Thursday, January 16, 2025
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दिनदहाड़े एक करोड़ की लूट

शास्त्री नगर इलाके में दिनदहाड़े तीन लुटेरों ने एक लूट की वारदात को अंजाम दिया। दो लड़कों से गन पॉइंट पर 1 करोड़ रूपये छीने और रफूचक्कर हो गए। 

 
कल दोपहर तकरीबन 2 बजे अमन और मोनू नाम के दो लड़के जो की एक्टिवा पर सवार थे 1 करोड़ रुपये लेकर शास्त्री नगर स्थित अपने ऑफिस के बाहर पहुंचे ही थे की अचानक वहां पर 3 अज्ञात युवक जो की बाइक पर सवार वहां आ उन्होंने बैग छीनने की कोशिश की पर जब अमन व सोनू ने बैग नही दिया तो उन्होंने हवा में तीन राउंड फायरिंग की व दोनों लड़कों से रूपये का बैग छीन का भाग गए। गोली की आवाज़ सुनकर वहां लोगों का हुजूम इकठ्ठा हो गया।
 
बताया जा रहा है की सचिन बंसल परिवार सहित शास्त्री नगर में रहते है वहीँ पास में ही उनका घर है सचिन पेशे से सीए है और मोनू व अमन काफी समय से इनके यहाँ जॉब करते थे। वह सीए के लिए रूपये लाने व बैंक में रुपयों को जमा कराने का काम करते थे।इसके बाद तुरंत पुलिस को बुलाया गया। 
 
फिलहाल पुलिस मामले की छान बीन कर रही है और पुलिस ने लूट का केस दर्ज कर लिया है और अलग अलग टीमें बनाकर सम्बन्धित जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है की लुटेरों को पहले ही 1 करोड़ की जानकारी थी नही तो उन्हें कैसे पता चला की लड़कों के पास 1 करोड़ रूपये है पुलिस भी अपनी तफ्तीश हर प्रकार से कर रही है। 

छठ पर्व पर पहुंचे केजरीवाल

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दिल्ली में छठ पूजा का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया गया। यहां काफी मात्रा में लोग पूजा के लिए एकत्रित हुए औरउन्होंने सूर्य को अर्ध्य चढ़ाया छठ घाटों पर पुलिस भी काफी मात्रा में तैनात थी। इन घाटों को बेहतरीन तरीके से सजाया गया था और लोगों को पूजा करने में कोई परेशानी न हो इसके भी अच्छे इंतज़ाम किये हुए थे। इस पावन अवसरपर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी पहुंचे और उन्होंने दिल्ली की जनता को संबोधित करते हुए बिहार कीराजनीति पर एक नज़र डाली और बिहार की राजनिती के बारे में बात की गोर तलब है की छठ पूजा सबसे अधिक बिहारऔर पूर्वांचल के लोग ही मानाते है कुल मिलकर अरविन्द केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजनीति के संकेत दिए।

छठ का यह पर्व न केवल दिल्ली बल्कि पुरे भारत और भारत के पडोसी देशों में भी मनाया गया जिसमें बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र तथा नेपाल भी शामिल है। यहाँ भी सूर्य देवता की पूरे मन से अराधना की गई और अर्घ्य चढ़ाया गया। छठ व्रत रखने वाले पहले डूबते और फिर उगते सूरज को अर्घ्य और पुरे मन से पूजा करते है।इस व्रत में पूजा तीन दिन पहले से ही शुरू हो जाती है उगते सूरज को अर्घ्य के साथ ही व्रत तोड़ा जाता है। दिल्ली के अलावा हैदराबाद में हुसैन सागर झील के किनारे छठ पूजा की गई गुजरात तथा महाराष्ट्र में भी बड़ी धूम धाम से छठ का त्यौहार मनाया गया।

