Saturday, July 19, 2025
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स्वामी समाज महासम्मेलन 2025: राजस्थान से गौरवशाली पहचान की हुंकार, पुस्तक विमोचन और छात्रावास की घोषणा

-राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण टीवी

लाडनूं, राजस्थान । श्री स्वामी उत्थान समिति की अगुवाई में राजस्थान के लाडनूं में आयोजित अखिल भारतीय श्री वैष्णव धन्नावंशी बैरागी स्वामी समाज महासम्मेलन 2025 ने समाज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्स्थापित करने का संकल्प लिया। इस भव्य आयोजन में एक महत्वपूर्ण पुस्तक का विमोचन हुआ, जिसमें स्वामी समाज के गौरवशाली इतिहास को साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत किया गया। साथ ही, सीकर में समाज के युवाओं के लिए छात्रावास निर्माण और शिक्षा, संस्कृति व संस्कारों के प्रचार-प्रसार की घोषणा ने इस सम्मेलन को ऐतिहासिक बना दिया। इस सम्मलेन में भारी संख्या दिल्ली , राजस्थान , हरियाणा सहित कई राज्यों से समाज के प्रमुख लोग शामिल हुए। यह सम्मेलन सफल ही नहीं बल्कि शानदार और ऐतिहासिक भी रहा। इस मौके पर समिति के प्रमुख लोग श्री गोवर्धन दास स्वामी , जगदीश प्रसाद , गोकुल चाँद स्वामी , रामजी लाल स्वामी , पदम दास स्वामी, सत्यनारायण स्वामी व श्री कैलाश स्वामी मौजूद रहे।

पुस्तक विमोचन: इतिहास की पुनर्खोज

सम्मेलन का मुख्य आकर्षण भारतीय सेना के सूबेदार रामदेव साद द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन रहा। यह पुस्तक प्राचीन परंपराओं, साहित्य और उपलब्ध ऐतिहासिक साक्ष्यों के गहन अध्ययन पर आधारित है, जो स्वामी समाज की उत्पत्ति और विकास को प्रमाणित करती है। रामदेव साद ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि स्वामी समाज रामानुज संत सम्प्रदाय का वंशज है। उन्होंने धन्नावंशी समाज की उत्पत्ति को लेकर फैलाए गए भ्रामक दावों का साहसपूर्वक जवाब दिया। पुस्तक संकलनकर्ता: के रामदेव साद, ने कहा की उनकी यह पुस्तक हमारी जड़ों को उजागर करती है। हमारा उद्देश्य समाज को उसका गौरवशाली इतिहास बताना और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करना है।

एकता और ओबीसी आरक्षण की मांग

देशभर से आए स्वामी समाज के लोगों की भारी भीड़ और उत्साह ने इस बात को रेखांकित किया कि समाज अपनी पहचान और अधिकारों के लिए एकजुट होने को तैयार है। प्रमुख वक्ता और अधिवक्ता सूर्य प्रकाश स्वामी ने ओबीसी आरक्षण के लिए चल रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, “अब समय है कि हम श्री वैष्णव, बैरागी जैसे भेदों को त्याग कर एकजुट हों और अपने नाम के आगे केवल ‘स्वामी’ लगाएं। यह हमारी ताकत और एकता का प्रतीक होगा।” सम्मलेन में प्रमुख वक्ता एडवोकेट सूर्य प्रकाश स्वामी, ने कहा कि “हमें अपनी संख्या और क्षमता को दुनिया के सामने लाना होगा। ओबीसी आरक्षण हमारा अधिकार है, और इसके लिए हम मिलकर संघर्ष करेंगे।”

शिक्षा और संस्कृति पर जोर, छात्रावास की घोषणा

दिनभर चले इस सम्मेलन में समाज के बुद्धिजीवियों ने शिक्षा, संस्कृति और संस्कारों के प्रचार-प्रसार पर गहन चर्चा की। वक्ताओं ने इस बात पर संतोष जताया कि स्वामी समाज के युवा उच्च पदों पर पहुंच रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल कर रहे हैं। श्री स्वामी उत्थान समिति ने सीकर में समाज के युवाओं के लिए छात्रावास निर्माण की घोषणा की, जिसका उद्देश्य युवाओं को बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करना है। इसके साथ ही, इस मुहिम को देशभर में फैलाने का संकल्प लिया गया।
शॉट्स: सम्मेलन में उमड़ी भीड़, उत्साहपूर्ण नारेबाजी, तालियां और पुस्तक विमोचन के दृश्य।

लाडनूं में आयोजित इस महासम्मेलन ने स्वामी समाज की एकता और जागरूकता को दर्शाया। संतों, महंतों और बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में कहा कि यह समय अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संजोने के साथ-साथ समाज को संगठित और सशक्त करने का है। इस आयोजन ने न केवल समाज की पहचान को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि शिक्षा और सामाजिक उत्थान के लिए ठोस कदम उठाने का भी आह्वान किया।

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