Monday, January 20, 2025
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सुखमणि इंडस्ट्रियल एसोसिएशन का सराहनीय प्रयास बांटी मुफ्त पढ़ाई की सामग्री

दिल्ली दर्पण 

7 अगस्त 2024,नई दिल्ली 

सुखमणि इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया नारे को साकार करते हुए और संगत की सेवा को सर्वोपरि मानते हुए बच्चों को मुफ्त कॉपियां, पेंसिल रबर और ज्योमेट्री बॉक्स बांटने की पहल शुरू की है, इस संगठन के प्रयासों ने पढ़ाई को एक सेवा के रूप में स्थापित किया है जिसमें जगह-जगह बच्चों को मुक्त पढ़ाई की वस्तुएं दी जा रही है। 

गोहाना सेक्टर 2 में एक एनजीओ,रोहिणी सेक्टर 16 और चंद्र विहार के गुरुद्वारे में यह सेवा मुख्य रूप से संचालित की गई ।गोहाना में श्रीमान धर्मेंद्र की अगुवाई में बच्चों को दो दो कॉपियां ,पेंसिल ,रबर और बिस्कुट के पैकेट वितरित किए गए इसके बाद रोहिणी सेक्टर 16 में श्री हरमंदिर जी और काला जी के सहयोग से एक और सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आखिर में चंद्र विहार के गुरुद्वारे में भी इसी प्रकार का सेवा अभियान संपन्न हुआ। 

संगठन के सभी कर्मचारियों ने सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लिया और बच्चों में खुशी की लहर जाग उठी। गुरुद्वारे में बच्चों को मुफ्त कॉपियां, पेंसिल और ज्योमेट्री बॉक्स वितरित किए गए। 

संगठन के प्रमुख तेजेंद्र सिंह पढ़ाई की सेवा को सबसे बड़ी सेवा मानते हैं ,इसके साथ-साथ सेवा में भाग लेने वाले लोगों ने बताया कि दिल्ली में यह एकमात्र संगठन है जो फैक्ट्री सहयोग के साथ-साथ सामाजिक कार्य भी करता है। पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया इस बात से प्रेरणा लेते हुए संगठन कि ये पहल न केवल समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आशा की किरण है बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी बढ़ावा देती है।

एमसीडी की लापरवाही पर हाई कोर्ट की फटकार अफसर को निलंबित करने की दी चेतावनी 

दिल्ली दर्पण 

नई दिल्ली, 6 अगस्त 2024।

गाजीपुर में भारी बारिश से नाले का पानी ओवरफ्लो होने पर 31 जुलाई को उसमें गिरकर एक मां बच्चे की मौत हो गई। इस मामले पर हाई कोर्ट ने एमसीडी के अफसर को फटकार लगाते हुए स्थिति की एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है, हाई कोर्ट ने खुले नाले के पास तुरंत बैरिकेड करने के निर्देश दिए हैं उसके साथ-साथ वहां पड़े मलबे को हटाने की भी आदेश है, नगर निगम के कार्य पर प्रश्न करते हुए हाईकोर्ट ने कहां शहर में चिकनगुनिया डेंगू जैसी बीमारी भी है और नालों का यह हाल है

दिल्ली हाई कोर्ट ने यहां तक कहा कि यह उचित मामला है जहां अदालत सरकार से एमसीडी को भंग करने को कह सकती है, अगर mcd खुद अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही नहीं करेगा तो कोर्ट को उन्हें निलंबित करना पड़ेगा। हालांकि अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को की जाएगी।

हैरानी की बात है कि देश की राजधानी दिल्ली में है लोगों की नाले के पानी में डूब कर मृत्यु हो रही है, चाहे वह छात्र हो या कोई आम आदमी इस मानसून में नगर निगम के काम साफ-साफ दिखाई दे रहे हैं।

कूड़ेघर की जगह बना बुजुर्गों का मनोरंजन केंद्र: प्रवीण खंडेलवाल ने किया उद्घाटन 

दिल्ली दर्पण

नयी दिल्ली,6 अगस्त 2024। जहां पहले कूड़ा हुआ करता था अब बुजुर्ग वहां सुकून से अपना समय व्यतीत कर सकेंगे। अशोक विहार फेस 1 में कूड़े घर की जगह एक वरिष्ठ नागरिक मनोरंजन केंद्र की शानदार बिल्डिंग बनाई गई है, जिसका उद्घाटन स्थानीय सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने विगत रविवार 4 अगस्त को किया । दिल्ली नगर निगम ने कूड़ा घर आरडब्ल्यूए को दिया और आरडब्ल्यूए  ने आपस में मिलकर इस मनोरंजन केंद्र को तैयार किया।

