Friday, May 17, 2024
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NSP – SGS FARMING & FISHERIES Ltd का 2.5 हज़ार करोड़ का घोटाला

राजधानी दिल्ली में एक बार फिर हुआ बड़ा फ्रॉड। नेताजी सुभाष पैलेस के डी मॉल में चलने वाली स्टार गोल्ड स्टार फार्मिंग एन्ड फिशरीज ली. नाम की कंपनी पर आरोप लगा है कि मात्र 10 महीने में पैसे डबल करने का झांसा देकर कंपनी  दिल्ली और आस पास के इलाकों के हजारों लोगों के लाखों रुपए लेकर चम्पत हो गई। जिसके बाद निवेशक अब थाने के चक्कर लगा रहे हैं।

 अपने लाखों रुपए लुट जाने की दास्तान लिए ये वही लोग हैं जो सरकार और पुलिस की तमाम हिदायतों के बाद भी मात्र 10 महीने में पैसे डबल करने के झांसे में आ गए और न सिर्फ अपनी जीवन भर की कमाई बल्कि बीबी के जेवर, घर के कागजात गिरवी रख कर और बैंक से लोन लेकर लाखों रुपए नेताजी सुभाष पैलेस के डी मॉल के 508 – 509 में चलने वाले स्टार गोल्ड स्टार फार्मिंग एन्ड फिशरीज ली. में लगा दिए।  शुरुआत के एक दो महीनो में चेक आए तो अपने जानकारों और रिश्तेदारों के पैसे भी लगवा दिए।  लेकिन बीते फ़रवरी से न तो कोई चेक आ रहा है और न ही कंपनी के दफ्तर में कोई मिलता है। 

इन लोगों का कहना है कि ये बेवकूफ नहीं हैं, पैसा लगाने से पहले उन्होंने अपने तौर पर इसकी जाँच भी की थी। तब इन्हे भरोसे में लेने के लिए मोदी सरकार के मंत्रालय का सर्टिफिकेट और अन्य सरकारी दस्तावेज भी दिखाए गए।  कंपनी ने न सिर्फ अपनी एक मच्छली की प्रजाति ईजाद करने का  दावा किया, बल्कि पानी के बोट से ले जाकर अपना प्लांट दिखाते हुए बताया कि इस माध्यम से तो कंपनी मात्र छह महीने में एक रुपया का 250 बना लेती है ।

डी मॉल स्थित स्टार गोल्ड स्टार फार्मिंग एन्ड फिशरीज ली. के बंद ऑफिस के चक्कर लगा कर थक चुके ये लोग अब पुलिस की शरण में आए हैं।  दिल्ली दर्पण टीवी ने इस बाबत स्टार गोल्ड स्टार फार्मिंग एन्ड फिशरीज ली. के मिले फोन नंबरों पर कॉल कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उपलब्ध किसी भी नंबर पर बात नहीं हो पाई।

बड़ी समस्या ! अब दाल-रोटी खाना और दूध पीना है तो सावधान !

इसे लोकसभा चुनाव का साइड इफेक्ट कहें या आम आदमी की किस्मत कि गरीबों की सरकार के आते ही राशन के दामों में आग लग गई। खाने पीने की चीजों के दाम पिछले एक महीने में दस से 25 प्रतिशत तक बढ़ गए। दूध अपनी दुधारी से बजट का गला रेत रहा है तो दाल 20 से 30 प्रतिशत बढ़ कर जेब को दांतें दिखा रहा है तो वहीँ तेल की कीमतें रसोई के बजट का तेल निकाल रही हैं, आटा और चीनी की तो बात ही मत कीजिए। 

कीमतों में अचानक से आए इस उछाल से सभी सदमे में हैं, अभी सरकार के बम्पर जीत के जश्न का शोर समाप्त भी नहीं हुआ था कि किसी आतंकवादी घटना की तरह से महंगाई ने बड़ा धमाका कर दिया। इससे सबसे ज्यादा परेशान देश की आधी आबादी यानि गृहणियां हैं, जिन्हे समझ ही नहीं आ रहा कि अब वो घरवालों की थाली में प्यार का निवाला परोसे या भविष्य के सुनहरे सपने। क्योंकि रसोई गैस की कीमतें तो चंद सप्ताह पहले ही बढ़ चुकी थी, बाकी ने भी  उनका अनुसरण कर स्थिति को बढ़ से बदतर कर दिया।    

बीते लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार ने अपने कामयाबी की फेहरिस्त में महंगाई को काबू रखने का भी जिक्र किया था, लेकिन 2.0 की शुरुआत में ही महंगाई की वापसी ने सरकार के लिए बड़ी चुनौती पेश की है, ऐसे में देखने वाली बात होगी की 2.0  इस हमले के जवाब में कब और कौन सा सर्जिकल स्ट्राइक करेगी

CAITऔर Suprabhat Club ने साथ मिलकर आयोजित किया Health Camp

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Kejriwal को क्यों कोस रही हैं महिलाएं

Kejriwal को क्यों कोस रही हैं महिलाएं — जानिए !

दिल्ली में भी मोदी के नाम पर लड़ेगी BJP

लोकसभा के बाद दिल्ली का विधानसभा चुनाव भाजपा मोदी के ही चेहरे पर लड़ेगी। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता विजय गोयल ने इसका एलान, तब किया जब वे सुबह रोहिणी सेक्टर सेक्टर 14 के पार्क में लोगों से मुलाकात कर रहे थे। इस अवसर पर विजय गोयल ने केजरीवाल सरकार पर पूरी तरह से विफल रहने और दिल्ली को कूड़ेदान बनाने का आरोप भी लगाया। 

दिल्ली में विधानसभा चुनाव तो अगले साल फ़रवरी में होने हैं, लेकिन इसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गईं हैं।  एक तरफ मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री सिसोदिया रोजाना ही सरकार के चल रहे कार्यों की समीक्षा के बहाने जन संपर्क कर रहे हैं, तो वहीँ दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने भी सुबह सुबह पार्कों में जाकर लोगों से छोटी छोटी सभाएं करने लगे हैं।  ऐसी ही एक सभा के लिए रविवार को वह रोहिणी सेक्टर 14 के पार्क पहुंचे और लोगों को केजरीवाल सरकार की नाकामियां गिनाईं। 

बता दें कि विजय गोयल इस बार भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं। हलांकि प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी समेत कई अन्य नेता भी इस लाइन में खड़े हैं।  ऐसे में अभी से ही पार्टी धड़ों में न बंट जाए इसलिए गोयल प्रदेश के चेहरे के बजाय मोदी के ही चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। 

निश्चय ही मोदी भाजपा के लिए सिर्फ जिताऊ चेहरा ही नहीं बल्कि संजीवनी बूटी की तरह हैं, लेकिन पिछले कुछ राज्यों के चुनाव में जनता ने इस चेहरे के बजाय स्थानीय मुद्दों पर ही ध्यान दिया है , ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या दिल्ली विधानसभा में भाजपा का वनवास इस बार समाप्त होगा