दिल्ली फिर एक बार गोलियों की आवाज़ से कांप उठी। गुरुवार रात सीलमपुर की गलियों में अंधेरा था, लेकिन माहौल में डर और दहशत की गूंज फैली हुई थी। करीब 20 राउंड गोलियां चलीं, चीखें गूंजीं, लोग अपने घरों के दरवाज़े बंद कर सन्नाटे में दुबक गए। जब सब थमा — ज़मीन पर एक शव पड़ा था, चारों तरफ पुलिस की गाड़ियों की लाइटें चमक रही थीं। मारा गया शख्स कोई आम इंसान नहीं था, बल्कि कुख्यात हाशिम बाबा गैंग का शूटर बताया जा रहा है।
पुलिस के मुताबिक, देर रात करीब साढ़े दस बजे दो गुटों के बीच जमकर फायरिंग हुई। यह गैंगवार पुराने रंजिश को लेकर बताई जा रही है। गली नंबर 18, सीलमपुर — जहां दिन में रौनक रहती है, वहीं रात को जंग का मैदान बन गई। गवाहों ने बताया, “पहले कुछ लोग मोटरसाइकिल पर आए, फिर अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गई। हम लोगों ने जैसे-तैसे बच्चों को अंदर खींचा और दरवाज़े बंद कर लिए।”
करीब पाँच मिनट तक इलाके में गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देती रही। कुछ देर बाद सन्नाटा छा गया। जब लोग बाहर निकले, तो देखा — एक युवक ज़मीन पर पड़ा है, उसके सीने में गोलियां धंसी हुई थीं। पास में बिखरे कारतूस और टूटी मोटरसाइकिल, जैसे किसी फ़िल्म के सीन की तरह हकीकत में बिखरे पड़े थे।
मौके पर पहुंची पुलिस ने इलाके को घेर लिया और घायल युवक को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान 28 वर्षीय नसीम उर्फ नसी, हाशिम बाबा गैंग के शूटर के रूप में हुई। पुलिस का कहना है कि नसी पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं — लूट, रंगदारी और हत्या की कोशिश जैसे आरोपों में वो वांछित चल रहा था।
पुलिस ने बताया कि यह हमला संभवतः गैंगवार का नतीजा है। शुरुआती जांच में शक जताया जा रहा है कि हाशिम बाबा गैंग और एक अन्य लोकल गिरोह के बीच इलाके में वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। पिछले कुछ हफ्तों में दोनों गुटों के बीच कई बार झगड़े और धमकियां हुई थीं। बताया जा रहा है कि मारा गया शूटर कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया था।
स्थानीय लोग अब भी सदमे में हैं। मोहल्ले की एक बुजुर्ग महिला बोलीं, “हमने तो बस धमाके सुने, लगा आतिशबाज़ी हो रही है, लेकिन जब गोलियों की आवाज़ बढ़ती गई, तो समझ गए कुछ बड़ा हुआ है। बच्चे अब तक डर से सो नहीं पाए।”
पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और आसपास के मोबाइल टावर डेटा की जांच कर रही है। इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डीसीपी (नॉर्थ ईस्ट दिल्ली) ने बताया, “हमारे पास कुछ अहम सुराग हैं। फायरिंग में शामिल सभी आरोपियों की पहचान की जा चुकी है। जल्द ही गिरफ्तारी होगी।”
सीलमपुर का यह इलाका पहले भी कई बार गैंगवार की वजह से चर्चा में रहा है। हाशिम बाबा का नाम पिछले दो दशकों से दिल्ली के अंडरवर्ल्ड में गूंजता रहा है। उसका नेटवर्क अब भी कई छोटे गैंग्स में फैला है, जो अलग-अलग इलाकों में उसका वर्चस्व कायम रखने की कोशिश करते हैं।
गैंगवार की इस घटना ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है क्या दिल्ली की गलियों में अब भी डर का राज है? क्या अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वो खुलेआम गोलियां चला रहे हैं? लोग अब भी उस रात की आवाज़ों से उबर नहीं पाए हैं। हवा में अब भी बारूद की गंध है और बच्चों की आंखों में खौफ की झलक। शायद कुछ समय बाद सब सामान्य हो जाएगा, लेकिन सीलमपुर की ये रात अब वहां के लोगों की यादों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई है।

