स्वतंत्रता दिवस पर अशोक विहार जे ब्लॉक में पिछले 50 सालों से बन रहे श्री राम मंदिर का उद्घाटन हो गया है हालांकि इस मंदिर में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा पहले ही हो चुकी है। इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक हरिशंकर गुप्ता, सतीश गर्ग, पंकज गोयल, पंकज शर्मा सहित बहुत से जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर से सफल बनाया। इसमे महिलाएं भी पूर्ण रूप से सम्मिलित हुई।
अशोक विहार के इस मंदिर का इतिहास 50 साल पुराना है जो अब बहुत हद तक बनकर तैयार हो गया है। 1973 में बनना शुरू हुआ यह मंदिर अयोध्या के श्री राम मंदिर जैसी आकृति में बनाया गया है यहां तक की इनके शिल्पकार श्री सी बी रामपुरा भी एक है।इस मंदिर में अयोध्या राम मंदिर के जैसा ही शिखर, मंडप और झांकी है। अंतर है तो सिर्फ भूमि का,जहां अयोध्या का श्री राम मंदिर कई हजार मीटर में फैला है वही यह मंदिर सिर्फ 4000 मीटर में फैला है। जब अयोध्या राम मंदिर बनने पर विवाद था उसे समय यह मंदिर बनाया गया था।
देश में कई जगह 78 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। हर किसी का आजादी का दिन बनाने का तरीका अलग है। लेकिन इन तरीकों के बीच राम मंदिर अशोक विहार के लोगों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं हैं।
-सांस्कृतिक कार्यक्रम संख्या कंप्यूटर लैब का उद्घाटन
मुख्य अतिथि रहे वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेंद्र खर्रा व थाना अध्यक्ष श्री राजेश बरार
दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली ,पूरे देश में 78 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। ऐसा ही एक ध्वजारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रम दिल्ली नांगलोई के आर्य पब्लिक स्कूल में मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेंद्र खर्रा और नांगलोई थाना अध्यक्ष श्री राजेश बरार शामिल हुए। इनके अलावा नांगलोई केनरा बैंक के प्रबंधक श्री सुनील कुमार और श्री तिरुपति गौरव भी मौजूद रहे।
जहां कार्यक्रम की शुरुआत श्री राजेंद्र खर्रा व राजेंद्र बराड़ द्वारा तिरंगा फहराकर हुई। वहीं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक नई कंप्यूटर लैब का उद्घाटन भी किया गया। जहां एक और बच्चों ने अपनी देशभक्ति की भावना अपने कार्यक्रमों द्वारा उजागर की वही अभिभावक और अध्यापक उनके कार्यक्रमों से मुग्ध हो गए।
श्री राजेंद्र खर्रा ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आर्य स्कूल की प्रबंधन कमेटी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पिछले अनेक वर्षों से यह स्कूल बेहतर शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार देकर समाज में अच्छे लोगों की संख्या बढ़ा रहा है, जो आने वाले समय में अपने स्कूल का नाम रोशन करते हैं। वही श्री राजेंद्र बरार ने बच्चों को पारितोषिक देकर उनका उत्साह बढ़ाया और उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि हम जैसा समाज चाहते हैं वैसे ही शिक्षा हमें अपने पीढ़ी को देनी होगी।
दिल्ली की भलस्वा डेरी में डिमोलिशन के लिए पहुंचा बुलडोजर बैरंग ही लौट गया। सैकड़ो की मात्रा में मौजूद लोगों की एकता और गुस्से के आगे वह बेबस हो गया।
HIGHLIGHTS
गलती भलस्वा केस को डील कर रहे वकीलों की, भड़के मीडिया पर
जनप्रतिनिधियों सहित अन्य डेरीयो के लोग भी रहे मौजूद
एनजीओ को दिल्ली की सड़कों पर घूमते आवारा पशु नहीं दिखते?
दिल्ली दर्पण टीवी,नई दिल्ली
बुधवार सुबह भलस्वा डेयरी में डिमोलिशन के लिए बुलडोजर पहुंच गया। अपने घरों को टूटने से बचाने के लिए वहां हजारों की मात्रा में लोग इकट्ठा हो गए। लोगों के मन में सवाल था कि जब कोर्ट ने 16 अगस्त तक डेमोलिशन पर रोक लगा दी थी फिर एमसीडी डेमोलिशन के लिए कैसे पहुंच गया। इस सवाल के साथ मौजूद लोगों में दहशत के साथ-साथ गुस्सा भी था, जिसके आगे बुलडोजर कार्यवाही किए बिना ही लौट गया।
गलती भलस्वा डेरी केस को डील कर रहे वकीलों की, भड़के मीडिया पर
स्थानीय लोगों के अनुसार यह गलती उसे वकील की है जिसे 10 अगस्त को कोर्ट द्वारा दिया आदेशों को एमसीडी और संबंधित विभागों तक नहीं पहुंचाया वरना क्या कारण है कि एमसीडी कोर्ट के आदेश की अवहेलना करेंगे। 16 अगस्त तक पशुपालन और डेयरी चालान के एफिडेविट जमा करने की शर्त पर उन्हें सीलिंग और डिमोलिशन से राहत दे दी गई थी। लेकिन ऑर्डर एमसीडी और संबंधित विभागों तक नहीं पहुंचने के कारण ठीक 3 दिन पहले एमसीडी का दस्ता बुलडोजर लेकर भलस्वा के दरवाजों पर खड़ा था। वहां जमकर बवाल हुआ। बल्कि एक वकील ने मौके पर मीडिया का बहिष्कार करने का ऐलान कर, उसे वहां से भाग देने का आदेश दे दिया।
जनप्रतिनिधियों सहित अन्य डेरीयो के लोग भी रहे मौजूद
बीजेपी के सांसद,आम आदमी पार्टी के विधायक, और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी अपने समर्थक सहित अन्य डेरियो के लोग भी भलस्वा के समर्थन में वहां पहुंचे। साथ ही सबने अपने-अपने स्तर पर कोशिश शुरू की कि भलस्वा के लोगों को राहत कैसे मिले।
एनजीओ को दिल्ली की सड़कों पर घूमते आवारा पशु नहीं दिखते?
