Saturday, May 11, 2024
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टाटा पावर-डीडीएल बेड़े में इलैक्ट्रिक-सीएनजी वाहन शामिल

दिल्ली के लोगों को अब गर्मी में बिजली के ब्रेक-डाऊन की परेशानी से अधिक देर तक जुझना नहीं पड़ेगा… वजह है टाटा पावर-डीडीएल के कम से कम समय में ब्रेक-डाऊन स्थल पर पहुंचने का मजबूत और ठोस इरादा….टाटा पावर ने गर्मी में ब्रेक डाउन की समस्या को जल्द से जल्द निपटाने और रखरखाव कार्यों को अंजाम देने के लिए अपने बेड़े में 42 ई-स्कूटर, 8 ई-रिक्शा और 3 कॉम्पेक्ट सीएनजी टावर वैगन शामिल किया है….कंपनी के मुताबिक बेड़े में शामिल गाड़ियों से जहां प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी…वहीं इससे दिन-रात मुस्तैदी के साथ भीड़-भाड़ वाले इलाकों और संकरे जगहों पर आने-जाने में भी आसानी होगी….टाटा पावर-डीडीएल के सीईओ एवं एमडी प्रवीर सिन्हा का कहना है कि, ‘एक जिम्मेदार कार्पोरेट होने के नाते वह लगातार पर्यावरण के अनुकूल पहल करते रहते हैं और रख-रखाव के बेड़े में क्लीन फ्यूएल आधारित वाहनों तथा सीएनजी टावर वैगनों को शामिल करना इसी दिशा में बढ़ाया जाने वाला कदम है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि इस कदम से दिल्ली में प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि टाटा पावर-डीडीएल ने अपने रखरखाव बेड़े में ई-स्कूटर और ई-रिक्शा के साथ ही सीएनजी टावर वैगनों को भी शामिल किया है, जो आकार में छोटे हैं तथा अधिक क्लीन फ्युएल पर चलते हैं । यह वैगन अन्य पैट्रोल या डीज़ल आधारित वाहनों की तुलना में 95 फीसदी तक कम कार्बन उत्सर्जित करते हैं। साथ ही, ये वैगन ग्रीन हाउस गैसों को भी 20 से 30 फीसदी तक कम उत्सर्जित करते हैं । छोटे होने के कारण इन वैगनों से अधिक संकरे स्थानों पर भी आने और जाने में आसानी होगी।

इंस्पेक्टर कौशल गंगौली आत्महत्या में नया खुलासा

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दिल्ली के सीआर पार्क पुलिस स्टेशन में 10 मई को शाम 6 बजे अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुदकुशी करने वाले डीआईयू में तैनात इंस्पेक्टर कौशल गंगौली के मौत के मामले में एक नया मोड़ आ गया है…कौशल के परिवार वालो के मुताबिक इंस्पेक्टर को साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट जिले के एक आईपीएस अधिकारी पिछले कुछ महीनो से काफी परेशान किया करते थे और इसी से तंग आकर कौशल ने खुदकुशी जैसा कदम उठाया है . परिवार का कहना है कि जिले के एडिशनल डीसीपी राजीव रंजन उन्हें परेशान करते थे….कई बार तो जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल भी किया करते थे….सब के सामने उनको गालिया दिया करते थे और जूनियर्स के आगे उन्हें अपमानित भी किया जाता था..दरअसल कौशल गंगौली की 1997 में दिल्ली पुलिस में आए कौशल का 6 दिसम्बर 2016 में बतौर इंस्पेक्टर प्रमोशन हुआ था.. जिसके बाद उन्हें एक्स ब्रांच में तैनात किया गया था…परिवार का कहना है कि ट्रांसफर के कुछ ही दिन बाद से ही अधिकारी ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया…ये बाते अक्सर कौशल अपने परिवार को बताया करते थे…परिवार का कहना है कि तंग आकर जब कौशल ने अपने ट्रांसफर की बात की तो उन्हें साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की diu (डिस्ट्रिक्ट इन्वेस्टिगेशन यूनिट ) में भेज दिया…लेकिन उनकी परेशानियां कम नही हुई…उनपर बेवजह काम का दबाव बनाया जाने लगा. इस मामले में पुलिस के मुताबिक इस मामले में धारा 174 सीआरपीसी के तहत मामले की जांच की जा रही है..परिवार से अभी कोई शिकायत नही मिली पर परिवार जो आरोप लगा रहा है उनकी जांच की जाएंगी आज इंस्पेक्टर कौशल के परिवार वाले सीबीआई की मांग कर रही है…उनका कहना है कि उन्हें दिल्ली की जांच पर भरोसा नही है.

