Saturday, April 27, 2024
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दिल्ली की जनता अब भाजपा को मौका नहीं देगी- 2022 के एमसीडी चुनाव पर अविनाश तिवारी

राजधानी दिल्ली में 2022 में होने वाले एमसीडी चुनाव की तैयारियां ज़ोरों पर है। ऐसे में दिल्ली में बीजेपी और आप के बीच आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस दौरान दिल्ली स्थित बादली जिले के नए जिलाध्यक्ष अविनाश तिवारी ने बीजेपी पर वार्ड में गंदगी और एमसीडी कर्मचारियों के वेतन को लेकर निशाना साधा है।

जिलाध्यक्ष अविनाश तिवारी ने कहा कि जनता भाजपा से त्रस्त हो चुकी है। ऐसे में लोग बदलाव चाहते हैं। उन्हें कहा कि दिल्ली में किसी भी कच्ची कॉलोनी को देख लीजिए जहां भाजपा के पार्षद शासित हैं, उस जगह का हाल बेहाल हो रहा है, फिर चाहे वो सड़कें हो या नालियां। ऐसे में हम और दिल्ली की जनता दोनों भाजपा को एमसीडी से बाहर कर आम आदमी पार्टी को जिताना चाहती है ताकि दिल्ली में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सबसे ज्यादा संख्या कच्ची कॉलोनियों की है। भाजपा शासित किसी भई कॉलोनी में नालियों की सफाई नहीं हुई है। वहीं मॉनसून भी नजदीक है। सफाई न होने के कारण क्या स्थिति होगी उन कॉलोनी की।

इतना ही नहीं, तिवारी ने एमसीडी कर्मचारियों को वेतन न मिलने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से ऑन रिकार्ड समय पर दिल्ली नगर निगम में वेतन पहुंचा दिया जाता है, तीनों महापौर तक वेतन पहुंच जाता है, लेकिन कभी कर्मचारियों तक नहीं पहुंचता। बल्कि दिल्ली सरकार एमसीडी को पिछली सरकार से 20-20 प्रतिशत ज्यादा वेतन देती है, फिर भी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाता। उन्होंने आगे कहा इसी लिए दिल्ली की जनता एमसीडी में बदलाव चाहती है। वहीं उन्होंने कहा कि वार्ड नं 26 का तो बहुत बुरा हाल है। मुझे नहीं लगता कि यहां के निगम पार्षद ने 5 साल में एक बार भी यहां का दौरा किया होगा।

तिवारी ने आम आदमी पार्टी की जीत को लेकर कहा कि अगर हमारी सरकार इन चुनावों में जीत जाती है तो सारी परेशानियां हल हो जाएंगी, क्योंकि दिल्ली में आप की सरकार है ऐसे में जब निगम पार्षद भी इसी पार्टी को होंगे तो किसी भी काम को करने में कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि बीजेपी के मेयर किसी भी फंड को पास नहीं करते तो काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

नरेला -जोन चेयरमैन चुनाव में बीजेपी की शिकस्त पर मची जिम्मेदारी और जबाबदेही की जंग, जिला अध्यक्ष बोले ” एमसीडी नेता जिम्मेदार “

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो दिल्ली।

नॉर्थ एमसीडी के नरेला जोन के चेयरमैन में करारी हार क्या अंजू अमन कुमार के खिलाफ साजिश थी ? या फिर यह बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और जिला अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी से संघठन संभल नहीं रहा है। या फिर इसे बीजेपी के नए चेहरों की नयी उड़ान और उनकी महत्वकांक्षा का परिणाम मना जाये ? बीजेपी के निगम पार्षदों के इस भीतरघात को बीजेपी पचा नहीं पा रही है। पार्टी ने बेशक क्रॉस वोटिंग और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में अपने दो निगम पार्षदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया हो ,लेकिन पार्टी और पार्षदों के बीच आरोप प्रत्यारोप जारी है। बगावत के सुर अभी भी सुनाई दे रहे है। खबर है की कुछ और पार्षद आम आदमी पार्टी में जाने को तैयार है। पार्षदों में असुरक्षा की भावना ऐसी है वे पार्टी पर भरोसा नहीं कर रहे है। यही वजह है की वे पार्षद अपनी टिकट पक्की करने आश्वाशन चाह रहे है। साथ ही इस तैयारी में भी है की यदि उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़े तो भी वे लड़ेंगे।

