Thursday, October 3, 2024
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विधायक मुख्तार अंसारी की जेल में बिगड़ी तबीयत,सदमे से पत्नी काे भी आया हार्ड अटैक

लखनऊ-बांदा जिला कारागार में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई है। इसके बाद उनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आज सुबह उनसे मिलने आई पत्नी की भी तबीयत खराब हो गई है। दोनों को एक ही डॉक्टर के अंडर में रखा गया है। मुख्तार के साथ ही उनकी पत्नी को बीपी की समस्या है। डॉक्टर का कहना है कि मुख्तार अंसारी को पहले से ब्लड शुगर के साथ ही हार्ट में दिक्कत थी। अब इन दोनों को लखनऊ रेफर किया जा रहा है। एडीजी ला एंड आर्डर ने कहा कि हमको सूचना मिली है कि विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से चिकित्सा के लिए लखनऊ या किसी अन्य शहर में रेफर किया गया है। उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी हमारी है। हम उनको हर स्तर की सुरक्षा मुहैया कराएंगे।

बांदा जिला जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबियत अचानक बिगडऩे के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्तार की पत्नी को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्तार अंसारी ने कल रात का खाना खाने के बाद ही तबीयत खराब होने की बात कही थी। जेल में ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी। इससे पहले लखनऊ जेल से माफिया मुख्तार अंसारी को बांदा जेल भेजा गया था। बांदा जिला जेल भेजे जाने के कारण भी मुख्तार चर्चा में रहे थे। बाहुबली मुख्तार अंसारी बसपा के विधायक हैं। मुख्तार अंसारी ने जेल में रहते हुए ही विधानसभा चुनाव लड़ा था। मुख्तार अंसारी मौजूदा समय में मऊ सदर सीट से विधायक भी हैं।

लखनऊ जेल से माफिया मुख्तार अंसारी को जब बांदा जेल शिफ्ट किया गया था, तब उन्होंने साजिश की ओर इशारा किया था। मुख्तार अंसारी ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा उन्हें जान से मारने की साजिश कर रहे हैं। मुख्तार अंसारी ने ललितपुर जाने को अपनी जान के लिए खतरा बताया। था। सीधे तौर पर कहा कि उनको मारने की साजिश की जा रही है। वह अंसारी चाहते थे कि उन्हें आगरा जेल भेज दिया जाए लेकिन आखिर में उन्हें बांदा भेजा गया था। तमाम उठापटक के बाद बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बांदा जेल शिफ्ट किया गया था। इसके बाद बांदा के डीएम ने उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई थी। पत्र लिखकर कहा था कि मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं है फिर भी अंसारी को बांदा शिफ्ट किया था।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चलते बांदा से मुख्तार अंसारी को उन्नाव जिला जेल में रखा गया था। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन्नाव के जिला जज के साथ डीएम और एसपी ने भी जिला जेल का निरीक्षण किया था। इस दौरान बंदी को वहां से हटाया गया था। मुख्तार अंसारी को 22 दिसंबर उन्नाव जिला जेल में रखा गया था।

राज्य सभा चुनाव के पीछे क्या है “आप” की रणनीति ?

तमाम अटकलों के बीच  दिल्ली के सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी ने संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा  के लिए अपने तीनो उम्मीदवार तय कर ही दिए –इनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह को उम्मीदों के अनुरूप जगह मिली है वहीँ वैश्य  समाज से चुने गए दो नामों नवीन गुप्ता और शुशील गुप्ता पार्टी में नए चहरे है —इन नामो पर बेशक पार्टी के भीतर और बहार इन दोनों नामो को बाहरी बताकर बगावत के सूरे सुनायी दे रहे हो लेकिन पार्टी के ही वरिष्ठ नेता इसे पार्टी की सोची समझती रणनीति बता रहे है।

