Wednesday, January 15, 2025
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आम आदमी पार्टी ने ऑटो चालकों को दिया धोखा, ऑटो चालक मांग रहे 10 साल का हिसाब

अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी

दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में ऑटो चालकों से बातचीत की और कहा कि उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों में भ्रष्ट आम आदमी पार्टी सरकार को हटाने और भाजपा को सत्ता में लाने का संकल्प लिया है. सचदेवा ने एक्स पर लिखा, “अब हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे, हम अपने तौर-तरीके बदलेंगे. हमें बहाने नहीं, बदलाव चाहिए. हमें दिल्ली में भाजपा की सरकार चाहिए. आज प्रदेश कार्यालय में ऑटो चालकों ने भाजपा को अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार ने वर्षों तक ऑटो चालकों का शोषण किया.

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में ऑटो चालकों की हम भूमिका होती है. पिछले 10 वर्षो में अरविन्द केजरीवाल ने ऑटो चालकों को सिर्फ धोखा दिया है. और अगर दिल्ली में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो ऑटो चालकों की समस्या दूर की जायेगी. यह बात वीरेंद्र सचदेवा ने ऑटो चालकों की रैली शुरू होने से पहले की.

अरविन्द केजरीवाल से नाराज़ ऑटो चालक

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल ने ऑटो चालकों से पूरी दिल्ली में स्टैंड बनाने , परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार दूर करने , दलालों को जेल भेजने व ऑटो ज़ब्त करने पर पूरी तरह से रोक लगाने का वादा किया था. साथ ही वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ऑटो ज़ब्त करने पर पूर्ण रोक लगाने के अलावा परिवहन विभाग में रिश्वतखोरी बंद करवाने का दावा किया था. और अरविन्द केजरीवाल ने एक भी वादा पूरा नहीं किया. जिसकी वजह से ऑटो चालकों में बहुत गुस्सा है.

भाजपा इनकी परेशानी समझती है. विधानसभा चुनाव में ऑटो वाले भाजपा के साथ है. इसके बाद वीरेंद्र सचदेवा ने भाजपा कार्यालय के बाहर से ऑटो चालकों को रावण किया. इस दौरान यूनियन के नेता राजेंद्र सोनी , विनोद भाटिया, सूरज वैध , आरिफ मोहम्मद , राकेश आनंद , प्राथना कुमारी, भाजपा उपाध्यक्ष राजकुमार भाटिया एवं निगम पार्षद संदीप कपूर भी मौजूद थे.

अल्लू अर्जुन की गिरफ़्तारी, फैंस का फूटा गुस्सा

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अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी

साउथ के स्टार अल्लू अर्जुन इन दिनों अपनी फिल्म पुष्पा 2 का सक्सेस एन्जॉय ही कर रहे थे कि अब उनके ऊपर एक बड़ी मुसीबत आ पड़ी. पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के दौरान हुए भगदड़ में हुई महिला की मौत के बाद अल्लू अर्जुन की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही है. अल्लू अर्जुन की जिस तरह से गिरफ्तारी हुई वो काफी चौकाने वाला था. शुक्रवार की दोपहर अल्लू अर्जुन को उनके ही घर से गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें निचली अदालत में पेश किया जहाँ उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

अल्लू अर्जुन को जिस तरह से जल्दी बाज़ी में जेल भेजा गया वो काफी आश्चर्यजनक था. यह सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ जिसे देख के लग रहा था कि कोई है जो अल्लू अर्जुन से अपनी दुश्मनी निकाल रहे है. उन्होंने पुलिस से प्रीमियर के लिए अनुमति ली थी. फिर उनके साथ ये क्यों हुआ? ये सवाल गंभीर है. हालाँकि अल्लू अर्जुन ने मृतक महिला के परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवज़ा देने का भी ऐलान किया. इस मामले में पुलिस ने थिएटर के मैनेजर को भी गिरफ्तार किया था क्यूंकि भीड़ को नियंत्रित करने की साड़ी ज़िम्मेदारी इनकी होती है. इसके बावजूद अल्लू अर्जुन को उनके घर से गिरफ्तार किया गया.


अल्लू अर्जुन को जेल में रात न गुजारनी पड़े, इसके लिए उनकी टीम ने खूब कोशिशें कीं. न्यायिक हिरासत के तुरंत बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आनन-फानन में अंतरिम जमानत भी मिल गई. बावजूद इसके अल्लू अर्जुन को एक रात यानी शुक्रवार की रात जेल में बितानी पड़ गई. वहीं, भगदड़ में जान गंवाने वाली महिला के पति ने शुक्रवार को कहा कि फिल्म के अभिनेता अल्लू अर्जुन की इसमें कोई गलती नहीं है. वह इस हादसे के लिए अभिनेता को जिम्मेदार नहीं मानते. महिला के पति भास्कर ने कहा कि वह इस घटना के संबंध में दर्ज कराया गया अपना मामला ‘वापस लेने के लिए तैयार’ हैं.

