Saturday, November 8, 2025
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दिल्ली में बड़ी साजिश नाकाम: दिवाली पर मॉल में धमाका करने की फिराक में थे दो ISIS आतंकी गिरफ्तार

दिल्ली—जिस शहर की गलियाँ इन दिनों दीयों से जगमगा रही हैं, जहां लोग एक-दूसरे के घर मिठाइयाँ बाँट रहे हैं, वहीं उसी रोशनी के बीच एक साया मंडरा रहा था। दो आतंकी राजधानी की खुशियों को मातम में बदलने की साजिश रच रहे थे। उनका प्लान था—दिवाली की शाम किसी भीड़भाड़ वाले मॉल में धमाका करना। लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वक्त रहते इस भयानक साजिश को नाकाम कर दिया।

दिवाली के चहल-पहल में छिपा एक डर

सोचिए, वही दिवाली की शाम — बच्चे नए कपड़े पहने मॉल्स में घूम रहे हैं, परिवार खरीदारी में व्यस्त हैं, और उसी भीड़ में दो लोग घुलमिलकर मौत का खेल खेलने निकले थे। पुलिस की मुस्तैदी और खुफिया जानकारी ने लाखों जानें बचा लीं।
स्पेशल सेल के अधिकारियों को कुछ हफ्ते पहले ही सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग ISIS से जुड़ी गतिविधियों में शामिल हैं। इसके बाद कई दिनों की निगरानी, ट्रैकिंग और गुप्त ऑपरेशन के बाद करकरीडूमा इलाके से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया।

मकसद – डर और तबाही

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि दोनों आरोपी दिवाली पर किसी बड़े मॉल में धमाका करना चाहते थे। उनका मकसद था त्योहार की भीड़ में दहशत फैलाना, ताकि हर गली, हर बाजार में डर बैठ जाए।
एक अधिकारी ने बताया, “अगर इन्हें कुछ और वक्त मिल जाता, तो नुकसान बहुत बड़ा हो सकता था। इनके पास से विस्फोटक सामग्री और आईईडी बनाने के उपकरण बरामद हुए हैं।”

ISIS से जुड़ाव का खुलासा

जांच में पता चला कि दोनों आरोपी ISIS-K (खुरासान मॉड्यूल) से जुड़े हैं। वे विदेशी हैंडलर्स से ऑनलाइन संपर्क में थे और उन्हें सोशल मीडिया के जरिए “जिहाद” के नाम पर भड़काया गया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन आतंकियों को टेलीग्राम चैनलों और डार्क वेब के जरिए निर्देश मिलते थे। वे कई महीनों से दिल्ली और नोएडा के मॉल्स की रेकी कर रहे थे।

“त्योहार के दिन तबाही?” — लोगों में गुस्सा और राहत दोनों

जैसे ही खबर फैली कि पुलिस ने आतंकी साजिश नाकाम की है, लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन साथ ही गुस्सा भी दिखा — आखिर क्यों त्योहारों के वक्त ही ऐसी घटनाएँ होती हैं?
राजीव चौक पर खड़े एक दुकानदार बोले, “हम तो दिवाली की तैयारी में थे, सोचिए अगर ये प्लान सफल हो जाता तो? भगवान का शुक्र है कि पुलिस ने वक्त रहते पकड़ लिया।”
लाजपत नगर की शालिनी अग्रवाल कहती हैं, “हम अपने बच्चों के साथ मॉल जाते हैं, यह सोचकर ही डर लग रहा है। हमें पुलिस पर भरोसा है, लेकिन अब हर भीड़भाड़ वाली जगह पर एक डर सा बैठ गया है।”

पुलिस की मुस्तैदी ने बचाई राजधानी

पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक बड़ी त्रासदी को रोकने की सफलता है। हमारी टीम कई दिनों से लगातार निगरानी कर रही थी। दिवाली की खुशी को मातम में बदलने की किसी को इजाज़त नहीं देंगे।”
इसके बाद दिल्ली के मॉल्स, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बम डिटेक्शन यूनिट्स, डॉग स्क्वॉड्स और सीसीटीवी सर्विलांस को चौकस कर दिया गया है।

“दिल्ली पुलिस का धन्यवाद” – सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलिस की तारीफों के पुल बाँध दिए।
एक यूज़र ने लिखा, “जब हम दीपक जला रहे थे, तब कोई हमें अंधेरे में धकेलने की कोशिश कर रहा था। शुक्र है, दिल्ली पुलिस ने हमें बचा लिया।”
दूसरे ने कहा, “ये दिवाली उन पुलिसवालों के नाम, जिन्होंने बिना नाम और शोर के हमारी खुशियाँ सुरक्षित रखीं।”

देश के लिए चेतावनी और सबक

गृह मंत्रालय ने इस गिरफ्तारी पर रिपोर्ट मांगी है और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी संगठनों की ऑनलाइन गतिविधियों पर और कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
ये घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि आतंकवाद अब सीमाओं में नहीं बंधा। वह इंटरनेट, स्क्रीन और संदेशों के ज़रिए भी फैल रहा है।

निष्कर्ष

दिवाली — खुशियों और रोशनी का त्योहार — इस साल दिल्ली में एक नई सीख भी छोड़ गया। खुशियाँ मनाते वक्त भी सतर्क रहना जरूरी है।
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़ी जीत है, बल्कि एक याद दिलाने वाली कहानी भी कि रोशनी को अंधेरे से बचाने वाले अक्सर वो होते हैं जो खुद अंधेरे में काम करते हैं।

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