Saturday, April 27, 2024
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दिल्ली में फिलहाल नहीं खुलेंगे स्कूल, सीएम केजरीवाल ने बताई ये वजह

नेहा राठौर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार कम होती दिख रही है। इस बीच सभी लोग अब स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है। केजरीवाल ने तीसरी लहर की आशंका जताते हुए मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यहां फिलहाल स्कूल नहीं खोले जाएंगे, इसी के साथ उन्होंने टीकाकरण पर काफी बल दिया।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर से मिल रही जानकारियों से पता चला है कि कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही आने वाली है। ऐसे में जब तक टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक सरकार किसी भी तरह का कोई भी खतरा नहीं लेना चाहती है।  

बता दें कि दिल्ली में लगाई गई पाबंदियों के बाद से कोरोना के मामलों में काफी हद तक कमी आई है। अब दिल्ली सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस महामारी पर काबू पाया जाए, और इसके लिए जरूरी है कि लोग कोविड नियमों का पालन करें।

इस पर विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा समय में बेशक कोरोना के दैनिक मामले घटे हैं, लेकिन कोरोना नियमों का पालन करने में ज़रा सी भी कोताही बरती गई, तो तीसरी लहर जल्द आ सकती है।

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गूगल ने अपना दूसरा क्लाउड एरिया दिल्ली एनसीआर में किया शुरू

नेहा राठौर

दिल्ली सरकार से साझेदारी के बाद टेक जायंट गूगल ने शुक्रवार को भारत में अपना दूसरा गूगल क्लाउड एरिया बनाने की घोषणा कर दी है। इस गूगल क्लाउड एरिया का निर्माण दिल्ली एनसीआर में किया जाएगा, जो खासकर भारत के पब्लिक एरिया और पूरे एशिया में उपभोक्ता की सेवा करने के लिए गूगल का दूसरा सेटअप होगा। हालांकि कंपनी द्वारा इस पर किए गए निवेश की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

इस पर गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन का कहना कि हमने देखा है कि पिछले कुछ समय में भारत में गूगल क्लाउड सर्विस की मांग बढ़ी है। यही कारण हैं कि हम यहां क्लाउड एरिया  बनाना रहे हैं। इससे आने वाले सालों में देश के साथ लोगों का भी विकास हो सकेगा और भारत को इस नए इंफ्रास्ट्रक्चर से आपदा जैसी समस्याओं से निपटने में भी काफी मदद मिलेगी।

बता दें कि 2017 में गूगल का पहला क्लाउड एरिया मुंबई में लाइव किया गया था, जिसमें तीन अवेलेबिलिटी जोन को शामिल किया गया हैं। इतना ही नहीं दिल्ली-एनसीआर में बनने वाला क्लाउड एरिया गूगल का एशिया प्रशांत में 10वां और वैश्विक स्तर पर 26वां सेटअप हैं। क्लाउड एरिया एक फिजिकल ज्योग्राफिक लोकेशन हैं, जहां सार्वजनिक क्लाउड रिसोर्सेज उपलब्ध होते हैं। इससे कस्टमर्स को भी काफी सुविधा मिलेगी।

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दिल्ली पुलिस ने तिमारपुर इलाके में एक बच्चा चोर गैंग का किया भांडाफोड़

नेहा राठौर, संवाददाता

नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर इलाके में पुलिस ने एक बच्चा चोर गैंग का भांडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गैंग में शामिल 4 महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है। ये लोग अपहृत तीन साल के बच्चे को बेचने की कोशिश में थे।

जांच के दौरान पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला, संदिग्ध लोगों और पड़ोसियों से पूछताछ की, संदिग्ध फोन नंबर्स की जांच की, जिस जगह पर शक था उस जगह पर सूत्रों की तैनाती की, उसके बाद इन सभी आरोपियों को धर लिया।

दरअसल, 13 जुलाई को पुलिस को जानकारी मिली थी कि जहांगीरपुरी में मां-बेटी मिलकर एक अपहरण किए हुए बच्चे को बेचने की फिराक में बैठी हैं। इस मामले में पुलिस ने बुजुर्ग महिला राज रानी और उसकी बेटी अनुज रानी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के दौरान मां-बेटी ने बताया कि अपहृत बच्चा उन्हें एक सीमा नाम की लड़की ने दिया था।

उसके बाद सीमा को पकड़ा गया और उसने बताया कि ये बच्चा उसे मुकुंदपुर के रहने वाले सर्वेश ने दिया था। उसके बाद सर्वेश को गिरफ्तार किया गया और उसने बताया कि ये बच्चा उसे शिकायतकर्ता की पड़ोसी सुनीता ने दिया था। इस बच्चे के बदले उसने सुनीता को पूरे 70,000 रुपये देने का वादा किया था।

