Monday, January 20, 2025
spot_img
Home Blog Page 32

Kolkata Case supreme court: नेशनल टास्क फाॅर्स का गठन, डॉक्टरों को कुछ राहत 

0

Highlights 

नेशनल टास्क फ़ोर्स बनाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश 

एम्स आरडीए रखेंगे जनरल बोर्ड मीटिंग 

दिल्ली दर्पण ,नई दिल्ली

पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में बीते कई दिनों से पूरे देश भर के डॉक्टरों के द्वारा लगातार हड़ताल जारी है। राजधानी दिल्ली के एम्स और सफदरजंग अस्पताल समेत कई अन्य सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के द्वारा हड़ताल जारी है। वही आज मंगलवार 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई थी। रेप और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता में एनए पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान एम्स अस्पताल के रेजीडेंट डॉक्टरों के द्वारा अस्पताल के कैंपस में बड़ी प्रोजेक्टर स्क्रीन पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को डॉक्टरों ने बड़ी ही ध्यान से सुना, और जैसे ही सीजेआई ने नेशनल टास्क फोर्स बनाने की बात कही तो एम्स अस्पताल के डॉक्टरो के द्वारा जमकर इसका तालियों के साथ स्वागत किया गया।

एम्स अस्पताल में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान अस्पताल के तमाम डॉक्टर, कोई बड़ी स्क्रीन पर तो कोई अपने मोबाइल फोन की स्क्रीन पर इस सुनवाई को बड़े ही ध्यान से सुन रहा था। कि आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की तरफ से क्या कुछ फैसला आएगा। क्योंकि तमाम डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट से डॉक्टरों के हित में फैसला आने की उम्मीद लगा रखी थी । सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर बात करते हुए कहा कि हम युवा डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। कोलकाता में जो हुआ उससे हम विचलित हैं। कोलकाता रेप और मर्डर जांच की स्टेटस रिपोर्ट सीबीआई गुरुवार तक सुप्रीम कोर्ट में जमा करें।सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्राइम सीन को सुरक्षित क्यों नहीं किया गया, हत्या का मामला दर्ज क्यों नहीं हुआ ।

20 अगस्त को अभी एम्स अस्पताल में रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के द्वारा हड़ताल जारी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद एम्स आरडीए के द्वारा जनरल बॉडी मीटिंग की जाएगी, जिसमें अस्पताल में हड़ताल जारी रखी जाएगी या फिर इसको खत्म किया जाएगा, इस पर फैसला लिया जाएगा। अभी एम्स अस्पताल की आरडीए अन्य सरकारी अस्पतालों की आरडीए से बातचीत में लगी हुई है। इसके बाद ही हड़ताल समाप्त करने का फैसला लिया जा सकता है।आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना के बाद से देश भर के तमाम डॉक्टर गुस्से में है और लगातार उनके द्वारा हड़ताल की जा रही है।

Ashok Vihar:न्यू अशोक विहार में बंद कमरे में नर्सिंग छात्रा का मिला शव : खुदकुशी या हत्या?

दिल्ली के न्यू अशोक विहार में पीजी मे रहने वाली एक 23 साल की लड़की का शव उसके बंद कमरे से मिला है। मृतिका के हाथ में एक कैनुला लगी थी और 2 ड्रिप सीलिंग फैन से लटकी हुई थी। शव के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हालांकि पुलिस ने इसे अभी खुदकुशी करारकर आगे की कार्यवाही जारी रखी है। 

HIGHLIGHTS:

 हाथ में लगी मिली ड्रिप, नहीं था कोई सुसाइड नोट 

 रूममेट गयी थी रक्षाबंधन मनाने घर 

दिल्ली दर्पण, नई दिल्ली

हाथ में लगी मिली ड्रिप, नहीं था कोई सुसाइड नोट 

देशभर के डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोलकाता रेप और मर्डर केस पर जगह जगह हड़ताल कर रहे है। अब इसी बीच राजधानी दिल्ली में एक और दर्दनाक घटना सामने आयी है। न्यू अशोक विहार में पीजी में रह रही नर्सिंग की छात्रा का उसी के कमरे में शव मिला है। वही ज़हरीले इंजेक्शन से ख़ुदकुशी मौत का कारण नज़र आ रहा है। जांच के दौरान छात्रा के हाथ में ड्रिप लगी मिली हैं। वही सही कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद ही चलेगा। पुलिस ने बताया छात्रा मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर की रहने वाली थी। 