 गौरतलब है की 6 जुलाई को हुए नरेला जोन के चुनाब बीजेपी के दो पार्षदों की क्रॉस वोटिंग की वजह से बीजेपी चुनाव हार गयी थी। एक पार्षद ज्योति रछौया ने बीजेपी नेताओं पर भरष्टचार के आरोप लगाकर चुनाव का बहिष्कार किया एक पार्षद सविता खत्री ने क्रॉस वोटिंग की। बीजेपी जिस निर्दलीय पार्षद पूनम सहरवत को अपना मान रही थी उसने भी खुली बगावत कर बीजेपी को आँखे दिखा थी। नरेला जोन में बीजेपी के 13  निगम पार्षद है और आम आदमी पार्टी के 9 पार्षद है। इस समीकरण के बादजूद बीजेपी को आम आदमी पार्टी ने पटखनी दे दी।आम आदमी पार्टी उम्मीदवार राम नारायण भारद्वाज चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज हो गए। आम आदमी पार्टी के चुने हुए चार निगम पार्षद है। इस जोन में चेयरमैन बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने मनोनीत पार्षदों को इसी जोन में पार्षद बना दिया। पहले इन पार्षदों को वोट देने का अधिकार नहीं होता था लेकिन अब यह स्थिति नहीं है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी की बगावत का लाभ उठाया और जीत गई।

 ऐसा नहीं है कि बीजेपी को इसकी खबर नहीं थी। जिला अध्यक्ष तक इस बात की भनक थी कि उसकी कुछ पार्षद बीजेपी का खेल खराब कर सकतें है। इस हार के बाद बीजेपी उम्मीदवार अंजू अमन कुमार बेशक खुलकर कुछ न कहें लेकिन क्षेत्र के लोग और कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि अंजू अमन कुमार पार्टी के जिला अध्यक्ष की नादानी और प्रदेश अध्यक्ष की अनदेखी का शिकार हो गयी। समय रहते उन्होंने संज्ञान नहीं लिया। पार्टी ने दोनों निगम पार्षदों को 6  साल के लिए पार्टी से बहार कर दिया। इस करवाई से नरेला के पूर्व विधायक नीलदमन खत्री का रास्ता साफ़ हो गया। इससे पहले यह इस वार्ड पर नीलदमन खत्री की पत्नी केशरानी खत्री पार्षद थी। नयी उड़ान के चक्कर में बीजेपी ने केशरानी का टिकट काट दिया और सविता खत्री को टिकट दे दिया। नरेला जोन में सविता खत्री डिप्टी चैयरमैन थी और उम्मीद कर रही थी की सवाल जिला अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी पर भी उठाये जा रहे है।

अभी कुछ ही समय पहले बवाना निगम उपचुनाव भी बीजेपी बुरी तरह हार गयी थी। इस हार को लेकर भी बीजेपी में जिम्मेदारी और जबाबदेही की जंग नजर आयी। पार्षदों के पाला बदलने की खबर से जिला अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी भी खासे गुस्से में है। “दिल्ली दर्पण ” द्वारा सम्पर्क किये जाने पर उन्होंने बागी पार्षदों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए कहा “उन्होंने अपनी माँ से गद्दारी की है ” वे महत्वकांक्षाओं के घोड़े पर सवार थे। पार्टी को ब्लैक मेल कर रहे थे। सोलंकी ने कहा यदि कोइ पार्षद पार्टी बदलता है, बगावत करता है तो इसके लिए जिला अध्यक्ष जिम्मेदार नहीं है। नगर निगम जिम्मेदार है। 

दिल्ली – नार्थ वेस्ट जिले में महिलाओं पर केंद्रित सुरक्षा पहल, 46 महिला पुलिस कर्मी करेंगी महिलाओं की मदद

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

दिल्ली -नार्थ वेस्ट जिला पुलिस ने 9 जुलाई की रात समस्त जिले की सडकों पर तैनाती कर हलचल मचा थी। इलाके की डीसीपी ऊषा रंगनानी ने अब महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और उनकी सुरक्षा के लिए भी कमर कस ली है। महिलाओं की सुरक्षा और उनमें सुरक्षा की भावना विकसित करने मकसद से एक नयी पहल की गयी है। उत्तर पश्चिम जिले के हर थाना क्षेत्र में संवेदनशील बीट्स पर महिला बीट कांस्टेबल को तैनात किया गया है। इस महिला बीट पर सुबह से शाम तक महिला बीट ऑफिस तैनात रहेंगी और महिलाओं की सुविधा , सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम करेंगी।

 इन बीट इलाकों में जहांगीर पूरी ,जे जे क्लस्टर ,पीतम पूरा ,ईयू ब्लॉक ,एनयू ब्लॉक भलस्वा गांव ,अशोक विहार ,नेताजी सुभाष प्लेस ,क्लब रोड शालीमार बाग़ , झूले लाल मंदिर ,शक्ति नगर एक्सटेंशन ,लक्ष्मी बाई कॉलेज ,भारत नगर इलाके शामिल है।

डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार ये महिला बीट कांस्टेबल महिलाओं की शिकायतों को पहचान और उनके निपटारन के लिए घर घर तक सम्पर्क करेंगी। उनका प्रयाश रहेगा कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिए महिलाओं को मानसिक रूप से भी तैयार करे, सुरक्षित माहौल बनाकर उनमें विश्वाश पैदा करे कि पुलिस उनके साथ है। महिलाओं, लड़कियों और  उनके अभिभावकों में महिला अपराध के प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि वे महिला योन शोषण , घरेलु हिंसा , बाल शोषण और दहेज़ की मांग को लेकर उत्पीड़न जैसे मामलों की शिकार होने पर अपने अधिकारों को जान सके। विषम माहौल में खुद को कैसे सुरक्षित रखे यह जाने सके। जरूरत पड़ने पर ऐसे मामलों की शिकायत करने के लिए खुलकर आगे आ सके।

यह महिला पुलिस बीट अधिकारी इलाकों में मोटर साइकल , ईआरवी ,क्यूआरटी ,स्कूटी आदि पर गश्त  भी करती है। सायरन बजाते हुए जिस अंदाज में लोगों से बात करती है वह महिलाओं में अलग ही आत्मविशवश पैंदा करता है। लड़कियों में यह भाव पैदा करता है कि क्यों न वह भी पुलिस बन कर ऐसे ही ड्यूटी करें। इन महिलाओं में जहांगीर पूरी की टी.जोलियां सांगी बहुत लोकप्रिय है। मोटर साईकल पर जब वे गश्त करती इलाकें में घूमती है तो युवा लड़कियां ही नहीं महिलाएं भी संगी से खासी प्रेरित और प्रभावित होती है। संगी का संग और उनका स्वभाव बात करने का अंदाज महिलाओं में एक अलग ही आत्मविश्वाश पैदा करता है। 

नार्थ वेस्ट जिला पुलिस आयुक्त खुद के महिला है। इस जिले में कई महिला आईपीएस आयी है, लेकिन उषा रंगनानी जो प्रोजेक्ट शुरू किये है पूरी दिल्ली पुलिस में उसकी चर्चा है। युवा योजना के तहत सैकड़ों युवकों का आत्म निर्भर बनाया है जिसमें बड़ी संख्या में महिलाये भी है। कम्युनिटी पुलिसिंग में भी महिलाओं को जोड़ा है और अब जिले में महिला बीट बनकर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को बीट करने की तैयारी है। निःसन्देश उषा रंगनानी के ये कदम इलाके रंग ला रहे है और महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा कर रहे है। 

New Delhi -सरकारी दुकानों को बर्बाद कर निजी शराब की दुकाने खोलना गलत’-वीके जाटव

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

दिल्ली सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति ओबीसी कर्मचारी परिसंघ ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति का सडक से लेकर कोर्ट तक पुरजोर विरोध करने का मन बना लिया है! परिसंघ के संयोजक वी के जाटव का कहना है कि दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति’‘चारों निगमों को कंगाल कर देगी।  इसलिए कर्मचारियों के हित में ‘सड़क से कोर्ट तक नई आबकारी नीति का विरोध’किया जाएगा। उन्होने अपने अन्य साथियों के साथ पत्रकारो को कहा कि ‘रात तीन बजे तक शराब पिलायेंगे केजरीवाल, फ़िर बढ़ते अपराध का ज़िम्मेदार कौन’होगा। ‘दिल्ली सरकार की आबकारी नीति सरकारी निगमों में ताले लगवा देगी और यही कारण है कि ‘दिल्ली की नई आबकारी नीति जन विरोधी, निगम विरोधी, कर्मचारी विरोधी’ है.

इस मौके पर परिसंघ के संयोजक के साथ 600 शराब की दुकानों को चला रहे चारों निगमों के कर्मचारी प्रतिनिधि भी मौजूद थे।  जाटव ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को हर तरह से नुकसानदेह बताया और कहा कि दिल्ली सरकार नई नीति को पूर्णरुपेन लागू करती है तो ये न केवल निगम कर्मियों बल्कि पूरी दिल्ली के लिए घातक साबित होगा. दिल्ली सरकार के ये चारों निगम राजस्व के लिए शराब की दुकानों की आमदनी पर निर्भर हैं और ऐसे में हजारों परिवारों पर अस्तित्व बचाने का संकट आ जायेगा! कर्मचारियों को ये डर है कि नई आबकारी नीति के लागू होने पर कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी और उनको सरप्लस घोषित कर जबरन वर्तमान निगम से ट्रांसफर कर अन्य निगमों में भेजा जाएगा या (कम्पलसरी) अनिवार्यतः वीआरएस दे दी जाएगी।दिल्ली पर्यटन, दिल्ली सिविल सप्लाई, दिल्ली कंजूमर एवं दिल्ली औद्योगिक निगम के कर्मचारी प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि दिल्ली सरकार 20 फीसद वृद्धि के लिए प्राइवेट प्लेयर्स को दिल्ली में लाना चाहती है तो हम राजस्व में 30 फीसद वृद्धि करके देंगे जिसके लिए अनुकूल वातावरण बनाने की आवश्यकता है. शराब की होम डिलीवरी की योजना का हम स्वागत करते हैं, इससे यकीनन ही राजस्व बढेगा लेकिन इसके लिए सरकारी दुकानों का निजीकरण करने की ज़रूरत नहीं है।  दिल्ली में 500 दुकानें सरकारी हैं और हर वर्ष 5 फीसद की बढ़ोतरी के साथ सरकार को हजारों करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है इसीलिए अपने कर्मठ कर्मचारियों की निष्ठा पर शक ना किया जाए। 

