Friday, November 22, 2024
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Wrestling Movement : रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका में विनेश फोगाट, पुष्यमित्र उपाध्याय की कविता ट्वीट कर दिखाए तेवर 

नाम लिए बिना पीएम मोदी को बताया बहरा और गूंगा राजा 

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविन्द ना आएंगे

चरण सिंह राजपूत 

तो क्या इस व्यवस्था से निराश होकर बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली अंतर्राष्ट्रीय पहलवान विनेश फोगाट ने अब उग्र आंदोलन का मन बना लिया है ? क्या विनेश फोगाट अब रानी लक्ष्मी बाई की भूमिका में आ गई हैं ? जिस तरह से विनेश फोगाट ने पुष्यमित्र उपाध्याय की कविता ट्वीट की है उससे तो उनके आक्रामक तेवर दिखाई दे रहे हैं। 

दरअसल विनेश फोगाट ने 

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, 

अब गोविन्द ना आएंगे

छोड़ो मेंहदी खड़ग संभालो 

खुद ही अपना चीर बचा लो 

द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, 

मस्तक सब बिक जाएंगे 

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो,

अब गोविंद ना आएंगे 

कब तक आस लगाओगी तुम 

बिके हुए अख़बारों से 

कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से 

स्वयं लो लज्जा हीन पड़े हैं 

वे क्या लाज बचायेंगे 

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो,

अब गोविंद ना आएंगे 

कल तक केवल अंधा राजा,

 अब गूंगा बहरा भी है 

होंठ सिल दिए हैं जनता के 

कानों पर पहरा भी है 

तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे 

किसको के समझायेंगे 

सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो,

अब गोविंद ना आएंगे … 

पुष्यमित्र उपाध्याय की इस कविता के माध्यम से सीधे सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला है। दरअसल जब विनेश फोगाट के मेडल जीतने पर प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया था। जिस तरह से उनके प्रति हमदर्दी प्रधानमंत्री ने दिखाई थी तो विनेश फोगाट प्रधानमंत्री को उसी रूप में देख रही थीं कि जो रूप उन्होंने अपना स्वागत करते हुए देखा था।

उन्होंने तो पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का असली चेहरा उस समय देखा जब उनके आरोप को नजरअंदाज कर बृजभूषण शरण सिंह को बचा लिया गया। दिल्ली पुलिस से कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल कराकर बजरंग पुनिया को क्लीन चिट दिलवा दी गई। 28 मई को जब दिल्ली पुलिस ने उनके साथ क्रूरता की हदें पार कर की। तब भी पीएम मोदी की चुप्पी नहीं टूटी। उनकी पीड़ा इस बात को लेकर भी है कि पीएम मोदी नारा तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का देते हैं पर बचाते हैं यौन शोषण के आरोपी को। वह कहते तो हैं कि देश में रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं। रेप करने वालों को वह फांसी पर लटकवाने का काम करेंगे पर केस पीड़िताओं पर ही लगवा देते हैं। 

तो क्या विनेश फोगाट पीड़िताओं को लेकर कोई उग्र आंदोलन करने जा रही हैं ? क्या अब पहलवानों का उग्र आंदोलन होगा ? क्या हरियाणा में आंदोलन की बड़ी रणनीति बन रही है ? क्या सिरसा में होने वाली अमित शाह की रैली में पहलवान अपना विरोध दर्ज कराएंगे ? अब देखना यह है कि विनेश फोगाट ने इस कविता के माध्यम से जो अपनी पीड़ा और गुस्सा व्यक्त किया है वह क्या गुल खिलाता है ?

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