Tuesday, November 19, 2024
spot_img
Home Blog Page 1684

नोटबंदी के खिलाफ लामबंद हुई बवाना चैम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ और केजरीवाल सरकार 

दिल्ली,

छोटे उद्यमियों को नोटबंदी के बाद खासी परेशानियों का सामना करना पद रहा है , लिहाजा उनके बीच मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर असंतोष भी है और गुस्सा भी।  ऐसे में बवाना चैम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ इस फैसले के विरोध में मुहीम चलाने का फैसला किया है।  बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में रविवार के दिन उद्यमियों और मुख्यमंत्री के बीच बैठक में  दिल्ली सरकार के मंत्री और स्थानीय विधायक भी पहुँचे और एक सुर में मोदी सरकार के फरमान की आलोचना की।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपना रुख पहले ही साफ कर दिया था और बवाना में भी केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का सिलसिला जारी रखा।  
बवाना चैम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन प्रकाशचंद जैन ने लघु उद्यमियों और मजदूरों की समस्या को मुख्यमंत्री के सामने रखा और इस बैठक में बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के व्यापारियों की ओर से , सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया।
 इस मौके पर बवाना चैम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ के सदस्य राज जैन ने भी मोदी सरकार पर तल्ख़ टिपण्णी करते हुए , मोदी सरकार के अच्छे दिन के दावों की पोल खोली और व्यापारियों के सामने अपने विचार रखे।
 बैंकों में कैश की कमी से छोटे उद्यमियों को कई तरह की परेशानियाँ आ रही है , बहुतायत जगहों पर उन्हें कैश रुपयों की जरूरत होती है लेकिन दिन भर लाइन में लगने के बाद भी ज्यादातर लोग बैरंग ही वापस लौटते हैं। बवाना चैम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ ने ऐसे में अपना रुख साफ़ कर दिया है की वो मोदी सरकार के फैसले के विरोध में है , और नोटबंदी के खिलाफ केजरीवाल के मुहीम में अब साथ देते दिखेंगे।
बैठक में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन , बवाना से विधायक वेदप्रकाश , आप ट्रेड विंग के अध्यक्ष ब्रजेश गोयल और बवाना चैम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ से जुड़े सैंकड़ों लघु उद्यमी मौजूद रहे।
देखें विडियो रिपोर्ट :

 नंगी लड़कियों के साथ फोटो खींचवाने वालों के लोन माफ़ कर रहे है मोदी : अरविन्द केजरीवाल 

 
दिल्ली
 बाहरी दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में नोटबंदी पर कारोबारियों की तकलीफ जानने पहुँचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर नोटबंदी की आड़ अडानी ,अम्बानी और विजय माल्या जैसे बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाने का आरोप लगाया और इस फैसले को जनता के खिलाफ साजिश करार दिया। उन्होंने बैंकों की लाइन में लगे आम आदमी की तकलीफों का जिक्र भी किया और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की माँ का बैंक की लाइन में लगने वाली घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा की लाइन में लगना कोइ देशभक्ति नहीं है। बेटे के होते हुए एक 90 साल की बुजुर्ग महिला यदि लाइन में लगे तो इनसे शर्मानक कुछ नहीं हो सकता।  
और क्या  कहा केजरीवाल ने सुनेंगे तो हैरान हो जायेंगे आप , देखें ये विडियो। 

त्रिनगर के व्यवसाइयों बीच पहुँचे केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, बताए विमुद्रीकरण के फायदे 

 नोटबंदी के बाद जनता को हो रही परेशानियों के बीच अब मोदी सरकार के मंत्री , सांसद और भाजपा के नेता कार्यकर्ता भी जमीन पर उतर कर लोगों को समझाते हुए दिख रहे हैं की ये फैसला उनके हित में ही लिया गया है , आज केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन भी दिल्ली के त्रिनगर इलाके के मार्किट में पहुंचे और दुकानदारों से बात चीत करते दिखे।  

अब मंत्री समझा रहे हैं ई-वॉलेट और ऑनलाइन बैंकिंग के फायदे।  जी हाँ , मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद विपक्ष के पुरजोर विरोध के बीच भाजपा के नेता और मंत्री लोगों के बीच पहुँच कर उन्हें विमुद्रीकरण के फायदे बता रहे हैं। चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र के त्रिनगर इलाके में सांसद और केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन दुकानदारों के बीच पहुंचे और उन्हें ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के फायदे बताये।
हालाँकि दुकानदारों के बीच सरकार के अचानक आये फरमान को लेकर मिला जुला असर देखा जा रहा है।  मंत्री जी आये और उनसे बात चीत भी की लेकिन जब उनसे नोटबंदी के बाद की स्थिति के बारे में बात की गई तो उन्होंने अपनी परेशानियां साझा की।
नोटबंदी से हो रही परेशानियों से अलग केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करने की सलाह दी , ताकि कॅश की कमी की वजह से आयी समस्या को दूर किया जा सके।  तमाम कोशिशों के बावजूद जमीनी हकीकत यही है की स्थिति सामान्य होने में अभी और समय लगेगा।  ऐसे में देखना होगा की भाजपा की ये नई तरकीब जनता को मनाने में कितनी कामयाब होती है। 
देखें ये विडियो रिपोर्ट : 

मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ प्रकाशचंद जैन ने उठाई उद्यमियों की आवाज

दिल्ली
 बाहरी दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के बवाना चेम्बर ऑफ़ इंडस्ट्रीज के कार्यालय पर व्यापारियों  के बीच पहुँचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उद्योग मंत्री सतेंद्र जैन के सम्मुख, और सैकड़ो कारोबारियों के बीच बवाना चेंबर ऑफ़ इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन प्रकाश चंद जैन ने नोट बंदी के बाद आम कारोबारियों के कष्ट को रखा तो लोग तालियाँ बजाने से खुद को नहीं रोक सके। अपने संबोधन में प्रकाश जैन ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नोट बंदी से हुए परिणाम भी सामने रखे तो सरकार की खामियों को भी सामने रखा। इसे भावना कह लीजिये या कारोबारियों का कष्ट, प्रकाश जैन ने प्रधान मंत्री की नोट बंदी की नीति को आईना भी दिखाया साथ ही केजरीवाल सरकार से बवाना औद्योगिक क्षेत्र को फ्री होल्ड करने की भी मांग की।  

टोल रियायत और पेट्रोल पम्पों पर पुराने नोट बंद होने से रुक सकता है ट्रांसपोर्ट का चक्का, बढ़ेंगी कीमतें 

–अभिजीत ठाकुर 
 नोटबंदी के ऐलान के बाद पेट्रोल पम्पों पर चलने वाले पुराने नोट और टोल बूथों पर ट्रांसपोर्टरों को मिल रही रियायत  की मियाद शुक्रवार मध्य रात्रि से बंद हो जाएगी। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।  दिल्ली के संजय गाँधी ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्टरों के सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है। ट्रांसपोर्ट फेडेरशन ऑफ़ इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय मैनी और कई ट्रांसपोर्टरों की बैठक में नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत और उससे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर पड़ने वाले असर के बारे में चर्चा हुई।  ट्रांसपोर्टरों का कहना था की उनका ज्यादातर काम कैश के जरिये ही चलता है क्योंकि दूर राज्यों में जाने के लिये ट्रक ड्राइवरों को कैश रुपये ही दिये जाते हैं जिन्हें वो लंबी दूरी की यात्रा में तमाम खर्चों के लिये इस्तेमाल करते हैं।  ज्यादातर ड्राइवर कम पढ़े लिखे होते हैं जिनको कैशलेस पेमेंट या प्लास्टिक मनी के बारे में कुछ भी नहीं पता। नतीजतन, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर चक्का जाम का संकट गहराता दिख रहा है। 
ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के उपाध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया की बढ़ते टोल टैक्स और अन्य करों की वजह से पहले ही ट्रांसपोर्ट व्यवसाय खासा प्रभावित है ऐसे में कैश की कमी के वजह से अब ट्रांसपोर्टरों को दोहरी मार झेलनी पड़ेगी। 
बैंकों के बाहर लगी लंबी कतारों की वजह से ज्यादातर बैंक भी सभी ग्राहकों को कैश मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं , ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक उनके व्यवसाय का अस्सी प्रतिशत हिस्सा कैश ट्रांजेक्शन पर निर्भर करता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है की देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के लिये क्या सरकार कुछ दिन और रियायत नहीं दे सकती थी ? 
कैश की कमी की वजह से हजारों ट्रकों का परिचालन अगर रुक जाता है तो इससे मंडी में सब्जियों और अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भी असर पड़ेगा और आने वाले दिनों में कीमते बढ़ सकती हैं। कुल मिलाकर इसका परिणाम जनता को ही झेलना पड़ेगा जो पहले से ही नोटबंदी और उसके बाद होने वाली परेशानियों से आहत है।  
ऐसे में ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है की ट्रांसपोर्टरों को दी जाने वाली रियायत को स्थिति पूर्णतः सामान्य होने तक बढ़ा दिया जाना चाहिये।  संजय गाँधी ट्रांसपोर्ट नगर में अन्य ट्रांसपोर्टरों ने भी फेडरेशन के सुझाव से सहमति जताते हुए कहा की यदि सरकार उनके सलाह पर विचार नहीं करती है तो मजबूरन उनके सामने हड़ताल जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।