ठंड के लक्षण और बचाव के तरीके

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ठंड का मौसम नज़दीक आ रहा है सर्द हवाएँ चलने लगी है। सुबह- सुबह उठते समय ठण्ड का सामना करना पड़ता है।  रात में तो कोई शायद ही अपने घर से निकलने की सोचे। चारों और कोहरे की चादर दिखाई देगी। जहाँ भी नज़रें जायें सभी लोग अपने आप को गरम कपडे मैं लपेट कर जा रहे होंगें और बार बार चाय कोफ़ी पीने का मन करेगा। ऐसे ही कुछ नज़ारा होता है जब सर्दियाँ शुरू हो जातीं है। वैसे तो इस वर्ष ठण्ड थोड़ी देर से ही आ रही है लेकिन फिर भी इससे बचने के लिए अभी से सतर्क हो जाना ज़रूरी है। ताकि इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स से बचा जा सके। क्योंकि कुछ लोग अंदरुनी तौर पर बहुत कमज़ोर होते हैं और इसके लक्षण उनमें दिखने लगते हैं। आइए इस पर थोड़ा विचार करें की सर्दी  से होने वाली बीमारियां क्यों होती हैं और उसका समाधान कैसे किया जा सकता है। 

 

मुख्य कारण 

1.अधिक ठन्डे भोज्य पदार्थों का सेवन – ठंड में यदि अधिक ठंडा खाना देर तक बहार रखा हुआ या फिर फ्रिज से तुरंत निकालकर खाना खाने से बीमारी जल्दी पकड़ सकती है इसलिए ज़रूरी है की ठंडे खाने और बहार के खाने से परहेज करें और मुमकिन हो तो घर का बना हुआ ताज़ा खाने का ही सेवन करें।  

2.पैरों में बिना जूते पहन के घूमना – मोजे या जूतों के बिना घर से न निकलें अगर घर पर भी पैरों में चप्पल पहन कर रहें तो ज़्यादा अच्छा रहेगा। ध्यान दे की बच्चों को नंगे पैर बिलकुल न घूमने दे।  

3.गरम खाने के तुरंत बाद ही ठंडा खा लेना – गर्म खाने के बाद ठंडे खाने का सेवन कतई  न करे , कुछ लोग ज़्यादा मौज – मस्ती के चलते सर्दियों में आइसक्रीम का सेवन करते हैं ये जानबूझकर बीमारी को न्योता देना का काम करते हैं।  

4.वायरल इन्फेक्शन – सर्दियों में खांसी – ज़ुकाम होना आम बात है इसलिए ऐसे व्यक्ति से ज़्यादा नज़दीकी न बनाये जिस को इस तरह की  कोई परेशानी हो यदि आप को ऐसे खांसी ज़ुकाम हो तो आप भी किसी से ज़्यादा नज़दीकियां न बनायें। 

5.सर्दी से ग्रसित अन्य व्यक्तियों के संपर्क में रहना – ऐसा करने से आपको भी कई परेशानियों का सामना करना पद सकता है। 

6.आसपास की किसी वस्तु से ऐलर्जी हो जाना – यदि आपको किसी वास्तु से एलर्जी है तो उस वास्तु से दुरी बनाये रखें। 

7.आहार विहार में लापरवाही – खाने पीने में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अपना व अपने परिवार का पूरा ध्यान बड़ी ही कुशलता से कर सकते हैं। 

8.बहुत अधिक थकान – अधिक थकान से भी बीमारियां आपके नज़दीक आ सकती है इसलिए बेवजहा काम करके अपने शरीर को न थकायें।  

 

लक्षण-

1.गले में घरघराहट

2.नाक बंद हो जाना

3.सर दर्द होना

4.चिडचिड़ाहट होना

5.हल्का हल्का बुखार होना  

6.आवाज़ में घरघराहट

7.छींकना

8.स्वाद और सुगंध की अनुभूति कम होना

9 . खांसी होना 

बचाव –

1.सामान्य रूप से लोग सर्दी होने पर ऐंटीबायॉटिक्स का प्रयोग करते हैं; लेकिन बिना डॉ कि सलाह के इसे लेना जानलेवा भी साबित हो सकता है।

2.यहाँ यह भी जान लेना आवश्यक है कि ऐंटीबायॉटिक्स बैक्टीरिया के विरुद्ध कार्य करते हैं न कि वायरस और अलर्जी के विरुद्ध।इसलिए, सामान्य सर्दी ज़ुखाम जो कि वायरस या अलर्जी के कारण हो रहे हैं, उनमें ये दवाएं लेने का कोई लाभ नहीं होता है।