मायापुरी में क्लस्टर बस में भीषण आग

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तस्वीरों में आप देख सकते हैं की किस तरह ये बस धू धू कर जल रही है। ये खबर है मायापुरी इलाके से जहाँ एक क्लस्टर बस में अचानक आग लग गयी हालाँकि घटना के वक्त कुछ सवारी थी जिसे समय रहते उतार दिया गया था घटना की जानकारी मिलने के बाद दो फायर टेंडर ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाया, लेकिन तब तक बस बुरी तरह जल गयी थी मिली जानकारी के अनुसार बस उत्तम नगर से नारायणा की तरफ जा रही थी आग के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

मुनिरका में सिलेंडर फटने से कई घायल

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साउथ दिल्ली के मुनिरका इलाके में स्थित एक शॉप में सिलेंडर ब्लास्ट होने से कई लोग घायल हो गए. जिनमे से 2 की हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना मिलते ही मौके पर लोकल पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम पहुँच गयी और घायलों को नजदीक के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मौके पर मिली जानकारी के अनुसार अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन 1 दर्जन से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। यही है वह शॉप जहाँ पर यह हादसा हुआ। आप देख सकते हैं की किस तरह सब कुछ टूट गया है। फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची हुई है। यह शॉप मुनिरका के चार मंजिला बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर है जहाँ पर कपड़ा धुलाई, रंगाई आदि का काम होता है। जिसमे गैस सिलेंडर का भी इस्तेमाल किया जाता है और लोगों के अनुसार उसी दौरान यह हादसा हुआ है। पता तब चला जब अचानक जोर का धमाका हुआ और आसपास के शॉप के शीशे टूट गए। लोग भागकर बाहर आये तो देखा की कपड़े वाली शॉप में सबकुछ क्षतिग्रस्त हो गया है। फिर लोगों ने तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दिया। घायलों में महिलाएं, लड़किया, बुजुर्ग आदि भी शामिल हैं. जिन्हे सफदरजंग-एम्स और नजदीक के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। हादसा कैसे हुआ इसकी जाँच पुलिस कर रही है लोगों का यही कहना है की जब धमाका हुआ और भगदड़ मची तब उन्हें पता चला।

मेरी लापता बेटी ‘कशिश’ को कोई ढूंढ दो

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नोएडा से आज ही दिन कशिश रावत नाम की 5 वर्षीय बच्ची गायाब हुई थी जिसे आज गायब हुए पूरे एक साल हो चुके हैं लेकिन बावजूद इसके अभी तक वह मासूम बच्ची लापता हैं। नोएडा पुलिस अभी तक बच्ची को ढूंढने में असफल साबित हुई हैं। जिसके चलते आज बच्ची के परिजन, पड़ोसी व नोएडा के स्कूल में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे नोएडा के सिटी मेजिस्ट्रेट ऑफिस पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। और सिटी मेजिस्ट्रेट व जिलाधिकारी के द्वारा यूपी के मुख्यमंत्री को इस संबध में एक ज्ञापन भी सौंप रहे हैं। ये सभी मांग कर रहे हैं कि बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढा जाए नहीं तो वह आगे और भी बड़ा प्रदर्शन करेंगे। नोएडा के सैक्टर-22 में रहने वाली पांच वर्षीय कशिश रावत आज ही दिन यानि 12 मई 2016 को पास ही के ग्रीन बेल्ट के पार्क में खेलते हुए गायब या अपहृत हुई थी। इसकी सूचना बच्ची के परिजनों ने सैक्टर-24 स्थित थाने में दी थी। लेकिन तब से अब तक नोएडा पुलिस गायब हुई बच्ची का कोई सुराग तक ढूंढ नहीं पाई हैं। इस सिलसिले में बच्ची के परिजनों ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यावद, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व नोएडा के तमाम मंत्री, अधिकारियों व पुलिस प्रशासन को पत्र व व्यक्तिगत व प्रतिनिधिमंडल के मार्फत अनुरोध पत्र भी दे चुके हैं की कशिश रावत को जल्द से जल्द खोजने का प्रयास किया जाए। इनका कहना है की यह पुलिस प्रशासन की लापरवाही ही है जो अभी तक बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल सका है। इस तरह के मामलों का उजागर होना , एनसीआर में सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े करता है।