आईये हम आपको बताते है ” आप ” के इन नामो को उम्मीदवार बनाये जाने के पीछे पार्टी क्या उम्मीद कर रही है।  शुशील गुप्ता और नवीन गुप्ता दोनों को राज्य सभा भेजकर ” आप ” एक तीर से कई शिकार करना चाहते है। इन दोनों को राज्य सभा भेजकर दिल्ली अग्रवाल समाज का झुकाव  “आप ” की तरफ करना चाहती है।  दोनों समाज में के बड़ा नाम है। दिल्ली के राजनीती और अर्थ व्यवस्था में अग्रवाल समाज नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। पार्टी उम्मीद कर रही है की इससे पार्टी को नोट और वोट दोनों में इजाफा होगा।

ऐसा नहीं है की आम आदमी पार्टी की पोलिटिकल अफेयर कमिटी यह दोनों खूबियां देखी है। आप लगातार कोशिस कर रही थी की पार्टी में अच्छे और समझदार नए लोग जुड़ें।  राज्य सभा में ऐसे लोग जाएं जो अपने अपने विषय के विशेषज्ञ हो। लाख कोशिशों के बावजूद भी पार्टी ने जिन भी लोगों को अप्रोच किया उन्होंने स्वीकार नहीं किया। वजह बीजेपी सरकार और आम आदमी पार्टी के बीच मची महाभारत है।

 क्या उम्मीद है इन उम्मीदवारों से — ( तीनो की फोटो लगाएं )

अब बात करते है सुशील  गुप्ता की—-

सुशील गुप्ता दिल्ली के बड़े कारोबारी है। कुछ समय पहले तक शुशील गुप्ता कांग्रेस में थे।  शुशील गुप्ता के दिल्ली और हरियाणा में 25 से 30 स्कूल , कॉलेज और अस्पताल है। शुशील गुप्ता अग्रवाल समाज में के बड़ा नाम है। कारोबार, स्कूल, कॉलेज और अस्पताल संचालक होने के नाते इनके पास अपना वोट बैंक भी है  –पार्टी का जनाधार बनाने और पार्टी को फंड बढ़ाने पार्टी को मदद मिलेगी।  शुशील गुप्ता का हरियाणा के वैश्य समाज में भी अच्छा नेटवर्क बताया जाता है। शुशील गुप्ता से पार्टी को हरियाणा में अपना जनाधार बढ़ने मदद मिलेगी।

नवीन गुप्ता —

नवीन  गुप्ता पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और चार्टर्ड अकाउंटेंट की सबसे बड़ी संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट हैं..  सूत्रों के मुताबिक नवीन गुप्ता बीते करीब डेढ़ साल से आम आदमी पार्टी का आयकर विभाग में केस संभाल रहे हैं।  आम आदमी पार्टी फिलहाल फंडिंग में गड़बड़ी के आरोप में आयकर विभाग का आदेश झेल रही है, जिसमें पार्टी को 30 करोड़ रुपये टैक्स देने का आदेश है. पार्टी के आला सूत्र बताते हैं कि किसी भी पार्टी को बड़े वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट की ज़रूरत होती है इसलिए पार्टी ने नवीन गुप्ता का नाम तय किया है.

नवीन चार्टर्ड अकाउंटेंट की सबसे बड़ी संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के पदाधिकारी होने के नाते देशभर के कारोबारियों से जुड़े है और उन्हें पार्टी से जोड़ने की काबिलियत रखतें है। पार्टी सूत्रों का कहना है की इनकी काबिलियत की तारीफ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली तक कर चुकें है। इन्हे सब को देखते हुए पार्टी को यह नाम भी सबसे सटीक लगा।

 

संजय सिंह

पार्टी के नेता संजय सिंह को राज्य सभा उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर पार्टी में लगभग एक राय बन चुकी थी।  संजय सिंह यूपी के प्रभारी है और अच्छे वक्ता राजनीती के जानकार भी है। राष्ट्रिय स्तर पर पार्टी में पूरी पकड़ भी है। संजय सिंह का राज्य सभा सदस्य बनाना यूपी में भी पार्टी के विस्तार में सहायक होगा।