इस मामले में पकड़े गए सभी आरोपियों ने अरपाध करने के पीछे का कारण कोरोना के कारण हो रही पैसों की परेशानी बताया। सुनीता ने इसी कारण अपने पड़ोसी का बच्चा अगवाह किया और उसे सर्वेश को बेच दिया। इस मामले में सर्वेश ने अपने साथ तीनों आरोपियों सीमा, राज रानी, अनुज रानी को भी शामिल कर लिया।

बता दें कि आरोपी सर्वेश एक ऑटो चालक है। वहीं, अनुज रानी 10वीं पास है और बाकी सभी आरोपी महिलाएं अनपढ़ और गृहिणियां हैं। इन चारों महिलाओं में से तीन विधवा हैं।

विश्व में शांति एवं सद्भाव के लिए महाराजा अग्रसेन के 18 जीवन मूल्य सिद्धांत

प्रभुशरण तिवाड़ी


नई दिल्ली।
आज संपूर्ण विश्व राग, द्वेष, अहंकार के कारण भयानक कष्ट पा रहा है तथा स्वहित के चक्रव्यूह में फंसे देशों की गलत सोच स्वार्थपरक नीति के कारण उसका अभिशाप सब को भोगना पड़ रहा है। वर्तमान की इस विषम परिस्थिति में विश्व को महाराजा अग्रसेन जी के बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। उनका दिया ज्ञान उनके दिए 18 जीवन मूल्य सिद्धांत संसार के कष्टों को नष्ट कर आनंद की धारा बहा सकते हैं। जिस प्रकार गंगा मैया के पावन जल से सगर पुत्रों का उद्धार हो गया, उसी प्रकार अग्रसेन जी का संदेश विश्व को क्लेश मुक्त करने में सक्षम है। भागवत सहित अनेक ग्रंथों में भगवान की जो अवतार धारणा है। वहीं अंशावतारों में विशेष लक्ष्य निहित होता है। महाराजा अग्रसेन को कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्री कृष्ण का सामीप्य व ज्ञान प्राप्त हुआ और उन्होंने उस को आत्मसात किया तथा अपने जीवन में अपनाकर सबको दिखलाया। उन्होंने अपने पुत्रों, प्रजा एवं विश्व को उच्च जीवन जीने के लिए 18 जीवन मूल्य सिद्धांत बतलाए जो निम्न प्रकार हैं-

