Tuesday, November 19, 2024
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विश्व मैथिली संघ के वार्षिकोत्सव में दिखी मिथिला के संस्कृति की झलकियाँ 

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मिथला की पावन धरती से सैंकड़ों किलोमीटर दूर देश की राजधानी दिल्ली में जब विश्व मैथिलि संघ ने अपने विरषिकोत्सव का आयोजन किया तो जैसे पूरा माहौल मिथिलामय हो उठा। मिथिला से पलायन कर ये लोग परदेस में तो बस  गए लेकिन इनका दिल अब भी मैथिलि सभ्यता के लिये ही धड़कता है। संतनगर बुराड़ी में आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में मैथिलि प्रवासी शिरकत करने पहुँचे और अपने प्रदेश के गीत संगीत और मीठी बोली का आनंद लिया।  
बुराड़ी के विधायक संजीव झा भी मिथिला से ही आते हैं , इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए विधायक भी मैथिलि वेशभूषा और बोली के साथ लोगों को संबोधित करते दिखे।
विश्व मैथिलि संघ से जुड़े सभी सदस्य  आज भी अपने जड़ों से जुड़े हुए हैं और ये संस्था उनके लिए एक मंच है जो परदेस में भी उन्हें मिथिला के ऐतिहासिक सभ्यता और संस्कृति से बांधे रखता है।  
जरूरी है की मिथिला की ये विशेषता परदेस में रहने वाली अगली पीढ़ी को भी समझ आये और वो भी इनका सम्मान करें। आयोजकों का भी यही उद्देश्य है की दिल्ली में रच बस जाने के बावजूद भी युवाओं में मैथिलि होने का भाव बरक़रार रहना चाहिये।  
मिथिलांचल का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली में बसता है , इनमें से कई लोग शिक्षा , राजनीति , व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों में खुद को स्थापित कर चुके हैं। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल कर सबों ने कार्यक्रम का आनंद लिया और एक दुसरे से अपने अनुभव और विचार भी साझा करते दिखे। क्षेत्र से दूर रह कर भी क्षेत्रीय सभ्यता को जीवंत रखने के लिये विश्व मैथिलि संघ का यह प्रयास सराहनीय है।  

डीएवी पुष्पांजलि ने किया ‘अभिव्यक्ति’ का आयोजन, नन्हे बच्चों के साथ पर्यावरण को बचाने का संकल्प 

बड़े बड़ों को जागरूक करने के लिये नन्हें बच्चों की ‘अभिव्यक्ति’..  जी हाँ , डीएवी पुष्पांजलि में फर्स्ट स्टैण्डर्ड के बच्चों ने पर्यावरण बचाओ मुहीम के तहत ‘अभिव्यक्ति’ कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जहाँ उन्होंने अपने पेरफॉर्मन्सेस से ये सन्देश देने की कोशिश की , के पर्यावरण का बचाव मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी है।  
‘अभिव्यक्ति’ एक मुहीम है इन नन्हें बच्चों के द्वारा जो हम सब से ये अपील करती है की हम हरियाली और पर्यावरण की रक्षा करें।
यहाँ मौजूद सैंकड़ों पेरेंट्स और शिक्षकों ने भी बच्चों के प्रयास को सराहा और साथ ही पर्यावरण को बचाने का संकल्प भी लिया।  
बच्चों की इन मौज मस्ती और रंग बिरंगे वेश भूषाओं के पीछे एक गंभीर विषय को सामने रखने का प्रयास था जो हम सभी के जीवन से जुड़ा हुआ है।  
डीएवी पुष्पांजलि की विशेषता रही है की वो समय समय पर सामजिक विषयों को लेकर बच्चों के साथ कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं।  इस तरह के आयोजन से बच्चों के साथ साथ पेरेंट्स भी कुछ सीखते और समझते रहते हैं।  
स्कूल प्रिंसिपल भी मानती हैं की बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिये जरूरी है की हम उन्हें स्वच्छ पर्यावरण भी दें।  
दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता स्तर अगर चिंता का विषय है तो लोगों का जागरूक न होना भी इसका प्रमुख कारण है।  ऐसे में छोटे बच्चों के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम और उनसे मिलने वाले सन्देश सबों तक पहुंचना चाहिये।  
डीएवी पुष्पांजलि के आयोजन के उद्देश्य को आप भी समझें और पर्यावरण को बचाने का संकल्प लें।    