पार्टी की पोलिटिकल अफेयर कमिटी पर  इन्ही सब पर गहन मंथन के बाद आम राय बनी। दिल्ली के कुमार विश्वाश और पत्रकार से नेता बने आशुतोष की भी राज्य सभा जाने की  चर्चाएं थी। ये दोनों ही लोकसभा चुनाव लड़  चुकें है और फिलहाल पार्टी में प्रवक्ता पद के साथ साथ अन्य जिम्मेदारियां भी संभाल रहे है।

दिग्गज पेशेवर भी तैयार नहीं थे आप से जुड़ने के लिए

आम आदमी पार्टी चाहती थी की राज्य सभा में दिग्गज पेशेवर जाएं ताकि पार्टी का की निति और न्याय संगत निर्णय पर राज्य सभा में प्रभावी धंड़ग से अपनी बात कह सकें। इसके लिए पार्टी ने भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को पार्टी उम्मीदवार बनाने की पेशकश की लेकिन उन्हों इंकार कर दिया। बताया जाता है कि  उनके प्रस्ताव पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने भी इनकार कर दिया था।  केजरीवाल ने इंफोसिस के संस्थापक एनएम नारायणमूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता व सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और उद्योगपति सुनील मुंजाल से भी संपर्क किया, लेकिन सभी ने मना कर दिया। वजह , केंद्र और केजरीवाल के बीच लगातार चल रहे टकराव है।  यही वजह है की आप ने गहन मंथन के बाद 15 जनवरी को होने वाले राज्य सभा के लिए उन्हें उम्मीदवार बनाया है। दिल्ली में आप के विधायकों की संख्या  देखते हुए इनका चुना जाना भी लगभग तय है।

राज्‍यसभा का टिकट न मिलने पर विश्‍वास का छलका दर्द, कहा-अरविंद ने कहा था आपको मारेंगे लेकिन शहीद नहीं होने देंगे

राजनीति, राजेंद्र स्वामी – आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. आप की तरफ से संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता राज्यसभा जाएंगे. नाम के ऐलान के बाद कवि और पार्टी नेता कुमार विश्वास का दर्द छलका है. कुमार ने कहा कि मुझे सर्जिकल स्ट्राइक, टिकट वितरण में गड़बड़ी, जेएनयू समेत अन्य मुद्दों पर सच बोलने के लिए मुझे दंडित किया गया है. मैं इस दंड को स्वीकार करता हूं.

कुमार विश्वास ने क्या कहा?

प्रतिक्रिया देते हुए कुमार ने कहा कि सब अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. आप अपनी लड़ रहे हैं, मैं अपनी लड़ रहा हूं. मैं बहुत शुभकामाएं देता हूं जिनको रामलीला मैदान के लिए चुना है. मैं अरविंद और पूरी पार्टी जिन लोगों ने तय किया है उनको बधाई देता हूं. नवनीत बना कर भेजा है देश के सर्वोच्च सदन में जहां अटल और इंदिरा की आवाज गूंजी है. कुमार ने कहा कि नैतिक रूप से एक कवि, मित्र और आंदोलनकारी की जीत हुई है.

सुशील और नारायण दास गुप्ता पर तंज

उन्होंने नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता के नाम पर तंज भी कसा. विश्वास बोले कि पिछले 40 साल से मनीष सिसोदिया के साथ काम कर रहे, 12 वर्ष से अरविंद के साथ काम कर रहे, 7 साल से कार्यकर्ताओं के लिए और 5 साल से पार्टी के लिए ट्वीट, बहस कर जिन्होंने पार्टी को खड़ा किया ऐसे महान क्रांतिकारी सुशील गुप्ता और नारायण दास गुप्ता को राज्यसभा जाने के लिए बधाई देता हूं.

