Monday, November 18, 2024
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त्रि नगर में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व विधायक जितेंद्र तोमर का तूफानी दौरा , स्कूल निर्माण और स्टेडियम की घोषणा

–दिल्ली दर्पण टीवी

दिल्ली। दिल्ली के विवादित विधायकों में शुमार त्रिनगर से विधायक जितेन्द्र तोमर ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ बुधवार को दिल्ली पुलिस से लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के बड़े बड़े अधिकारियों  के साथ त्रि नगर विधान सभा में तूफानी दौरा किया।  जितनी ज्यादा संख्या और तादाद दिल्ली पुलिस से लेकर  दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के अधिकारी सुबह आठ बजे से ही मौजूद थे वह यह दिखने के लिए काफी थे की बेशक जितेन्द्र तोमर पहली बार विधायक बनें हो लेकिन उनके वर्किंग स्टाइल किसी अनुभवी नेता से काम नहीं दिखती।
ठीक आठ बजे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया त्रिनगर इलाके के विधायक जितेन्द्र तोमर के कार्यालय पहुचे और उनके इलाके के सभी स्कूलों की समस्याओं और मांगों को सिलसिलेवार समझा।  काफी कुछ सुनने व समझने के बाद वे निकल पड़े इलाके के दौरे पर।  मुख्यमंत्री ने पुरे काफिले के साथ इलाके के लगभग सभी स्कूलों का दौरा किया। न कहीं स्वागत कराया न कहीं जलपान किया। वे सीधे स्कूलों में गए  में और प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारियों के साथ चर्चा की कि स्कूल में कहाँ क्या हो सकता है। —विडियो देखें —)

फैशन डिज़ाइनर सेजल चड्ढा की जन्मदिन की पार्टी ,में पहुचे फिल्म और फैशन इंडस्ट्री के सितारे

दिल्ली दर्पण टीवी
नयी दिल्ली। जानी मानी फैशन डिज़ाइनर और सोशलाइट सेजल चड्ढा ने जब दिल्ली के दिल क्नॉट  प्लेस  में जन्मदिन की पार्टी रखी  तो शाम जैसे आम से ख़ास बन गई। इस शाम को और खास बनाने में सेजल का साथ दिया उनके ख़ास दोस्त प्रदीप सोलंकी ने। फैशन इंडस्ट्री से लेकर , फिल्म इंडस्ट्री के कई सितारों ने इस बर्थडे पार्टी में शिरकत की और सेजल को अपनी बेस्ट विशेज दीं। ऐसे ही कुछ ख़ास मेहमानों से दिल्ली दर्पण की टीम ने भी बात की।

नशा करना मौत को आमन्त्रित करना है:– डाॅ. रिखब चन्द जैन

–डाॅ. रिखब चन्द जैन

(अध्यक्ष, भारतीय मतदाता संगठन)

भारत के संविधन में नशाबन्दी, शराब बन्दी के लिए राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। नशाबन्दी के लिए महात्मा गाँधी ने बहुत कुछ प्रयास किये और उनके अनुसार नशा आत्मा और शरीर दोनों को खत्म करता है। संविधान में नशा करने को नागरिकों के मुलभूत अधिकारों   में नहीं गिनाया गया है। यह भी ध्यान रहे। गुजरात में सदैव नशाबन्दी रही है। बिहार में माननीय मुख्यमंत्री  नितिश जी ने अपने चुनावी वादे को पुनः नशाबन्दी

Photo of Dr Rikhab chand Jain tt Group chaiyarman
Photo of Dr Rikhab chand Jain

लगाकर देश को एक नई राह दी है। तमिलनाड़ में भी इस बार चुनाव में वादे के अनुसार  मुख्यमंत्री जयललिता ने नशा बन्दी पर आंशिक रूप से प्रोत्साहित किया है, आगे का रास्ता बना रही है। नाॅर्थ ईस्ट में विशेषकर त्रिपुरा में महिलाओं ने शराब बन्दी करवाई है। केरल भी इस तरपफ आगे बढ़ रहा है। नितिश जी का कहना है कि अन्य राज्य भी आगे बढे़ और नशाबन्दी लागू करें।

