Sunday, May 19, 2024
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बीजेपी और “आप ” सरकार नाटक बंद कर जनता को टेक्स से रहत दे :- चौ. अनिल कुमार

दिल्ली दर्पण दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और बीजेपी की नगर निगम और केंद्र सरकार पर कोरोना महामारी के चलते आर्थिक मंडी झेल रही जनता पर अतिरिक्त टेक्स लगाकर दिल्ली वालों पर आर्थिक बोझ डालने का आरोप लगाया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने प्रेस वार्ता में कहा की बीजेपी और आम आदमी पार्टी की सरकारें तरह तरह के टेक्सों में बढ़ोतरी करके जनता पर आर्थिक बोझ दाल रही है।दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल चौधरी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सरकार पर कटाक्ष करते हुए आम आदमी पार्टी के  दक्षिण दिल्ली नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन को नाटक करार दिया। अनिल चौधरी ने कहा की यदि आम आदमी पार्टी सरकार इतनी ही चिंतित है तो वह बिजली की बिलों पर फिक्स चार्ज और डीज़ल और पेट्रोल के दामों पर वैट काम क्यों नहीं करती। 

संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम आर्थिक मंदी झेल रहे दिल्लीवासियों को मिलने वाले वेतन और पेशेवर लोगों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाकर एक नये टैक्स के बौझ तले लोगों को आर्थिक रुप से दबा रही है। उन्होंने कहा कि प्रापर्टी स्थानंतरण ड्यूटी में भी 1 प्रतिशत टैक्स की बढ़ौत्तरी करके और व्यवसायिक सम्पति पर Occupancy Factor 1 से बढ़ाकर Factor 2 कर दिया जिससे टैक्स दुगना हो गया है। संवाददाता सम्मेलन में चौ0 अनिल कुमार के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मुदित अग्रवाल, पूर्व मेयर श्री फरहाद सूरी, निगमों में कांग्रेस दल के नेता श्री मुकेश गोयल, श्री अभिषेक दत और कु0 रिंकू मौजूद थी।

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चौ0 अनिल कुमार ने भाजपा से टैक्सों की वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि निगम द्वारा लगाए टैक्सों को तुरंत प्रभाव से वापस नही लिया गया कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ दिल्ली भर में आंदोलन चलाऐगी।

 पूर्व मेयर श्री फरहाद सूरी ने कहा कि मैं जानना चाहता हूॅ कि दिल्ली नगर निगम मे सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को बरकरार रखने के लिए लोगों पर अतिरिक्त टैक्स को बौझ क्यों लादना चाहते है? उन्होंने कहा कि मानसून की पहली बारिश में ही दिल्ली में बाढ़ जैसा वातावरण में दिल्ली जलमय हो गई थी, जिससे अंडरपासों में पानी भरने से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। दिल्ली में नालों की गाद की सफाई नही की गई। उन्होंने कहा कि जब डिसिल्टिंग का काम ही नही हुआ तो उसका पैसा कहां गया।

 चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि जब भाजपा ने कहा, “अगर एम.सी.डी. के पास पैसा नही होगा तो केन्द्र में भाजपा की सरकार सीधे दिल्ली नगर निगम को स्पेशल पैकेज के द्वारा पैसा देगी”। उन्होंने कहा कि लोगों पर आर्थिक बौझ न पड़े इसके लिए दिल्ली सरकार को भी निगम को स्पेशल पैकेज के तहत आर्थिक मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में लोगों की आय घटी है क्योंकि कम्पनियों ने लोगों के वेतन में कटौती की है। इस स्थिति में दिल्ली वासियों पर अतिरिक्त टैक्स का बौझ डालकर आर्थिक संकट में बढ़ौतरी नही करनी चाहिए।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते है, वहीं भाजपा की शासित दिल्ली नगर निगम नए टैक्स लगाकर, टैक्स में बढ़ोत्तरी करके आत्मनिर्भरता के मिशन को असफल कर रही है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा ने 2017 के अपने घोषणा पत्र में किसी भी तरह के टैक्स में बढ़ोत्तरी न करने की बात कही थी, परंतु भाजपा आर्थिक मंदी झेल रहे दिल्ली वासियों पर तानाशाही रवैये के चलते अतिरिक्त टैक्स बढ़ाकर लोगों को आर्थिक संकट में डाल रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष, जो खुद मौजूदा निगम पार्षद भी हैं, वह कह रहे हैं कि कोई नया टैक्स नही लगेगा जबकि उनकी पार्टी के मेयर नए टैक्सों को लगाने के लिए दृढ़ संकल्प है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के बीच नूरा कुश्ती के कारण लोग पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि कही अतिरिक्त टैक्स के द्वारा एकत्रित किया जा रहा पैसा भाजपा भ्रष्टाचार के लिए तो जमा नही कर रही है?