कुमार विश्वास बोले कि युद्ध का एक नियम होता है, शहीदों के शव से छेड़छाड़ नहीं की जाती है. आपकी (अरविंद केजरीवाल) इच्छा के बिना वहां पर कुछ होता नहीं है, आपसे असहमत रहकर दल में जीवित रहना काफी मुश्किल है.

कुमार ने इसके साथ ही एक ट्वीट भी किया. उन्होंने ट्वीट के साथ लिखा कि सबको लड़ने ही पड़े अपने-अपने युद्ध, चाहे राजा राम हो, चाहे गौतम बुद्ध”.

आपको बता दें कि 5 जनवरी को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख है. उससे पहले कई तरह की अटकलें जोरों पर थीं. कुमार विश्वास, आशुतोष समेत कई बड़े नेताओं का नाम चर्चा में था. लेकिन जब मनीष सिसोदिया से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बैठक के अंदर कई विषयों पर चर्चा हुई थी.

उम्मीदवारों को लेकर थी अटकलें

बीते 29 दिसंबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव चुनावी प्रक्रिया तो शुरू हो गयी है. लेकिन AAP ने अभी तक पत्ते नहीं खोले थे. यूपी के प्रभारी और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का राज्यसभा जाना तय था और पार्टी में उनके नाम पर पहले ही सहमति बना चुकी थी.

बॉलीवुड के इन बड़ी हस्तियों ने दुनिया को कहा अलविदा – सफर 2017

सफर 2017, अंशुल त्यागी – 2017 में हमने हिंदी सिनेमा के कई महान कलाकारो को खोया है। इन कलाकरो की मृत्यु ने बॉलीवुड को ही नहीं दर्शको को भी रुलाया। इस साल हमने शशि कपूर सहित ओम पुरी जैसे कलाकारों को खोया है। शशि कपूर और ओम पुरी ने हिंदी सिनेमा को फिल्मों के तौर पर ऐसी यादें दी, जो ताउम्र रहेंगी। आइए साल के अंत में हम आपको बताते है उन कलाकारो के बारे में जो अब इस दुनिया में तो नहीं है लेकिन हमेशा अमर रहेंगे।

शशि कपूर

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बॉलीवुड के इस दिग्गज अभिनेता का निधन 4 दिसंबर 2017 को हुआ। वह लंबे समय से किडनी की समस्या से परेशान थे।अपने जीवनकाल में शशि कपूर ने 160 फिल्में कीं जिनमें से 61 में वह हीरो थे। शशि कपूर ने अपने समय की तमाम अभिनेत्रियों के साथ ‘हीरो’ की भूमिका निभाई है। नीतू सिंह, बबीता, राखी, शर्मिला टैगोर, जीनत अमान, हेमामालिनी, मौसमी चैटर्जी, रीना राय, नंदा ऐसी कोई अभिनेत्री नहीं जिसने शशि कपूर के साथ काम न किया हो। उनकी यादगारी फिल्में ‘वक्त’ ‘शर्मिली’ ‘हसीना मान जाएगी’, ‘जब जब फूल खिले’, ‘कभी-कभी’, ‘न्यू दिल्ली टाइम्स’, ‘फकीरा’, ‘सुहाग’, ‘चोर मचाए शोर’ ‘प्रेम कहानी’, ‘दीवार’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘त्रिशूल’, ‘काला पत्थर’, ‘दो और दो पांच’, ‘सिलसिला’, ‘नमक हलाल’ इत्यादि अनेक कालजयी फिल्में उन्होंने दर्शकों को दीं। 1979 में ‘जुनून’ फिल्म को बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला।

ओम पुरी

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इस साल की शुरुआत में ही बॉलीवुड ने अपने बेहतरीन कलाकार और एक उम्दा आवाज को खो दिया था। ओम पुरी साहब का निधन हार्ट अटैक की वजह से 06 जनवरी 2017 को हुआ था। ओम पुरी ने अपना फिल्मी सफर 1976 में रिलीज हुई मराठी फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ से शुरु किया था।1982 में रिलीज हुई ‘आरोहण’ में ओम पुरी ने दमदार अभिनय दिखाया था। इस फिल्म के लिए ओम पुरी को बेस्ट एक्टर नेशनल अवॉर्ड मिला।

