त्योहारों का मौसम आते ही दिल्ली की गलियों में रौनक लौट आती है। दीवाली, दशहरा, करवा चौथ — हर त्योहार के साथ बाजारों में मिठास घुलने लगती है। पर इसी मिठास के बीच कुछ लोग ज़हर भी घोलने से नहीं चूकते। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हजारों किलो नकली मिठाई बरामद की है, जो राजधानी के बाजारों में त्योहारों से पहले उतरने वाली थी।
नकली मिठाई का बड़ा जाल
क्राइम ब्रांच की टीम को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि शहर के कुछ इलाकों में घटिया सामग्री से मिठाइयां तैयार की जा रही हैं और उन्हें नामी ब्रांड्स के रैपर में पैक कर बाजार में उतारा जा रहा है। जांच के बाद पुलिस ने एक बड़े गोदाम पर छापा मारा — और नज़ारा देखकर सब दंग रह गए। वहां मिठाइयों के डिब्बे नहीं, बल्कि रासायनिक रंगों, नकली घी और कृत्रिम स्वादों से भरे ड्रम पड़े थे।
मौके से पुलिस ने करीब 3,000 किलो नकली मिठाई बरामद की। शुरुआती जांच में पता चला कि ये मिठाइयां देसी घी के नाम पर सस्ते तेल और सिंथेटिक केमिकल से बनाई जा रही थीं। न सिर्फ मिठाई, बल्कि पैकिंग से लेकर ब्रांडिंग तक सब नकली था — मानो असली मिठाई का ‘भेष’ धरकर जहर बेचा जा रहा हो।
त्योहार की रौनक में छिपा खतरा
त्योहारों के वक्त हर कोई घर में मिठाई लेकर पहुंचना चाहता है — लेकिन शायद ही किसी को अंदाज़ा होता है कि ये मिठास कितनी खतरनाक हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ऐसी नकली मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाले रसायन पेट और लिवर पर गंभीर असर डालते हैं। कई मामलों में ये फूड पॉइजनिंग, एलर्जी और यहां तक कि कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।
पुलिस ने बताया कि ये नकली मिठाइयां मुख्य रूप से असोक विहार, करोल बाग, और नरेला जैसे इलाकों में सप्लाई की जानी थीं। त्योहार के सीजन में डिमांड बढ़ने के कारण ऐसी अवैध फैक्ट्रियां तेजी से सक्रिय हो जाती हैं। उनका मकसद बस एक होता है — “कमाई ज़्यादा, लागत कम।”
दिल्ली पुलिस की सख्त निगरानी
क्राइम ब्रांच ने इस ऑपरेशन के लिए एक विशेष टीम बनाई थी। टीम ने सप्लाई चैन का पीछा करते हुए कई दिनों तक निगरानी की और अंत में छापेमारी की। इस कार्रवाई में फैक्ट्री मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि ये नेटवर्क किन-किन राज्यों तक फैला हुआ है।
एक अधिकारी ने बताया, “हर साल त्योहारों से पहले ऐसी फेक फैक्ट्रियां सक्रिय हो जाती हैं। इस बार हमने तय किया है कि किसी भी कीमत पर नकली मिठाई या मिलावटी घी बाजार में नहीं पहुंचने देंगे।”
जनता के लिए चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस दोनों ने ही लोगों से अपील की है कि वे मिठाइयां खरीदते समय सावधानी बरतें।
- मिठाई खरीदते वक्त ब्रांडेड दुकानों या विश्वसनीय विक्रेताओं को ही चुनें।
- बहुत ज्यादा चमकदार रंग या गंध वाली मिठाई से बचें।
- खुली मिठाइयां खरीदने के बजाय पैक्ड और FSSAI मार्क वाली मिठाई को प्राथमिकता दें।
त्योहारों की असली मिठास तभी है जब हम और हमारे प्रियजन सुरक्षित रहें। एक पल की लापरवाही हमें लंबे समय के नुकसान में डाल सकती है।
त्योहारों की मिठास बचाने की जंग
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई सिर्फ एक छापेमारी नहीं, बल्कि त्योहारों की सच्ची मिठास को बचाने की कोशिश है। नकली मिठाई बेचने वाले लोग सिर्फ कानून नहीं तोड़ते, बल्कि त्योहार की भावना और भरोसे को भी छलते हैं।
इस बार जब आप अपने घर के लिए रसगुल्ले, लड्डू या बर्फी खरीदने जाएं, तो बस एक बार ठहर कर सोचें — क्या ये मिठाई वाकई मीठी है, या ज़हर का दूसरा नाम?
त्योहारों की असली खुशी साफ नीयत, सच्चे स्वाद और सुरक्षित सेहत में है — और यही संदेश दिल्ली पुलिस ने इस सख्त कार्रवाई के ज़रिए दिया है।

