महिला मंडल पंजाबी बाग़ का भव्य तीज महोत्सव आयोजन
डीएवी पुष्पांजलि वार्षिक विज्ञानं और कला प्रदर्शनी में दिया पर्यावरण बचाओ का सन्देश
–दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली। कव्वाली गाते ये बच्चे आपका मनोरंजन तो कर ही रहे हैं लेकिन साथ ही साथ एक गंभीर समस्या को भी उजागर कर रहे हैं। जी हाँ , ये कोशिश है डीएवी पुष्पांजलि के बच्चों की ज्सिको ये अपने प्रदर्शन और प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों तक पर्यावरण को बचाने का सन्देश पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल डीएवीं पुष्पांजलि में मौका था वार्षिक विज्ञानं और कला प्रदर्शनी का और इस मौके पर हजारों बच्चों ने कलात्मकता के जरिये लोगों को जागरूक करने की जो कोशिश की , वो काबिलेतारीफ़ है। हजारों की संख्या में छोटे बड़े साइंस मॉडल बना कर बच्चों ने न केवल अपने कला और ज्ञान का परिचय दिया बल्कि एक प्रदूषण मुक्त भविष्य का भी संकल्प लिया। कहीं वेस्ट मैनेजमेंट , तो कहीं एनर्जी कंजर्वेशन , प्रदूषण नियंत्रण से लेकर चाइना के स्ट्रेडलिंग बस तक के मॉडल प्रदर्शनी में लगाये गये थे।
डीए वी पुष्पांजली में इस तरह के आयोजन लगातार होते रहते हैं। ऐसे आयोजन से बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभाओं को उभारने का मंच तो मिलता ही है साथ ही साथ समाज को भी सन्देश जाता है। दिल्ली दर्पण से बात करते हुए स्कूल की प्रिसिपल ने भी बताया की वो किस तरह से इतने बड़े आयोजन की भी सफलता से कर दिखाते हैं।
आप की ‘जंग’ से जंग जारी , दिलीप पांडेय ने पूछे उपराज्यपाल से पाँच सवाल
–अभिजीत ठाकुर
दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद एलजी नजीब जंग जहाँ एक तरफ मीडिया में छाये दिख रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की बौखलाहट भी साफ़ नज़र आ रही है। आम आदमी पार्टी के बड़े नेता रोज कुछ नया बयान दे कर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी कुंठा निकाल रहे हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संयोजक दिलीप पांडेय ने बयान के साथ साथ एलजी के सामने पाँच सवाल भी खड़े कर दिये हैं। नजीब जंग को प्रधानमंत्री मोदी का प्रवक्ता बताते हुए आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय ने सीधे सवाल खड़े करते हुए उपराज्यपाल से ये पूछा है की केजरीवाल सरकार के जिन फैसलों को उन्होंने रद्द किया है उसका कारण बताएँ। बतौर दिलीप पांडेय, दिल्ली सरकार की जिन नीतियों को उपराज्यपाल ने निरस्त किया वो सभी जनता के हित के लिये थी। पांडेय ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाते हुए ये कहा की डीडीए के द्वारा निगम को 1200 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स का भुकतान न करने वाले मुद्दे उठाते हुए पांडेय ने कहा की इस वजह से निगम के हजारों कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है। लेकिन जब दिल्ली सरकार इसके लिये कुछ करती है तो उपराज्यपाल उनके फैसले को निरस्त कर देते हैं। इसके अलावा दिल्ली में गेस्ट टीचर्स को नियमित करने से लेकर, ऐसी प्रीमियम बस सेवा की नीति और सड़क पर बस की लेन अलग करने जैसे फैसले हैं जिनको उपराज्यपाल से मंजूरी नहीं दी गई। दिलीप पांडेय ने कहा की ये तमाम योजनाएं जनता की भलाई के लिए थी लेकिन उपराज्यपाल ने इनको क्यों रद्द किया अब उनको इस बात का जवाब भी देना चाहिये।