रूममेट गयी थी रक्षाबंधन मनाने घर 

छात्रा दिल्ली के एक कॉलेज से नर्सिंग की पढाई कर रही थी। यह घटना 18 अगस्त 2024 की हैं। उसके साथ 2 और लड़कियां कविता और शैली भी उसी कमरे में रहती थी जो रक्षाबंधन मानाने अपने घर गयी हुई थी। जब रविवार को पडोसी द्वारा दरवाजा खटखटाने पर नहीं खोला गया तो पडोसी ने खिड़की से झांककर देखा। कमरे में निकिता बेहोश पड़ी थी। जिसके बाद पुलिस ने आकर दरवाजा तोडा तो द्रश्य देखकर हैरान रह गए। निकिता को एलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। 

कोलकाता रेप केस पर भड़के दिल्ली के डॉक्टर ,संघर्ष में शामिल भीम राव अम्बेडकर अस्पताल 

दिल्ली दर्पण , दिल्ली दर्पण टीवी 

देश में बीते कुछ दिन पहले कोलकाता में एक ऑन ड्यूटी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या का मामला सामने आया था। जिसको लेकर पूरे देश में उबाल आ गया है।

देश के अलग अलग स्थानों पर महिला डॉक्टर के लिए इंसाफ की आवाज उठने लगी,सभी अस्पतालों के डॉक्टर प्रदर्शन के साथ हड़ताल पर पहुंच गए है। आपातकालीन सुविधा को छोड़ सारी सेवाएं बंद है। तमाम डॉक्टरों का आवाह्न है’ नो सिक्योरिटी नो ड्यूटी ‘, इसी तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी इंसाफ की आवाज उठती हुई नजर आई। दिल्ली के रोहिणी में स्थित डॉ. भीम राव अम्बेडकर अस्पताल के तमाम डॉक्टरों सहित नर्स से लेकर सभी स्टाफ पिछले 2 दिन से हड़ताल पर है। इस प्रदर्शन को पूर्ण रूप से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा कराया गया। जिसमें सभी आईएमए के बड़े से लेकर जूनियर डॉक्टर भी शामिल थे।

कोलकाता रेप केस पर भड़के दिल्ली के डॉक्टर
कोलकाता रेप केस पर भड़के दिल्ली के डॉक्टर

हॉस्पिटल का स्टाफ पिछले 2 दिनों से हड़ताल पर है। साथ ही आज सभी स्टाफ ने मिलकर हॉस्पिटल के चारों और एक आक्रोश भड़ी रैली निकाली जिसमें मांग की कि जल्द इंसाफ हो ,और दोषियों की फांसी हो ।

इसी आक्रोश के बाद सभी मेडिकल स्टाफ ने उसके समर्थन के लिए हॉस्पिटल के चारों ओर एक चैन तैयार की। जिसका उद्देश्य उस देश की बेटी की आवाज को उठाना था, जो आज हमारे बीच नहीं रही। इंसाफ के साथ साथ डॉक्टरों की मांग है। उनके लिए नए कानून बनाए जाए, जिसमें डॉक्टरों के साथ नर्सिंग स्टाफ सहित महिला मरीज को भी सुरक्षा का प्रावधान करे। इसी आवाज को बुलंद करते हुए स्टाफ के लोगो ने वहां अपना आक्रोश व्यक्त किया। बड़ा सवाल अब उठता है, पूरे देश में लगातार उठ रही न्याय ये आवाज कब सुनी जाएगी।

बेटी ने होने वाले पति संग मिलकर की माँ की हत्या, सीसीटीवी में हुए कैद 

Highlights : पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद ही किया बेटी ने फोन,

                   मुँह से खून हाथ,आँख और माथे पर चोट के निशान 

 दिल्ली दर्पण नई दिल्ली, 

दिल्ली के नज़फगढ़ में 16 अगस्त को एक औरत ने अपने पति और उसके दोस्त संग मिलकर अपनी माँ को जान से मारकर घर में बंद कर दिया। अगली सुबह खुद पुलिस को फ़ोन किया और कहा की उनकी माँ दरवाजा नहीं खोल रही है। जब पुलिस ने घर का गेट खोलकर अंदर जाकर देखा तो महिला मृत थी। 