विनोद खन्ना

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विनोद खन्ना लंबे समय से बीमार थे। वह ब्लैडर कैंसर से जूझ रहे थे। उनका निधन 27 अप्रैल 2017 को हुआ। विनोद खन्ना की खासियत थी, हम उन्हें उनके निभाए चरित्र के कारण नहीं, उनके व्यक्तित्व के कारण पसंद करते थे। 70 के दौर में यदि अभिनेताओं की शारीरिक बनावट को विशेषता माना जाता है तो विनोद खन्ना अपने दौर के सबसे बड़े अभिनेता माने जाते।

रीमा लागू

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पर्दे पर ‘मां’ के किरादरों को रूह देने वाली इस अदाकार का निधन 18 मई 2017 कार्डियक अरेस्‍ट वजह से हुआ था।उन्होंने कई फिल्मों में सलमान खान की मां का किरदार निभाया था। जिसमें फिल्म ‘मैंने प्यार किया’, ‘आशिकी’, ‘साजन’, ‘हम आपके हैं कौन’, ‘वास्तव’, ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘हम साथ साथ हैं’ में उनके किरदार को काफी पसंद भी किया गया।

इंद्र कुमार

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43 साल की उम्र में बॉलीवुड का यह एक्टर 28 जुलाई 2017 को दुनिया को अलविदा कह गया। इंदर को उनके मुंबई के अंधेरी इलाके में मौजूद फ्लैट में बेहोशी की हालत में पाया गया और फिर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।  इंद्र कुमार, अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘खिलाड़ियों के खिलाड़ी’ और सलमान खान के साथ ‘वॉन्टेड’ व ‘तुमको न भूल पाएंगे’ में नजर आ चुके हैं।

टॉम अल्टर

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बॉलीवुड एक्‍टर, राइटर और पद्मश्री टॉम ऑल्टर का निधन 29 सितम्बर 2017 को हुआ। वह स्‍क‍िन कैंसर से पीड़‍ित थे।पद्मश्री से सम्मानित हो चुके टॉम अल्टर मशहूर टीवी शो जबान संभालके से बहुत फेमस हुए थे। वह बीमारी के चौथे चरण पर थे, जो अंत में जानलेवा साबित हुई। अमेरिकी मूल के भारतीय एक्टर टॉम ने साल 1976 में आई धर्मेंद्र स्टारर फिल्म चरस में एक छोटी सी भूमिका निभाई थी। इतना ही नहीं वह टीवी पर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले वह पहले व्यक्ति थे। टॉम ने 1974 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे से एक्टिंग में ग्रेजुएशन के दौरान गोल्ड मेडल हासिल किया था। 67 साल के टॉम ने टीवी शोज के अलावा 300 के करीब फिल्मों में भी काम किया है।

पूरे साल इन विवादों से घिरी रही AAP सरकार, पढ़ें पूरी ख़बर – सफर 2017

आम आदमी पार्टी की दिल्ली में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद माना जा रहा था कि पार्टी देशभर में तेजी से बढ़ेगी, लेकिन चंद दिनों बाद संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ सीएम केजरीवाल के झगड़े के कारण पार्टी निरंतर विवादों में घिरती गई। इसके अलावा 2017 में आप सरकार के कई ऐसे विवाद भी रहे जिसने पार्टी की नींव को पूरी तरह से हिला कर रख देने का काम किया। तो ऐसे में आइए जानते है आप सरकार से जुड़े 2017 के कई विवाद-