24×7 केयर फाउंडेशन ने बुजुर्गों के लिये आयोजित किया स्वास्थ्य जाँच शिविर 

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बुजुर्ग लोगों को उम्र के इस पड़ाव में थोड़ा स्नेह और सुरक्षा के साथ साथ स्वास्थय का भी ख्याल रखने वाले मिल जायें तो उनका जीवन भी खुशहाल हो जाता है।  इसी दिशा में कार्य कर रहा है 24 x 7 केयर फाउंडेशन। 

दिल्ली पुलिस और 24 x 7 केयर के तत्वाधान में केएन काटजू थाना परिसर में बुजुर्गों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिविर में कई तरह के मेडिकल जाँच और डॉक्टरी सलाह के अलावा दिल्ली पुलिस के सीनियर सिटीजन ऐप्प की भी जानकारी दी जा रही थी।  
हमने बात की कुछ बुजुर्ग महिलाओं से जो दिल्ली पुलिस और 24 x 7 केयर फॉउंडडेशन के इस मुहीम से बेहद खुश हैं।
इस स्वास्थ्य शिविर में दिल्ली पुलिस आउटर डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी-2nd भी बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे जहाँ उन्होंने खुद पूरी व्यवस्था जायजा भी लिया और दिल्ली पुलिस के इस सामजिक मुहीम की जानकारी भी दी। 
24 x 7 केयर के फाउंडर आशीष गर्ग लगातार इस तरह की मुहीम में दिल्ली पुलिस के साथ रहते हैं और स्वास्थ्य शिविर के साथ साथ बुजुर्गों के लिये समय समय पर कार्यक्रम आयोजित करते रहते हैं।  दिल्ली दर्पण से बातचीत में आशीष ने बताया की बुजुर्गों की सेवा कर के जो आशीर्वाद उन्हें मिलता है वही उनके लिए तरक्की के रस्ते भी खोलता है।
दिल्ली पुलिस और 24 x 7 केयर फाउंडेशन की इस मुहिम को दिल्ली दर्पण टीवी का सलाम। 

सत्य की बहुमत माँग के साथ ‘सत्य बहुमत पार्टी’ का जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन   

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में भ्र्ष्टाचार का सबसे बड़ा कारण यही है की यहाँ सत्य  का बहुमत नहीं बल्कि भ्र्ष्ट बहुमत है। विधान सभा और लोकसभा में वोटों का नहीं सदस्यों का बहुमत है , यह भृष्ट व्यवस्था बदलनी चाहिए। नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सत्य बहुमत के नारे के साथ आगे आई ‘सत्य बहुमत पार्टी’ का यह धरना  उसी आंदोलन को देशभर में फ़ैलाने की तैयारी है। रविवार को हुए इस धरने में सैकड़ो की तादाद में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए।  ‘सत्य बहुमत पार्टी’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई सत्य देव चौधरी का कहना है की वे कई साल से मौजूद व्यवस्था को बदलने की मांग कर रहे थे लेकिन पार्टियां उसे गंभीरता से नहीं ले रही थी यही वजह रही की उन्हें अलग पार्टी बनानी पडी। सत्य देव चौधरी ने कहा इसी मुद्दे को लेकर उनकी पार्टी आगामी लोक सभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर  चुनाव लड़ेगी। 
सत्य देव चौधरी ने दिल्ली नगर निगम चुनाव लड़ने से तो इनकार किया लेकिन दिल्ली  विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जरूर लड़ेगी ताकि युवा इस मुद्दे को समझे। 
सत्य बहुमत पार्टी देश में भ्र्ष्टाचार मुक्त राजनैतिक विकल्प देने का तो दावा कर ही रही है साथ ही यह भी मान रही है की देश में भ्रष्टाचार की मुख्य वजह भी  यही व्यवस्था है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मौजूद मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर बोलते हुए  कि उनकी पार्टी विमुद्रिकरण के पक्ष में नहीं है क्योंकि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगेगी।
सत्य बहुमत पार्टी के इस दावे में कितना दम है यह तो कहना मुश्किल है लेकिन यही सही है की यदि वोटों की बहुमत वाले सरकार बनाती है तो किसी भी सरकार पर गठबंधन का दबाव जरूर काम होगा। यह भी भ्रष्टाचार की एक बड़ी वजह है, बहरहाल अपने गठन के बाद बहुत काम समय में जिस तरह से यह पार्टी आगे बढ़ी  है उसे देख लगता है बड़ी संख्या में लोग ‘सत्य बहुमत पार्टी’ की बात से सहमत भी नजर आ रहे हैं। ऐसे में जल्द ही यह पार्टी देश की राजधानी दिल्ली में जड़े जमा ले तो हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए। 