शिक्षा के साथ अब हुनरमंद भी बनेगा आपका बच्चा! नई शिक्षा नीति-2020 लाएगी देश में क्रांतिकारी बदलाव

शिक्षा के साथ अब हुनरमंद भी बनेगा आपका बच्चा!
नई शिक्षा नीति-2020 लाएगी देश में क्रांतिकारी बदलाव

दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली, ब्यूरो। भारत को जल्द ही नई शिक्षा नीति मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस नीति से बच्चांे को शिक्षित करने के साथ इस बात पर ज्यादा बल दिया गया है कि वह आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए रोजगारपरक और उनके क्षमता विकास को ज्यादा तवज्जो दी गई है। यानी एक्स्ट्रा करिकुलम से आपका बच्चा स्कूल टाइम में ही हुनरमंद हो जाएगा जिससे उन्हें बेरोजगारी का दंश नहीं झेलना पड़ेगा। इस प्रकार के कई महत्वपूर्ण बदलाव, नई शिक्षा नीति में आपको देखने को मिलेंगे जो बच्चों के भविष्य को तय करने में सक्षम होगा। 

नई शिक्षा नीति में ‘टेन प्लस टू’ के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया है। अब ये 5़ प्लस, 3 प्लस, 3 प्लस, 4 प्लस के हिसाब से होगा। इस फार्मूले को इस प्रकार समझें कि प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक एक हिस्सा, फिर तीसरी से पांचवीं तक दूसरा हिस्सा, छठी से आठवीं तक तीसरा हिस्सा और नौंवी से 12 तक आखिरी हिस्सा होगा। यानी पहले तीन साल आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा, फिर अगले दो साल कक्षा एक एवं दो में स्कूल। इन पांच सालों की पढ़ाई के लिए अलग से एक नया पाठ्यक्रम होगा। इनमें ज्यादातर एक्टिविटी आधारित शिक्षण पर फोकस होगा। इसमें 3 से 8 साल तक की उम्र के बच्चे शामिल होंगे। इस तरह पढ़ाई के पहले पांच साल का चरण पूरा होगा।

प्रीप्रेटरी
इसमें कक्षा 3 से 5 तक की पढ़ाई होगी, जिसमें प्रयोगों के जरिए बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई कराई जाएगी। 8 से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।

मिडिल
इसमें कक्षा 6-8 की कक्षाओं की पढ़ाई होगी और 11-14 साल की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा। इन कक्षाओं में विषय आधारित पाठ पढ़ाए जाएंगे। कक्षा 6 से ही कौशल विकास कोर्स भी शुरू हो जाएंगे।

सेकेंडरी
कक्षा 9 से 12 की पढ़ाई दो चरणों में होगी, जिसमें विषयों का विस्तार से पढ़ाई होगी, जहां विषयों को चुनने की स्वतंत्रता होगी।

बेरोजगारी होगी दूर
अब नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों के परफॉर्मेंस और उनके रिपोर्ट कार्ड में भी बदलाव किए जाएंगे। पहले सरकारी स्कूलों में प्री-स्कूलिंग नहीं थी। वहां कक्षा एक से 10 तक सामान्य पढ़ाई होती थी और कक्षा 11 से विषय चुन सकते थे। लेकिन अब छठी क्लास से ही प्रोफेशनल नॉलेज एवं स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था बनाई गई है। स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। नई शिक्षा नीति से बेरोजगारों की फौज तैयार होने के गुंजाइश कम होंगे। खास बात यह कि स्कूल में ही बच्चे को नौकरी के जरूरी प्रोफेशनल शिक्षा दी जाएगी।

