मानवी खेतान : दिल्ली दर्पण
दिल्लीवासियों के लिए रहत की खबर है | भीषण गर्मी और लू के थपेड़ो से परेशान राजधानी में अगले कुछ दिनों में मानसून दस्तक दे सकता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD ) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सक्रीय मॉनसूनी हवाओ ने रफ़्तार पकड़ ली है, और यह अब तेजी से उत्तर भारत की ओर बढ़ रही हैं . यदि मानसून अनुकूल रहा, तो जून के आखरी सप्ताह तक दिल्ली मे मॉनसून की पहली बारिश हो सकती हैं|
मॉनसून की चाल और वर्तमान स्थिति
मॉनसून विभाग के अनुसार, सामान्य तौर पर दिल्ली में मॉनसून 27 जून के आसपास आता हैं | इस बार यह अनुमान जताया जा रहा हैं की मॉनसून समय पर या उससे पहले ही राजधानी पहुंच सकता हैं | अभी तक मॉनसून ने केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों को कवर कर लिया हैं | राजस्थान और उत्तर प्रदेश क्र पूर्वी इलाकों मे भी बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई हैं |
दिल्ली-एनसीआर मे भी पिछले कुछ दिनों से मौसम में बदलाव देखने को मिला हैं | शाम के समय आंधी, बादल और हलकी बूंदाबांदी ने गर्मी से थोड़ी रहत दी हैं | हलाकि तापमान अभी भीं 40 डिग्री सेल्सियस के करीब बना हुआ हैं , लेकिन मॉनसून के आने के साथ ही इसमें गिरावट आने की संभानवा हैं |

मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विज्ञानं विभाग ने बताया हैं की अगले 4 से 5 दिनों में दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे मॉनसूनी बारिश की शुरुआत हो सकती हैं | विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं की इस बार दिल्ली में सामान्य से अच्छी बारिश हो सकती हैं,जिसमे जाल संकट से झूझ रही राजधानी को बड़ी राहत मिल सकती हैं |
मौसम विभाग ने किसानो को सलाह दी है की खेतों की तैयारी कर लें, क्योकि अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश की संभावना हैं | वही, आम जनता को भी कुछ सुझाव दिया गया हैं की जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओ के लिए सतर्क रहे |

मॉनसून से क्या होंगे प्रभाव ?
मॉनसून का दिल्ली पहुंचना कई मायनों में अहम हैं | सबसे पहली राहत तो तापमान में गिरावट से मिलेगी | जून के पहले और दूसरे सप्ताह में दिल्ली में अधिकतम तापमान 44 से 46 डिग्री के बिच रहा है , जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था | मॉनसून आने से न केवल गर्मी से राहत मिलेगी, बल्कि वायु गुणवत्ता में भी सुधर होगा |
इसके अलावा मॉनसून कृषि के लिए भी वरदान साबित होता हैं | खासकर हरयाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों मे खरीफ की फसल के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता हैं | यदि समय पर और पर्यताप वर्षा होती हैं, तो फसल उत्पादन मे इजाफा हो सकता हैं |
चुनौतियाँ और तैयारी
दिल्ली मे मॉनसून के साथ कुछ चुनौतियाँ भीं आती हैं |हर साल बारिश के साथ कई इलाकों मे जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं | नगर निगम और दिल्ली सर्कार ने दवा किया हैं की नालो की सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया हैं, लेकिन हर वर्ष की तरह इस बार भी तैयारी पर सवाल उठ रहे हैं |
दिल्ली जाल बोर्ड और PWD को निर्देश दिए गए हैं की वो पानी की निकासी और सड़को की मरम्मत को काम मे तेजी लाये | साथ ही, नागरिको से भी अपील की गईहैं की बारिश के मौसम मे सतकर्ता बरते और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करे |
निष्कर्ष
दिल्ली के लिए मॉनसून का आगमन हर साल एक राहत की घडी लेकर आता हैं | भीषण गर्मी और जल संकट से झूझ रही राजधानी के लिए यह एक नयी उम्मीद हैं | हालांकि इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं, लेकिन यदि प्रशासन सजग और जनता सतर्क रहे,तो यह मौसम खुशहाली लेकर आ सकता हैं |
अब सभी की निगाहें आसमान की और हैं- कब बरसेगी वो पहली फुहारें जो धूप और धूल से परेशान दिल्ली को ठंडी रहत देगी | अगले कुछ दिनों मे यदि मौसम अनुकूल रहा, तो दिल्ली मॉनसून की हलचल को महसूस कर सकेगी और गर्मी से मिलेगी कुछ राहत |