हाल ही में राजनैतिक पार्टियां इस देश में नशाबन्दी करने पर राजस्व की हानि का बहाना बताते है। अर्थ व्यवस्था बिगडेगी।  यूपी में 17000 करोड़ रूपये की कमाई शराब से मिलने वाले टैक्स से है। लोग पूछते हैं कि उसका विकल्प क्या होगा। विकल्प तो है। बिहार में दस हजार करोड़ की शराब का व्यापार था, उत्तर प्रदेश में तो लोग 25 से 30 हजार करोड़ रूपये की शराब पी रहे हैं। अगर यूपी के लोग 25-30 हजार करोड़ रूपये की शराब पीना छोड़कर दूसरी चीजों पर खर्च करेंगे, तो आमदनी कहां जाएगी? क्या इससे बाजार में, व्यापार में गुणात्मक परिवर्तन नहीं आएगा ?
इसके जवाब में यह कहां गया है कि  अगर  सरकार को शराब के व्यापार से पांच हजार करोड़ रूपये की आमदनी होती थी तो इसका मतलब था कि लोग कम से कम दस हजार करोड़ रूपये की शराब पी रहे थे। शराबबन्दी लागू होने के बाद बिहार में हर साल दस हजार करोड़ रूपया बचेगा। जिसके पास पैसा बचेगा वो उसे खर्च भी करेगा। पैसा बाजार में ही जाएगा। किसी दूसरे काम में पैसा खर्च होगा। आदमी बेहतर खाना खाएगा, ढंग के कपडे़ पहनेगा, बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देगा। इससे भी तो व्यवसाय और बाजार बढे़गा।
दूसरा प्रश्न यह उठाया जाता है कि जहरीली शराब और शराब के गैर कानूनी धंधे  को नशाबन्दी पर बढ़ावा मिलता है। इसे रोका जा सकता है। अगर प्रशासन चुस्त हो और नागरिक, विशेषकर महिलाएं शराबबन्दी के लिए, नशाबन्दी के लिए समर्पित हो। कई राज्यों में नारी शक्ति ने इसे करके बताया हैं। बिहार में महिलायें अपने घर की तो निगरानी कर ही रही है, साथ ही पड़ोसियों पर भी नजर रख रही है। उन्हें सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। बिहार में शान्ति का माहौल सृजित हो रहा है।
दूसरा जवाब यह है कि इसके साथ-साथ बिहार सरकार के अनुसर शराबबन्दी लागू होने पर अपराधें में बहुत कमी आई है। 1 अप्रैल से 25 जून 2015 तक का आंकड़ा और 1 अप्रैल से लेकर 25 जून 2016 तक का आंकड़ा निकलवा कर इसकी तुलना करवाई। पता चला कि संज्ञेय अपराध् में साढे़ चैदह प्रतिशत, हत्या में  38 प्रतिशत, डकैती में   24 प्रतिशत, दंगा-पफसाद में 56 प्रतिशत, फरौती के लिए अपहरण जैसे मामलों में 70 प्रतिशत, बलात्कार के मामलों में 22 प्रतिशत, एससी-एसटी उत्पीड़न के मामले में 23 प्रतिशत की कमी आई। सबसे अधिकत  ध्यान देने वाली बात है कि शराब पीने के बाद होने वाली सड़क दुर्घटना में 30 प्रतिशत की कमी आई है। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्राी नितिन गडकरी जी रोड़ एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए अगर पूरे देश में शराबबन्दी लागू कर दें तो सड़क दुर्घटना में 30 प्रतिशत की कमी खुद ही आ जाएगी। सबसे अधिक मौतें शराब पीने के बाद होने वाले रोड़ एक्सीडेंट से होती है। बिहार में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में भी 33 प्रतिशत की कमी आ गई है।
नशाबन्दी के क्या लाभ हैं? माननीय नितिश कुमार जी, मुख्यमंत्राी बिहार के शब्दों में देखें – महत्वपूर्ण लाभ तो यह भी है कि पहले बिहार में जहां दरवाजे तक बारात पहुंचने में घंटों लगते थे, अब कम समय लगता है। पहले बारात में चलने वाले लोग शराब पी लेते थे। एक ही जगह नाच रहे हैं तो नाच रहे हैं। लड़की पक्ष वाला कुछ बोल नहीं पाता था। अब दरवाजे तक पहुंचने में देर नहीं लगती। तुरन्त ढोल-बाजा बजाया और लग गया दरवाजा। अभी झारखंड में एक मिनिस्टर की बेटी की शादी में बारात का डेढ़ घंटे से इंतजार करते रहे थे। बारात आ ही नहीं रही थी। 200 मीटर दूर से आने वाली बारात को इतना समय लग रहा है, झारखंड में भी शराबबन्दी लागू करवा दी जाये तो पांच मिनट में बारात पहुंच जायेगी। यानी, शराबबन्दी का एक यह भी लाभ तो है ही। शराबबन्दी के दूरगामी पफायदे भी है।
कहीं-कहीं यह कहा जाता हैं कि शराबबन्दी से टूरिज्म को ध्क्का पहुंचता है। इस विषय पर गुजरात के लोगों ने सटीक जवाब दिया कि दारू पीने वाले टूरिस्ट अगर आना चाहें तो आये, न आना चाहें तो जहां दारू मिले वहां जायें। शराब के आधर पर टूरिज्म को बढ़ावा देने से स्थानीय लोागों का चरित्र और सस्ंकृति में विकृति आती है।
अगला प्रश्न यह उठाया जाता है कि शराबबन्दी तथा नशाबन्दी से नशे के व्यापार और उत्पादन में लगे लोग बेरोजगार हो जाते है। उसका जवाब यह है कि वैकल्पिक उद्योग धंधो  को और अधिक  प्रोत्साहन मिलेगा। शराब की जगह दूध् और जूस को बढ़ावा देना होगा। उसमें भी तो रोजगार मिलेगा। डेरी उत्पादन, पफल, जूस और शीतल पेय, उत्पादनों को बेचने से रोजगार मिलेगा।
भारतीय संस्कृति की अनुपम देन ‘योग’ को विश्व भर में बढ़ावा मिल रहा है। माननीय प्रधानमंत्री  जी का यह विश्व मं अति प्रिय विषय है और इसे पूरे विश्व में व्यापकता देने का अटूट प्रयास कर रहे है। शराब पी कर, नशा करके योग नहीं हो सकता। अतः नशामुक्ति, शराबबन्दी होनी ही चाहिए।
नशा सिपर्फ शराब का ही नहीं ड्रग्स का भी बन्द होना चाहिए। भांग, गांजा, जरदा, पान मसाला इत्यादि को बन्द करने से भी स्वास्थ्य की सेवाओं और बिमारियों में कमी होगी। स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं पर होने वाले खर्च बचेगें। देश की महिलाओं, परिवार, बच्चों और विशेषकर सम्पूर्ण सजग नागरिकों की मांग है कि पूरा देश नशामुक्त हो। इससे जीवन, परिवार में खुशी बढे़गी। जीवन बनेगा। परिवार बनेगा।
प्रस्तुत आलेख मुख्यतः माननीय नितिश जी पत्रकार सम्मेलन पर आधरित है।

