अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे दिल्लीवासियों का जीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में इस साल गर्मी ने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 2024 में 29 मई को दिल्ली का तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा, जो भारत में अब तक का सबसे अधिक तापमान माना गया। इस बढ़ते तापमान ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
बढ़ते तापमान का प्रभाव

दिल्ली में गर्मी की तीव्रता ने बिजली की मांग को भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया। 29 मई 2024 को दिल्ली में बिजली की खपत 8,302 मेगावाट तक पहुंची, जो अब तक की सबसे अधिक मांग थी। गर्मी के कारण लोग घरों और कार्यालयों में एयर कंडीशनर और कूलर का उपयोग अधिक कर रहे हैं, जिससे बिजली आपूर्ति पर दबाव बढ़ गया है।
इसके अलावा, भीषण गर्मी से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, और त्वचा संबंधी रोगों के मामले बढ़ रहे हैं। विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और बाहर काम करने वाले मजदूरों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ रहा है।
सरकारी प्रयास और हीट एक्शन प्लान

दिल्ली सरकार ने इस बढ़ती गर्मी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। 10 जून 2025 को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हीट एक्शन प्लान 2025 लागू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत निम्नलिखित कदम शामिल हैं:
रियल-टाइम हीट वेव अलर्ट: लोगों को समय पर चेतावनी देने के लिए।
आपदा मित्रों की टीम: गर्मी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए।
अस्पतालों में विशेष हीट वेव वार्ड: हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए तत्काल उपचार।
ठंडे और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था: जगह-जगह पानी के कूलर और छांव देने वाले शेड्स।
इसके अतिरिक्त, 21 अप्रैल 2025 को दिल्ली में 3,000 ठंडे पानी के कूलर स्थापित करने, इमारतों की छतों पर कूल रूफ और ग्रीन रूफ बनाने, और फुटपाथों पर छांव के लिए कूलिंग शेड्स लगाने की घोषणा की गई। ये कदम गर्मी से राहत देने और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
पर्यावरण पर प्रभाव

बढ़ता तापमान न केवल मानव स्वास्थ्य, बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर असर डाल रहा है। दिल्ली में ग्रीन कवर और जलाशयों की कमी, अत्यधिक सीमेंटीकरण, और ठोस कचरे के निस्तारण की समस्या ने इस संकट को और गहरा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
ग्रीन कवर और जलाशयों को बढ़ाना।
भूजल रीचार्ज और वर्षा जल संरक्षण के लिए प्रभावी कदम।
अनियंत्रित सीमेंटीकरण पर रोक।
ठोस कचरे के निस्तारण की बेहतर व्यवस्था।
क्या करें दिल्लीवासी?

गर्मी से बचने के लिए दिल्लीवासियों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:
दिन के सबसे गर्म समय (दोपहर 12 से 3 बजे) में बाहर निकलने से बचें।
पर्याप्त मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय पदार्थों का सेवन करें।
हल्के और सूती कपड़े पहनें।
घरों में पंखे, कूलर या एसी का उपयोग करें, लेकिन बिजली की बचत का भी ध्यान रखें।
दिल्ली में बढ़ता तापमान एक गंभीर चुनौती बन चुका है, जिसका सामना करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। सरकार के हीट एक्शन प्लान और नागरिकों की जागरूकता से इस समस्या से निपटा जा सकता है। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन कवर को बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाना जरूरी है। दिल्लीवासियों को इस गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और सरकार के साथ मिलकर एक सुरक्षित और सुहावना माहौल बनाने में योगदान देना चाहिए।