बस जनता से झूठे वादे करते है और हमेशा यही करते रहेंगे. Virendra Sachdeva ने आगे कहा कि बुजुर्गों को उनका अधिकार दिलाने के लिए BJP संघर्ष करेगी और जब तक उनको उनका अधिकार नहीं मिल जाता वो यह लड़ाई ज़ारी रखेंगे.
Vidhan Sabha में नेता प्रतिपक्ष Virendra Sachdeva ने कहा कि, “हमारी डिमांड है कि बुजुर्गों को पेंशन दी जाए. पिछले काफी समय से बुजुर्गों को पेंशन नहीं दी गई. यह मांग हमने 27 सितंबर को Vidhan Sabha के अंदर भी उठाई थी. Aam Adami Party की सरकार गूंगी बहरी है और जानबूझकर Delhi में आयुष्मान योजना को भी लागू नहीं किया जा रहा.”
दिल्ली के Rajghat पर बताया सच
Delhi BJP विधायक Abhay Verma ने कहा कि हम Delhi के लोगों को बताने आये है कि Arvind Kejriwal कितना झूठ बोलते है. यह लोग बुजुर्गों कि पेंशन के साथ खिलवाड़ कर रहे है. पिछले 7 सालों से एक भी आदमी को पेंशन नहीं मिली है. और हम यह दावा करते है कि हमारी सरकार आने के बाद हम इस पेंशन रकम को 5000 कर देंगे .
अब देखना यह होगा कि BJP के इस प्रदर्शन के बाद क्या Aam Adami Party इस पर कोई टिप्पणी करती है या नहीं. और अब जब Vidhan Sabha चुनाव नज़दीक है तो क्या Aam Adami Party इसे लेकर कोई हम फैसला करेगी या नहीं ?
राष्ट्रीय राजधानी Delhi में सफर करने वाले लोगो के लिए Delhi Traffic Police ने एक एहम Advisory जारी की है.आपको बता दे कि दिल्ली के राधा स्वामी सत्संग ब्यास समागम द्वारा 26-28 अक्टूबर तक राधा स्वामी सत्संग परिसर, भाटी माइंस, छतरपुर महरौली में सुबह 4 बजे से शाम 6 बजे तक आयोजित किया जाएगा. इस धार्मिक समागम के चलते Traffic Route में बदलाव किए गए हैं.
Traffic Police की Guidelines
Traffic Police की Advisory में बताया गया है कि सत्संग परिसर में सभी श्रद्धालुओं और सभी प्रकार के वाहनों के लिए Entry भाटी माइंस सड़क मार्ग से रहेगी. ऐसे में सभी को सलाह दी जाती है कि वे सुबह 6 बजे से पहले पहुंच जाएं ताकि रास्ते में भीड़भाड़ से बचा जा सके. आयोजकों ने अलग- अलग श्रेणी के वाहनों और आगंतुकों के लिए अलग- अलग प्रवेश की व्यवस्था की है.
यह Route है बंद
किसी भी यातायात अवरोध से बचने के लिए Chattarpur Road , Gurugram Road , T -Point और सत्संग कॉम्प्लेक्स के बीच भाटी माइंस रोड पर भारी परिवहन वाहनों के चलने पर प्रतिबंध शुक्रवार से रविवार तक सुबह 4 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच प्रभावी रहेगा. आम जनता को सुबह 4 बजे से शाम 6.30 बजे के दौरान Chattarpur Road से बचने की सलाह दी जाती है.
डेरा मोड़ और मंडी बॉर्डर के माध्यम से Faridabad से प्रवेश करने वाले आपातकालीन वाहनों को किसी भी असुविधा से बचने के लिए Mehrauli -Gurugram Road से जाने की सलाह दी जाती है. इसमें कहा गया है कि लोगों को सड़कों पर भीड़भाड़ से बचने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है.