Friday, November 22, 2024
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Confederation of All India Traders : पीएम मोदी से एमनेस्टी स्कीम की घोषणा करने का किया आग्रह  

एक पत्र भेज कर दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग और तोड़ फोड़ से बचाने की लगाई गुहार 

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर उनका ध्यान गत 14 वर्षों से सीलिंग से त्रस्त दिल्ली के व्यापारियों के सबसे ज्वलंत मुद्दे की ओर दिलाया है। उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह किया है की जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने 1700 से अधिक अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया है।  उसी आधार पर दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग और तोड़ फोड़ से बचाने के लिए केंद्र सरकार एक एमनेस्टी स्कीम लाएं।  



कैट ने कहा है कि दिल्ली नगर निगम क़ानून, 1957 के अंतर्गत केंद्र सरकार को ऐसा आदेश जारी करने का पूर्ण अधिकार है !  सरकार के इस कदम से दिल्ली के लगभग 10 लाख से अधिक व्यापारियों और उनके लगभग 30 लाख से अधिक कर्मचारियों को सीलिंग और तोड़ फोड़ से राहत मिलेगी !
प्रधानमंत्री मोदी को भेजे गए पत्र एक प्रति कैट ने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं दिल्ली के उपराज्यपाल श्री वी के सक्सेना को भी भेजी हैं !

 प्रधानमंत्री श्री मोदी को भेजी अपनी याचिका में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पिछले 14 वर्षों के दौरान अतीत को ठीक करने का ही प्रयास हुआ, जिसका कोई फल नहीं निकला और दिल्ली का व्यापार बर्बाद होता गया ! 14 वर्षों के बाद भी हालत यह है की हम 2006 में जहाँ खड़े थे आज उससे भी बदतर स्तिथि में है ! इस बात को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि  अब तक जो कुछ भी हुआ उसको माफ़ करने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम दी जाए और भविष्य के लिए क़ानून कड़े बनाये जाएँ और उनका पालन भी सुनिश्चित किया जाए ! 

 श्री खंडेलवाल एवं कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री विपिन आहूजा ने कहा की दिल्ली के व्यापारियों द्वारा वर्ष 2006 से सीलिंग और तोड़ फोड़ का सामना किया जा रहा है जिसने दिल्ली के व्यापार के सदियों पुराने वितरण चरित्र को नष्ट कर दिया है और हजारों व्यापारियों और उनके कर्मचारियों को उनकी आजीविका से वंचित कर दिया है। दिल्ली में सीलिंग और विध्वंस का मुद्दा पिछले 14 सालों से बिना किसी नतीजे के चलता आ रहा

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