Saturday, January 18, 2025
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Diwali से पहले workers को मोदी सरकार का तोहफा

नई दिल्ली। बीते गुरुवार को केंद्र सरकार ने देशभर के मजदूरों के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर बढाकर 1 ,035 रुपए प्रतिदिन करने का ऐलान किया है. सरकार ने मजदूरों के लिए परिवर्तनशील महंगाई भत्ते में संशोधन करते हुए ये फैसला किया है. इस संशोधन के बाद निर्माण, साफ-सफाई, सामान उतारने और चढ़ाने जैसे अकुशल काम करने वाले मजदूरों के लिए क्षेत्र ‘ए’ में न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रति दिन यानि की 20,358 रुपये प्रति माह होगी.

मजदूरों को कितना मिलेगा न्यूनतम वेतन

अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 868 रुपये प्रति दिन यानि 22,568 रुपये प्रति माह होगी और कुशल, लिपिक और बिना हथियार वाले चौकीदार या गार्ड के लिए न्यूनतम मजदूरी दर 954 रुपये प्रति दिन यानि 24,804 रुपये प्रति माह होगी. अत्यधिक कुशल और हथियारों के साथ चौकीदारी या गार्ड का काम करने वाले लोगों के लिए न्यूनतम वेतन दर 1,035 रुपये प्रति दिन यानि 26,910 रुपये प्रति माह होगी.

1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी

आपको बता दें कि नई वेतन दरें 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होंगी. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने निर्माण, खनन और कृषि सहित अनौपचारिक क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के लिए 1 अक्टूबर से न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी है। इसमें कहा गया है कि वेरिएबल डियरेंस अलाउंस (वीडीए) में संशोधन श्रमिकों को जीवन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करने के लिए किया गया है। 

साल में दो बार संशोधित

औद्योगिक श्रमिकों के लिए कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स (सीपीआई) में 2.40 अंकों की वृद्धि का जिक्र करते हुए बयान में कहा गया है, “इस समायोजन का उद्देश्य श्रमिकों को जीवन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करना है।” औद्योगिक श्रमिकों के लिए सीपीआई में छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर, मुद्रास्फीति के अनुसार मजदूरी को साल में दो बार (1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से प्रभावी) संशोधित किया जाता है।

इस सप्ताह के प्रारम्भ में, हजारों श्रमिकों ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें वेतन में वृद्धि तथा चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने की मांग की गई, जिनके बारे में उनका कहना है कि वे बहुराष्ट्रीय निगमों के पक्ष में हैं।

अंशु ठाकुर दिल्ली दर्पण

Delhi की नई CM Atishi ने श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि की

नई दिल्ली। CM बनने के बाद Atishi ने दिल्ली सरकार ने न्यूनतम वेतन को बढ़ाते हुए श्रमिकों को सौगात दी है। नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी। न्यूनतम वेतन बढ़ाने की घोषणा करते हुए सीएम आतिशी ने कहा कि दिल्ली में अकुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन प्रति माह 18,066 रुपयेए अर्ध कुशल श्रमिकों का 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 21,917 रुपये होगा।
आतिशी सरकार के इस फैसले को राजनीतिक विश्लेषक से लेकर विपक्षी दल सीधे.सीधे विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देख रहे हैं। आम आदमी पार्टी के वोट बैंक में मजदूरों का बड़ा हिस्सा है। दूसरे शब्दों में कहें तो मजदूरों का बड़ा वर्ग आप का समर्थक है और चुनाव में आम पार्टी के पक्ष में ही वोट करता है। ऐसे में आप ने इस कदम से अपने कोर वोटरों को मजबूत करने की कोशिश की है।

चुनावी दांव

जानकारों का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने चुनावों को देखकर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। श्रमिकों का वेतन बढ़ाना इसी दिशा में उठाया गया कदम है। दिल्ली में फरवरी 2025 में विधानसभा चुनावों होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी चुनाव जीतने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहेगी।

महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को लेकर महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा सपोर्ट करता है। दिल्ली में केजरीवाल ने महिलाओं के लिए बस सेवा को पूरी तरह से फ्री किया है। कहा जा रहा है कि जल्द ही महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये देने के वादे पर भी सरकार आगे बढ़ने की तैयारी में है। दिल्ली सरकार ने 18 से 60 वर्ष की आयु की महिलाओं को 1000 रुपये की सहायता प्रदान करने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना पर काम तेज कर दिया है। माना जा रहा है कि हरियाणा चुनाव के बाद इस योजना को शुरू किया जा सकता है।