10वीं और 12वीं परीक्षा आसान
10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में बड़े बदलाव दिखेंगे। साल में दो बार परीक्षाएं कराना, दो हिस्सों वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक श्रेणियों में इन्हें विभाजित करना आदि से अब निजात मिलेगी। बोर्ड परीक्षा में मुख्य बल ज्ञान के परीक्षण पर होगा ताकि छात्रों में रटने की प्रवृत्ति खत्म हो। कहते हैं कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर छात्र हमेशा दबाव में रहते हैं और अधिक अंक प्राप्त के चक्कर में कोचिंग पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन भविष्य में उन्हें इससे मुक्ति मिल सकती है। नई नीति में अब प्रैक्टिकल माॅडल तैयार किया जाएगा जिसमें वार्षिक, सेमेस्टर और माॅडयूलर बोर्ड परीक्षाओं का प्रावधान होगा।

रिपोर्ट कार्ड का आकलन
बच्चों का तीन स्तरीय आकलन किया जाएगा। एक स्वयं छात्र करेगा, दूसरा सहपाठी और तीसरा उसका शिक्षक। नेशनल एसेसमेंट सेंटर ‘परख’ बनाया जाएगा जो बच्चों के सीखने की क्षमता का समय-समय पर परीक्षण करेगा। 100 फीसदी नामांकन के जरिए पढ़ाई छोड़ चुके करीब दो करोड़ बच्चों को फिर से दाखिला दिलाया जाएगा।

कहते हैं कि एक अच्छा शिक्षक एक अच्छा छात्र तैयार करता है, इस दिशा में उनके प्रशिक्षण पर भी विशेष बल दिया जाएगा। सरकार अब न्यू नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार करेगी, जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा अब बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा, यानी अगर आपने स्कूल में कुछ रोजगारपरक सीखा है | तो उसे आपके रिपोर्ट कार्ड में जगह मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाए। उक्त नीति में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा।

खासियत
देश की शक्षिा नीति में 34 साल बाद नये बदलाव किए गए हैं। इस नई नीति में स्कूल के बस्ते, प्री प्राइमरी क्लासेस से लेकर बोर्ड परीक्षाओं, रिपोर्ट कार्ड, यूजी एडमिशन के तरीके, एमफिल तक बहुत कुछ बदल गया है। इसकी खासियत यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है। मकसद पढ़ाई के साथ स्किल को जोड़ा है।

अभी तक शादी होने या किसी के बीमार होने पर किसी की पढ़ाई बीच में छूट जाती थी। अब ये व्यवस्था है कि अगर किसी कारण से पढ़ाई बीच सेमेस्टर में छूट जाती है तो इसे मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम के तहत आपको लाभ मिलेगा। मतलब अगर आपने एक साल पढ़ाई की है तो सर्टिफिकेट, दो साल की है तो डिप्लोमा मिलेगा। तीन या चार साल के बाद डिग्री दी जायेगा |

कुछ महत्वपूर्ण बदलाव
-अब सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का कुल 6 फीसदी शिक्षा पर खर्च होगा। फिलहाल भारत की जीडीपी का 4.43 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च होता है।
-मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

राजधानी के निजी स्कूलों के धमकी वाले SMS ,अभिभावकों को फीस देने के लिए धमकी

कोरोना काल में निजी स्कूलों का नया कारनामा
अभिभावकों ने स्कूल के बाहर किया प्रर्दशन

संजय सिंह ,दिल्ली दर्पण टीवी  

पीतमपुरा | कोरोना काल में निजी स्कूलों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही , ऐसे में अभिभावकों की परेशानी और बढ़ती जा रही है दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिशोदिया ने भी एक सन्देश के द्वारा  यह जानकारी दी थी की कोई भी निजी स्कूल कोरोना काल में फीस के आभाव में बच्चे का नाम नहीं काट सकता लेकिन निजी स्कूल तो निजी स्कूल है चलानी तो अपनी है

राजधानी के एक बड़े निजी स्कूल सचदेवा पब्लिक स्कूल के बाहर खड़े इन अभिभावकों ने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा की जिस स्कूल में उनका बच्चा इतने सालो से पढ़ रहा है , जिस स्कूल को वह इतने सालो से बिना लेट किये फीस देते आ रहे है, जिस स्कूल का नाम गर्व के साथ दुनिया को बताते आ रहे है वही स्कूल उनको बुरे वक्त में धमकी भरे मैसेज  भेजेगा , वही स्कूल उनके बच्चो का नाम काटने की धमकी देगा, उसी स्कूल के बाहर एक दिन तकती पकड़ कर उनको प्रशाशन से गुहार लगानी पड़ेगी।

