Friday, May 17, 2024
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मुखर्जी नगर कांड से पुलिस पर क्यों उठे सवाल

मुखर्जी नगर में ग्रामीण सेवा और पुलिसवालों के बीच हुई मारपीट और उसके बाद बने हालात ने दिल्ली पुलिस के काम करने के तरीके पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस का रवैया शुरुआत से ही अनप्रोफेशनल रहा। देश की सबसे तेज तर्रार कही जाने वाली दिल्ली पुलिस को ग्रामीण सेवा के एक अदने से ड्राइवर ने इस तरह से धोबी पछाड़ दिया है कि उससे अब न तो उठते बन रहा है और न ही जमीं पकड़ते। थाने में ही अपने एसीपी की धुनाई और तीन को सस्पेंड करने के बाद भी पुलिस को अपना थाना बचाने के लिए अर्धसैनिक बलों की शरण में है।  ये दिल्ली पुलिस है। 

जिस दिल्ली पुलिस के भरोसे न सिर्फ पौने दो करोड़ आम शहरी, बल्कि सांसद, मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई देशो के राजदूत रहते हैं, जिन पर राजधानी को आतंकियों के नापाक मंसूबों से बचाने की जिम्मेदारी रहती है उसके बहादुर जवानो की बानगी तो देखिए।  कैसे एक अधेड़ शख्स के सामने आधा दर्जन दुम दबाकर भागते नजर आ रहे हैं।  ध्यान से देखिए दिल्ली पुलिस के इन बहादुर जवानो के पास सरकारी डंडा भी मौजूद है, लेकिन इसके बाद भी किसी की हिम्मत नहीं हो रही कि वह इसके करीब भी आए। जब इसे एक पुलिसवाले ने पीछे से पकड़ लिया, उसके बाद भी बहादुर जवान उसके करीब जाने और डंडा भांजने की हिम्मत नहीं जुटा सके। 

इस ड्राइवर को काबू में करने के बाद इन जवानो ने जिस तरह से ड्राइवर और उसके बेटे पर बहादुरी दिखाई उसने  पुलिस की ट्रेनिंग पर भी सवाल खड़ा कर दिया। इसे तो एक बार को छोटे अधिकारीयों की अपरिपक्वता माना जा सकता है, लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने तो पुलिस की पूरी पोल ही खोल कर रख दी। महज कुछ सौ लोगों ने पूरे महकमे को उसकी औकात बता दी। थाने में घुसकर एसीपी को पीट डाला, पुलिस के वाहन को तोडा गया और पिछले 60 घंटों से पूरे थाने को बंदी बना लिया है. भीड़ को मानाने के लिए पुलिस अपने तीन जवानो को सस्पेंड भी कर दिया है  लेकिन 60 घंटे बाद भी देश की सबसे तेज तर्रार पुलिस भीड़ से अपना थाना तक नहीं छुड़ा पाई है।

इस मामले में पुलिस ने दो एएसआई और एक कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर भीड़ को शांत कराने की कोशिश की।  लेकिंन इससे पुलिस अपने ही दाव में घिर गई।  इस सस्पेंशन तो भीड़ तो मानी नहीं, उल्टा जवानो में ही गलत मैसेज चला गया, कि इस तरह सरेआम पिटने के बाद भी डिपार्टमेंट उनके साथ नहीं है। अगर जान दाव पर लगाकर आरोपी को पकड़ने के बाद भी सस्पेंड होना है तो फिर आरोपी को पकड़ा ही क्यों जाए। साथ ही अगर पुलिस इसी तरह से भीड़ के आगे झुकेगी तो फिर उसकी सुनेगा कौन।   

इस मामले में पुलिस की सबसे बड़ी असफलता रही कि वह इसे धार्मिक जामा पहनने से नहीं बचा सकी। मामले के धार्मिक रंग पकड़ते ही इससे भीड़ जुड़ गई। इसकी वजह से पुलिस को  बैकफुट पर आना पड़ा। पुलिस के लिए हालात तब बद से बद्तर हो गई जब इस मामले पर राजनितिक रंग भी चढ़ गया। इससे गृहमंत्री अमित शाह के लिए भी असहज स्थित बन गई है जो दिल्ली पुलिस के लिए एक तरफ कुआं एक तरफ खाई जैसा हो गया है। इस मामले में अभी तक जहाँ दो अधिकारी चोटिल हुए हैं तो वहीँ तीन सस्पेंड, ऐसे में अब देखने वाली बात ये है कि ये मामला दिल्ली पुलिस के और कितने जवानों की बलि लेने के बाद शांत होगा।   

BJP का नया नारा पहले जीते 7 में 7 अब जीतेंगे 70 में 60

लोकसभा चुनाव 2019 में  मिली प्रचंड जीत के बाद भाजपा की नज़र अब दिल्ली विधानसभा चुनाव पर है । दिल्ली में 22 साल सत्ता से दूर रही भाजपा एक बार फिर वापसी के कवायद में जुट गई है।  इसके लिए पार्टी ने नया नारा भी दिया है……   ये नारा है- पहले जीते सात में सात, अब जीतेंगे सत्तर में साठ. । 

दरअसल फरवरी 2020 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव है,  जिसको मद्देनज़र  रखते हुए बीजेपी सर्वे  करवाएगी । २०१९ लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली में 50 फीसदी से जादा वोट हासिल किए हैं ,  लेकिन अब भाजपा के सामने ये चुनती है कि इसी वोट परसेंटेज  को विधानसभा चुनाव में फिर से कैसे हासील करें ? 