आर्थिक रूप से गरीब महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये प्रदान करने की प्रस्तावित योजना उन प्रमुख नीतियों और परियोजनाओं में से एक है, जिन्हें सीएम Atishi के नेतृत्व में नई आप सरकार अगले कुछ महीनों में लागू कर सकती है। दिल्ली सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024.25 में इस योजना के लिए 2ए000 करोड़ रुपये का कोष अलग रखा था।

सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाली महिलाओं के लिए इस नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगले 2.3 सप्ताह में इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जा सकता है। मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की घोषणा वित्त मंत्री के रूप में आतिशी ने वार्षिक बजट में की थी। अधिकारियों का कहना है कि इससे 50 लाख महिलाओं को लाभ मिलने का अनुमान है।

Delhi assembly session में हंगामा, AAP का LG पर निशाना

नई दिल्ली। Delhi assembly के दो दिवसीय सत्र में आज हंगामा हुआ। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता, अभय वर्मा, जितेंद्र महाजन समेत सभी विपक्षी विधायकों को सदन से मार्शल आउट किया गया। नेता प्रतिपक्ष और सभी भाजपा विधायक Delhi assembly अध्यक्ष कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद भाजपा विधायक सदन में आए। सत्ता पक्ष ने मार्शलों को नोकरी से हटाये जाने को लेकर LG पर निशाना साधा तो BJP ने सीएजी रिपोर्ट रखने की मांग की।
AAP विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि साल 2023 में भाजपा के LG द्वारा पहले बस मार्शलों का वेतन रोका गयाए और फिर एक झटके में उपराज्यपाल ने हजारों बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया। दिल्ली के बस मार्शलों को अरविंद केजरीवाल ने डीटीसी बसों में माताओं-बहनों की सुरक्षा के लिए तैनात किया। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी। इसके बादए कोरोना काल में इन्हीं मार्शलों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा की।

वहीं, भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने Delhi assembly कहा कि मार्शल को पक्का करने की योजना सरकार ने क्यों नहीं बनाई। मार्शल को भर्ती करते समय उनकी जांच क्यों नहीं की। पीछे कई वीडियो आए जो गलत व्यवहार को दिखाते थे। एलजी ने होम गार्ड की भर्ती के लिए वेकेंसी निकाली है। अगर सरकार उनके पक्ष में है तो प्रस्ताव लेकर आना चाहिए।

AAP विधायक मदन लाल ने कहा कि दिल्ली में सिविल डिफेंस कर्मी की भर्ती से पहले आधिकारियों ने उनकी जांच की थी। आज तक किसी भी सिविल डिफेंस कर्मी को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली। भाजपा के विधायक उनपर सवाल उठा कर उनके चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं।

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने Delhi assembly कहा कि दिल्ली के 10 हजार बस मार्शल की भर्ती के दौरान उनके सपने को तोड़ा गया। मैं प्रस्ताव पेश कर रहा हूं। जिन्हें लगाया गया था। उन सभी को फिर से वापस लाएगा जाए। मार्शल को पता लगना चाहिए की किस ने उन्हें हटाया है। हमारे पांच बार के विधायक ने एक महिला के दर्द को रखा तो आप उस पर राजनीति करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्तूबर 2023 को पत्र लिखा कि सभी सिविल डिफेंस कर्मी की सेवा अक्टूबर के बाद से खत्म होगी।

