Saturday, January 18, 2025
spot_img
Home Blog Page 1820

अशोक विहार ट्रेडर्स एशोसियेशन की चुनावी जंग

नार्थ दिल्ली के अशोक विहार सेंट्रल मार्किट के चुनाव में भी इस वर्ष जंग की तरह लड़े जा रहे है –इस बार सभी पूर्व प्रधान राकेश गुप्ता की अगुवाई में अपना पैनल बनाकर भरष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव मैदान में है तो मनोज मलयान की अगुवाई में परिवर्तन की बात कर रहे है –वहीँ आम दुकानदार का दर्द है की 400 से भी काम वोटों वाली अशोक विहार ट्रेडर्स एसो में आम सहमति क्यों नहीं बन सकती –पेश है दिल्ली दर्पण टीवी की रिपोर्ट —

अशोक विहार की लगभग हर संस्था की तरह अशोक विहार ट्रेडर्स एसोशिएशन में भी पद पाने को होड़ लगी है –नार्थ दिल्ली के सबसे बड़े मार्किट में शुमार अशोक विहार सेंट्रल मार्किट की एशोशिएशन के 12 दिसम्बर को होने वाले चुनाव में इस बार सीनियर और ज्युनियर के बीच जंग मची है –एक में में राकेश गुप्ता सहित पांच प्रधान की प्रतिष्ठा दाव पर है तो दूसरी और पूर्व  महसचिव मनोज मलयान भी पूरी मेहनत कर रहे है –प्रधान पद के प्रत्याशी राकेश गुप्ता के पैनल में सुरेन्द्र कुमार , बसंत मेहता , सतीश अग्रवाल, संजीव नैयर , हितेश कालरा और प्रकाश बम्बानी है –इनका कहना है की मार्किट में पिछले सालों  में अवैध पटरी , आरटीआई का चलन  और दुकानदारों के चालान बढ़ गए थे –ये लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है –सब दुकानदारों को लड़ाई है —राकेश गुप्ता, सुरेन्द्र कुमार , बसंत मेहता , सतीश अग्रवाल, मार्किट के प्रधान रहे है–राकेश गुप्ता पैनल के चुनाव की कमान संभाल रहे भरत वातवानी सभी प्रधान एक हो गए लेकिन ये नहीं –सबने पहले बार राजनीति  छोड़कर एक  हुए है —

लड़की से फेस बुक से फ्रेंड बनाकर की भरत सिंह हत्याकांड के गवाह की ह्त्या 

the girl who help udaybir to murder bharat singh murder case witenss
the girl who help udaybir to murder bharat singh murder case witenss

-दिल्ली दर्पण टीवी

दिल्ली। रोहिणी में मंगलवार को पूर्व विधायक भरत सिंह की हत्या के प्रमुख गवाह विपिन की हत्या की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। इसके लिए एक लड़की का सहारा लिया जिसने विपिन से फेस बुक पर दोस्ती की और उसे रोहिणी बुलाया। रोहिणी में जापानी पार्क के पास आई 20 कार में पहले ही उसका इन्तजार कर रहे लोगों ने गोलियों से उसकी हत्या कर दी। बाहरी जिला पुलिस ने  उस लड़की को गिरफ्तार कर लिया है।  यह सारी साजिश  भरत सिंह  और उसके भाई कृष्ण पहलवान गिरोह के जानी दुशमन उदयबीर काले के भतीजों ने एक लड़की के जरिये उसे फसकर की।  उदयबीर को दिल्ली पुलिस पहले ही भरत सिंह की ह्त्या के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है।
गौरतलब है कि मार्च को नजफगढ़ के पूर्व विधायक और अंडरवर्ल्ड डॉन कृष्ण पहलवान के दुशमन उदयबीर काले को दिल्ली पुलिस ने चार लोगों के साथ गिरफ्तार किया था।  उदयबीर काले के भाई और पिता की ह्त्या के पीछे उदयबीर काले सिंह  और कृष्ण पहलवान गिरोह का ही हाथ मानता है।  इनके बीच मची जंग में कई लोग मारे जा चुकें है। पूर्व विधायक भरत की ह्त्या भी इसे रंजिस का नतीजा है। मंगलवार 8 दिसम्बर को मारा गया विपिन भरत सिंह की ह्त्या का प्रमुख गवाह था।   उदयबीर के भतीजों आदित्य और हेमंत ने विपिन की भी ह्त्या बड़ी योजना के साथ कर दी। इसके लिए आदित्य की 19 वर्षीय महिला मित्र ने विपिन बुक पर दोस्ती का नाटक कर उसे अपने जाल में फसाया और उसे रोहिणी बुलाया।  रोहिणी में आई 20 कार में विपिन का पहले से ही इन्तजार हो रहा था। बाहरी जिला पुलिस उपयुक्त विक्रमजीत सिंह ने बताया की उसके ह्त्या के बाद उस लड़की ने अपना फेस बुक अकॉउंट भी डिलीट कर दिया। पुलिस ने विपिन के कॉल डिटेल के बाद उस लड़की को गिरफ्तार कर लिया।
विपिन भरत सिंह का ड्राईवर भी था।  विपिन की इस तरह हुयी हत्या से यह साफ़ है की बाहरी दिल्ली के इस गैंग की यह रंजिस अभी और लम्बी चलेगी। इसमें अब इस तरह की साजिशों का भी सहारा लिया जा रहा है।