CNG किट घोटाला

अरविंद केजरीवाल और दिल्‍ली सरकार पर कपिल मिश्रा ने बड़ा खुलासा करते हुए यह आरोप लगाया कि 10 हजार गाड़ियों में नकली CNG किट लगी है। ऐसी गाड़ियों में कभी भी दुर्घटना हो सकती है। साथ ही कपिल मिश्रा ने कहा कि चीन के माल को कनाडा का माल बता कर बेचा जा रहा है।उन्होंने कहा कि सत्येंद्र ने केंद्र सरकार को धमकी दी है कि अगर वो पार्टी से बाहर होंगे तो, सरकार गवाह बन जाएंगे। इसके साथ ही  दिल्ली कैबिनेट के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा की शिकायत पर एसीबी ने दिल्‍ली में तीन गोदामों में छापेमारी की थी। इन गोदामों में दवा कंपनियों ने दवाइयां रखी थीं। दरअसल, कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार की ओर से 300 करोड़ रुपये की एक्सपायरी दवाएं खरीदने और घोटाले का भी आरोप लगाया था।

PWD ने AAP दफ्तर पर लगाया 27 लाख का जुर्माना

आम आदमी पार्टी के ऑफिस पर 27 लाख 73 हजार का जुर्माना लगाया गया था। यह जुर्माना दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने ही पार्टी ऑफिस न खाली करने की वजह से लगाया गया । दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अप्रैल में आम आदमी पार्टी के ऑफिस का आवंटन बतौर पार्टी ऑफिस रद्द कर दिया था और ऑफिस को जल्द खाली करने का निर्देश दिया था।

केजरीवाल के खिलाफ कपिल मिश्रा ने लोकायुक्त को सौपें 16 हजार पन्नों के सबूत

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के निलंबित विधायक कपिल मिश्रा ने आप नेता सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर लगाए गए भ्रष्टाचार के सबूत लोकायुक्त को सौंपे। बता दें कि मंत्री पद से हटाए जाने के बाद से ही मिश्रा ने केजरीवाल और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और उसकी शिकायत लोकायुक्त दफ्तर में की थी और मई के आखिरी हफ्ते में बकायदा लोकायुक्त में बयान भी दर्ज करवाए थे। मिश्रा के मुताबिक उन्होंने 16 हज़ार पन्नों का सबूत तैयार किया, जिसमें सत्येंद्र जैन और केजरीवाल के भ्रष्टाचार से जुड़े कई कागजात है।

लाभ के पद मामले में HC पहुंचे AAP के 12 विधायक

दिल्ली उच्च न्यायालय ने लाभ का पद कथित रूप से संभालने के मामले में सुनवाई जारी रखने के निर्वाचन आयोग के निर्णय के खिलाफ 12 आप विधायकों की याचिका पर आयोग से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति इंद्रमीत कौर ने आयोग को नोटिस जारी किया और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की याचिकाओं पर उसका जवाब मांगा। इन याचिकाओं में दावा किया कि उच्च न्यायालय ने जब यह आदेश दे दिया है कि उनकी नियुक्तियां असंवैधानिक हैं और उसने उन्हें दरकिनार कर दिया है, तो इस बात की कोई आवश्यकता नहीं है कि आयोग मामले की सुनवाई जारी रखे।

 

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी के 21 विधायकों के खिलाफ लाभ के पद को लेकर प्रशांत पटेल नाम के एक व्यक्ति ने याचिका दायर की थी। इसके बाद जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए राजौरी गार्डन के विधायक के रूप में इस्तीफा देने के साथ उनके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई थी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पहुंची CBI

सीबीआई दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के घर पहुंची। सीबीआई ने सत्येंद्र जैन की पत्नी से मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ भी की।जिस पर आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार सीबीआई के जरिए परेशान करने की कोशिश कर रही है। ऐसा करके आम  आदमी पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही आप ने ट्वीट के जरिए भी छापेमारी पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी। साथ ही आम आदमी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस करसत्येंद्र जैन के घर हुई रेड को लेकर सीबीआई के साथ- साथ सरकार पर निशाना साधा।