Ashok Vihar -DCP सहित 1100 जिला पुलिस रही रात्रि गश्त में ,हासिल क्या हुआ ?

-दिल्ली दर्पण टीवी दिल्ली।

दिल्ली। नार्थ वेस्ट जिला क्षेत्र में लूट की कुछ वारदातें क्या हुयी जिला पुलिस हरकत में आ गयी। बढ़ती वारदातों पर विराम लगाने के लिए गत रात डीसीपी सहित तमाम अडिशनल डीसीपी , एसीपी , थाना अध्यक्ष और इंस्पेक्टर सहित तमाम पुलिस रात 9 जुलाई को भर सडकों पर गस्त करती रही। डीसीपी उषा रंगनानी सहित तमाम बड़े अधिकारी इलाकों में घूम -घूमकर सुरक्षा इंतजाम का जयादा लेते नजर आये। जो भी संदिग्ध नजर आये उससे पूछताछ कर उसे वेरिफाई किया गया। 

इतने ज्यादा तादाद में खुद बड़े अधिकरियों को सडकों पर गश्त और लोगों को रोक टोक करते देख लोगों के चेहरों पर हैरानी और उत्सुकता के भाव देखे जा रहे थे। इस संयुक्त संघन रात्रि गश्त अभियान में संदिग्ध तलाशी अभियान भी शामिल रहा। इसमें जहांगीर पूरी जैसे इलाकों पर जोर रहा। इन इलाकों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को चेक किया गया। इस संघन अभियान का मकसद था की लोगों में सुरक्षा की भावना आये और खुद को सुरक्षित महसूस करें।

इस रात्रि पेट्रोलिंग में ऐसे स्थानों को भी देखा गया जहाँ अँधेरा रहता है.लूट और स्नेचिंग की वारदात की संभावना ऐसे इलाकों में ज्यादा रहती है। जिसे देखते हुए ERVs, QRTs & Motorcycles के साथ एंटी स्नैचिंग और एंटी रॉबरी पेट्रोल टीम को भी लगाया गया। 

कहा जा सकता है की दिल्ली पुलिस में 9 जुलाई की रात शायद सबसे बड़ी पेट्रोलिंग की रात रही होगी। इसमें 1100  से ज्यादा  पुलिस के जवान 65 मोटरसाइकल, 45 पिकेट की तैनात की गयी थी। सीसीटीवी के द्वारा निगरानी की जा रही थी। इतने बड़ी अभियान के बाद कोइ नतीजा न निकले यह भी  बहुत अजीब होता। इस अभियान में 63 लोगो को प्रिवेंटिव एक्शन की धारा 107/ 151 के तहत गिरफ्तार किया गया। 12 जुआरी धरे गए ,22 लोगों को सार्वजानिक स्थान पर शराब पीने और 42 लोगों को सार्वजानिक स्थान पर हंगामा करने के आरोप में पकड़ा गया। केवल इतना ही नहीं 14 इलाके के घोषित गिरफ्तार और 97 लावारिश वहां को जब्त  किया गया। 3 केस एक्साइज और 3 मामले अवैध हथियार के दर्ज़ कर एक पिस्टल और दो बटनदार चाकू भी बरामद किये गए। 80 लोगों पर कोविड के चालान किये गए। सबसे बड़ी कामयाबी एक शातिर स्नेचर चोर से 60 मोबाइल , 6 लेपटॉप बरमाद किये गए। इस शख्स पर 13 मामले अलग अलग थानों में दर्ज़ है।

 जाहिर है यह बहुत ही अच्छी मुहीम रही। समय समय पर यदि अचानक ऐसे अभियान चलते रहें तो शायद अपराधी इस इलाके से दूर ही रहेंगे। शायद यही इस अभियान का मकसद भी है।