BJP का पलटवार Delhi assembly

AAP सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने Delhi assembly कहा कि दिल्ली के 10 हजार मार्शल की हालत काफी खराब हैं। कुछ ने आत्महत्या करने की कोशिश की। बस में अक्सर देखा गया है की लड़कियों के साथ गलत व्यवहार होता है। इसी कारण इन्हें बस में मार्शल के तौर पर लगाया है। अधिकारियों ने इस योजना को बनाया। एलजी ने इस स्कीम में कमी तलाशने की जिम्मेदारी तय की गई। अधिकारी ने इनकी फाइल पर लिखा कि इनकी जरूरत नहीं है। इस पर मंत्री ने आपत्ति जाहिर की। बाद में इनका वेतन रोक दिया गया। जनवरी से वेतन नहीं मिला। फरवरी में इस पर सवाल उठाया और वेतन देने को कहा गया। केजरीवाल ने कहा कि इन्हें फिर से बहाल किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस सदन से बस मार्शल को फिर से बहाल करने का प्रस्ताव रखा गया था। संकल्प पास हो चुका है। अगले सप्ताह हमारे मुख्यमंत्री और मंत्री भाजपा विधायक के साथ एलजी के पास जाएंगे। वो जो भी कहेंगे हम लिख देंगे। भाजपा के विधायक बता दें कि वो कब चलना चाहते हैं। जब तक एलजी उसे पास नही करेंगे हम वहां से आएंगे ही नहीं।

सदन में AAP विधायक अखिलेश त्रिपाठी ने Delhi assembly कहा कि दिल्ली में सीवर जाम की समस्या के पीछे एलजी जिम्मेदार है। सिविल डिफेंस की नौकरी जाने के पीछे भी वहीं जिम्मेदार है। हमारे गृह मंत्री ने आग्रह किया कि इन सिविल डिफेंस के कर्मचारियों को होम गार्ड के तौर पर भर्ती कर दीजिए। लेकिन इन्होंने ऐसा काम नही किया।

जगदीश पंवार दिल्ली दर्पण

DUSU चुनावों में गंदगी फैलाने वाले छात्रों पर भड़का Delhi High Court

दिल्ली दर्पण संवाददाता

DUSU। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनावों में प्रचार के दौरान नियमों की परवाह न करते हुए सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने वाले छात्र नेता उम्मीदवारों के खिलाफ Du की कार्रवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट नाराज है। कोर्ट ने कहा कि लोग पढ़ाई करने की जगह पर अनपढ़ों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। चुनाव प्रणाली युवाओं को भ्रष्ट करने के लिए नहीं हैए जैसा कि यहां होता दिखाई दे रहा है। यह युवाओं का करप्शन है।
DUSU चुनावों में पैसों की बर्बादी और शक्ति प्रदर्शन के तरीके पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का पर्व हैंए धन की हेराफेरी का नहीं। कोर्ट सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचानेए गंदा करने या नष्ट करने में शामिल DUSU उम्मीदवारों और छात्र राजनीतिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली मनचंदा की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
यूनिवर्सिटी ने बुधवार को कोर्ट में दावा किया कि उसने 14 उम्मीदवारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और गुरुवार तक संबंधित अधिकारी इस मुद्दे पर फैसला लेने वाले हैं। हाई कोर्ट ने तब तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।

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DUSU छात्रों को कारण बताओ नोटिस


सुनवाई के दौरान Du के वकील ने कहा कि गलती करने वाले 14 उम्मीदवारों को पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है कि उन्हें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अयोग्य क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए। एमसीडी के वकील ने कहा कि बड़ी संख्या में पोस्टरए बैनर और अन्य सामान हटा दिए गए हैंए लेकिन अभी भी बहुत कुछ बचा हुआ है। निगम ने पुलिस पर इसमें सहयोग नहीं करने का भी आरोप अदालत के सामने लगाया।


कोर्ट ने की कडे शब्दों में निंदा


मनोनीत चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कड़े शब्दों में स्थिति की निंदा की। बेंच ने कहाए प्रथम दृष्टया उम्मीदवारों द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के वीसी को दखल देना चाहिए और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।


