अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली में हर साल गर्मी की तीव्रता बढ़ रही है, जिसके कारण तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच रहा है। 2024 में दिल्ली का तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जो भारत में अब तक का सबसे अधिक तापमान था। इस भीषण गर्मी से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने हीट एक्शन प्लान 2025 लागू किया है। यह योजना 21 अप्रैल 2025 को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा शुरू की गई, जिसका उद्देश्य दिल्लीवासियों, खासकर कमजोर वर्गों को गर्मी के खतरों से बचाना और शहर को गर्मी-प्रतिरोधी बनाना है। यह 163 पेज का विस्तृत दस्तावेज है, जो जलवायु परिवर्तन और गर्मी से होने वाली मौतों को रोकने के लिए “जीरो टॉलरेंस” नीति पर आधारित है।
हीट एक्शन प्लान 2025 की प्रमुख विशेषताएं

रियल-टाइम हीट वेव अलर्ट सिस्टम:
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के साथ मिलकर गर्मी की लहरों के लिए रंग-कोडित अलर्ट (लाल, नारंगी, पीला) जारी किए जाते हैं। लाल अलर्ट तब जारी होता है जब तापमान सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक हो।
अलर्ट एसएमएस, मीडिया, और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों तक पहुंचाए जाते हैं, ताकि समय पर सावधानी बरती जा सके।
पानी की व्यवस्था:

दिल्ली में 3,000-4,000 ठंडे पानी के वाटर एटीएम (RO यूनिट) लगाए जा रहे हैं, जो सरकारी स्कूलों, कार्यालयों, बस स्टॉप, और PWD सड़कों पर उपलब्ध होंगे। इनसे रोजाना 5-10 लाख लोगों को शुद्ध और ठंडा पानी मिलेगा।
दिल्ली सचिवालय में डिजिटल कोल्ड वाटर डिस्पेंसर लगाया गया है, जो वास्तविक समय में पानी की गुणवत्ता और तापमान की जानकारी देता है।
“जल दूत” नामक प्रशिक्षित कर्मचारी बस शेल्टर पर शुद्ध पानी वितरित करते हैं।
कूल रूफ और ग्रीन रूफ:
कश्मीरी गेट, आनंद विहार ISBT, और दिल्ली सचिवालय में “कूल रूफ” पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। ये छतें सौर-परावर्तक पेंट या टाइल्स से बनाई जाती हैं, जो गर्मी को परावर्तित कर इमारतों के अंदर का तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस कम करती हैं।
ग्रीन रूफ और बस स्टॉप पर हरियाली बढ़ाने की योजना है, ताकि शहर में गर्मी का अवशोषण कम हो।
छांव और शीतलन केंद्र:
फुटपाथों पर कूलिंग शेड्स और शेडेड शेल्टर बनाए जा रहे हैं, ताकि राहगीरों को गर्मी से राहत मिले।
सार्वजनिक स्थानों पर छांव देने के लिए पेड़ों की संख्या बढ़ाने और ग्रीन कवर को बढ़ावा देने की योजना है।
स्वास्थ्य सुविधाएं:

सभी सरकारी अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के लिए समर्पित वार्ड बनाए गए हैं, जिनमें ICU बेड, ORS, और कूल पैक जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
गर्मी से संबंधित बीमारियों (HRI) की निगरानी के लिए इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के तहत डेटा ट्रैकिंग की जाती है।
बस स्टैंड पर गर्मी से बचाव के लिए पोस्टर और पैंफलेट बांटे जा रहे हैं।
आपदा मित्र और सामुदायिक भागीदारी:
1,800 राष्ट्रीय और दिल्ली आपदा प्रतिक्रिया स्वयंसेवक (“आपदा मित्र”) गर्मी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए तैनात किए गए हैं।
RWA, स्कूल, ASHA कार्यकर्ता, और NGO को स्थानीय स्तर पर योजना लागू करने में शामिल किया गया है।
परिवहन और श्रमिकों के लिए उपाय:

गर्मी की लहर के दौरान दोपहर 12 से 4 बजे तक DTC बसों का संचालन कम करने और बसों में पंखे/कूलिंग सिस्टम लगाने का निर्देश है।
बाहरी काम के घंटों को सीमित करने और मजदूरों के लिए पानी और छांव की व्यवस्था की जा रही है।
बेकार DTC बसों को आनंद विहार, सराय काले खां, और कश्मीरी गेट ISBT पर फूड कियोस्क में बदला जा रहा है, जिससे रोजगार सृजन और सुविधा बढ़ेगी।
पशु-पक्षियों के लिए प्रावधान:
पशु-पक्षियों के लिए पीने का पानी, छांव, और संरक्षण की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी संस्कृति सभी जीवों के प्रति करुणा सिखाती है।”
योजना की चुनौतियां
विशेषज्ञों ने योजना की सराहना की, लेकिन कुछ कमियों पर ध्यान दिलाया:
कानूनी अधिकार की कमी: हीट एक्शन प्लान को लागू करने के लिए कोई कानूनी तंत्र नहीं है, जिससे यह केवल सुझावों का समूह बनकर रह सकता है।
फंडिंग की कमी: गर्मी को आधिकारिक आपदा के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया, जिसके कारण आपदा प्रबंधन फंड का उपयोग मुश्किल है।
जमीनी स्तर पर लागू करने में कमी: 2024 की सर्वे में पाया गया कि केवल 19% दिल्ली के स्वास्थ्य केंद्र गर्मी से निपटने के लिए न्यूनतम रूप से तैयार थे।
DTC कर्मचारियों ने बताया कि बस स्टैंड पर पानी और शेड की कमी है, और गर्मी में बसें रोकने के दिशानिर्देश लागू नहीं हुए।
दीर्घकालिक समाधान
विशेषज्ञों का सुझाव है कि गर्मी से निपटने के लिए सालभर की रणनीति बनानी होगी:
ग्रीन कवर और जलाशयों को बढ़ाना।
भूजल रीचार्ज और वर्षा जल संरक्षण।
अनियंत्रित सीमेंटीकरण पर रोक।
समन्वय के लिए एक केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना।
दिल्ली का हीट एक्शन प्लान 2025 गर्मी से निपटने के लिए एक व्यापक और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण है। पानी, छांव, स्वास्थ्य सुविधाओं, और सामुदायिक भागीदारी पर जोर देकर यह योजना दिल्ली को गर्मी-प्रतिरोधी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, प्रभावी कार्यान्वयन, कानूनी अधिकार, और समर्पित फंडिंग सुनिश्चित करना जरूरी है। दिल्लीवासियों को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए जागरूक रहना होगा, जैसे कि गर्मी में बाहर कम निकलना, पर्याप्त पानी पीना, और हल्के कपड़े पहनना।