4.सामान्य रूप में इस रोग से बचाव के उपाय ही इसका उचित इलाज है।

5.जिन लोगों को सर्दी है, उनसे उचित दूरी बनाकर रखें; ख़ास तौर पर तब जब वे खांसें या छींके।

6.सही समय पर संतुलित भोजन करें।

7.ठंडा व बासा भोजन न करें।

8.भोजन व पेय पदार्थों में सोंठ और काली मिर्च का प्रयोग अवश्य करें।

9.छींकते व खांसते समय मुंह व नाक को ढककर रखें।

10.भोज्य पदार्थों को ढककर रखें।

11.पर्याप्त मात्रा में यदि मन न हो तब भी पानी अवश्य पियें।

12.आराम अवश्य करें क्योंकि इससे ऊर्जा का संग्रहण होता है।

13.भोजन में विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे नींबू का प्रयोग करें।

14.यदि सर्दी के लक्षण 3 दिन से ज्यादा रहे तो चिकित्सक से परामर्श करें।

15 .यदि छाती में दर्द हो, लगातार खांसी आए, कान में दर्द हो या बलगम भूरा या लाल रंग का आता हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

16.अगर आप अस्थमा  से पीड़ित हैं तो कुछ भी उपाय करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

17.अगर कोई छोटा बच्चा सर्दी से पीड़ित है तो भी डॉ की सलाह अवश्य लें ,

एक करोड़ के रंगदारी की मांग, नीरज बावनिया गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार 

–मुकेश राणा ( दिल्ली दर्पण ब्यूरो )
बाहरी दिल्ली।  बाहरी जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ ने नीरज बावनिया गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफत किया है। विकास फौजी , रवि दरियापुर और सुनील नाम के ये तीनो बदमाश सन्नोट के प्रसिद्ध दाल कारोबारी से एdcp outer delhi vikramjeet singhक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग कर रहे थे।  इन्होने कारोबारी गिरिधर आनंद को फिरौती के लिए फोन किया और फिर इन्होने  5 -6 नवम्बर की रात को उसे डराने के लिए मिल के बहार उस पर गोली चलाई।  कारोबारी की शिकायत पर पुलिस ने इन्हे गिरफ्तार कर लिया है। विकास फौजी , रवि दरियापुर , और सुनील नाम के ये तीनो आरोपी बाहरी दिल्ली के घेवरा , दरियापुर , और सुल्तान पूरी इलाके के रहने वाले है। पुलिस ने इनके कब्जे से एक सेंट्रो कार और तीन देश रिवाल्वर व पांच जिन्दा कारतूस बरामद किये है।
इन  कई मुकदमें चल रहे है।  इन आरोपियों में विकास को बाहरी जिला पुलिस नीरज के विरोधी गिरोह के सदस्य प्रदीप भोला पर रोहिणी कोर्ट में ही गोली चलने के प्रयास में पकड़ा है।  बाहरी जिला पुलिस उपयुक्त विक्रमजीत सिंह ने बताया की विकास उस समय कोर्ट में फाइल में रिवाल्वर दबाकर लिए गया था।  बाद में प्रदीप भोला की नीरज और उसके साथियों ने जेल वैन में ही हत्या कर दी थी।  बाहरी जिला पुलिस  इन गिरफ्तार के रंगदारी वसूलने की कोशिस को बेशक रोक लिया है लेकिन छोटी उम्र की इन लड़कों को देख कर यह अंदाजा लगना मुश्किल नहीं है की बाहरी दिल्ली में नीरज बावनिया गिरोह से नए नए लोग जुड़ते जा रहे है।

महिला की बहादुरी ने बचाई 4 बच्चों की जान

दिल्ली के शालीमार गांव में एक ज्योति सैनी नाम की महिला ने अपनी समझ व बहादुरी से 4 स्कूली छात्रों की जान बचाई। ये महिला शाम के करीब  6 बजे कहीं जा रही थी। जैसे ही ये घर से बहार निकली तभी वहां एक लड़का आया और उनकी छत पर चला गया उन्होंने उस बच्चे को रोकने की कोशिश भी की पर वह उनकी बात को अनसुना करके ऊपर की और बड़ गया। इसके तुरंत बाद उन्हें अपनी गली में शोर सुनाई दिया उन्होंने जब देखा तो लगभग 70 – 80 स्कूली बच्चे उनके घर के सामने खड़े होकर 4 -5 बच्चों को मारने की कोशिश कर रहे थे। ये देखकर ज्योति उनके बच्चे तथा उनके घर में रहने वाली किरायेदार के होश उड़ गए। 