सफाई में करोड़ों की लागत


कोर्ट ने पूछा कि इस गंदगी को साफ करने में जो लागत आती हैए क्या कभी किसी उम्मीदवार से उसकी भरपाई की गईघ् मामले में याचिका दायर करने वाले वकील प्रशांत मनचंदा ने कोर्ट को बताया कि इसकी सफाई में सालभर से ज्यादा का समय लगता है और करोड़ों की लागत आती है। इसपर कोर्ट ने कहा कि पोस्टर में लिखे नामों वाले हर उम्मीदवार से इन पैसों की वसूली की जानी चाहिए। उन्हें ऐसे ही बख्शा नहीं जा सकता। नाराज कोर्ट ने कहा कि वीसी को आज ही इस मुद्दे पर मीटिंग बुलानी चाहिए। यदि स्टूडेंट इस स्टेज पर भ्रष्ट हो जाते हैंए तो कोई अंत नहीं है।
दिल्ली पुलिस को Du एमसीडी और डीएमआरसी के साथ सहयोग करने का निर्देश दियाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सार्वजनिक संपत्ति को और गंदा न किया जा सके और पहले की गंदगी को हटा दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले स्टूडेंट साधारण लोग नहीं होते। वे संगंठित गुटों से आते हैं। डिफेसमेंट के खिलाफ कार्रवाई में Du की ओर से ढिलाई से नाराज कोर्ट ने कहा कि ऐसे चुनावों का क्या फायदाघ् आपके आदेश पर अगर अमल नहीं हो रहा है तो ये कोरे कागज से ज्यादा कुछ नहीं।

Du से मामले में कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा

सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने की तस्वीरों को देखते हुए बेंच ने कहा कि यह स्थिति आम चुनावों से भी बदतर है। कोर्ट ने Du से मामले में कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा जताई। राय रखी कि यूनिवर्सिटी को 27 सितंबर को होने वाले चुनाव स्थगित कर देने चाहिए या उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर देना चाहिए। वह नए सिरे से नामांकन शुरू कर सकती है या वोटिंग की अनुमति दे सकती है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि तब तक रिजल्ट घोषित न करे जब तक कि सारी गंदगी साफ नहीं कर दी जाती।

Delhi Mcd में स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य का चुनाव आज

AAP का जीत का दावा

नई दिल्ली। Delhi Mcd में स्टैंडिंग कमिटी के एक का चुनाव आज हो रहा है। इस चुनाव के लिए सदन की स्पेशल बैठक बुलाई गई है। BJP और आम आदमी पार्टी दोनों की कोशिश है कि सदन से उन्हीं का सदस्य जीते। लेकिन इधर AAP का दावा है कि वह जीतेगी। इधर भाजपा अपना जीत का दावा कर रही है लेकिन चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है जब उसके दो पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए.
दरअसल स्टैंडिंग कमिटी की मेंबर कमलजीत सहरावत लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बन गई। इस कारण उन्होंने निगम पार्षद की सदस्यता के साथ ही स्टैंडिंग कमिटी के मेंबर का पद भी छोड़ दिया था। आज हो रही सदन की बैठक में उनके Delhi Mcdकी सदस्यता छोड़ने से खाली हुए पद को भरने के लिए ही यह चुनाव हो रहा है।

दो पार्षद बीजेपी में शामिल


यदि आम आदमी पार्टी का मेंबर जीत जाता है, दोनों पार्टियों के सदस्यों की संख्या 9.9 हो जाएगी। लेकिन टाई होने पर स्टैंडिंग कमिटी के गठन का फैसला पर्ची निकालकर किया जाएगा। और अगर सदन से भाजपा का मेंबर चुना जाता है तो स्टैंडिंग कमिटी भाजपा की बनेगी।


AAP ने दावा किया


AAP के नेताओं का कहना है कि उनके तीन Delhi Mcd के भाजपा में चले जाने के बाद भी सदन में उनका बहुमत है। अभी तक सदन में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षदों की संख्या 127 और भाजपा के निगम पार्षदों की संख्या 112 थी। कांग्रेस पार्टी के 9 निगम पार्षदों के अलावा एक निर्दलीय निगम पार्षद भी है। तीन निगम पार्षदों के BJP में जाने से उनके निगम पार्षदों की संख्या बढ़कर 115 हो गई है। तब भी आम आदमी पार्टी के पास 10 निगम पार्षद अधिक हैं।
MCD के 12 जोन में से सात जोनों पर BJP का कब्जा है। AAP के खाते में पांच जोन हैं। इस तरह से हर जोन से एक.एक मेंबर के हिसाब से BJP के सात और आम आदमी पार्टी के पांच मेंबर हैं। स्टैंडिंग कमिटी के लिए सदन से छह मेंबर चुने जाते हैं।
मलूम हो कि लोकसभा चुनाव से पहले छह सदस्यों का चुनाव हो चुका है। सदन से दोनों पार्टियों के तीन-तीन मेंबर चुने गए थे।

पूनम कोरी दिल्ली दर्पण