– राजेंद्र स्वामी ,दिल्ली दर्पण
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मर्डर केस में जेल में बंद नीरज सहरावत उर्फ बवानिया को उनकी गंभीर रूप से बीमार पत्नी की देखभाल के लिए एक दिन की कस्टडी पैरोल दी है। वरिष्ठ अधिक्वता एन. हरिहरन की और से दायर चाचिका पर 30 जून 2025 को जस्टिस मनोज जैन की कोर्ट ने अपने फैसले में नीरज को 1 जुलाई 2025 को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक अपनी पत्नी से मिलने और उनके डॉक्टर से बात करने की इजाजत दी है।
वरिष्ठ अधिक्वता एन हरिहरन केसहयोगी एडवोकेट नीतिन शौक़ीन ने बताया कि नीरज बवानिया की पत्नी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं और दिल्ली के पांडव नगर स्थित आरएलकेसी मेट्रो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, उनकी पत्नी को दाहिनी आंख में बार-बार दृष्टि हानि, तेज सिरदर्द, उल्टी, दाहिने हाथ में कमजोरी और सुन्नता जैसी समस्याएं हैं। उनकी हालत इतनी नाजुक है कि सर्जरी की जरूरत है, लेकिन इसके लिए किसी रिश्तेदार की मौजूदगी जरूरी है।

नीरज के वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन ने कोर्ट को बताया कि नीरज की पत्नी को पड़ोसियों ने अस्पताल में भर्ती कराया था और उनके पास कोई अन्य परिवार वाला नहीं है जो उनकी देखभाल कर सके। नीरज का परिवार पहले ही उनसे रिश्ता तोड़ चुका है और उनकी पत्नी के ससुराल वाले भी मदद के लिए आगे नहीं आए, क्योंकि उनकी शादी प्रेम विवाह थी।

हालांकि, स्टेट के अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) लक्ष्य खन्ना ने कस्टडी पैरोल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि नीरज का आपराधिक इतिहास खराब है और गैंग राइवलरी के चलते उनकी जान को खतरा हो सकता है। फिर भी, कोर्ट ने पत्नी की गंभीर हालत और परिवार की अनुपस्थिति को देखते हुए नीरज को सीमित समय के लिए कस्टडी पैरोल देने का फैसला किया। कोर्ट ने जेल सुपरिटेंडेंट को निर्देश दिया कि नीरज, जो एक हाई-रिस्क अंडरट्रायल हैं, के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए ताकि वह अपनी पत्नी से अस्पताल में सुरक्षित मिल सकें। नीरज को केवल अपनी पत्नी से मिलने और डॉक्टरों से परामर्श करने की अनुमति होगी।
कोर्ट ने नीरज को यह भी छूट दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह भविष्य में अपनी पत्नी की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत के लिए नया आवेदन दायर कर सकते हैं। इस मामले की सुनवाई के साथ ही आवेदन का निपटारा कर दिया गया।