दिल्ली में 11 डेरिया है लेकिन पिछले 50 सालों से कोई पूछने नहीं आया कि वहां पशुपालन की क्या सुविधाएं हैं। सुविधाओं के अभाव में यह जगह धीरे-धीरे आबादी के क्षेत्र में बदल गई। लेकिन अचानक एक दिन एक एनजीओ की याचिका पर हाई कोर्ट सबको नोटिस थमा देता है। इस याचिका में एनजीओ पशुओं के साथ क्रूरता का हवाला देते हैं। लेकिन क्या एनजीओ को दिल्ली की सड़कों पर बेतहाशा घूमते आवारा पशु नहीं दिखाई देते। यह काम एमसीडी का है लेकिन वह क्या कर रही है यह किसी से नहीं छिपा।
एक प्रश्न यह भी उठता है कि जिस तरह दिल्ली की सभी डेरियो को निशाना बनाया जा रहा है उसे देखते हुए डेयरी मालिकों को बड़ी साजिश की बू आ रही है। कहीं इस सारे खेल के पीछे का मकसद बड़ी दूध की कंपनीयों को लाभ पहुंचाना तो नहीं। अब देखना यह है कि इस संकट से इन डेरियो को कब छुटकारा मिलता है।
– सैकड़ो की मात्रा में पहुंचे लोग, गाजीपुर और शाहबाद डेयरी के लोग भी शामिल
– स्वतंत्रता दिवस पर क्यों छीना जा रहा घर : भलस्वा के लोग
दिल्ली दर्पण टीवी, नई दिल्ली
डिमोलिशन के लिए एमसीडी का बुलडोजर आज सुबह भलस्वा डेयरी पहुंच गया। वही आज लोगों की एकता के आगे सरकार का बुलडोजर भी बेबस हो गया। अभी के लिए बुलडोजर रोक दिया गया है लेकिन प्रश्न यह है कि इन लोगों का यह संघर्ष कब खत्म होगा। हैरानी की बात यह भी है कि जब 16 अगस्त तक कोर्ट के द्वारा भलस्वा के लोगों को समय दे दिया गया था, फिर अचानक आज सुबह बुलडोजर क्यों?
बुलडोजर के साथ-साथ प्रशासन और पुलिस ने भलस्वा में बैरिकेटिंग भी कर दी।वही अपने घरों को तोड़ने से रोकने के लिए वहां सैकड़ो में लोग एकत्रित हुए। भलस्वा डेयरी के लोग ही नहीं बल्कि शाहबाद डेयरी और वजीरपुर डेयरी से भी आकर लोगों ने एकता दिखाई। स्थानीय सांसद योगेंद्र चंदोलिया, विधायक अजेश यादव, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव और किसान यूनियन के लोगों ने भी वहां पहुंचकर भलस्वा के लोगों का साथ दिया।
भलस्वा के लोगों ने कहा कि वे सरकार के खिलाफ नहीं है लेकिन अपना घर नहीं टूटने दे सकते। लोगों में रोष की भावना थी, जिसके साथ उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी 50 साल की पूंजी को मिट्टी में मिलाकर, ये डेयरियां तोड़कर बड़ी-बड़ी दूध की कंपनियों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं।
वही देवेंद्र यादव और दूसरे जनप्रतिनिधियों ने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे उनके साथ खड़े हैं। देवेंद्र यादव ने बताया कि यह मामला शांतिपूर्वक रूप से सुलझाना होगा। वहीं उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले की एसएलपी दायर कर दी है।
अभी के लिए तो भलस्वा डेयरी के लोगों की एकता देखकर बुलडोजर रूक गया लेकिन न जाने कब यह बुलडोजर फिर उनके दरवाजे पर दस्तक दे दे। एक सवाल यह भी उठता है कि 16 तारीख तक समय के बावजूद आज भलस्वा के दरवाजे पर बुलडोजर खड़ा है। क्या इसमें प्रशासन की कमी है या वकीलों की।
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट के बाद से सिर्फ शेयर मार्केट में ही गिराव नहीं आया है बल्कि राजनीतिक पार्टियों की टिप्पणियां भी तीखी हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी पर आम आदमी पार्टी हिंडनबर्ग के नए मामले के बाद से लगातार निशाने साध रही है। रविवार को संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके सेबी अध्यक्ष पर सवाल उठाए थे। वही आज भी संजय सिंह ने कहा कि सेभी अध्यक्ष और उनके पति का नाम अडानी घोटाले में शामिल है। ऐसे में उनकी रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट कैसे भरोसा कर सकता है। इसी के साथ-साथ उन्होंने नरेंद्र मोदी को भी लपेटे में लेते हुए देश की संपत्ति अडानी के नाम लिखने के आरोप लगाए।नैतिकता का हवाला देते हुए उन्होंने नरेंद्र मोदी से इस्तीफा की मांग की है।