Monday, November 18, 2024
spot_img
Home Blog Page 1698

युवक ने एमपी के सहकारिता मंत्री से लगाई गुहार, मिला रुका भुगतान

सोशल मीडिया पर रेलमंत्री शिकायतों के निराकरण के लिए जाने जाते हैं लेकिन शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग भी उन मंत्रियों में शामिल हो गए हैं जिन्होने ट्वीटर पर मिली शिकायत का तुरंत समाधान किया है।
दरअसल उज्जैन निवासी मुदित अग्रवाल का आवास संघ संबंधी एक भुगतान पिछले तीन सालों से अटका पड़ा था जिसको लेकर मुदित कई बार सहकारिता मंत्रालय और दफ्तरों के चक्कर लगा रहा था। लेकिन कुछ दिनों पहले ही उसने थक हार कर अपनी शिकायत नए बने सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग से की  औऱ इसके लिए मुदित ने चुना ट्विटर को। मुदित ने विश्वास सारंग के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया और लिखा कि आवास संघ से जुड़ा उसका एक भुगतान पिछले तीन सालों से अटका हुआ है। मुदित ने अपनी शिकायत  में लिखा कि उसने तीन साल पहले आवास संघ के काम का एक ठेका लिया था लेकिन उसका भुगतान अबतक नहीं हुआ। मुदित ने शिकायत में अपनी पत्नी की बिमारी का भी जिक्र किया और बताया कि उसकी  पत्नी कैंसर से पीड़ित है लेकिन काम का पेमेंट ना होने के कारण उसे आर्थिक तंगी से गुज़रना पड़ रहा है जिसका असर उसकी पत्नी  के इलाज पर पड़ रहा है।मंत्री सारंग ने अपने ट्विटर हैंडल पर जैसे ही शिकायत देखी उसे तत्काल आवास संघ के प्रबंध संचालक को भेजा औऱ उसपर रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट आते ही विश्वास सारंग ने आवास संघ को तुरंत मुदित को बकाया भुगतान के निर्देश दिए। इसके बाद मुदित को तीन सालों से अटका भुगतान सिर्फ एक ट्वीट से मिल गया। अपनी शिकायत का निराकरण होते ही मुदित उज्जैन से श्री महाकाल मंदिर से प्रसाद लेकर मंत्री विश्वास सारंग से मिला और उनका शुक्रिया अदा किया।

मध्यप्रदेश में पर्यटन बढ़ाने के लिए लुभावनी पॉलिसी , सब्सिडी की सौगात

मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकार नई पॉलिसी लेकर आई है। इस पॉलिसी के तहत अब निवेशकों को ना केवल राज्य में कहीं भी निवेश के लिए जगह चुनने की छूट होगी बल्कि सरकार बकायदा निवेश पर सब्सिडी भी देगी। सरकार ने ये फैसला अपनी पहली पर्यटन कैबिनेट में लिया।
नई पॉलिसी के तहत यदि निवेशक राज्य में कहीं होटल बनाना चाहे या फिर कंवेशन सेंटर खोलना चाहे या फिर वो क्रूच डालना चाहे। हर निवेश पर सरकार की ओर से छूट मिलेगी जिसकी सीमा पर्यटन कैबिनेट में तय कर दी गई है। इसके अलावा पहले जहां कुछ एक पर्यटन ज़ोन में ही निवेश होता था उसे अब सरकार ने पूरे राज्य के लिए लागू कर दिया है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति कहीं भी ज़मीन लेकर पर्यटन से जुड़ा व्यवसाय शुरु कर सकता है। इसके अलावा होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भी नीति में कई बदलाव किए गए हैं।पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा की मानें तो सरकार ईको एवं एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है और इसलिए इस क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा वॉटर बॉडीज़ में भी वॉटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा।बैकवॉटर में संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इंदिरा सागर बांध या दूसरे बांधों के बैकवॉटर में जिसमें क्रूज के लिए भी लाइसेंस दिए जाएंगे।वहीं अभी तक सिर्फ ग्वालियर, इंदौर, भोपाल या जबलपुर में ही कंवेशन सेंटर खोलने पर सब्सिडी मिलती थी लेकिन नई पॉ़लिसी के तहत राज्य में कहीं भी कंवेशन सेंटर खोले जाने पर सब्सिडी मिल सकेगा।

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से दिव्यांग युवती ने क्यों मांगी इच्छामृत्यु ?