अमानतुल्लाह खान की वापसी बनी से कुमार हुए नाराज

आप ने अपनी राष्ट्रीय परिषद की वार्षिक बैठक से करीब तीन दिन पहले ही ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान का निलंबन वापस लेकर आने के बाद कुमार विश्वास से नाराजगी मोड़ ली है। जिसके चलते पार्टी की अलग – थलग होने की संभावना हो चुकी थी। इसके साथ ही अमानतुल्ला ने कुमार विश्वास पर ‘आप’ को तोड़ने का आरोप लगाते हुए उन्हें  ‘भाजपा का एजेंट’ बताया था।

दिल्ली विधानसभा में जब उड़ाने लगे कागज

दिल्ली सरकार द्वारा बुलाए विधानसभा के विशेष सत्र में  उस समय हंगामा शुरू हो गया। जब सदन की कार्रवाही देख रहे दो लोगों ने सदस्यों पर कागज फेंकने शुरू कर दिए। इसके बाद सरकार के विधायकों ने कथित तौर पर उन युवकों को पकड़कर उनकी पिटाई कर डाली। सूचना के मुताबिक पगड़ी पहने दो लोग सदन की  में बैठे हुए थे। अचानक से उन्होंने सदन के अंदर कागज उड़ाए और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। सदन की कार्रवाई में रुकावट पैदा होने पर सुरक्षाकर्मी ने दोनों लोगों को बाहर कर दिया। इस पर आप के विधायकों ने सदन की शांति भंग करने को लेकर दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

MCD चुनाव में ठीकरा EVM पर फोड़ने को लेकर दो गुटों में बंटी आप

दिल्ली नगर निगम चुनावों में आप की जबरदस्त हार के बाद जीमा ईवीएम पर फोड़ने को लेकर पार्टी साफ तौर पर दो गुटों में बंटती हुई दिखाई दी। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि मौजूदा हालात को देखकर लगता है कि दिल्ली में ‘ईवीएम लहर’ चल रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि निगम चुनाव में भाजपा को वोट मिलने का कोई कारण नजर नहीं आता है।  इस मुद्दे पर कोई भी हमारा मजाक बना सकता है लेकिन मजाक से डरते हुए हम सच बोलने से खुद को पीछे नहीं रख सकते है।

सहमति के चलते लागू नहीं हुआ ऑड-ईवन फॉर्मूला

एनजीटी ऑड-ईवन में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ़ से दी जाने वाली छूटों से बिलकुल भी सहमत नहीं थी। एनजीटी दिल्ली सरकार के ऑड-ईवन के फ़ैसले से सहमत थी, लेकिन बाइक और महिलाओं को दी जाने वाली छूटों पर उसने अपनी अपात्ति जताई थी।

 

दरअसल आप सरकार ने आपातकालीन बैठक बुलाई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया था। ऑड-ईवन से वीआईपी, महिलाओं और बाइक को अलग रखने को लेकर भी एनजीटी सहमत नहीं थी. इसके साथ ही इसे लागू करने में देरी को लेकर भी एनजीटी ख़फ़ा थी। जिसके चलते इस बार वायु प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा होने के बावजूद भी ऑड-ईवन लागू नहीं किया गया।

जब मनीष सिसोदिया के घर पहुंची CBI की टीम

साल 2017 में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई कुछ पूछताछ करने पहुंची है। जिसको लेकर कहा ये जा रहा था कि CBI टॉक टू एके मामले को लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं CBI के पहुंचने के बाद आप नेताओं ने इसे छापेमारी बताया है। इस मामले में हम आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने LG को शिकायत की थी, बिना किसी सही टेंडर प्रक्रिया किए दिल्ली सरकार ने टॉक टू एके प्रोगाम का प्रमोशन एक विशेष कंपनी को दिया था। जिसके बाद LG द्वारा इसे सीबीआई को सौप दिया गया।