रास्ते में मुश्किलें बहुत सी थी,अलग-अलग पार्टी के कुछ लोगों ने इसके निर्माण में बाधाए पैदा की,लेकिन कोर्ट ने सही का साथ देते हुए फैसला उनके हक में लिया,जिसके चलते रविवार को स्थानीय सांसद प्रवीण खंडेलवाल द्वारा इसका उद्घाटन किया गया, 

इस मौके पर प्रवीण खंडेलवाल ने स्थानीय निगम पार्षद योगेश वर्मा की सराहना करते हुए उनका आभार जताया, उन्होंने ऐलान किया कि ऐसे और मनोरंजन केंद्र बनाए जाएंगे और उनकी कमान आरडब्ल्यूए या क्रेडिबल समाज को सौपी जाएगी, जिसके लिए फंड की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी,उन्होंने ऐलान में की भी बताया की सरकार एक मोबाइल एप्लीकेशन पर काम कर रही हैं जिससे आप घर बैठे शिकायत दर्ज कर सकते है।

अशोक विहार में बना वरिष्ठ नागरिक मनोरंजन केंद्र बुजुर्गों में  सामाजिक समर्थन और सामाजिक एकता का भाव पैदा करेगा, जिससे बुजुर्गों में सक्रियता बनी रहेगी, एक नयी बात यह भी थी ऐसा पहली बार हुआ होगा की पूर्व विधायक हरिशंकर गुप्ता की बीजेपी मौजूदा निगम पार्षदों ने तारीफ की।मौके पर स्थानीय सांसद प्रवीण खंडेलवाल के साथ-साथ, स्थानीय निगम पार्षद योगेश वर्मा, पूर्व पार्षद सुरेश भारद्वाज, पूर्व विधायक हरिशंकर गुप्ता, ललित गर्ग और अन्य लोग भी शामिल थे, स्थानीय आरडब्ल्यूए ने सभी लोगों का धन्यवाद किया जिनके सहयोग से ये कार्य संभव हो पाया, सभी जनप्रतिनिधियों ने बुजुर्गों से बातचीत की और खानपान के पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया।

ढलावघर की जगह बनाया गया यह केंद्र वरिष्ठ लोगों के लिए सरकार की ओर से दिया गया एक उपहार है, जिसके कारण उसे क्षेत्र के बुजुर्गों में खुशी की एक लहर आई है, दिल्ली दर्पण टीवी ने भी केंद्र की संचालन समिति और प्रमुख लोगों से बात की।

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एमसीडी के खिलाफ रोहिणी में लोगों का प्रदर्शन, एमसीडी पर मनमाना जुर्माना लगाने का आरोप

दिल्ली दर्पण
नई दिल्ली, 5 अगस्त 2024। एमसीडी रोहिणी में वार्ड 53 और 54 की ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों के निवासियों पर सोसाइटी के प्रांगण में गीले कूड़े की कंपोस्टिंग करने का दबाव बना रही है। सोसाइटियों को ऐसा नहीं करने पर हर महीने ₹10000 का जुर्माना लगाने का नोटिस भेजा गया है। एमसीडी की तानाशाही और एक तरफ़ा कार्यवाही का विरोध करने के लिए आज रोहिणी इलाके की लगभग 70 से भी अधिक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों के प्रतिनिधि रंग रसायन सोसाइटी सेक्टर 13 रोहिणी के प्रांगण में एकत्रित हुए। इस मीटिंग में उपस्थित सोसाइटियों के प्रतिनिधियों ने बताया की एमसीडी अपनी जिम्मेवारी को ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों के निवासियों पर थोप रही है।

