कभी-कभी ज़िंदगी की सबसे खतरनाक शुरुआत वहीं से होती है, जहां सब कुछ बिल्कुल सामान्य लगता है। बस एक “हाय”, एक “कैसी हो” और फिर एक छोटी-सी मुस्कान। कहानी शुरू हो जाती है। दिल्ली के रोहिणी में रहने वाला 23 साल का आर्यन (नाम बदला गया) भी किसी आम लड़के की तरह था — हंसमुख, जिम्मेदार, थोड़ा शर्मीला। कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात इंस्टाग्राम पर एक लड़की से हुई थी। लड़की खूबसूरत थी, उसकी बातें प्यारी थीं और वो आर्यन को समझती हुई लगती थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच बातों का सिलसिला बढ़ा और फोन की स्क्रीन अब आर्यन की मुस्कान की वजह बनने लगी।
वो अक्सर रात को देर तक बात करते थे — छोटे-छोटे मज़ाक, दिनभर की बातें, कुछ सपने, कुछ उम्मीदें। आर्यन को लगने लगा था कि शायद यही वो रिश्ता है जिसकी उसे तलाश थी। लेकिन ज़िंदगी के पन्ने हमेशा वैसे नहीं पलटते जैसे हम चाहते हैं। शनिवार की शाम लड़की ने कहा, “आज थोड़ी देर के लिए मिलो ना, अकेले आना।” आर्यन ने बिना कुछ सोचे हामी भर दी। उसने मां से कहा, “दोस्त से मिलकर आता हूं।” मां ने बस इतना कहा, “जल्दी आना बेटा, खाना गरम है।” उसे नहीं पता था, ये आखिरी बार है जब वो अपने बेटे को मुस्कुराते हुए देख रही हैं।
वो उत्तम नगर पहुंचा, जहां लड़की पहले से खड़ी थी। आर्यन मुस्कुराया, लेकिन कुछ मिनटों बाद सब कुछ बदल गया। दो लड़के वहां आए, कुछ बहस हुई, फिर धक्का-मुक्की, और अचानक चाकू चमका। कुछ सेकंड में सब खत्म हो गया। आर्यन वहीं गिर पड़ा — खून से लथपथ, बेसुध। राहगीरों ने पुलिस को बुलाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
दिल्ली पुलिस ने फौरन जांच शुरू की और दो घंटे के भीतर आरोपियों को पकड़ लिया। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल डेटा से पता चला कि यह कोई सामान्य झगड़ा नहीं था, बल्कि पहले से रची गई साजिश थी। लड़की ने उसे जाल में फंसाकर वहां बुलाया था। जब पुलिस आर्यन के घर पहुंची, मां ने दरवाजा खोला। चेहरा उम्मीद से भरा था — “आ गया क्या?” लेकिन जब उन्हें बताया गया कि उनका बेटा अब नहीं रहा, तो घर में सन्नाटा छा गया। वो दीवार पकड़कर बैठ गईं। शब्द नहीं निकले, बस आंखों से आंसू और होंठों से टूटी सी आवाज़ — “वो तो बस मिलने गया था…” कमरे में आर्यन का फोन रखा था, जिसमें आखिरी नोटिफिकेशन चमक रहा था
यह सिर्फ एक हत्या की खबर नहीं, बल्कि एक आईना है जो दिखाता है कि सोशल मीडिया की चमक के पीछे कितना अंधेरा छिपा है। हर मुस्कुराता चेहरा सच्चा नहीं होता, हर रिश्ता सुरक्षित नहीं होता। भरोसा करना खूबसूरत है, लेकिन अंधा भरोसा जानलेवा साबित हो सकता है। आर्यन अब नहीं है, लेकिन उसकी कहानी हमें एक गहरी सीख देकर चली गई — डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना अब मजबूरी नहीं, ज़रूरत है। कभी-कभी एक गलत मुलाकात, किसी मां की ज़िंदगी को हमेशा के लिए खामोश कर देती है।