  1. सत्य सत्य से बढ़कर कोई धर्म नहीं है सत्य ही धर्म का आधार है। मन और वाणी के यथार्थ कथन का नाम ही सत्य है। सत्य वह है जिससे सब दुर्गुण सद्गुणों के रूप में परिणित हो जाते हैं। महाराजा अग्रसेन ने इसे जीवन मूल्य का मुख्य आधार माना है।
    2.धर्म जो समस्त विश्व को धारण करने वाला है उस सर्वशक्तिमान परमात्मा के विधान का नाम धर्म है। संपूर्ण प्राणी मात्र के अभ्युदय की कामना ही धर्म है।
    3.अहिंसा धर्म के अनुसार ईश्वर की संतति की रक्षा, अभ्युदय ही अहिंसा है। सबके मंगल की कामना ही अहिंसा का व्रत है। जिसके कारण ही अग्रसेन जी ने क्षत्रियता का त्याग कर वैश्य वर्ण अंगीकार किया।
  2. क्षमा मन के प्रतिकूल कार्य पर भी संयम प्रतिहिंसा का भाव न होना क्षमा है। श्रेष्ठ पुरुषों को इसे सदैव जीवन में अपनाना चाहिए। इससे विद्वेष स्वतः ही समाप्त हो जाता है।
    5.दया मन में दया का भाव ही मानवता की निशानी है। मनुष्य सृष्टि के 84 लाख तरह के प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है। दया उसका मुख्य आभूषण है। दया का अभाव मनुष्य को दैत्य बना देता है।
  3. पुरुषार्थ महाराजा अग्रसेन ने जीवन में पुरुषार्थ को बहुत महत्व दिया है। पुरुषार्थ से ही मनुष्य जीवन में उन्नति के पथ पर आगे बढ़ता है तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। किसी भी अवस्था में पुरुषार्थ का त्याग नहीं करना चाहिए।
  4. संयम मनुष्य जीवन में संयम द्वारा ही महानता को प्राप्त कर सकता है। स्वयं पर अनुशासन ही संयम है। संयम से मनुष्य में अपार शक्ति का उदय होता है और वह प्रत्येक कार्य को करने में सक्षम बनता है। महाराजा अग्रसेन ने जीवन पर्यंत संयमित जीवन जिया।
  5. प्रजा दारिद्रहरण (अंत्योदय) प्रत्येक शासक का मुख्य कर्तव्य है कि वह अपनी प्रजा को संपन्न बनाए। सर्वे भवंतु का उद्घोष राजा का लक्ष्य होना चाहिए। जो सबसे पिछड़ा है उनको उठाना पहला कर्तव्य होना चाहिए।
  6. पराक्रम पराक्रम ही स्वतंत्रता एवं शांति की पहली सीढ़ी है। जिसमें पराक्रम का अभाव हो गया आतातायी उसे पराधीन कर उसकी स्वतंत्रता छीन लेगा। यह सिद्धांत व्यक्ति, समाज, राष्ट्र सब पर समान रूप से लागू होता है।
  7. निर्भयता जिसे उन्नति एवं लक्ष्य की प्राप्ति करनी है उसके लिए निर्भय होना बहुत आवश्यक है। निर्भयता को सिद्ध करके ही महाराजा अग्रसेन ने समस्त कामनाओं को सिद्ध किया।
  8. नारी सम्मान एक नारी व्रत, ब्रह्मचर्य का पालन, गृह लक्ष्मी का सम्मान यह सभी सामाजिक धर्माचरण के कर्तव्य हैं। इनके पालन की शिक्षा महाराजा अग्रसेन ने अपने पुत्रों, प्रजाजनों एवं समस्त मानवता को दी।
  9. निराभिमान अभिमान मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। अभिमान आते ही मनुष्य संस्कार विहीन होकर अन्यायी बन जाता है। निराभिमानी ही सदैव सर्वहित के कार्य कर अपना विकास कर सकता है।
  10. विनयशीलता विनयशील होना मानवता व संस्कारित होने की पहचान है।मनुष्य में ज्यों ज्यों गुणों की; अच्छाइयों की वृद्धि होगी उसकी विनयशीलता बढ़ती जाएगी। इससे सद्भाव एवं आपसी प्रेम की वृद्धि होती है। यह मानवता का प्रमुख लक्षण है।
  11. दान प्रवृत्ति देने की प्रवृत्ति से ही मनुष्य में श्रेष्ठता आती है अन्यथा अपना भला व सब काम तो पशु भी करते हैं। अग्रसेन जी ने जीवन मूल्यों के लिए इसे बहुत आवश्यक माना है।
  12. शरणागति भगवान राम के वंशज होने के कारण अग्रसेन जी ने शरणागति को मानव का श्रेष्ठ मूल्य सिद्धांत माना है। उन्होंने अपने जीवन में अनेक बार स्वयं इसको प्रदर्शित किया है।
  13. समानता सभी मनुष्य एक समान हैं, मनुष्य में कोई बड़ा छोटा नहीं होता। सभी समान धर्मा हैं। गुणों एवं विशेषता से सम्मान बढ़ता है। मनुष्य में कोई भेद नहीं है यह महाराजा अग्रसेन विशेष मान्यता थी।
  14. अभयदान अभयदान श्रेष्ठ मनुष्य का उत्तम गुण है। महाराजा अग्रसेन ने इसे उच्च मानवता बताया है एवं अनेक बार घोर शत्रुओं को अभयदान प्रदान किया।
  15. भगवत प्राप्ति मनुष्य जीवन का उच्चतम उद्देश्य भगवान की प्राप्ति है। भगवान के साथ एकाकार होना; भगवतमय होना ही श्रेष्ठ जीवन का उद्देश्य व संकल्प होना चाहिए। महाराजा अग्रसेन ने स्वर्ग से आए विमान को लौटा कर केवल भगवत प्राप्ति की इच्छा बतलाई तथा उन्होंने अपने श्रेष्ठ जीवन को संपूर्ण कर अपने अंतिम लक्ष्य मोक्ष (भगवताकार होना) को प्राप्त किया। इन सिद्धांतों को अपनाकर मनुष्य संपूर्ण मानव बन सकता है और विश्व एक सुंदर संसार।

मलेरिया से बचाव के लिए वार्ड नं. 61 की नालियों में किया गया दवा का छिड़काव

नेहा राठौर, संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित हैदरपुर के निगम पार्षद सुजीत ठाकुर ने गुरुवार को यानी 15 जुलाई को अपने वार्ड नं. 61 में पीतमपुरा में मलेरिया विभाग द्वारा संजय कैंप, बहुजन कैंप, निर्माण कैंप, लोहिया कैंप, अंबेडकर कैंप में लगवाए। इसके अलावा उन्होंने हैदरपुर की नालियों में किटनाशक दवाई भी डलवाई।

साथ ही उन्होंने EU विद्यालय व HU विद्यालय में हार्टिकल्चर विभाग द्वारा साफ सफाई किया गया।
बता दें कि सुजित ठाकुर आए दिन अपने वार्ड में साफ सफाई का काम करवाते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए अपने वार्ड में गलियों के बड़े-बड़े गढ़ों को भी भरवाया था। इतना ही नहीं हाल ही में उन्होंने डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर केशवपुरम में वृक्षारोपण भी किया था।