 नोटबंदी से हो रही परेशानियों के बीच ‘सुजाता’ कम्पनी ने सभी मजदूरों को दिया पंद्रह  दिन का राशन

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 नोटबंदी के बाद जहाँ एक ओर आम जनता बैंकों की लाइन में खड़ी परेशान हो रही है वहीँ अपने कर्मचारियों को इस परेशानी से बचाने के लिये एक कंपनी ने एक अनोखा रास्ता निकाला है।  सुजाता कंपनी अपने वर्कर्स को पंद्रह दिनों का राशन मुफ्त मुहैया करा रही है ताकि उन्हें नोटबंदी की वजह से जरूरी चीजों की दिक्कत न हो।
ये तरकीब कंपनी मालिक को उस समय सूझी जब नोटबंदी के बाद उनके कर्मचारी छुट्टी पर ज्यादा और काम पर आना कम करने लगे।  सबकी एक ही परेशानी थी , पैसे निकालने या बदलने में ही समय बीत जाता है। अब घर चलाना है तो पैसे तो निकालने ही होंगे।  
अपने वर्कर्स की इसी परेशानी को समझते हुए सुजाता कंपनी के एमडी ने ये तरकीब निकाली की क्यों न सभी वर्कर्स को पंद्रह दिन का फ्री राशन दिया जाए।  अब कंपनी मालिक की इस स्कीम से कर्मचारी खुश भी हैं और नोटबंदी से उनको कोई परेशानी भी नहीं है।  
ख़ास बात ये भी है की मुफ्त राशन के नाम पर कंपनी ने क्वालिटी से कोई कोम्प्रोमाईज़ नहीं किया बल्कि अच्छे और ब्रांडेड प्रोडक्ट्स की बैग में पैक किये गए हैं।  
घर चलाने के लिये सारा जरूरी सामान इस पैकेट में मौजूद है।  मतलब नोटबंदी की टेंशन लेने की जरूरत कम से कम इन कर्मचारियों को तो बिलकुल भी नहीं है।  
कंपनी के एमडी अखिल अग्रवाल का कहना है की इस तरकीब से उन्होंने कर्मचारियों के तनाव को कम करने की कोशिश की है जिससे काम में भी उनका मन लगा रहेगा।  
नोटबंदी के बाद कई जगह से ये खबरें आ रही थी की कर्मचारी छुट्टियां बहुत मार रहे हैं, लेकिन इस नायाब तरकीब से कंपनी मालिक ने मजदूरों को भी खुश कर दिया है और अब उन्हें वर्कर्स के छुट्टी पर जाने की भी कोई टेंशन नहीं।  
अगर दिल्ली के सभी कारोबारी इस तरह की कोई स्कीम लेकर आने लगे तो लाखों लोगों की परेशानियां दूर हो सकती हैं , जो आज कल काम पर कम और बैंकों की लाइन में ज्यादा खड़े दीखते हैं।