अब यह अभिभावक डीएम ऑफिस के चक्कर लगा रहे है , डीएम के सामने गुहार लगा रहे है की स्कूल की मनमानी पर लगाम लगायी जाये ,हालाँकि डीएम ऑफिस में यह चौथी बार अभिभावक शिकायत लेकर पहुंचे है| अभिभावकों का कहना है की कोरोना काल से पहले कभी उन्होंने स्कूल की फीस लेट नहीं होने दी सभी फीस समय पर पहुंची है इसके अलावा स्कूल के दुनिया भर के फण्ड में भी हमेशा समय पर पैसा दिया है हमारी फीस से स्कूल तो बड़ा हो गया लेकिन स्कूल प्रशाशन की  नियत बहुत छोटी रह गयी , आज वक्त कुछ और है|

आज हमारे साथ आर्थिक स्तिथि कुछ और है हम सक्षम नहीं है कोरोना के चलते काफी नुकसान हुआ है ऐसे में स्कूल को मानवता के आधार पर फैसले लेने चाहिए , सिर्फ खानापूर्ति के लिए बच्चो को सात सात घंटे ऑनलाइन पढ़या जा रहा है ऐसे में मोबाइल से इतने देर तक पढ़ने से बच्चो के स्वास्थ्य पर क्या असर होगा उसकी स्कूल को कोई चिंता नहीं है, चिंता है तो बस यह की फीस समय पर आजाये। अब अभिभावक फीस नहीं भर पा रहे है तो स्कूल अभिभावकों को धमकी भरे मैसेज भेज रहा है की अगर फीस जमा नहीं होती है तो  क़ानूनी कार्यवाही भी स्कूल कर सकता है अभिभावकों ने कहा की स्कूल की तरफ से ऐसे मैसेज मिलने से बच्चो के साथ हम भी मानसिक दबाव में है|

यह वो निजी स्कूल है जिन पर बच्चो का आदर्श भविष्य बनाने की जिम्मेदारी होती है लेकिन इस कोरोना काल में स्कूलों के आदर्श अब दुनिया को दिखने लगे है क्या शिक्षा देंगे यह स्कूल जो खुद शिक्षा के आभाव में अभिभावको को मैसेज   कर रहे है कोरोना काल ने स्कूलों की पैसे की भूख को दुनिया के सामने लाकर रख दिया है|  

सेहत के फिक्रमंदों के लिए अच्छी खबर ! जिम मालिकों के साथ सुधरेगी सरकार की आर्थिक सेहत!

दिल्ली दर्पण टीवी


नई दिल्ली, ब्यूरो। कोरोना का डर अब धीरे—धीरे लोगों के दिलों से निकल रहा है। वहीं दिल्लीवासी भी अपनी दिनचर्या को सामान्य बनाने की कोशिशों में लग गए हैं। एक अगस्त से नाइट
कर्फ्यू हटते ही राजधानी में जिम और योगा सेन्टर गुलजार होने वाले हैं। आपके तन—मन की ताजगी के लिए 5 अगस्त से ट्रेडमिल पर आपके पांव थिरकने लगेंगे। सबसे ज्यादा खुश वे युवा नजर आ रहे हैं| जिन्हें लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर अपने घरों में ही कैद रहना पड़ा है। यानी  सेहत के फिक्रमंदों के लिए यह एक अच्छी खबर है, साथ ही जिम मालिकों के लिए भी राहत भरी खबर है कि बीते 4 महीने से धूल फांक रहे जिम के साथ उनके व्यवसाय को गति मिलेगी।

