–दिल्ली दर्पण टीवी
त्रि नगर में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व विधायक जितेंद्र तोमर का तूफानी दौरा , स्कूल निर्माण और स्टेडियम की घोषणा
नशा करना मौत को आमन्त्रित करना है:– डाॅ. रिखब चन्द जैन
–डाॅ. रिखब चन्द जैन
भारत के संविधन में नशाबन्दी, शराब बन्दी के लिए राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। नशाबन्दी के लिए महात्मा गाँधी ने बहुत कुछ प्रयास किये और उनके अनुसार नशा आत्मा और शरीर दोनों को खत्म करता है। संविधान में नशा करने को नागरिकों के मुलभूत अधिकारों में नहीं गिनाया गया है। यह भी ध्यान रहे। गुजरात में सदैव नशाबन्दी रही है। बिहार में माननीय मुख्यमंत्री नितिश जी ने अपने चुनावी वादे को पुनः नशाबन्दी
लगाकर देश को एक नई राह दी है। तमिलनाड़ में भी इस बार चुनाव में वादे के अनुसार मुख्यमंत्री जयललिता ने नशा बन्दी पर आंशिक रूप से प्रोत्साहित किया है, आगे का रास्ता बना रही है। नाॅर्थ ईस्ट में विशेषकर त्रिपुरा में महिलाओं ने शराब बन्दी करवाई है। केरल भी इस तरपफ आगे बढ़ रहा है। नितिश जी का कहना है कि अन्य राज्य भी आगे बढे़ और नशाबन्दी लागू करें।
दागी विधायकों को हमारी आपत्ति के बावजूद दिया गया था टिकट : प्रशांत भूषण
जाते हैं। इनके ऊपर अवैध निर्माण के धंधे को आगे बढ़ाने के भी आरोप हैं और निगम पार्षद रहते हुए इनके और इनके पत्नी के काम को अच्छा नहीं आंका गया है। प्रशांत भूषण के द्वारा शेयर किये गए रिपोर्ट में ये भी बताया गया है की शरद चौहान ने हरियाणा चुनाव के दौरान कुलदीप बिष्नोई के लिए प्रचार किया था। शरद चौहान को एक बड़ा व्यवसायी बताते हुए उनकी जीवन शैली के अंदाज और आलिशान गाड़ियों में चालने का भी जिक्र किया गया है। प्रशांत भूषण ने लिखा है की उन्होंने शरद चौहान के उम्मीदवार बनाये जाने पर आपत्ति जताई थी।
करतार सिंह के घर हाल ही में आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा था और वो भी लगातार जाँच के दायरे में हैं। प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में साफ़
कहा है की दिल्ली जल बोर्ड में जूनियर इंजीनियर की नौकरी करने वाले के पास आज एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। तंवर ने भाजपा छोड़ कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा था और उसका टिकट के साथ पार्टी ने स्वागत किया था। हालांकि प्रशांत भूषण ने करतार सिंह टिकट देने पर आपत्ति जताई थी।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में होगा अनिश्चितकालीन हड़ताल !
–अभिजीत ठाकुर
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर एक अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। दरअसल डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों में केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय के उस फैसले को लेकर नाराजगी है जिसके तहत सफदरजंग समेत दिल्ली के तीन अन्य मेडिकल कॉलेजों को इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से हटा कर दिल्ली विश्वविद्यालय के आधीन करने की बात कही जा रही है। शुक्रवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल , एसीएमएस, एनडीएमसी , राम मनोहर लोहिया के छात्रों और डॉक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल में ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते डॉक्टर और छात्रों ने ये चेतावनी दी है की अगर केंद्र सरकार ने उनकी माँगों पर विचार नहीं किया तो वो सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएँगे। डॉक्टरों का कहना है की अगर इन मेडिकल कॉलेजों को दिल्ली विश्विद्यालय के आधीन किया गया तो सीटों की संख्या काफी कम हो जायेगी। पहले से ही डॉक्टरों की कमी झेल रहे सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानियाँ झेलनी पड़ती है ऐसे में अगर सीटें घटी तो डॉक्टरों का कहना की जो मौजूदा स्टाफ़ है उसपर काम अतिरिक्त दबाव होगा और चिकित्सा प्रणाली की स्थिति भी बदतर होगी।
सफदरजंग कुल 1600 बिस्तरों का अस्पताल है और आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक दिन कुल 7000 मरीजों का इलाज यहाँ किया जाता है। ऐसे में अगर चिकित्सक और छात्र हड़ताल पर जाते हैं तो दिल्ली में लोगों को बड़ी समस्या से जूझना पड़ सकता है। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन को अन्य मेडिकल कॉलेजों का भी समर्थन मिल रहा है और संभव है की अगस्त के पहले दिन शुरू होने वाले अनिश्चितकालीन हड़ताल में बाकी के अस्पताल भी शामिल हो जाएँ। ऐसे में दिल्ली के सामने एक बड़ा स्वास्थय संकट खड़ा हो सकता है।