अल्लू अर्जुन की ज़मानत

अल्लू अर्जुन पूरी रात जेल में बिताने के बाद 14 दिसंबर को सुबह रिहा हो गए. सुबह करीब 6.40 पर उन्हें हैदराबाद की चंचलागुडा जेल से बाहर लाया गया. जिन्हें रिसीव करने अल्लू अर्जुन के पिता अल्लू अरविंद तो आए ही साथ ही हज़ारों की संख्या में उनके फैन्स भी पहुंचे. 13 दिसंबर को तेलंगाना हाई कोर्ट ने अल्लू अर्जुन को अंतरिम ज़मानत दी. मगर देर रात ज़मानत के कागज़ जेल अधिकारियों तक पहुंचे. इस वजह से उन्हें पूरी रात जेल में बिताना पड़ा.

अतुल सुभाष के सुसाइड नोट के हर पन्ने पर लिखा “इन्साफ अभी बाकी है”

अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी

पत्नी और ससुरालवालों के उत्पीड़न से परेशान होकर बेंगलुरु के एक इंजीनियर अतुल सुभाष ने खुदखुशी कर ली . अतुल ने मरने से पहले 24 पन्नो का सुसाइड लेटर लिखा और डेढ़ घंटे का एक वीडियो भी बनाया जो ये दर्शता है कि सुभाष के अंदर कितनी बातें थी जो वो किसी को नहीं कह पाएं. अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड लेटर में अपने बेटे को न देख पाने का अफ़सोस जताया और कहा कि मैं तुम्हारे जैसे 100 बेटों को भी कुर्बान कर सकता हूँ .

अतुल ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा कि, “जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था तो सोचा था कि मैं तुम्हारे लिए जान भी दे सकता हूँ लेकिन अफ़सोस है कि मुझे आज तुम्हारी वजह से जान देनी पड़ेगी . मुझे तो तुम्हारा चेहरा भी याद नहीं है. मेरे पास तुम्हारी तबकी फोटो है जब तुम एक साल के थे. अब तो तुम्हारे लिए मेरे दिल में कोई ज़ज़्बात भी नहीं . अगर दिल में कुछ आता है तो वो बस दर्द .

अतुल सुभाष ने आगे अपना दर्द बयान करते हुए लिखा कि तुम अब मेरे लिए एक ब्लैकमेल करने कि वजह बन गए हो जिसका इस्तेमाल कर के मुझसे बहुत ज़्यादा पैसे लिए जा रहे है.

2019 में हुई थी शादी

आत्महत्या करने के समय अतुल ने जो टीर्शट पहनी हुई थी, उस पर लिखा था ‘Justice Is Due’. आत्महत्या करने से पहले अतुल ने डेढ घंटे के वीडियो और 24 पन्नों की चिट्ठी में पत्नी, ससुरालवालों और न्यायिक व्यवस्था को जिम्मेदार कहा है. 2019 में उनकी शादी हुई थी. उन्होंने दावा किया कि शादी के दो साल बाद उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ दहेज उत्पीड़न, हत्या से लेकर आप्राकृतिक यौन शोषण तक के केस दर्ज करा दिए थे.

उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी ने गुजरा भत्ता के किए 3 करोड़ रुपए मांगे थे. उनकी पत्नी ने उनके बेटा का चेहरा तक उन्हें देखने नहीं दिया था. शादी के बाद उनकी पत्नी के पिता की मौत किसी बीमारी से हुई थी, लेकिन ससुरालवालों ने उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करा दिया था. उनके अनुसार, फैमिली कोर्ट ने मामला खत्म करने के लिए पांच लाख रुपये मांगे थे. उन्होंने कहा कि 2 साल में उन्हें 120 बार पेशी पर जाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि जज के सामने ही उनकी पत्नी ने उनसे कहा था कि सुसाइड क्यों नहीं कर लेते. जिसे सुनकर जज भी ठहाका मारकर हंसने लगी थी.

पिता ने लगाए आरोप

अतुल के पिता पवन कुमार ने कहा, “मध्यस्थता कोर्ट के लोग कानून के हिसाब से काम नहीं करते हैं. वो सुप्रीम कोर्ट के नियम को भी नहीं मानते हैं. मेरे बेटे को 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ता था. उनकी पत्नी उस पर आए दिन नए-नए आरोप लगाती थी. वो निराश जरूर हुआ होगा, लेकिन उसने कभी हमें ऐसा महसूस होने नहीं दिया. हमें अचानक इस घटना की जानकारी मिली थी. उसने रात को 1 बजे हमारे छोटे बेटे को मेल भेजा था. हमारे बेटे ने जो आरोप लगाए हैं वो 100% सच हैं. हम बता नहीं सकते हैं कि हमारा बेटा किस तनाव में रहा होगा.