सभी ने लगभग एक स्वर में इस पर विरोध जताया और सामूहिक रूप से इसका बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है। गीले कूड़े के निस्तारण का कार्य सिर्फ़ वार्ड 53 और 54 की ग्रुप हाउसिंग निवासियों से करवाना उनके साथ किया गया सौतेला व्यवहार है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
इस मीटिंग का सफल आयोजन फेडरेशन आफ रोहिणी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज, वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 13 रोहिणी, नेबरिंग सोसाइटी यूनिटी फोरम रोहिणी ने संयुक्त रूप से मिलकर किया। मीटिंग का संचालन श्री वी पी राठी, श्री एन डी सिंगल, श्री पी एस बहल और श्री अशोक दीक्षित ने किया। सभी ने इस विषय पर अपने विचार व समाधान साझा किए।
श्री आनंद जैन, श्री रवि शर्मा श्रीमती सीमा अग्रवाल, श्री एल डी मदान, श्री एन एस विर्क, श्री पवन चोपड़ा, श्री सुरेश अग्रवाल जी वा अन्य गणमान्य सदस्य इस मीटिंग में सम्मिलित थे।
एक मत से इस रेजोल्यूशन को पास किया गया कि सभी इस तानाशाही फरमान का एक जुट हो कर विरोध करते रहेंगे जब तक आदेश वापस नहीं लिया जाता है। भविष्य में जो जरूरी कदम है, सब मिलकर उठायेंगे। इससे जुड़े सरकारी विभागों से संपर्क कर इस जटिल समस्या का हल निकालने का प्रयास होगा।

बदल जायेगा वक्फ एक्ट, बड़े संशोधन की तैयारी में मोदी सरकार, बिल में बदलाव से पड़ेगा दिल्ली वफ्फ संपतियों पर असर

दिल्ली दर्पण
नई दिल्ली, 4 अगस्त 2024। सरकार वक्फ़ एक्ट का संशोधन बिल लाने जा रही है जिसके बाद वफ्फ एक्ट में कई बदलाव आ जाएंगे। विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। यह बिल संभवतः 5 अगस्त को संसद में पेश होगा। इससे दिल्ली के वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों पर भी असर पड़ेगा क्योंकि वफ्फ बोर्ड को अपनी संपतियों के सत्यापन के लिए कागज पेश करने होंगे।
मोदी सरकार वक्फ एक्ट में बड़े संशोधन करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने वक्फ़ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को “वक्फ संपत्ति” बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। 40 प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार वक्फ़ बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा। वक्फ़ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए भी अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव दिया गया है सूत्रों ने बताया कि वक्फ़ अधिनियम में संशोधन के लिए एक बिल 5 अगस्त को संसद में पेश किया जा सकता है।
ऐसे में दिल्ली के वफ्फ की संपतियों पर असर पड़ सकता है क्योंकि इनमें से कई संपत्ति विवादित हैं।
पूरे देश की तरह दिल्ली में भी वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995’ समाज में द्वेष और नफरत पैदा करता है। यह अपनी अकूत ताकत का दुरुपयोग करता है। समाज की एकता और सद्भाव को विभाजित करता है। अपनी अकूत शक्तियों के आधार पर सरकारी, निजी संपत्तियों तथा मठ, मंदिरों पर मनमाने तरीके से कब्जा करता है। आज वक्फ बोर्ड के पास रेलवे और चर्च के बाद सबसे ज्यादा जमीन है।
आपको बता दें कि दिल्ली के वक्फ बोर्ड मामले में आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी ने आरोप लगाया कि खान ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी गाइडलाइन तोड़ते हुए 30 से ज्यादा अवैध भर्तियां कीं। साथ ही आरोप है कि उन्होंने अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराए पर दे दिया। इन्हीं आरोपों के बाद विधायक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज हुआ। फिलहाल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है।
वैसे तो वफ्फ को ज्यादातर संपत्तियां मुस्लिम शासनकाल में दान में मिली हैं। इनपर लंबे समय से विवाद होता रहा है। आंकड़ों के मुताबिक वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है। साल 2009 में यह जमीन 4 लाख एकड़ हुआ करती थी, जो कुछ सालों में बढ़कर दोगुनी हो गई है। इन जमीनों में ज्यादातर मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह हैं। पिछले साल अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं।
अक्सर वक्फ की संपत्तियों को लेकर विवाद होता रहता है. सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है। वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है और अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है। वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती। अब यही कानून मोदी सरकार बदलना चाहती है।