 बैठको के दौर के साथ-साथ बीजेपी ये आंकलन करेगी कि कौन से मुद्दे जनता के सबसे करीब हैं । पार्टी महा सचीव सिद्धार्थन  ने नेताओं की हुई बैठक में कहा कि विधानसभा चुनावों में भी 50 % वोट हासिल करने का प्रयास करना चाहिए । 

आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले , भाजपा के सर्वे में आम जनता की परेशानिया , राजनैतिक मुद्दों के साथ-साथ नेताओं के चयन को लेकर भी राय  ली जाएगी । 

भाजपा नेताओं का मानना  है कि मोदी का जादू इस लोकसभा चुनाव के बाद भी बरकरार है जबकि   केजरीवाल का प्रभाव काफी कम हो गया है । अब दो दशक से ज्यादा सत्ता से दूर रहने के बाद , भाजपा को एक बार फिर ये मौका मिला है की  वो दिल्ली की सत्ता पर काबिज हो सकें 

Congress ने दिया दिल्ली की 70 विधान सभा में धरना Rajesh Lilothia ने AAP पर लगााए आरोप

वज़ीरपुर की जेजे कॉलोनी में कांग्रेस का धऱना प्रदर्शन

बिजली बिल के फिक्स चार्ज को लेकर दिखा कांग्रेस में गुस्सा

राजेश लिलोठिया ने किया केजरीवाल सरकार का विरोध

दिल्ली की 70 विधान सभा में करेगी कांग्रेस धरना

देखिए कहाँ लगा सरपंच के पिता पर दबंगई के आरोप

पृथला के गांव चंदावली की  सरपंच अंजू रानी के पिता गिरिराज यादव पर लगा दबंगई का आरोप। आरोप लगाने वाला गिरिराज का पडोसी है, जिसका कहना है कि प्रॉपर्टी हथियाने के लिए सरपंच के पिता ने बाहर से गुंडे बुलवाकर उन्हें पिटवाया है।  लेकिन पुलिस सरपंच के खिलाफ मामला तक दर्ज नहीं कर रही है। वहीँ पुलिस शिकायतकर्ताओं पर ही थाने में सरपंच के पिता से मारपीट का आरोप लगा कर मामला दर्ज करने की बात कह रही है। देखिए कहाँ लगा सरपंच के पिता पर दबंगई के आरोप ।

सदर थाने के बाहर पुलिस हाय हाय के नारे लगाते ये लोग पृथला के चंदावली गांव के रहने वाले हैं।  इनका आरोप है कि बीते शनिवार रात इनके गांव की सरपंच अंजू रानी के पिता गिरिराज ने उनके सामने रहने वाले पवन नाम के शख्स के घर में घुस कर उसके साथ मार पीट की।  उनका कहना है कि गिरिराज पवन के प्लॉट को हथियाना चाहते हैं, इसलिए बाहर से गुंडे बुलवा कर मारपीट करवा रहे हैं।  इससे पहले भी उन्होंने गांव के सैनियों के साथ ऐसा ही किया था। 

इनका आरोप है कि सरपंच की ऐसी हरकतों पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती।  लेकिन सदर थाना के इन्स्पेक्टर इससे सहमत नहीं हैं।  उनका कहना है कि गिरिराज ने पहले ही पवन पर शराब पी कर हुड़दंग मचाने की शिकायत की थी।  वहीँ शनिवार की घटना के बाद जब दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया तो शिकायतकर्ताओं ने गिरिराज के साथ मारपीट की।  जिसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। 

दोनों पक्षों की अपनी शिकायतें और अपने दावें हैं, लेकिन इनमे से कौन सच है और कौन झूठ, इसका पता तो जाँच के बाद ही चल पाएगा।

पीतमपुरा के लाला राम पार्क में मदनलाल खुराना की याद में कहाँ हुआ क्रिकेट टूर्नामेंट

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दिल्ली में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना की याद में पीतमपुरा के लाला राम पार्क में एक कैनवास बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हुआ। 10 जून से शुरू हुए इस टूर्नामेंट में इलाके की 12 टीमों ने हिस्सा लिया।  इस टूर्नामेंट की ख़ास बात यह है कि इसमें खेलने वाले खिलाडी प्रोफेशनल नहीं, बल्कि शौकिया क्रिकेटरों ने हिस्सा लिया, जो दिन भर अपना काम करने के बाद शाम को मौका निकाल कर खेलते हैं।  

15 जून को इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच सेठी 11 और संजय 11 के बीच खेला गया।  इसमें जितने वाले टीम को 21 हजार और फाइनल में हारने वाली टीम को 11 हजार का नकद पुरस्कार दिया गया।  वहीँ टूर्नामेंट के सभी मैचों के मैं ऑफ़ द मैच रहे खिलाडियों को कॉस्को का बैट दिया गया।  इस टूर्नामेंट के आयोजन से खुराना परिवार काफी खुश नजर आया। 

इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच काफी ख़ास रहा क्योंकि इसे देखने के लिए दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, केशवपुरम जोन के अध्यक्ष रोशन कंसल, पूर्व निगम पार्षद रेखा गुप्ता समेत बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी भी मौजूद रहे। मनोज तिवारी ने भी आयोजन की खूब तारीफ की। 

क्रिकेट शौकीनों की तो पूरे देश में कोई कमी नहीं, लेकिन इस तरह के आयोजन आम लोगों को मैदान में भी खिंच लाती है।