 
अंदाज़ा लगाया जा रहा है की इन बच्चों की आपस में रंजिश चल रही थी। इसलिए कम से कम 70 – 80 बच्चे मात्र 4 -5 बच्चों को मारने के लिए आ रहे थे इनके हाथों में हथियार भी थे किसी के हाथ में डंडा तो किसी के हाथ में लाठी थी। जब ज्योति ने ये सारा मंज़र देखा तो उन्होंने परिस्थिति को सँभालने की काफी कोशिश की उन्होंने उन चारों बच्चों को अपने घर में बंद कर दिया और बाकि के लड़कों को जो की संख्या में ज़्यादा थे समझाने की कोशिश की पर उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी, उल्टा उनसे ही हाथा पाई करने लगे ज्योति ने स्तिथि सुधारने चाही परन्तु बच्चे इतने गुस्से में थे की किसी की बात सुनने की जगह अपना आवेश खोकर बार बार घर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बार बार बच्चों को पकड़ कर घर से बाहर निकला पर वो किसी तरह घर के अंदर घुसकर उन 4 बच्चों के साथ मार पीट करना चाहते थे। इस आपा धापी में ज्योति को भी कुछ अंदरुनी छोटें आई हैं। पर वो उन शैतान बच्चों को भागने में समर्थ रहीं। 
 
हैरत की बात तो ये है की ज्योति उन बच्चों से अकेले ही भीड़ गई पर उनकी गली का कोई भी शख्स उनका साथ देने नही आया इसके विपरीत सभी अपने घरों में छुप गए। और जो बहार थे भी वो इस मंज़र को तमाशे की तरह देखते रहे। क्या हम इस समाज को सभ्य समाज कह सकते है की जहाँ एक महिला इतने सारे बच्चों से इतनी बहादुरी से लड़ रही है वहां इस महिला की सहायता करने के लिए एक भी हाथ आगे नही बड़ा। और इससे भी बड़ी हैरानी की बात तो ये है की इस दौरान पुलिस को भी फोन किये गए पर पुलिस का आज तक कोई पता नही है। ज्योति के अनुसार पुलिस को 6 बार फोन किया गए  है पर पुलिस ने अभी तक कोई खबर नहीं ली है। क्या हम अभी भी सच सकते हैं की हम पुलिस को ज़िम्मेदार कह सकते है जो नागरिक को आश्वस्त करा सके की वो हमेशा हर स्तिथि में उनकी सहायता करेगी। 
 
इस सब विषय पर ज्योति का कहना है की वो ऐसी स्थिति से डरतीं नही है क्योंकि वो उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और वहाँ ऐसी घटनाये होना आम बात है। ज्योति कहती है की मैं हर समय मुश्किलों का सामना करने तथा दूसरों की सहायता करने के लिए आगे रहती हूँ पर यदि इस तरह का जंगल राज हो रहा हो और उनकी सहायता करने के लिए आम जनता तो क्या पुलिस तक नहीं ए तो उन्हें बहुत दुःख होता है। एक चश्मदीद कमल जहाँ का कहना है की ज्योति उन बच्चों से अकेली लड़ रही थी उनकी सहयता के लिए न आम जनता आगे आई और नहीं फोन करने पर पुलिस ही आई ऐसी स्तिथि में हम कैसे मान ले की हम देश की राजधानी दिल्ली में सुरक्षित हैं। 
 
रही बच्चों की बात तो बच्चों का यह रवैया सचमुच हैरान करने वाला है क्योंकि जिस शिक्षा के मंदिर में वो पड़ने जाते है वहां लड़ाई झगड़ा सीख रहे हैं इसके लिए उनके अभिभावकों तथा शिक्षकों को चाहिए की उन्हें अच्छी तालीम दे व सही मार्ग पर चलने को कहें उन्हें शुरू से ही प्यार व भाई चहरे का पाठ पड़ना ज़रूरी है तभी देश के बच्चे देश का सुनहरा भविष्य बन पायेंगें।