दागी विधायकों को हमारी आपत्ति के बावजूद दिया गया था टिकट : प्रशांत भूषण

–दिल्ली दर्पण ब्यूरो
नयी दिल्ली। दिल्ली में आज आम आदमी पार्टी के कई विधायक पर मुकदमें दर्ज हैं, कुछ पुलिस हिरासत में हैं तो कुछ जाँच  के दायरे में भी हैं। ऐसे में अब आम आदमी पार्टी के नेतृत्व पर सवाल खड़े होना लाज़मी है। एक ओर  विरोधी पार्टियाँ  इसको बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना कर आये दिन मोर्चा निकाल रही है तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के संस्थापक रहे प्रशांत भूषण ने भी सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए अपनी भड़ास निकाली है।
वरिष्ठ वकील और योगेन्द्र यादव के साथ स्वराज अभियान की अगुवाई कर रहे प्रशांत भूषण एक समय केजरीवाल के बेहद करीबी थे।  लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को आम आदमी पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था।
अब प्रशांत भूषण ने कुछ विधायकों पर कानूनी शिकंजा कसने की खबर के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी और सीधा सीधा केजरीवाल पर हमला बोला है। प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर कुछ विधायकों के नाम और उनके साथ जुड़े विवादों को साझा किया और कहा है की इन सभी नामों पर चुनाव से पहले उन्होंने आपत्ति जताई थी क्योंकि  इनके रेकॉर्ड  ठीक नहीं थे। खराब छवि के बावजूद इनको टिकट दिया गया और अब इन पर मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं या ये जाँच  के दायरे में आ रहे हैं।
जिन तीन विधायकों पर प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया वो हैं नरेला से विधायक शरद चौहान , ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान , और छतरपुर से विधायक करतार सिंह तंवर। प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है की इन तीनों नामों पर उन्होंने आपत्ति जताई थी लेकिन इनके ख़राब छवि के बावजूद इनको टिकट दिया गया था।
क्या थे तीनों के चुनाव से पहले के रिकॉर्ड ?
 प्रशांत भूषण ने बाकायदा चुनाव  से पहले की रिपोर्ट के साथ अपनी बातें कही है जो इस प्रकार हैं :-
 शरद चौहान , नरेला से विधायक 
शरद चौहान क्राइम ब्रांच के पूछ ताछ के दायरे में हैं।  बाहरी दिल्ली के नरेला में आम आदमी पार्टी की महिला कार्यकर्ता सोनी मिश्रा के आत्महत्या के बाद विधायक को जांच में सहयोग करने की हिदायत दी गई है और क्राइम ब्रांच के टीम ने उनसे घंटों पूछ ताछ भी की है।
चुनाव से पहले की एक रिपोर्ट में इनको दलबदलू  नेता और प्रॉपर्टी डीलर कहा गया है जो राजनीति के लिए पैसा , शराब और बाहुबल का sharad chauhan aap photoप्रयोग करने के लिए जाने
जाते हैं। इनके ऊपर अवैध निर्माण के धंधे को आगे बढ़ाने के भी आरोप हैं और निगम पार्षद रहते हुए इनके और इनके पत्नी के काम को अच्छा नहीं आंका गया है। प्रशांत भूषण के द्वारा शेयर किये गए रिपोर्ट में ये भी बताया गया है की शरद चौहान ने हरियाणा चुनाव के दौरान कुलदीप बिष्नोई के लिए प्रचार किया था। शरद चौहान को एक बड़ा व्यवसायी बताते हुए उनकी जीवन शैली के अंदाज और आलिशान गाड़ियों में चालने का भी जिक्र किया गया है। प्रशांत भूषण ने लिखा है की उन्होंने शरद चौहान के उम्मीदवार बनाये जाने पर आपत्ति जताई थी।
 अमानतुल्ला खान , ओखला से विधायक 
 अमानतुल्ला खान को एक महिला  को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।  हाल ही में उनको जमानत पर रिहा किया गया है।
एक amanatulla khan aap MLAसमय था जब अमानतुल्ला खान पर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के आरोप लग रहे थे क्योंकी  उसने कुछ भड़काऊ पोस्टर लगवाये थे।  अमानतुल्लाह ने खुद इस बात को स्वीकार भी किया था की ये भड़काऊ पोस्टर उसी के द्वारा लगवाये गए हैं।  तब केजरीवाल ने अमानतुल्लाह पर ट्वीट करते हुए दिल्ली पुलिस पर ये आरोप लगाया था की पुलिस उसको गिरफ्तार नहीं कर रही। प्रशांत भूषण ने केजरीवाल के उस ट्वीट को भी संलग्न किया है और सवाल उठाये हैं की  सब के बावजूद अमानतुल्ला को टिकट क्यों दिया गया ?
करतार सिंह तँवर  