0

मध्य प्रदेश में एक दिव्यांग युवती ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी है। मामला मीडिया में आने के बाद शिवराज सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने युवती की हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
मामला राजधानी भोपाल का है जहां लक्ष्मी यादव नाम की दिव्यांग युवती ने पीएम, राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और सीएम शिवराज को पत्र लिख अपनी दास्तां सुनाई। लक्ष्मी ने पत्र में लिखा है कि दिव्यांग होने के बावजूद उसने LLM और M.PHIL की डिग्री हासिल की है लेकिन इसके बावजूद उसके पास नौकरी नहीं है। मोदी को लिखी चिट्ठी में लक्ष्मी ने लिखा है कि मध्यप्रदेश में दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं हैं लेकिन उसे इसका लाभ नहीं मिल रहा है। उसने ये भी लिखा कि नौकरी में दिव्यांगो को आरक्षण होने के बावजूद उसे नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है लेकिन कहीं से नौकरी ना मिलने के कारण उसे इच्छामृत्यू की अनुमति दी जाए।मोदी को लिखी चिट्ठी में लक्ष्मी ने लिखा है कि मध्यप्रदेश में दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं हैं लेकिन उसे इसका लाभ नहीं मिल रहा है। उसने ये भी लिखा कि नौकरी में दिव्यांगो को आरक्षण होने के बावजूद उसे नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है लेकिन कहीं से नौकरी ना मिलने के कारण उसे इच्छामृत्यू की अनुमति दी जाए।

ये खबर सामने आते ही शिवराज सरकार में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने लक्ष्मी को कांट्रेक्ट बेस पर बैंक में नौकरी देने का भरोसा दिया। सारंग ने बकायदा ये भी कहा कि फिलहाल  नौकरी कांट्रेक्ट पर है और बैंक में परमानेंट नौकरी के लिए लक्ष्मी यदि कोचिंग करना चाहती है तो उसकी आर्थिक मदद भी की जाएगी। इससे पहले भी विश्वास सारंग ने ट्वीट पर एक ठेकेदार की शिकायत मिलने के बाद उसका तीन साल पुराना भुगतान करवा दिया था जिससे उसे पत्नी के उलाज के लिए आर्थिक सहायता मिल गई थी।

भोपाल में शौर्य स्मारक का उद्धघाटन करेंगे प्रधानमंत्री

0
प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी १४ अक्टूबर  को मध्यप्रदेश की राजधानी  भोपाल में  शौर्य स्मारक  का उद्धघाटन करेंगे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री भोपाल जाएंगे  ।  जिसकी जानकारी शिवराज ने ट्वीट कर दी।  शिवराज ने कहा की प्रधानमंत्री ने उनका निमंत्रण स्विकार कर लिया है।  शिवराज के मुताबिक शौर्य स्मारक के उद्घाटन के लिए रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेना के प्रमुखों को भी निमंत्रण दिया जाएगा।शौर्य स्मारक बनने का काम २०१० में शुरू हुआ था जो अब बनकर  तैयार हो गया है।  लगभग 12 एकड़ में बने शौर्य स्मारक में कांच पर देश के शहीदों के पराक्रम की गाथाएँ लिखी होंगी। यहां एक ओपन थिएटर भी बनाया गया है जहां उनकी वीरता की कहानियों का मंचन भी होगा। इसके साथ ही एक म्यूजिकल फाउन्टेन भी होगा जो राष्ट्रभक्ति के गीतों की धुन पर चलेगा।

नदारद हैं उद्यान विभाग के कर्मचारी, बजा रहे नगर निगम अधिकारियों की ड्यूटी

0

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के उद्यान विभाग के कर्मचारियों को पुनः उनके मूल विभाग में नियुक्त करने के एडिशनल कमिश्नर के आदेश की अवहेलना का मामला सामने आया है। क्लर्क , माली ,चपरासी से लेकर २०० से ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति उद्यान विभाग में हुई थी लेकिन ये सभी कर्मचारी नगर निगम विभाग के अधिकारियों के कार्यालय में सालों से ड्यूटी दे रहे हैं। जिससे नगर निगम के पार्कों की हालत खस्ता हो गयी है। मामले में संज्ञान लेते हुए नगर निगम के  एडीशनल कमिश्नर संजय  गोयल ने २५ जुलाई को एक आदेश प्रेसित कर सभी कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में लौटने का निर्देश दिया था । संजय गोयल ने आदेश की प्रति  एनडीएमसी के सभी जिला उपायुक्तों और विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को भेजी थी, लेकिन २ महीने से ज्यादा होने पर भी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने इस आदेश का पालन नहीं किया। जबकि वरिष्ठता क्रम में एडिशनल डायरेक्टर डिप्टी डायरेक्टर से बड़ा होता है ।कर्मचारी अभी भी नगर निगम अधिकारियों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं और अपने मूल विभाग में नहीं लौटे हैं। कर्मचारियों के अभाव में दिल्ली नगर निगम पार्कों की हालत खराब है। लेकिन कनिष्ठ अधिकारियों के गैर जिम्मेदराना रवैये की वजह से एडिशनल कमिश्नर के आदेश की फाइल धूल फांक रही है। कनिष्ठ अधिकारी अपने उच्च अधिकारी की अवमानना कर रहे हैं।