16 अगस्त को मोनिका नाम की एक महिला ने नज़फगढ़ थाने में फ़ोन करके अपनी माँ सुमित्रा के द्वारा गेट न खोलने की खबर दी। मोनिका ने बताया की उसकी माँ 58 साल की है और यहाँ अकेली रहती है। उन्होंने ये भी बताया की जब 15 अगस्त यानि कल जब वे घर आयी थी तो उनकी माँ ठीक थी, लेकिन आज वे दरवाजा नहीं खोल रही है। जब पुलिस ने वहाँ पहुँचकर दरवाजा खोला तो महिला को फर्श पर मृत पाया। पुलिस द्वारा बिल्डिंग का सी सी टीवी कैमरा दखने पर पता चला की 16 अगस्त की सुबह 2 बजकर 18 मिनट पर फ्लैट से 1 महिला और 2 पुरुष बाहर निकलते दिखे। बाद में इस महिला की पुष्टि मृतका की बेटी मोनिका के रूप में ही की गयी। वही एक पुरुष मोनिका का मंगेतर नवीन कुमार और दूसरा नवीन का दोस्त योगेश था। 

पुलिस के अनुसार अंदर जाने पर मृतका का शरीर शयनकक्ष के फर्श पर पड़ा था। उनके माथे,आँखों और हाथो पर चोट के निशान पाए गए। वही उनके मुँह से भी खून आ रहा था। हत्या करने वाला नवीन, जिसकी उम्र 29 साल है वह दिल्ली का रहने वाला है।वही योगेश सोनीपत हरियाणा से है।  स्थानीय पुलिस ने सेक्शन 103 (1 ) के तहत एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वही इसी के साथ पुलिस की आगे की कार्रवाही जारी है। 

ReplyForwardAdd reaction

स्लम बस्ती में प्रूडेंस परिवार का “प्रयास “,ऐसे ही हासिल होगा लक्ष्य विकसित भारत का : – डॉ जी.एस. मथारू 

 दिल्ली दर्पण टीवी, नई दिल्ली                                               

शिक्षा को बढ़ावा देने वाले डॉ जी.एस. मथारु ने न केवल प्रूडेंस स्कूल में जश्न ए आजादी मनाया बल्कि शालीमार बाघ में झुग्गी वाले बच्चो के बीच जाकर भी स्वतंत्रता दिवस मनाया। उनके साथ साथ प्रूडेंस स्कूल के बच्चे भी शालीमार बाघ के प्रयास विद्या मंदिर में गरीब बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और जश्न ए आजादी मनाने पहुंचे। इस मौके पर डॉ मथारू ने झंडा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की और प्रयास विद्या मंदिर के बच्चों के लिए कंप्यूटर लैब खोलने का ऐलान भी किया।

स्लम बस्ती में प्रूडेंस परिवार का  “प्रयास ” 

 जश्न ए आज़ादी के इस कार्यक्रम में प्रूडेंस स्कूल के चेयरमैन डॉ जी एस मथारू, वाईस चेयरमैन शालू मथारू, स्कूल के अध्यापक और बच्चे भी पहुंचे। स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर डॉ जी एस मथारू ने बच्चो को बहुत से उपहार दिये।डॉ मथारू ने बच्चो और उनके अभिभावकों को सम्भोदित करते हुए देश को विकसित करने में शिक्षा का महत्व बताया और बच्चो को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। 

दिल्ली में नौकरशाही के एक बड़े अहोदे को छोड़कर डॉ मथारू शिक्षा क्रांति की एक नयी अलख जगा रहे है. जिसमे ये दिल्ली के शालीमार बाग में प्रयास विद्या मंदिर के जरिये गरीब बच्चो तक अच्छी शिक्षा पंहुचा रहे हैं। उन्होंने बताया इसमें प्रूडेंस की पूरी टीम इनकी मदद कर रही है. उसका ही परिणाम है कि घरों से न निकलने वाले बच्चे अब अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे है। 

ReplyForwardAdd reaction