करतार सिंह के घर हाल ही में आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा था और वो भी लगातार जाँच  के दायरे में हैं।  प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में साफ़

कहा है की दिल्ली जल बोर्ड में जूनियर इंजीनियर की नौकरी करने वाले के पास आज एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। तंवर ने भाजपा छोड़ कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा था और उसका टिकट के साथ पार्टी ने स्वागत किया था।  हालांकि प्रशांत भूषण ने करतार सिंह  टिकट देने पर आपत्ति जताई थी।

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में होगा अनिश्चितकालीन हड़ताल !

सफदरजंग अस्पताल में प्रदर्शन करते छात्र

–अभिजीत ठाकुर

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर एक अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। दरअसल डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों में केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय के उस फैसले को लेकर नाराजगी है जिसके तहत सफदरजंग समेत दिल्ली के तीन अन्य मेडिकल कॉलेजों को इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से हटा कर दिल्ली विश्वविद्यालय के आधीन करने की बात कही जा रही है। शुक्रवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल , एसीएमएस, एनडीएमसी , राम मनोहर लोहिया के छात्रों और डॉक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल में ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते डॉक्टर और छात्रों ने ये चेतावनी दी है की अगर केंद्र सरकार ने उनकी माँगों पर विचार नहीं किया तो वो सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएँगे। डॉक्टरों का कहना है की अगर इन मेडिकल कॉलेजों को दिल्ली विश्विद्यालय के आधीन किया गया तो सीटों की संख्या काफी कम हो जायेगी। पहले से ही डॉक्टरों की कमी झेल रहे सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानियाँ झेलनी पड़ती है ऐसे में अगर सीटें घटी तो डॉक्टरों का कहना की जो मौजूदा स्टाफ़ है उसपर काम अतिरिक्त दबाव होगा और चिकित्सा प्रणाली की स्थिति भी बदतर होगी।
सफदरजंग कुल 1600 बिस्तरों का अस्पताल है और आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक दिन कुल 7000 मरीजों का इलाज यहाँ किया जाता है। ऐसे में अगर चिकित्सक और छात्र हड़ताल पर जाते हैं तो दिल्ली में लोगों को बड़ी समस्या से जूझना पड़ सकता है। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन को अन्य मेडिकल कॉलेजों का भी समर्थन मिल रहा है और संभव है की अगस्त के पहले दिन शुरू होने वाले अनिश्चितकालीन हड़ताल में बाकी के अस्पताल भी शामिल हो जाएँ। ऐसे में दिल्ली के सामने एक बड़ा स्वास्थय संकट खड़ा हो सकता है।