दिल्ली में एक बार फिर हुआ गैंग वॉर

मंगलवार   शाम रोहिणी के जापानी पार्क के में सरे शाम एक युवक की गोली मारकर ह्त्या कर दी गयी। मर्तक की पहचान हुयी तो पुलिस के भी हाथ पाँव फूल गए –मर्तक विपिन पूर्व विधाक भारत सिंह का ड्राईवर और उनकी ह्त्या का प्रमुख गवाह था। विपिन एक लड़की के साथ रोहिणी आया था। करीब साढ़े पांच बजे जापानी पार्क के गेट के पास जैसे ही वह निकल रहा था तो वहां एक आई 20 गाड़ी में आये पांच लोगों ने उसे पांच गोलियां मारी। विपिन की मौके पर ही मौत हो गयी -पुलिस इस हत्याकांड को आपसी गैंग वार और रंजिस दोनों पहलुओं से देख रही है।
रोहिणी के इस जापानी पार्क के इस गेट के बहार बिखरा यह खून नजफगढ़ के पूर्व विधायक भरत सिंह के ड्राईवर और भरत सिंह हत्याकांड में प्रमुख गवाह विपिन महाजन का है –इस हत्याकांड ने पुलिस के होश उड़ा दिए–विपिन के साथ के लड़की भी थी जी वारदात की चश्मदीद गवाह भी थी लेकिन वह उसी दौरान भाग खड़ी हुयी –सवाल केवल यह नहीं है की वह लड़की थी –बल्कि सवाल यह भी है की वह विपिन की गर्ल फ्रेंड थी ये फिर उसने विपिन को ट्रैप किया ? जिस अंदाज में आई 20 कार में आये हमलवारों ने ताबड़तोड़ गोलियों से उस पर हमला किया –उसे दौड़ा दौड़ा कर मारा वह साफ़ इशारा करता है की वे विपिन की ह्त्या की इरादे से  ही आये थे –वह लड़की तुरंत वहां से भाग भी खड़ी हुयी

स्कूल के वार्षिक उत्सव में दिखी विवादों की झलक

किसी भी स्कूल का वार्षिक उत्सव स्कूल का आईना होता है। जिसमे पता चलता है कि उस स्कूल या संस्था का माहौल क्या है। अशोक विहार के महाराज अग्रसेन स्कूल के वार्षिक उत्सव को भी देखकर लगा कि यहां सब कुछ सही नहीं चल रहा है। इस समारोह में बच्चों ने अपना गजब टैलेंट दिखाया तो स्कूुल मैनजेमेंट कमेटी ने अपना टकराव। हर वर्ष यहां मैनेमेंट कमेटी और कार्यकारणी की भारी मौजूदगी रहती थी लेकिन इस वर्ष यहां प्रधन सहित आध्ी से कहीं ज्यादा कार्यकारणी गायब थी। वजह प्रधन और महामंत्राी के बीच चल रहे विवाद ने स्कूल को भी अपनी चपेट में ले लिया। स्कूल से ईस्तीपफा देकर करीब तीन महिनें गायब रही प्रीसिपल पूनम गुप्ता इस समारोह में प्रसन्न मुद्रा में थी।