पुलिस ने क्या कहा

पुलिस ने बताया कि शुरूआती जांच में सामने आया है कि उनका अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक कलह चल रहा था. उनकी पत्नी ने उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने बताया कि उन्होंने अपने सुसाइड नोट कई लोगों को ईमेल के जरिए से भेजा. इसके अलावा मृतक ने इसे एक एनजीओ के व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया है. इस एनजीओ से वो जुड़ा हुआ था. अपने सुसाइड नोट में सुभाष ने कहा है कि उसके बच्चे की कस्टडी उसके माता-पिता को दी जाए.

फ्री की सुविधाओं पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल

अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी

बीते सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सर्कार द्वारा दी जा रही फ्री की सुविधाओं को लेकर सवाल उठाएं है. सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि , “फ्री कि रेवाड़ी आखिर कब तक बाटी जायेगी ?” कोर्ट ने कहा कि कोविड महामारी के बाद से मुफ्त राशन का लाभ ले रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोज़गार के अवसर बनाने की ज़रूरत है.

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने उस वक्त हैरानी जताई जब केंद्र ने अदालत को बताया कि 81 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त या सब्सिडी वाला राशन दिया जा रहा है. इसपर बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, ‘इसका मतलब है कि केवल टैक्सपेयर्स ही बाकी हैं.’

एनजीओ की ओर से दायर एक मामले में पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उन प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन मिलना चाहिए जो “ई-श्रमिक” पोर्टल पर पंजीकृत हैं. इस पर बेंच ने कहा, ‘फ्रीबीज़ कब तक दिए जाएंगे? क्यों न हम इन प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर, रोजगार और क्षमता निर्माण पर काम करें?’

वकील भूषण ने कहा कि अदालत ने समय समय पर सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को ये निर्देश दिए है कि प्रवासी मजदूरों के राशन कार्ड बनवाये जाएं ताकि वे केंद्र द्वारा प्रदान किये गए फ्री में मिल रहे राशन का लाभ उठा सके. उन्होंने कहा कि हाल ही में दिए गए निर्देश में यह कहा गया था कि जिनके पास ये राशन कार्ड नहीं है. लेकिन वे “ई-श्रमिक” पोर्टल पर पंजीकृत हैं, उन्हें केंद्र द्वारा मुफ्त राशन दिया जाएगा.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘यह समस्या है. जैसे ही हम राज्यों को आदेश देंगे कि वे सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दें, कोई भी यहां नहीं दिखाई देगा. वे भाग जाएंगे. राज्यों को यह पता है कि यह जिम्मेदारी केंद्र की है, इसीलिए वे राशन कार्ड जारी कर सकते हैं.’

भूषण ने कहा कि यदि 2021 की जनगणना की जाती. तो प्रवासी मजदूरों की संख्या में वृद्धि होती, क्योंकि केंद्र वर्तमान में 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर निर्भर है. इसपर बेंच ने कहा, “हम केंद्र और राज्यों के बीच मतभेद नहीं पैदा करें, क्योंकि ऐसा करने से स्थिति बहुत कठिन हो जाएगी.”

पुष्पा 2 ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल ,अल्लू अर्जुन का जलवा बरकरार

अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी

अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की ‘पुष्पा 2: द रूल’ ने रिलीज होते ही कई सुपरस्टार्स की फिल्मों का बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अब अल्लू अर्जुन की मास एंटरटेनर फिल्म ने दूसरे दिन भी वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है. पहले दिन सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए अब तक की सबसे बड़ी भारतीय ओपनर बनने के बाद, फिल्म ने दो दिनों में दुनिया भर में 400 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है. सुकुमार द्वारा निर्देशित तेलुगु एक्शन ड्रामा 2021 में रिलीज हुई ‘पुष्पा: द राइज’ का सीक्वल है. पुष्पा राज का जलवा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी देखने को मिल रहा है.

पुष्पा ने दूसरे दिन भारत कमाए इतने करोड़

सैकनिल्क के अनुसार, फिल्म ने पहले दिन कई रिकॉर्ड तोड़ने के बाद, अपनी रिलीज के दूसरे दिन भारत में 90.1 करोड़ रुपए की कमाई की. अपने पहले दिन, ‘पुष्पा 2’ ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर राजमौली की RRR को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल कर लिया है.अल्लू अर्जुन की फिल्म ने ‘बाहुबली 2’ और KGF 2 जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया और पिछले साल रिलीज हुई शाहरुख खान की ‘जवान’ को पीछे छोड़ते हुए सबसे बड़ी हिंदी रिलीज भी बन गई.

पुष्पा 2 का सिनेमाघरों में दबदबा बरकरार

कई भाषाओं में रिलीज हुई ‘पुष्पा 2’ को दूसरे दिन सभी संस्करणों में अच्छी ऑक्यूपेंसी मिली. तेलुगु में फिल्म ने 53 प्रतिशत की कुल ऑक्यूपेंसी दर्ज की, जबकि हिंदी में यह 51.65 प्रतिशत रही. तमिल में 38.52 प्रतिशत, कन्नड़ में 35.97 प्रतिशत और मलयालम में 27.30 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी रही.