बता दें कि अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए दिल्ली सरकार ने अलग—अलग चरणों में बाजार को नार्मल करने की तैयारी करने का फैसला किया है। इसी क्रम में आगामी 5 अगस्त से जिम और योगा सेंटर खोले जाएंगे। मगर कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है इसलिए बेहद सावधानी, शर्तों और सतर्कता से सरकार ने यह मंजूरी प्रदान की है। जिम मालिकों को इसका खास ध्यान रखना होगा। वैसे सरकार के इस फैसले से दिल्ली के अंदर चल रहे सैंकड़ों जिम सेंटर या योगा सेंटर के मालिकों में प्रसन्नता की लहर है। उनका मानना है कि अभी इतना रिस्पांस तो नहीं आने के आसार दिख रहे मगर इतना तय है कि जिम खुलने से न केवल लोगों की सेहत सुधरने वाली है बल्कि सरकार के आर्थिक हालात में भी कुछ सुधार दिखने वाले हैं। दिल्ली में लंबे समय से लॉकडाउन रहा है मगर धीरे—धीरे दिल्ली अब सब खुल रहा है।

कोरोना महामारी की बात करें तो दिल्ली में स्थिति थोड़ी बेहतर जरूर हुई है। यही कारण है कि सड़कों वाहनों की रफ्तार और दफ्तरों में चहल—पहल बढ़ गई है। दिल्ली सरकार की तरफ से भी अब दिल्ली को थोड़ा और नॉर्मल करने की तैयारी है। फिलहाल जिम और योगा सेंटर खोलना उसी दिशा में एक सार्थक कदम है, बाद में सिनेमा हॉल, मेट्रो, स्कूल और कॉलेज खोलने की भी योजना है। मगर इसके लिए लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।

इन दिनों पूरे देश में इन्हें खोलना मुश्किल नजर आ रहा है। देश भर में जिम फिलहाल बंद हैं, मगर अब हर जगह इसमें राहत मिलने के आसार हैं। असल में जिम बंद होने से इनके मालिक और लोग काफी परेशान थे। उनका कहना था कि शराब की दुकानें खुली हैं लेकिन सेहत को ठीक रखने वाले जिम बंद हैं। यह ठीक नहीं, ज्ञात हो कि देश भर में कई जगहों पर इसके खिलाफ प्रदर्शन भी हुए थे।

रोहिणी -रोटरी क्लब और आरडब्लूए मिलकर लगाएंगे 15000 पेड़ :-रजनीश,अध्यक्ष रोटरी

दिल्ली दर्पण संवाददाता

नई दिल्ली, ब्यूरो। रोहिणी के रोटरी क्लब एवं नारायणा के आरडब्लूए फेडरेशन ‘ब्रोदरहुड वेलफेयर एसोसिएशन’ के सहयोग से नारायणा विहार ए—ब्लॉक के फाउंटेन पार्क में वृक्षारोपण किया गया। इस मेगा प्लांटेशन ड्राईव में बड़ी तादाद में पेड़ लगाए गए। इन पेड़ों में नीम, अमरूद, तुलसी, ऐलोवीरा ,कड़ी पत्ता, जामुन आदि के पौधे ज्यादा तादाद में लगाए गए।

इस अवसर पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष रजनीश ने बताया कि क्लब विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर लगभग 15000 वृक्षारोपण करेगा जिसका शुभारंभ डीएवी एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी सुल्तानपुरी के साथ मिलकर किया गया। इस अवसर पर क्लब के अध्यक्ष ने बताया कि रोहिणी क्लब अलग-अलग सोसाइटियों के पार्क में वृक्षारोपण किया जाएगा। वृक्षारोपण के साथ इनकी सही देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है ताकि ये पेड़ विकसित हो सकें।

इसे ध्यान में रखते हुए इनकी देखभाल के लिए प्रत्येक सोसाइटी में पर्यावरण रक्षक समिति का गठन किया जाएगा। रक्षक समिति के सदस्य इनकी देखभाल में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। इस अवसर पर नारायणा आरडब्ल्यूए फेडरेशन के सचिव अनिल मुटरेजा ने कहा कि वृक्ष है तो हमारा जीवन है, यदि समय रहते हम पर्यावरण के प्रति अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ी को बहुत ही भयानक बीमारियों का सामना करना पड़ेगा। क्लब सुनिश्चित करेगा कि अधिक से अधिक पौधे जीवित रहे।

खास बात यह है कि क्लब एवं संस्था के लोगों को केवल 10 रूपए में जूट बैग उपलब्ध कराएगी, जिससे लोग प्लास्टिक पॉलिथीन का त्याग कर सकें। इस अवसर पर क्लब के पूर्व अध्यक्ष विपिन गुप्ता, नवीन कालरा, अतुल वर्मा आदि उपस्थित थे।