ये बैंड और स्कूली बच्चों के ये करतब…अशोक विहार के महाराजा अग्रसेने स्कूल में यह सब हर साल देखने को मिलता है। छोटे छोटे बच्चों की प्रस्तुति और छात्रों की काबिलियत देखकर यहां मौजूद लोग बच्चों की प्रतिभा के कायल होगें लेकिन मैनजेमेंट के प्रमुख लोगों की गैरमौजूदगी देखकर स्कूल से जुड़े लोगों को जरूरत बहुत कष्ट हो रहा है। हर साल स्कूल के वार्षिक स्कूल में अग्रवाल वैलपफेयर सोसायटी के ज्यादातर चुने हुये पदाध्किारी ही नहीं गायब नहीं दिखे बल्कि लगभग पूरी कार्यकारणी नदारद थी। वजह प्रधन पवन गुप्ता और महामंत्राी अनिल गुप्ता के बीच चल रहे विवाद का असर स्कूल पर भी इतना पड़ा कि स्कूल की प्रीसिंपल पूनम गुप्ता ईस्तीपफा देकर तीन महिनें घर बैठी रही। इस बीच महामंत्राी अनिल गुप्ता गुट का समर्थन मिला और कुछ कोर्ट का सहारा कि पूनम गुप्ता आज इस स्कूल में मौजूद ही नहीं है बल्कि इस समारोह में बच्चों कर प्रतिभा का गुणगान कर रही है। जबकि चंद दिनों पहले स्कूल में इनके घुसने पर तक पर रोक लगा दी गयी थी। इसे लेकर स्कूल में हंगामा भी हुआ था। स्कूल में प्रीसिंपल और प्रधन के बीच चल रहे विवाद में महामंत्राी की मौज हो गयी और उन्होनें प्रीसिंपल का पक्ष लिया जिसका नतीजा आज यह हुआ कि अनिल गुप्ता गुट के चार पदाध्किारी इस समारोह में है जबकि प्रधन सहित आध्े से ज्यादा पदाध्किारी और अध्कितर कार्यकारणी नदारद है। कंन्ट्रोल बोर्ड के कन्ट्रोल से भी बात बाहर हो गयी है। हालांकि यहां मौजूद ट्रस्टीगण मानते हैं कि प्रधन सहित बाकि लोगों को भी इस समारोह में होना चाहिए था। समाज के सम्मानित लोग इस विवाद से बहुत आहत हैं और इसे सोसायटी मे अब तक का सबसे शर्मनाक समय करार दे रहे है। सबको समाज के सम्मान का ख्याल रखने की सलाह दे रहे है।

यह समारोह जितना सम्मान जनक लग रहा है कुछ दिन पहले की ये तस्वीरें उतनी ही शर्मनाक है। स्कूल में हंगामा हुआ, कई बार पुलिस आयी। अभिभावकों ने रोड़ जाम तक किया। स्कूल का आलम यह रहा कि यहां मात्रा दो साल में 35 से ज्यादा टीचर नौकरी छोड़कर भाग गये। हालांकि प्रीसिंपल का कहना है कि जिन्हें सख्ती और अनुशासन में रहने की आदम नहीं थी वे चले गये। लेकिन साथ ही तीन महिनें तक स्कूल में न आने के इनके अपने तर्क है। प्रधन और महामंत्राी के बीच के विवाद का पूर लाभ पूनम गुप्ता को मिला और आज वे स्कूल में पिफर से काम तो कर रहे है लेकिन इस साो विवाद में समाज और स्कूल के सम्मान के साथ साथ प्रतिष्ठा प्रीसिंपल की भी कम हुयी है। समाज के सम्मानित लोग खुद को सेंडविच की तरह समझ रहे है। उन्हें समझ नहीं आता कि वे किसका पक्ष लें। उन्हें सोसायटी के सम्माना से ज्यादा अपना व्यक्तिगत सम्मान प्यारा है कि कहीं उनका कोई अपमान न कर जाये। बहार अग्रवाल वैलपफेयर सोसायटी अब तक अपने सबसे शर्मनाम दौर से गुजर रही है। ऐसे में यदि सम्माज के सर्वमान्य नेता सामने नहीं आये तो स्थिति और भी ज्यादा भयावह हो जायेगी।

पत्रकारों की सुरक्षा मांग को लेकर नेशनल यूनियन जर्नलिस्ट संगठन ने किया प्रदर्शन

दिल्ली के जंतर मंतर पर आज नेशनल यूनियन जर्नलिस्ट संगठन के पत्रकारों ने जमकर प्रदर्शन किया । जहाँ देश के कोने कोने से पत्रकारों ने पहुंच कर एक स्वर में आवाज़ उठाई । आज यहाँ सैकड़ों  की संख्या में मौजूद ये पत्रकार जंतर मंतर पर अपने मौलिक अधिकारों और पत्रकारों पर हो रहे जान लेवा हमले के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए नज़र आये ।

 गौरतलब है की पिछले कई वर्षो से पत्रकारों की आवाज़ को दबाया गया और दुर्भग्यावश कही – कही तो  इसे हमेशा के लिए शांत ही कर दिया गया। लोकतंत्र  के चौथा स्तंभ कहे जाने वाले इस पत्रकार समाज को बचाने हेतु नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट संघ ने बहुत ही सरहनीय कदम उठाये और अपने पत्रकार परिवार में सुरक्षा की गुहार लगायी ।
इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य सरकार से यह मांग है की एक ऐसा ”एक्ट” बनाया  जाये जिससे मीडिया कार्य करने से रोकने वालो पर कार्यवाही की जाये तथा जब कोई चैनल बंद हो तो वहां के मीडिया कर्मी को मुआवज़ा दिया जाये ।